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खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी

TOP STORIES, राष्ट्रीय
19 नवंबर पर विशेष-खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थीमृत्युंजय दीक्षितभारतीय स्वाधीनता का इतिहास वीर गाथाओं से भरा पड़ा है और आज जब देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है तब इन वीर गाथाओं का स्मरण करना किसी पुण्य कार्य को करने की अनुभूति कराता है। महारानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा को दोहराना ऐसा ही एक पुण्य कार्य लगता है ।महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म महाराष्ट्र से काशी आकर रहने वाले मोरोपंत तांबे के घर 19 नवंबर सन 1834 को हुआ था। मणि कर्णिका नाम वाली लक्ष्मीबाई को तब प्यार से मनु कहा जाता था। जब मनु 4 वर्ष की थी तब उसकी मां भागीरथी बाई का काशी में ही देहांत हो गय।अब मनु के पिता को मनु के पालन- पोषण के लिए कोई सहारा न दिखाई दिया। तब बाजीराव पेशवा ने उन्हें अपने पास बिठूर बुलवा लिया। यहां पर मनु के पिता उसको अपने साथ पेशवा बाजीराव द्वितीय के दरबार में ले जाने लगे। मनु स्वभाव से बहुत चंचल ...
ख़तरनाक होता डेंगू

ख़तरनाक होता डेंगू

राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण
डेंगू एक ऐसी बीमारी हैं जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है। इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्‍ते बनने शुरू हो जाते हैं। जहां यह महामारी के रूप मे फैलता है वहां एक समय में अनेक प्रकार के विषाणु सक्रिय हो सकते है। डेंगू बुखार बहुत ही दर्दनाक और अक्षम कर देने वाली बीमारी है। इसमें मरीज के शरीर में दर्द बहुत ज्‍यादा होता है, इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। बरसात के मौसम में यह बीमारी आम हो जाती है, क्‍यों कि इस मौसम गंदगी की वजह से महामारी फैलने की समस्‍या ज्‍यादा रहती है। विषाणु जनित इस रोग को एंटीबायोटिक दवाइयों से ठीक नहीं किया जा सकता है।डेंगू में कई तरह की जटिलताएं भी हैं। यह कई बार रक्‍तश्रावी डेंगू और डेंगू शॉक सिंड्रोम जैसे कई खतरनाक रूप धारण कर सकता है। डेंगू की वजह से कई बार शरीर में पानी की कमी, लगातार शरीर से खून निकलना, प्‍लेटलेट्स घटना, रक्‍तचाप कम होन...
फीफा कप- भारतीयों की पसंद ब्राजील ही टीम क्यों

फीफा कप- भारतीयों की पसंद ब्राजील ही टीम क्यों

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा क्रिकेट टी-20 वर्ल्ड कप के फौरन बाद अब फीफा विश्व कप आगामी 20 नवंबर से कतर में शुरू हो रहा है। लोकप्रियता के स्तर पर क्रिकेट कहीं नहीं ठहरती फुटबॉल के सामने। भारत के हर गाँव में फुटबाल प्रेमी भरे पड़े हैं। फीफा विश्व कप को सारी दुनिया के करोड़ों-अरबों लोगे देखेंगे। भारत में भी इसके मैच हर रोज देखे जाएंगे। दुनिया भर के 200 से अधिक देशों ने हर चार साल में होने वाली इस फुटबॉल स्पर्धा में क्वालीफाई करने का प्रयास किया, लेकिन मेजबान कतर सहित केवल 32 टीमें ही 2022 फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर सकीं। हालांकि उन 32 देशों में भारत भी नहीं हैं जो फीफा कप के लिए क्वालीफाई कर सके हैं। एक अरसे से भारतीय फुटबॉल प्रेमी ब्राजील की टीम को ही चीयर करते हैं और संतोष कर लेते हैं। हमारे फुटबॉल प्रेमियों की ब्राजील की टीम को ...
बढ़ती जनसंख्याः क्या-क्या करें ?

