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जमीनी बदलाव बिना  कांग्रेस की राह मुश्किल

जमीनी बदलाव बिना कांग्रेस की राह मुश्किल

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  सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस कितनी आशावान थी, इसका अंदाजा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की 21 मई की प्रेस कांफ्रेंस से चलता है। चुनाव नतीजे आने के ठीक दो दिन पहले राहुल गांधी ने जिस आत्मविश्वास से कहा था कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं, उससे ही साबित होता है कि पार्टी सत्ता में वापसी को लेकर कितनी आश्वस्त थी। पार्टी की इस आशावादिता को कुछ दिन बाद आई खबरों ने भी जाहिर किया, जिसमें कहा गया है कि पार्टी की आंकड़ा विश्लेषण करने वाली टीम ने 184 लोकसभा सीटें जीतने का अनुमान जताया था, जिसके चलते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी सलाहकार मंडली पूरे उत्साह में थी। यहां तक कि पार्टी ने भावी मंत्रिमंडल के लिए नाम भी तय कर लिए थे। जिसमें गृहमंत्री पद के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता स्टालिन का नाम तय करके उन्हें फोन भी कर दिया गया था। राष...
संघ के स्वयंसेवकों से इतना परहेज क्यों?

संघ के स्वयंसेवकों से इतना परहेज क्यों?

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पिछले दिनों विदेश में तैनात भारत के एक राजदूत से मोदी सरकार के अनुभवों पर बात हो रही थी। उनका कहना था कि मोदी सरकार से पहले विदेशों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन दूतावास के अधिकारी ही किया करते थे। लेकिन जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से अप्रवासी भारतीयों के बीच सक्रिय संघ व भाजपा के कार्यकर्ता इन कार्यक्रमों के आयोजन में काफी हस्तक्षेप करते हैं और इन पर अपनी छाप दिखाना चाहते हैं। कभी-कभी उनका हस्तक्षेप असहनीय हो जाता है। सत्तारूढ़ दल आते-जाते रहते हैं। इसलिए दूतावास अपनी निष्पक्षता बनाए रखते हैं और जो भी कार्यक्रम आयोजित करते हैं, उनका स्वरूप राष्ट्रीय होता है, न कि दलीय। इस विषय में क्या सही है और क्या गलत, इसका निर्णंय करने में भारत के नये विदेश मंत्री जयशंकर सबसे ज्यादा सक्षम हैं। क्योकि वे किसी राजनैतिक दल के न होकर, एक कैरियर डिप्लोमेट रहे हैं। कुछ ऐसी ही शिकायत देश क...
किसने किया दुर्गा मंदिर पर हमला?

किसने किया दुर्गा मंदिर पर हमला?

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देश की राजधानी दिल्ली के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में दो समुदाय किसी छोटी सी बात पर भिड़े तो आनन-फानन में एक मंदिर पर हमला कर दिया गया। पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में 100 साल पुराने दुर्गा मंदिर को बुरी तरफ से ध्वस्त किया गया। मंदिर पर लगे शीशे तोड़ डाले गए और देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी खंडित किया गया। अब मंदिर को क्षति पहुंचाने वाले तत्वों की धरपकड़ तो चालू हो गई है। कुछ आरोपी पक़ड़े भी जा चुके हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में बुलाकर अपनी नाराजगी जताई  है । इससे लगता तो यही है कि शेष अपराधी भी पकड़े  जाएंगे। ऐसी आशा तो की जाती है। पर इस बेहद दुखद विवाद का एक सकारात्मक पहलू यह रहा है की सन 1650 में निर्मित फतेहपुरी मस्जिद के इमाम डा. मुफ्ती मुकर्रम ने मुसलमानों से अपील की कि वे ही मंदिर की मरम्मत करवाएं। एक तरह से उन्होंने साफतौर पर संकेत दे दिए है...
जय श्रीराम के नारे का विरोध क्यों?

जय श्रीराम के नारे का विरोध क्यों?

