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विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में

विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में

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विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान मेंमहिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार औरसंघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय, जर्मनी सरकार द्वारा भारत-जर्मन विज्ञान औरप्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) स्थापित किया गया है।आईजीएसटीसी के वीमेन इन्वोलवेमेंट इन साइंस ऐंड इंजीनियरिंग रिसर्च (WISER) कार्यक्रमके पहले 11 पुरस्कार विजेताओं को हाल में नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है। इस अवसरपर भारत और भूटान में जर्मनी के राजदूत एच.ई. डॉ फिलिप एकरमैन एवं जवाहरलाल नेहरूविश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित उपस्थित थे।वाईजर कार्यक्रम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुसंधान साझेदारी के अंतर्गत पारस्परिकविशेषज्ञता का उपयोग करके भारत एवं जर्मनी में महिला शोधकर्ताओं की वैज्ञानिक क्षमता केविकास और उनके शोध कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किय...
रोशनी की लहर बनाते हैं दीपावली के दीये

रोशनी की लहर बनाते हैं दीपावली के दीये

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रोशनी की लहर बनाते हैं दीपावली के दीये-ललित गर्ग- दीपावली एक लौकिक पर्व है। फिर भी यह केवल बाहरी अंधकार को ही नहीं, बल्कि भीतरी अंधकार को मिटाने का पर्व भी बने। हम भीतर में धर्म का दीप जलाकर मोह और मूर्च्छा के अंधकार को दूर कर सकते हैं। दीपावली के मौके पर सभी आमतौर से अपने घरों की साफ-सफाई, साज-सज्जा और उसे संवारने-निखारने का प्रयास करते हैं। उसी प्रकार अगर भीतर चेतना के आँगन पर जमे कर्म के कचरे को बुहारकर साफ किया जाए, उसे संयम से सजाने-संवारने का प्रयास किया जाए और उसमें आत्मा रूपी दीपक की अखंड ज्योति को प्रज्वलित कर दिया जाए तो मनुष्य शाश्वत सुख, शांति एवं आनंद को प्राप्त हो सकता है।दीपों की कतारें दीपावली का शाब्दिक अर्थ ही नहीं, वास्तविक अर्थ है। कतारों के लिए निरंतरता जरूरी है। और निरंतरता के लिए नपा-तुला क्रम। दीप जब कतार में होते हैं, तो आनंद का सूचक बन जाते हैं। जैसे कोई मूक उ...
अपोलो ने पाँच साल में 53 पीडियाट्रिक लीवर ट्रांसप्लांट किये

अपोलो ने पाँच साल में 53 पीडियाट्रिक लीवर ट्रांसप्लांट किये

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अपोलो ने पाँच साल में 53 पीडियाट्रिक लीवर ट्रांसप्लांट किये -अनिल बेदाग़- मुंबई : अपोलो हॉस्पिटल्स ने एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में 53 जीवन रक्षक पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी पूरी करने की घोषणा की। अस्पताल के सामने अब तक कुल 170 लीवर से संबंधित मामले आए हैं, जिनमें से 34 मृत दाता प्रत्यारोपण से संबंधित हैं और 12 अंतरराष्ट्रीय मामले हैं। पांच वर्षों में यह महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया। ट्रांसप्लांट वाले बच्चों में 4 महीने के शिशु से लेकर बड़े बच्चों तक शामिल थे, जो बाइलरी अट्रेसिया और जन्मजात लीवर रोग से पीड़ित थे, और लीवर की विफलता की कगार पर थे। अपोलो ने अपोलो हॉस्पिटल्स पश्चिमी क्षेत्र के एचपीबी (HPB) और लीवर ट्रांसप्लांट कार्यक्रम के मुख्य सलाहकार के रूप में 35 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हेपाटो-पैनक्रियाटो-बाइलरी ट्रांसप्लांट सर्जन प्रोफे...
जनसंख्या बिल – एक जरूरी कदम

