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Is Pakistan Heading Towards A Civil War?

Is Pakistan Heading Towards A Civil War?

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Is Pakistan Heading Towards A Civil War?*By Balbir Punj What will happen in Pakistan? Is it heading towards a civil - war? Will it suffer another breakup the way it had during 1971? Certain unprecedented events that have shaken the Islamic state in the preceding few months have given rise to all sorts of speculations. After long, Pakistan has seen rise of a popular leader of stature of Imran Khan who has stood up-to the all-powerful army - the only stable institution in an otherwise volatile country. The possibility of a civil war was mentioned by Prime Minister Shehbaz during a recent press conference in Lahore. Imran Khan, on a warpath against the establishment, too has repeatedly warned about such an ominous possibility. Following a failed assassination attempt on his life, viole...
भारत के लिए यह अपूर्व अवसर

भारत के लिए यह अपूर्व अवसर

Today News, राष्ट्रीय
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* इस सप्ताह दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहे हैं। एक कंपूचिया के नोम पेन्ह में और दूसरा इंडोनेशिया के शहर बाली में! पहले सम्मेलन में ‘एसियान’ संगठन के सदस्य-राष्ट्रों का 17 वां शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ और अब बाली में आजकल 20 राष्ट्रों के ‘ग्रुप-20’ संगठन का शिखर सम्मेलन हो रहा है। पहले सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया और अब बाली के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जा रहे हैं। दोनों सम्मेलनों में विदेश मंत्री जयशंकर भी भाग ले रहे हैं और वे शिखर-वार्ता के लिए जमीनी तैयारी कर रहे हैं। पहले सम्मेलन में तो अमेरिका से प्रभावित पूर्व एशियाई राष्ट्रों ने चीनी विस्तारवाद के विरुद्ध अपनी चिंता पर सबसे ज्यादा जोर दिया। यद्यपि सभी राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने आपसी सहयोग के कई आयामों पर विस्तृत चर्चा भी की लेकिन उनकी परेशानी यह...
G-20: Time for India to lead from the front

G-20: Time for India to lead from the front

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Challenges before India as head of G-20 Vivek Shukla India is taking over the reins of G-20 only on Ist December 2022, but fact of the matter is that the Indian Prime Minister  Narendra Modi is due to symbolically take over the G-20 presidency from current chair Indonesian President Joko Widodo in Bali on November 16, 2022. Indeed, it is a historic opportunity for the country. If everything goes according to the plan, U.S. President Joe Biden, Chinese President Xi Jinping, Russian President Vladimir Putin, British Prime Minister Rishi Sunak, Canadian Prime Minister Justin Trudeau, Japan’s Prime Minister Fumio Kishida, Australian Prime Minister Anthony Albanese, South  Korean President Yoon Suk—Yeol, German Chancellor Olaf Scholz, French President Emmanuel Macron,Tu...
भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष

भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय
*भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष* आंकड़े गंभीर नहीं डरावने हैं,विश्व भर में लगभग १२ करोड़ लोग कोरोना दुष्काल भुखमरी की चपेट में आ चुके हैं | वैश्विक खाद्य संकट के कारण यह संख्या बढ़कर ८० करोड़ से भी अधिक हो गयी है। भारत में लगभग ८ करोड़ डायबिटीज के मरीज हैं, प्रतिवर्ष १.७ करोड़ लोग हृदय रोग के कारण दम तोड़ देते है, ३३ लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं। आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे तथा हर पांच में से एक पुरुष एनीमिक है। यह सारा संकट अनाज के कारण है, कहीं अनाज उपलब्ध नहीं होता तो कहीं वो गुणकारी नहीं होता | सारा विश्व इस संकट से निबटने के उपाय खोज रहा है | पिछले दिनों उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुए एससीओ सम्मेलन में विश्व खाद्य संकट से निपटने के लिए सुपर फूड (मोटा अनाज) को हर थाली का हिस्सा बनाये जाने की अपील तक की गयी है । कोविड, जलवायु संकट, यूक्रेन युद्ध आदि कारणों से व...
इजरायल में सत्ता परिवर्तन. भारत के लिये मायने

इजरायल में सत्ता परिवर्तन. भारत के लिये मायने

TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा भारत के मित्र बेंजामिन नेतन्याहू के इजराइल के आम चुनावों में जीत से भारत का प्रसन्न होना स्वाभाविक है।  भारत-इजरायल संबंधों को नयी बुलंदियों पर लेकर जाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने अब तक कई शानदार इबारतें लिखी है।  दोनों नेताओं के बीच निजी मधुर संबंध स्थापित हो गये हैं जो अब तक कायम हैं! इसका लाभ यह हुआ कि दोनों देश तमाम क्षेत्रों में आपसी सहयोग करने लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इजराइल के आम चुनावों में अपने मित्र की विजय पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, "चुनाव में जीत पर मेरे प्रिय मित्र नेतन्याहू को बधाई। मैं भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए हमारे संयुक्त प्रयासों को जारी रखने के लिए उत्सुक हूं।"  यह मानना होगा कि वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल के निवर्तमान प्रधानमंत्री न...
Why Catholic-Protestant churches must work in tandem