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नोबेल पुरस्कार विजेता अमत्र्य सेन के बड़े अजीबोगरीब बयान ने हैरान कर दिया। उनका कहना है कि श्रीराम का बंगाली संस्कृति से कोई सम्बन्ध नहीं है। भले ही अर्थशास्त्री के तौर पर उनका बहुत बड़ा नाम है लेकिन वे विदेश में रहते हुए भारत की संस्कृति एवं लोकभावनाओं से कितने जुड़े हैं, यह एक अलग चर्चा का विषय है। जय श्रीराम का नारा तो न केवल अच्छे शासन का प्रतीक है बल्कि लोक-आस्था का द्योतक भी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी राम राज्य की कल्पना की थी। गांधीजी आज जीवित होते तो जय श्रीराम के नारे का विरोध देखकर आंसू जरूर बहाते। राजनीति से प्रेरित श्री राम के चरित्र को धुंधलाने एवं जन-आस्था को बांटने की कोशिशें विडम्बनापूर्ण है, दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री राम किन्हीं जाति-वर्ग और धर्म विशेष से ही नहीं जुड़े हैं, वे सारी मानवता के प्रेरक हैं। उनका विस्तार दिल से दिल तक है। उनके चरित्र की सुगन्ध विश्व के हर ह...
राष्ट्रवाद को चुनौती देता “अल्पसंख्यकवाद”

राष्ट्रवाद को चुनौती देता “अल्पसंख्यकवाद”

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अल्पसंख्यकवाद या मुस्लिम उन्मुखी राजनीति की विवशता आज राष्ट्रवादियों के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन रही है। जबकि स्वतंत्र भारत के नीति नियंताओं का ध्येय स्वस्थ राष्ट्रवाद की परिकल्पना का अनुगामी था। क्योंकि उन्हें स्मरण था कि अखंड भारत के मुगल व ब्रिटिश शासनों में देश के मूल निवासियों (भूमि पुत्रो) अर्थात् हिन्दुओं के शोषण का इतिहास भरा पड़ा है। उनकी स्मृतियों में देश के लगभग 1000 वर्षों के परतंत्रता काल में (यत्र-तत्र कुछ भागों में कुछ दशकों को छोड़ कर) भारत के भूमि पुत्रों के मानवीय मूल्यों के घोर हनन की वास्तविकता अभी धूमिल नही हुई थी।सन् 1947 में भारत का धर्मानुसार विभाजन मुख्यतः इस्लामिक अत्याचारों का ही परिणाम था। इस सबसे पीड़ित हमारे देश के तत्कालीन कर्णधारों ने रामराज्य की स्थापना का सपना संजोया था। ★दुर्भाग्यवश आज भी बहुसंख्यकों की उपेक्षा ही देश की मुख्यधारा बनी हुई है। स्वतंत्र भारत...
डीयू में क्यों दाखिला चाहते हैं बिहारी नौजवान

डीयू में क्यों दाखिला चाहते हैं बिहारी नौजवान

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सारे देश के नौजवानों की यह दिल्ली चाहत रहती है कि वे दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में ही पढ़े। यहाँ के हिन्दू, सेंट स्टीफंस, मिरांडा हाउस, लेडी श्रीराम, श्रीराम कॉलेज आफ कॉमर्स, हंसराज वगैरह कॉलेजों की प्रतिष्ठा इतनी अधिक है कि ये नौजवान और नवयुवतियां इनसे जुड़ना चाहते हैं।  बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश वगैरह के विद्यार्थी तो खासतौर पर डीयू में दाखिला लेने की कोशिशें करते रहते हैं। बिहारी छात्र तो गुजरे 50-60 सालों से डीयू में दाखिला ले रहे हैं। अब अनेकों यहाँ पढ़ा भी रहे हैं । पर डीयू में दाखिला लेने की चाहत रखने वाले कम ही विद्य़ार्थियों को सफलता मिलती है । इन कॉलेजों में किसी कोर्स के दाखिले के लिए नवोदित होनहारों को 12 वीं कक्षा में बहुत उम्दा प्रदर्शन करना होता है। जाहिर है कि इस स्थिति के कारण लाखों मेधावी छात्र भी लगभग हर वर्ष ही दाखिला पाने से वंचित...
MAGMA (AGNI DEVTA) REVEALS ON SURFACE OF CHINESE MAIN LAND