जनसंख्या बिल – एक जरूरी कदम

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जनसंख्या बिल - एक जरूरी कदम1.4 अरब लोगों के साथ, भारत दुनिया की आबादी का लगभग 17.5 प्रतिशत है; पृथ्वी पर हर छह में से एक व्यक्तिभारत में रहता है।संयुक्त राष्ट्र की विश्व जनसंख्या संभावना (डब्ल्यूपीपी) 2022 के अनुसार, भारत 2023 में दुनिया के सबसे अधिकआबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा। भारत वर्तमान में एक जनसांख्यिकीय संक्रमण में है, जिसमेंयुवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवतजी ने नागपुर में अपने वार्षिक विजयादशमी संबोधन में एकव्यापक जनसंख्या नीति का आह्वान किया। उन्होंने कहा, आबादी को अब दो नजरिए से देखा जाता है। इस विशालआबादी को जीविका के लिए प्रचुर मात्रा में संसाधनों की आवश्यकता होगी; यदि वृद्धि की समान दर जारी रहती है,तो यह एक दायित्व बन सकती है - यद्यपि एक असुविधाजनक दायित्व। नतीजतन, योजनाएं मुख्य रूप से नियंत्रणको ध्यान में रखक...
गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने अपने परिचालन के पाँच वर्ष पूरे किये

गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने अपने परिचालन के पाँच वर्ष पूरे किये

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गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने अपने परिचालन के पाँच वर्ष पूरे किये -अनिल बेदाग- मुंबई/ बेंगलुरु: भारत के सबसे तेजी से बढ़ते बीमा कंपनियों में से एक गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड (डिजिट) ने इस सप्ताह अपने परिचालन का पाँच वर्ष पूरा किया। कंपनी, जिसने बीमा को सरल बनाने के मिशन के साथ अक्टूबर 2017 में अपना परिचालन शुरू किया था, मोटर खण्ड में 4.3 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी रखता है।      डिजिट पिछले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 22) से जीडीपी के अनुसार निजी सामान्य बीमाकर्ताओं के बीच सबसे तेजी से बढ़ते बीमाकर्ताओं में से एक बना हुआ है, जिसने विकास प्रदान करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड स्थापित किया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022, 2021 और 2020 में 52.9% का सीएजीआर दर्ज करते हुए 52.68 अरब रुपये, 32.43 अरब रुपये और 22.52 अरब रुपये का राजस्व पोस्ट किया। बीमाकर्ता म...
वैचारिक योद्धा परम् पूज्य #सीताराम_गोयल

वैचारिक योद्धा परम् पूज्य #सीताराम_गोयल

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वैचारिक योद्धा परम् पूज्य #सीताराम_गोयल------------------------------------अक्तूबर में दो वैचारिक योद्धाओं का जन्म-दिवस पड़ता हैः डॉ. रामविलास शर्मा (1912-2000) और सीताराम गोयल (1921-2003)। वैयक्तिक जीवन में दोनों ही निःस्वार्थ, सादगी पसंद थे। इस के बाद समानता समाप्त हो जाती है। जहाँ सीताराम जी ने कम्युनिस्ट और इस्लामी राजनीति के कड़वे सत्य को सामने लाने के लिए आजीवन संघर्ष किया, वहाँ शर्मा जी ने स्तालिनवादी कम्युनिज्म के प्रचार में ही अपनी लेखनी समर्पित कर दी। सीताराम जी ने अपना अधिकांश लेखन अंग्रेजी में किया, जब कि शर्मा जी ने सारा लेखन हिन्दी में किया। शर्मा जी अंग्रेजी को जनता का शोषण जारी रखने की भाषा मानते थे, इसलिए अंग्रेजी के प्रोफेसर हो कर भी उन्होंने अपना लेखन अंग्रेजी में नहीं किया। इसके उलट सीताराम जी ने प्रायः अपना संपूर्ण लेखन अंग्रेजी में किया। सोच-समझकर। उन का विश्वास था क...
मदरसा

मदरसा

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अभी सिर्फ 25 % सर्वे पूरा हुआ है,जिसमे यूपी में लगभग 6500 ऐसे मदरसे पकड़े गए हैं,जो कि कहीं भी पंजीकृत नही हैं ! मुद्दा यह होना चाहिए था ,इनमें 'पढ़ने ' वाले लाखों 'छात्र ' कौन हैं... कहीं यह 'छात्र' रोहिंग्या या बांग्लादेशी तो नहीं हैं ? मदरसों के 'शिक्षकों' को वेतन कहाँ से और कौन दे रहा है ? इसमे कितने मदरसे सरकारी भूमि पर बने हैं ?....  'फंड मैनेजर' कौन है ? इन तथ्यों की जांच होनी चाहिए थी ! यह मदरसे चहुँओर हैं... लेकिन सीमांत क्षेत्रों में इनकी बाढ़ क्यों आई हुई है ? बगैर बैंकों में खाते खोले.... करोड़ों -अरबों रु की व्यवस्था कैसे हो रही हैं ? इन मदरसों में बंगाल,असम और बिहार से आये.... मोमिन बच्चों की इतनी बहुलता क्यों है  ?           इन प्रश्नों के उत्तर तलाशने के बजाए यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन जनाव जावेद इफ्तखार का कहना है कि इन मदरसों को गैर कानूनी...
युवा कभी ना भूले स्वामी विवेकानंद के वंशज है हम – निखिल यादव