बढ़ती जनसंख्याः क्या-क्या करें ?

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* संयुक्तराष्ट्र संघ की ताजा रपट के मुताबिक दुनिया की आबादी 8 अरब से भी ज्यादा हो गई है। पिछले 50 साल में दुनिया की जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ी है, पहले कभी नहीं बढ़ी। अभी तक यही समझा जा रहा था कि चीन दुनिया का सबसे बड़ी आबादीवाला देश है लेकिन भारत उसको भी मात करनेवाला है। भारत में इधर बढ़े 17 करोड़ लोग उसे दुनिया का सबसे बड़ा देश बना देंगे। ऐसा नहीं है कि भारत जनसंख्या के हिसाब से ही बहुत आगे बढ़ गया है। इस देश ने कई मामलों में सारी दुनिया से बेहतर उपलब्धियां भी हासिल की हैं। इस समय डिजिटल व्यवहार में वह दुनिया में सबसे आगे हैं। जहां तक प्रवासी भारतीयों का सवाल है, दुनिया के जितने अन्य देशों में भारतीय मूल के लेाग शीर्ष स्थानों पर पहुंचे हैं, दुनिया के किसी मुल्क के लोग नहीं पहुंच सके हैं। भारतीय मूल के लोग जिस देश में भी जाकर बसते हैं, वे हर क्षेत्र में आगे निकल ज...
आज दुनिया को सहनशीलता की ज्यादा जरूरत है

आज दुनिया को सहनशीलता की ज्यादा जरूरत है

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विश्व सहनशीलता दिवस - 16 नवम्बर 2022आज दुनिया को सहनशीलता की ज्यादा जरूरत है-ललित गर्ग- शांति, लोकतंत्र-व्यवस्था और सतत विकास प्राप्त करने के लिए सहनशीलता एक आवश्यक शर्त है। इंसान विशेषतः युवा पीढ़ी में जल्द उत्तेजित हो जाने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ‘गर्म खून’ और ‘लड़कपन’ कह कर युवाओं में बढ़ रही इस दुष्प्रवृत्ति को हम नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जल्द उत्तेजित होने वाले ये लोग खुद के साथ-साथ दूसरे को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। न केवल युवापीढ़ी बल्कि आज की नेतृत्व शक्तियां भी असहनशील होती जा रही है। लम्बे समय से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध इसी असहनशीलता का परिणाम है। दरअसल राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं, बदलते लाइफस्टाइल और सामाजिक माहौल की वजह से लोगों के अंदर सहनशीलता लगातार घटती जा रही है। सामाजिक माहौल ना बिगड़े और दुनिया के लोग एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहें, इसी संकल्प के साथ...
Is Pakistan Heading Towards A Civil War?

Is Pakistan Heading Towards A Civil War?

TOP STORIES, राष्ट्रीय
Is Pakistan Heading Towards A Civil War?*By Balbir Punj What will happen in Pakistan? Is it heading towards a civil - war? Will it suffer another breakup the way it had during 1971? Certain unprecedented events that have shaken the Islamic state in the preceding few months have given rise to all sorts of speculations. After long, Pakistan has seen rise of a popular leader of stature of Imran Khan who has stood up-to the all-powerful army - the only stable institution in an otherwise volatile country. The possibility of a civil war was mentioned by Prime Minister Shehbaz during a recent press conference in Lahore. Imran Khan, on a warpath against the establishment, too has repeatedly warned about such an ominous possibility. Following a failed assassination attempt on his life, viole...
भारत के लिए यह अपूर्व अवसर

