Shadow

राष्ट्रीय

मलेरिया दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक

मलेरिया दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण, सामाजिक
मलेरिया दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक -सत्यवान 'सौरभ' 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस 2022 का विषय 'मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग' थीम के साथ विश्व मलेरिया दिवस 2022 मनाया जा रहा है। विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना 25 अप्रैल 2007 को विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा की गई थी। मलेरिया एक परजीवी के कारण होता है जो आमतौर पर एक निश्चित प्रकार के मच्छर मादा एनोफिलीज द्वारा मानव की त्वचा में परजीवी स्पोरोजोइट्स जमा करने से होता है। मलेरिया मानव  मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, इस बीमारी से निपटने में भारी प्रगति के बावजूद, हर साल दुनिया भर में मलेरिया के 212 मिलियन नए मामले और 430,000 मलेरिया से संबंधित मौतें होती हैं। मलेरिया एक तीव्र ज्वर की बीमारी है। एक गैर-प्रति...
पर्यटक सूचना केंद्रों की निरर्थकता

पर्यटक सूचना केंद्रों की निरर्थकता

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
पर्यटक सूचना केंद्रों की निरर्थकता विनीत नारायण कोविड के समय को छोड़ दे तो पूरी दुनिया में पिछले दो दशकों में पर्यटन उद्योग में काफ़ी उछाल आया है। पहले केवल उच्च वर्ग अंतरराष्ट्रीय पर्यटन करता था। मध्य वर्ग अपने ही देश में पर्यटन या तीर्थाटन करता था। निम्न आय वर्ग कभी.कभी तीर्थ यात्रा करता था। लेकिन अब मध्य वर्ग के लोग भी भारी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन करने लगे हैं। जिसके पास भी चार पहिए का वाहन है वो साल में कई बार अपने परिवार के साथ दूर या पास का पर्यटन करता है। सूचना क्रांति के बाद से पर्यटन के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। पहले पर्यटन स्थल या तीर्थ स्थल पर पहुँच कर ये पता लगाना पड़ता था कि ठहरने की व्यवस्था कहाँ.कहाँ और कितने पैसे में उपलब्ध है। फिर यह पता लगाना पड़ता था कि दर्शनीय स्थल कौनसे हैं। उनकी दूरी बेस कैम्प से कितनी है और वहाँ तक जाने के क्या.क्या ...
HEAT WAVES IN INDIA

HEAT WAVES IN INDIA

addtop, BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, प्रेस विज्ञप्ति, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण
HEAT WAVES IN INDIA A CSE Media Briefing Note How bad has this year’s heat wave been in India? The early heat waves of 2022 that began on March 11 have impacted 15 Indian states and Union territories (as of April 24), according to data from the India Meteorological Department (IMD) that was analysed by Down To Earth. Rajasthan and Madhya Pradesh have suffered the most among the states, with 25 heat wave and severe heat wave days each during this period. The IMD says a heat wave happens when the temperature of a place crosses 40oC in the plains, 37oC in coastal areas, and 30oC in the hills. The weather agency declares a heat wave when a place registers a temperature that is 4.5 to 6.4oC more than the normal temperature for the region on that day. If the temperature is over 6.4oC mo...
तूड़े पर धारा-144 लागू, गाय भैंसों के चारे की चिंता

तूड़े पर धारा-144 लागू, गाय भैंसों के चारे की चिंता

addtop, राज्य, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
तूड़े पर धारा-144 लागू, गाय भैंसों के चारे की चिंता -प्रियंका 'सौरभ' हरियाणा में गोवंश के चारे पर भारी संकट पैदा हो गया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा मार उन जगहों पर है जिन जिलों में गोशालाएं सबसे अधिक है। प्रदेश के  सिरसा, फतेहाबाद, हिसार जिले में सबसे अधिक गोशालाएं हैं। अभी से तूड़ी के रेट 850 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है। परिणामस्वरूप इससे गोशालाओं का खर्च भी दोगुना हो गया है। आंकड़ों के अनुसार औसतन 2000 गाय वाली गोशाला में अकेली तूड़ी का खर्च पहले करीब 20 लाख रुपये आता था मगर अब रेट दो गुने होने से यह खर्च भी दोगुना हो गया है। पिछली बार 6000 से 7500 रुपए प्रति क्विंटल बिकी सरसों से इस बार गेहूं और तूड़े की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। प्रदेश भर में गत वर्ष की तुलना में कम एकड़ में गेहूं की बिजाई करने से इस बार तूड़े (गेहूं की फसल के अवशेष से बने पशु चारे) के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इस संकट क...
सांबा में नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन की दिशाएं