MAGMA (AGNI DEVTA) REVEALS ON SURFACE OF CHINESE MAIN LAND

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Abstract :- The active volcanoes in China are located in the Changbaishan area, Jingbo Lake, Wudalianchi, Tengchong and Yutian. Several of these volcanoes have historical records of eruption and geochronological evidence of Holocene activity. Tianchi Volcano is a well-preserved Cenozoic polygenetic central volcano, and, due to its recent history of powerful explosive eruptions of felsic magmas, with over 100,000 people living on its flanks is a high-risk volcano. Explosive eruptions at 4000 and 1000 years bp involved plinian and ignimbrite phases. The Millennium eruption (1000 years bp) involved at least 20–30 km3of magma and was large enough to have a global impact. There are 14 Cenozoic monogenetic scoria cones and associated lavas with high-K basalt composition in t...
MAY GOD SAVE CHINA FROM DEVASTATING EARTHQUAKES

MAY GOD SAVE CHINA FROM DEVASTATING EARTHQUAKES

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China is a Geothermal Area. Entire land of China is full of cracks where in magma of 1200 degree centigrade comes in contact with water and thereby lot of steam is produced. Whenever the pressure of steam exceeds a critical limit blasts occur resulting into severe earthquakes. In other words storage of water in Hydro Electric dams in counterproductive for China. Here are the lists of the largest hydroelectric dams and devastating earthquakes in China List of Earthquakes In a collision that began at least 40 million years ago India has rammed 2000km into Eurasia and piled up the Himalayas and lofty Tibetian plateau. Pinned agai...
‘Dialogue India’ Scripts History in UAE

‘Dialogue India’ Scripts History in UAE

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Offering a solid platform to the Indian and the United Arab Emirates-based Higher Education Institutions, global investors and the foreign students aspiring for world-class education in India, the 5th Dialogue India Academia Conclave-2019 concluded in the world’s glittering city Dubai on May 2, 2019. Over a hundred dignitaries from the United Arab Emirates (UAE) and India extensively discussed how the Indian educational institutions can collectively act as a bridge between the needs of the industry globally and the skilled Indian workforce. Dozens of investors from Dubai discussed the investment opportunities in Indian higher education sector through the Indian institutions. A report: In the presence of over a hundred eminent educationists, scholars, policymakers, business delegates...
शराब के लिये गांधी का उपयोग अक्षम्य है

शराब के लिये गांधी का उपयोग अक्षम्य है

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इजरायल की शराब बनाने वाली एक कंपनी ने शराब की बोतल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर छापकर आदर्शहीनता, मूल्यहीनता एवं तथाकथित लाभ की विकृत मानसिकता का प्रदर्शन किया है। शराब के प्रचार के लिये एवं उसकी बिक्री बढ़ाने के लिये जिस तरह से गांधी की तस्वीर को शराब की बोतल पर दिखाया गया है, उससे न केवल भारत बल्कि दुनिया के असंख्य लोगों की भावना आहत हुई है। लेकिन प्रश्न है कि क्या सोच कर शराब-कम्पनी ने विश्वनायक एवं अहिंसा के पुरोधा गांधी का गलत, विकृत एवं घिनौना उपयोग करने का दुस्साहस किया गया? क्यों भारत की कोटि-कोटि जनता की भावनाओं को जानबूझकर आहत किया गया है? क्यों शराब जैसी वर्जित चीज के लिये गांधी को प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया गया, जिन्होंने जीवनभर शराब-विरोध वातावरण निर्मित किया? वस्तुतः ऐसी कुचेष्टा एवं धृणित प्रयास न सिर्फ भारत के अपितु दुनियाभर के करोडों-करोडों शराब-विरोध...