Why Catholic-Protestant churches must work in tandem

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
 Why Catholic-Protestant churches burying their differences Vivek Shukla As Christmas is not far away and All Souls day was recently observed in India and other parts of the world by Christians, the efforts to bury the differences between Catholic and Protestants so that they can work for the society and the country with vigour is going on. That should be celebrated.  On All Souls Day, some priests of Catholic and Protestant churches met at Rohtak in Haryana  and discussed ways forward to work in tandem as much as they can. To cement their ties with Catholic Church,  the Delhi Brotherhood Society is organising a series of Inter-faith and Inter community seminars and meetings to strengthen their ties with all the communities/ religions across India. Meanwhile, it...
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार – 2021 प्रदान किए

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार – 2021 प्रदान किए

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (7 नवंबर, 2022) राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समाज में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को मान्यता देने के रूप में की गई थी। पुरस्कार विजेताओं की सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें। Click here to see the List of awardees . ...
जेजे ईरानी के बिना भारत का स्टील सेक्टर

जेजे ईरानी के बिना भारत का स्टील सेक्टर

TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
जेजे ईरानी के बिना भारत का स्टील सेक्टर अथवा जेजे ईरानी में दिखाई देता था जेआरडी टाटा का अक्स आर.के. सिन्हा जेजे ईरानी एक अरसा पहले टाटा स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से मुक्त होने के बाद खबरों की दुनिया से कमोबेश गायब से थे। पर उनके हाल ही में हुये निधन के बाद उन्हें जिस तरह से याद किया जा रहा है, उससे साफ है कि वे असाधारण कोरपोरेट हस्ती थे। 'स्टीलमैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर जेजे ईरानी को झारखंड, बिहार और स्टील की दुनिया से जुड़े हर शख्स का खास सम्मान मिलता रहा। पुणे में जन्मे जेजे ईरानी ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा जमशेदपुर में गुजारा। एक इंटरव्यू में अपनी इच्छा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि जिस शहर में पूरी जिंदगी काम किया, आखिरी सांस भी उसी शहर में लेना चाहते हैं। ईश्वर ने उनकी यह इच्छा पूरी की। जेजे ईरानी में नेतृत्व के भरपूर ग...
हिंसक व जिहादी इस्लाम के प्रतिशोध में ईसाई राष्ट्र की अभिलाषा

हिंसक व जिहादी इस्लाम के प्रतिशोध में ईसाई राष्ट्र की अभिलाषा

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
*आचार्य श्री विष्णुगुप्त*=================== कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो निराशा की ओर ले जाती हैं, हताशा की ओर ले जाती हैं और भविष्य अंधकार में होने का संकेत देती हैं। ऐसी ही निराशाजनक चिंताजनक और भविष्य को अंधकार में ढकेलने वाली एक खबर अमेरिका से आ रही है। अमेरिका को ईसाई राष्ट्र घोषित करने की मांग तेजी से बढ़ रही है । दुनिया के सबसे विकसित देश में मजहब आधारित देश घोषित करने की मांग एक आश्चर्य से कम नहीं है और निराशाजनक बात भी है। मजहर पर आधारित राष्ट्र की मांग के खतरे भी खतरनाक है , भीषण हैं और लोकतंत्र के भविष्य के प्रति नकारात्मक परिस्थितियां ही उत्पन्न करती हैं। मजहब आधारित व्यवस्था में लोकतंत्र की सभी प्रकार की संहिताएँ और प्रवृत्तियों का विलोप हो जाता है, एक तरह से लोकतंत्र का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है, जीवन की गतिशीलता टूट जाती है , भविष्य की उम्मीदें टूट जाती हैं , नए विचारो...
भारत में दवा उद्योग को भी दवा की ज़रूरत

भारत में दवा उद्योग को भी दवा की ज़रूरत

TOP STORIES, राष्ट्रीय
भारत में दवा उद्योग को भी दवा की ज़रूरत*रजनीश कपूरमशहूर दवा कम्पनी रैनबैक्सी के व्हिसिल ब्लोअर और हेल्थ एक्टिविस्ट के नाम से जाने जाने वाले दिनेश ठाकुर कीनई किताब ‘द ट्रूथ पिल’ इन दिनों काफ़ी चर्चा में है। इसके लेखक ने जब इस नामी दवा कम्पनी में हो रहीगड़बड़ियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई तो इससे न सिर्फ़ भारत को बल्कि दुनिया भर के लोगों उनकी इस मुहिम सेफ़ायदा हुआ। उनके हाल ही के अभियान से हमें यह पता चलता है कि देश में ‘ड्रग रेगुलेटर’ या दवा नियामक काकितना ख़स्ता हाल है। दवा उद्योग में ज़रूरी मानकों की कमी के कारण आम जनता को मिलावटी दवाओं काशिकार होना पड़ता है और अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।दिनेश ठाकुर पेशे से डाक्टर नहीं हैं बल्कि एक केमिकल इंजीनियर हैं। भारत से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई केबाद उन्होंने अमरीका से स्नातकोत्तर की उपाधि भी हासिल की। 2003 में देश की सेवा की मंशा से उन्होंने मश...