सांबा में नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन की दिशाएं

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
सांबा में नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन की दिशाएं-ललित गर्ग -प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल ही में की गयी जम्मू-कश्मीर यात्रा पर इसलिए देश की निगाहें थीं, क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद वह पहली बार जम्मू-कश्मीर की धरती पर पहुंचे। उनकी इस यात्रा ने अनेक सकारात्मक संदेश दिये, शांति एवं विकास का माध्यम बना है। निश्चित ही उनकी यह यात्रा इस प्रांत में एक नई फिजां का सबब बनी है। जम्मू-कश्मीर हमारे देश का वो गहना है जिसे जब तक सम्पूर्ण भारत के साथ जोड़ा नहीं जाता, वहां शांति, आतंकमुक्ति एवं विकास की गंगा प्रवहमान नहीं होती, अधूरापन-सा नजर आता रहा है। इसलिए इसे शेष भारत के साथ हर दृष्टि से जोड़ा जाना महत्वपूर्ण है और यह कार्य मोदी एवं उनकी सरकार ने किया है। निश्चित रूप से वहां एक नया दौर शुरू किया है। इसके लिये जम्मू में मोदी ने पंचायत दिवस के अवसर पर केवल देश भर के पंचायत ...
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग

श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग

BREAKING NEWS, CURRENT ISSUE, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग श्रीराम द्वारा सीताजी के त्याग का रहस्य दोहा- रामू अमित गुन सागर थाह कि पावइ कोई। सन्तह सन जस किछु सुनेऊँ तुम्हहि सुनायउ सोई।। श्रीरामचरितमानस उत्तरकाण्ड ९२ (क) वर्तमान समय में श्रीरामकथामृत के समान कोई भी वस्तु संसार में मनोरम नहीं है, बाल, वृद्ध, वनिता, युवा सब ही इसका पान करके अपने आपको अत्यन्त सौभाग्यशाली मानते हैं। इस श्रीरामकथामृत के प्रभाव से उनमें धैर्यवान, साहसी, न्यायप्रिय, परहित में लगे रहने तथा उनमें प्रेम, दया, सहयोग एवं सहानुभूति के गुणों का समावेश होता है। यद्यपि श्रीरामचरित का वर्णन अनेक प्रकार से सन्तों, महात्माओं ने अपूर्व किया है किन्तु गोस्वामी तुलसीदासजी की तुलना आज भी किसी से नहीं की जा सकती है। यही कारण है कि भारत के घरों से मंदिरों तक उनकी विश्व प्रसिद्ध कृति- श्रीरामचरितमानस का श्र...
पुस्तकें हर आंधी में टीकी रहेगी

पुस्तकें हर आंधी में टीकी रहेगी

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विश्व पुस्तक दिवस-23 अप्रैल, 2022पुस्तकें हर आंधी में टीकी रहेगी-ललित गर्ग -हर साल 23 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसे कॉपीराइट डे भी कहा जाता है। इस दिवस को किताबें पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट के लाभ को पहचानने और बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन कई विश्वप्रसिद्ध लेखकांे का जन्मदिवस या पुण्यतिथि होती है। विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेंट्स और जोसेप प्लाया का इसी दिन निधन हुआ था, जबकि मैनुएल मेजिया वल्लेजो और मौरिस ड्रून इसी दिन पैदा हुए थे। यूनेस्कों ने 23 अप्रैल 1995 को इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। पैरिस में यूनेस्को की एक आमसभा में फैसला लिया गया था कि दुनियाभर के लेखकों का सम्मान करने, उनको श्रद्धांजली देने और किताबों के प्रति रुचि जागृत करने के लिए इस दिवस को मनाया जाएगा। सर्वविदित है कि पुस्तक का महत्व सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्...
साम्प्रदायिक आग्रहों की चौड़ी होती खाइयां