युवा कभी ना भूले स्वामी विवेकानंद के वंशज है हम – निखिल यादव

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वा कभी ना भूले स्वामी विवेकानंद के वंशज है हम - निखिल यादव कोरोना काल के आगमन से ही युवाओं में अपने भविष्य के प्रति एक असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी। दो वर्षो के बाद कॉलेज तो खुले है लेकिन इस बीच के काल में सिर्फ पढ़ाई के स्तर पर ही नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी युवाओं को जूझना पड़ा है। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी , दिल्ली शाखा युवाओं के लिए पीछे छ: वर्षो से एक कार्यक्रम चला रही है युवा भारत : खुद को जानो। रविवार को इस कार्यक्रम की द्वितीय कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेकों कॉलेज जैसे मिरांडा हाउस , भगिनी निवेदिता , जानकी देवी मेमोरियल , शहीद राजगुरु , पीजीडीएवी कॉलेज , श्याम लाल , शहीद भगत सिंह , दीनदयाल उपाध्याय और अन्य कॉलेज के 120 युवा उपस्तिथ थे। कार्यशाला में विभिन प्रकार के खेल, स्किट प्रेजेंटेशन , चर्चा और प्रस्तुति हुई। समापन सत्र में युव...
सुशासन एवं देश-विकास के लिये नौकरशाह स्वयं को बदले

सुशासन एवं देश-विकास के लिये नौकरशाह स्वयं को बदले

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सुशासन एवं देश-विकास के लिये नौकरशाह स्वयं को बदले- ललित गर्ग-प्रशासनिक सुधार की जरूरत महसूस करते हुए नौकरशाहों को दक्ष, जिम्मेदारी, ईमानदार, कानूनों की पालना करने वाले एवं उनकी समयबद्ध कार्यप्रणाली की आवश्यकता लंबे समय से रेखांकित की जाती रही है। जबकि बार-बार ऐसे उदाहरण सामने आते रहे हैं जिनसे पता चलता है कि देश की नौकरशाही न केवल अदालतों के फैसलों का पालन करने-कराने में विफल हो रही है, बल्कि उनके भ्रष्टाचार से जुड़े मामले एवं लापरवाह नजरिया देश के विकास की एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आ रहा है। निश्चित ही उनकी भ्रष्टाचारयुक्त कार्यप्रणाली, अपने आपको सर्वेसर्वा मानने की मानसिकता, जनता के प्रति गैरजिम्मेदाराना व्यवहार, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही, ये स्थितियां देश को अपने उद्देश्य हासिल करने में भी विफल कर रही है। उनके अहंकार का उदाहरण है राजस्थान के नागौर के एक एसडीएम और सर...
सहमी क्यों है पाकिस्तान सेना

सहमी क्यों है पाकिस्तान सेना

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सहमी क्यों है पाकिस्तान सेना आर.के. सिन्हा पाकिस्तान में मोटी तोंद और लंबी मूंछों वाले सेना के अफसरों के खिलाफ अब कुछ सियासी रहनुमा बोलने लगे हैं। उनके करप्शन तथा अनैतिक कृत्यों को उजागर करने का साहस अब दिखा रहे हैं, जबकि भ्रष्टाचार का घड़ा फूटने ही   वाला है I फिर भी, यह एक सकारात्मक संकेत सरहद के उस पार से आ तो रहा है। इसका स्वागत होना चाहिए। बीते दिनों पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के नेता आजम स्वती ने सेना प्रमुख कमर जमान बाजवा के खिलाफ एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में बाजवा के काले कारनामों का पर्दाफाश किया। उनके इस कदम के बाद सेना ने आजम स्वती को गिरफ्तार कर लिया। पर यह तो मानना होगा कि पीटीआई के इस नेता का जमीर जिंदा है। वह एक भ्रष्ट सेना प्रमुख को आईना दिखाने की हिम्मत रखते हैं। पाकिस्तान म...