भारत के लिए यह अपूर्व अवसर

Today News, राष्ट्रीय
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* इस सप्ताह दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहे हैं। एक कंपूचिया के नोम पेन्ह में और दूसरा इंडोनेशिया के शहर बाली में! पहले सम्मेलन में ‘एसियान’ संगठन के सदस्य-राष्ट्रों का 17 वां शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ और अब बाली में आजकल 20 राष्ट्रों के ‘ग्रुप-20’ संगठन का शिखर सम्मेलन हो रहा है। पहले सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया और अब बाली के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जा रहे हैं। दोनों सम्मेलनों में विदेश मंत्री जयशंकर भी भाग ले रहे हैं और वे शिखर-वार्ता के लिए जमीनी तैयारी कर रहे हैं। पहले सम्मेलन में तो अमेरिका से प्रभावित पूर्व एशियाई राष्ट्रों ने चीनी विस्तारवाद के विरुद्ध अपनी चिंता पर सबसे ज्यादा जोर दिया। यद्यपि सभी राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने आपसी सहयोग के कई आयामों पर विस्तृत चर्चा भी की लेकिन उनकी परेशानी यह...
G-20: Time for India to lead from the front

G-20: Time for India to lead from the front

TOP STORIES, राष्ट्रीय
Challenges before India as head of G-20 Vivek Shukla India is taking over the reins of G-20 only on Ist December 2022, but fact of the matter is that the Indian Prime Minister  Narendra Modi is due to symbolically take over the G-20 presidency from current chair Indonesian President Joko Widodo in Bali on November 16, 2022. Indeed, it is a historic opportunity for the country. If everything goes according to the plan, U.S. President Joe Biden, Chinese President Xi Jinping, Russian President Vladimir Putin, British Prime Minister Rishi Sunak, Canadian Prime Minister Justin Trudeau, Japan’s Prime Minister Fumio Kishida, Australian Prime Minister Anthony Albanese, South  Korean President Yoon Suk—Yeol, German Chancellor Olaf Scholz, French President Emmanuel Macron,Tu...
भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष

भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय
*भूख और स्वास्थ्य : २०२३ मोटा अनाज वर्ष* आंकड़े गंभीर नहीं डरावने हैं,विश्व भर में लगभग १२ करोड़ लोग कोरोना दुष्काल भुखमरी की चपेट में आ चुके हैं | वैश्विक खाद्य संकट के कारण यह संख्या बढ़कर ८० करोड़ से भी अधिक हो गयी है। भारत में लगभग ८ करोड़ डायबिटीज के मरीज हैं, प्रतिवर्ष १.७ करोड़ लोग हृदय रोग के कारण दम तोड़ देते है, ३३ लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं। आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे तथा हर पांच में से एक पुरुष एनीमिक है। यह सारा संकट अनाज के कारण है, कहीं अनाज उपलब्ध नहीं होता तो कहीं वो गुणकारी नहीं होता | सारा विश्व इस संकट से निबटने के उपाय खोज रहा है | पिछले दिनों उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुए एससीओ सम्मेलन में विश्व खाद्य संकट से निपटने के लिए सुपर फूड (मोटा अनाज) को हर थाली का हिस्सा बनाये जाने की अपील तक की गयी है । कोविड, जलवायु संकट, यूक्रेन युद्ध आदि कारणों से व...
इजरायल में सत्ता परिवर्तन. भारत के लिये मायने

इजरायल में सत्ता परिवर्तन. भारत के लिये मायने

TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा भारत के मित्र बेंजामिन नेतन्याहू के इजराइल के आम चुनावों में जीत से भारत का प्रसन्न होना स्वाभाविक है।  भारत-इजरायल संबंधों को नयी बुलंदियों पर लेकर जाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने अब तक कई शानदार इबारतें लिखी है।  दोनों नेताओं के बीच निजी मधुर संबंध स्थापित हो गये हैं जो अब तक कायम हैं! इसका लाभ यह हुआ कि दोनों देश तमाम क्षेत्रों में आपसी सहयोग करने लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इजराइल के आम चुनावों में अपने मित्र की विजय पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, "चुनाव में जीत पर मेरे प्रिय मित्र नेतन्याहू को बधाई। मैं भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए हमारे संयुक्त प्रयासों को जारी रखने के लिए उत्सुक हूं।"  यह मानना होगा कि वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल के निवर्तमान प्रधानमंत्री न...