साम्प्रदायिक आग्रहों की चौड़ी होती खाइयां

BREAKING NEWS, Current Affaires, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय, विश्लेषण, सामाजिक
साम्प्रदायिक आग्रहों की चौड़ी होती खाइयां -ललित गर्ग- समस्याएं अनेक हैं। बात कहां से शुरू की जाए। खो भी बहुत चुके हैं और खोने की रफ्तार तीव्र से तीव्रत्तर होती जा रही है। जिनकी भरपाई मुश्किल है। भाईचारा, सद्भाव, निष्ठा, विश्वास, करुणा यानि कि जीवन मूल्य खो रहे हैं। मूल्य अक्षर नहीं होते, संस्कार होते हैं, आचरण होते हैं। हम अपने आदर्शों एवं मूल्यों को खोते ही जा रहे हैं, एक बार फिर रामनवमी और हनुमान जयंति के अवसरों पर देश के कई प्रदेशों में हिंसा, नफरत, द्वेष और तोड़-फोड़ के दृश्य देखे गए। उत्तर भारत के प्रांतों के अलावा ऐसी घटनाएं दक्षिण और पूर्व के प्रांतों में भी हुईं। ऐसे सांप्रदायिक दंगें और खून का बहना कांग्रेस के शासन में होता रहा, लेकिन पिछले एक दशक में ऐसी हिंसात्मक साम्प्रदायिक घटनाएं पहली बार कई प्रदेशों में एक साथ हुई है, ऐसा होना काफी चिंता का विषय है। उन्माद, अविश्वास, राजनैति...
चीन-पाकिस्तान से निपटने के लिए हमें सीमाओं को मजबूत रखना होगा।

चीन-पाकिस्तान से निपटने के लिए हमें सीमाओं को मजबूत रखना होगा।

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, विश्लेषण
चीन-पाकिस्तान से निपटने के लिए हमें सीमाओं को मजबूत रखना होगा। -सत्यवान 'सौरभ' 1970 और 80 के दशक में चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध विकसित हुए। इनसे मुकाबला करना भारत की पहल था। चीन-पाकिस्तान की धुरी दो मोर्चों पर युद्ध की संभावना को खोलता है, इसलिए  भारत को सीमाओं पर अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत रखना अत्यंत जरुरी है। कुछ समय पहले तक, दो मोर्चों पर युद्ध की बातों ने दो परस्पर विरोधी मतों को जन्म दिया। मगर भारत की सेना का दृढ़ मत था कि चीन-पाकिस्तान सैन्य खतरा एक वास्तविक संभावना है, और हमें इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए क्षमताओं का विकास करना चाहिए। दूसरी ओर, सामान्य रूप से राजनीतिक वर्ग और देश के रणनीतिक समुदाय के मुख्य वर्ग ने महसूस किया कि अतिरिक्त संसाधनों और धन के लिए दबाव बनाने के लिए सेना द्वारा दो-मोर्चे के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि ऐतिहासिक र...
दवा-प्रतिरोधक टीबी: क्या नवीनतम जाँच-इलाज सभी जरूरतमंदों तक पहुँच रहे हैं?

दवा-प्रतिरोधक टीबी: क्या नवीनतम जाँच-इलाज सभी जरूरतमंदों तक पहुँच रहे हैं?

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
दवा-प्रतिरोधक टीबी: क्या नवीनतम जाँच-इलाज सभी जरूरतमंदों तक पहुँच रहे हैं?  बॉबी रमाकांत - सीएनएस  दवा-प्रतिरोधक टीबी संबंधित जांच और इलाज में जो शोध पिछले दशक में हुए हैं वह निसंदेह सराहनीय हैं। पर क्या हम इन नवीनतम पक्की जाँच से हर दवा-प्रतिरोधक टीबी से ग्रसित व्यक्ति को चिन्हित कर पा रहे हैं? क्या हम हर जरूरतमंद की नवीनतम बेहतर उपचार से इलाज कर पा रहे हैं?  विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक टीबी रिपोर्ट के अनुसार, लगभग पाँच लाख में से डेढ़ लाख लोगों की हम जाँच कर पाए और इलाज प्रदान कर सके। यदि हम हर रोगी तक जाँच-इलाज बिना-विलम्ब नहीं पहुँचाएँगे तो 2025 तक भारत में और 2030 तक दुनिया में टीबी उन्मूलन कैसे कर पाएँगे?  वैज्ञानिक शोध को यदि देखें तो पाएँगे कि अब दवा प्रतिरोधक टीबी के इलाज की अवधि 2 साल से घट कर 6 माह होना सम्भव है। नवीनतम इलाज उतने विषाक्त नहीं और सफल इलाज की सम्भावना भी ...