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बीजेपी ने विरोधियों को किया पस्त, प्रचंड बहुमत से बनने जा रही है सरकार

बीजेपी ने विरोधियों को किया पस्त, प्रचंड बहुमत से बनने जा रही है सरकार

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आएगा तो मोदी ही और मोदी आ ही गया। मोदी का चेहरा, नीतियों के चरित्र और शाह की चाल से बीजेपी ने 2014 की लहर को 2019 में सुनामी में तब्दील कर दिया जिसकी वजह से बीजेपी अपने दम पर 300 के करिश्माई आंकड़ा को पार कर गयी। यह एक ऐतिहासिक जीत है जिसमें मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी को फिर से शिखर पर पहुंचा दिया। यह जीत चुनावी प्रबंधन की कुशलता की जीत है जिसने बेहतरीन तरीके से अभेद चक्रव्यूह को तोड़कर अभूतपूर्व विजय प्राप्त की है। किसी को एहसास नहीं था कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को दुबारा सत्ता का स्वाद इतने बड़े अंतर से चखने को मिल जाएगा। यह कोई आसान काम नहीं था। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही नहीं बल्कि बीजेपी ने पूरी पार्टी को पूर्ण रूप से लोकसभा चुनाव 2019 के लिए झोंक दिया था। और इन सबके मेहनत का ही परिणाम है कि एनडीए ने असंभव को संभव कर दिया।   ऐसा नहीं है कि मोदी ने 2014 म...
मधुमेह से ग्रस्त आधे लोग अपनी बीमारी से अनजान

मधुमेह से ग्रस्त आधे लोग अपनी बीमारी से अनजान

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भारत में 15 से 49 आयु वर्ग के केवल आधे वयस्क अपनी मधुमेह की स्थिति के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही मधुमेह ग्रस्त सिर्फ एक चौथाई लोगों को उपचार मिल पाता है और उनकी रक्त शर्करा नियंत्रण में रहती है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है। मधुमेह से निपटने के लिए सबसे पहले लोगों को इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है। लेकिन, इससे ग्रस्त 47.5 प्रतिशत लोगों को अपनी बीमारी के बारे में पता ही नहीं होता। इस कारण उन्हें उपचार नहीं मिल पाता। डायबिटीज से ग्रस्त ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और कम शिक्षित लोगों को देखभाल सबसे कम मिल पाती है। इस अध्ययन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार सर्वेक्षण के वर्ष 2015-16 के आंकड़ों का उपयोग किया गया है, जिसमें 29 राज्यों एवं सात केंद्र शासित प्रदेशों के 15-49 वर्ष के 7.2 लाख से अधिक लोग शामिल हैं। यह अध्ययन नई दिल्ली स्थित पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन और...
क्या ममता हार मान चुकी है?

क्या ममता हार मान चुकी है?

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आज़ाद भारत के इतिहास में शायद पहली बार चुनावी हिंसा के कारण देश के एक राज्य में चुनाव प्रचार को 20 घंटे पहले ही समाप्त करने का आदेश चुनाव आयोग ने लिया है। बंगाल में चुनावों के दौरान होने वाली हिंसा के इतिहास को ध्यान में रखते हुए ही शायद चुनाव आयोग ने बंगाल में सात चरणों में चुनाव करवाने का निर्णय लिया था लेकिन यह वाकई में खेद का विषय है कि अब तक जो छः चरणों में चुनाव हुए हैं उनमें से एक भी बिना रक्तपात के नहीं हो पाया। यह चुनावी हिंसा बंगाल में कानून व्यवस्था और लोकतंत्र की स्थिति बताने के लिए काफी है। लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि ममता अपने राज्य में होने वाले उपद्रव के लिए अपने प्रशासन को नहीं मोदी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।  वैसे तो ममता बनर्जी ने अपने इरादे इसी साल के आरंभ में ही जता दिए थे जब उन्होंने मोदी के विरोध में कलकत्ता में 22 विपक्षी दलों की एक रैली आयोजित की थी। इस रैली में उ...
कोई रोके बंगाल को लहुलूहान होने से

कोई रोके बंगाल को लहुलूहान होने से

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प्रख्यात कार्टुनिस्ट सुधीर धर को एक बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मिल गईं थी। कहने लगीं कि आजकल आप हमें अपनी कार्टूनों में जगह नहीं दे रहे। इसके विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की मॉर्फ्ड फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाली भाजपा यूथ विंग की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा से तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) की नेता इतनी खफा हो गई कि उन्होंने पुलिस में प्रियंका शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट तक दर्ज करा दी। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने प्रियंका को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भिजवा दिया था। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई । जाहिर है कि टीएमसी के नेताओं ने प्रियंका के खिलाफ ममता बैनर्जी से बिना पूछे पुलिस में केस तो दर्ज नहीं ही करवाई होगी। क्या ममता बैनर्जी जैसी वरिष्ठ नेता को शोभा देता है कि वह भाजपा की एक मामूली सी कार्यकर्ता के ...
आतंक के विरुद्ध सोशल मीडिया

आतंक के विरुद्ध सोशल मीडिया

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राजधानी दिल्ली के मोती नगर के बसई दारापुर गांव में युवा बेटी पर अभद्र टिप्पणी करने का विरोध करने पर 51 साल के ध्रुव राज त्यागी की मोहम्मद आलम व उसके पिता जहांगीर खान आदि ने मिलकर निर्मम हत्या कर दी तथा पिता को बचाने आये 19 वर्षीय पुत्र अनमोल त्यागी को भी चाकुओं से बुरी तरह घायल किया जो चिकित्सालय में मौत से लड़ रहा है। यह दर्दनाक जिहादी घटना दिल्ली में मतदान की पूर्व देर रात्रि 11 मई की है। निःसंदेह मुसलमानों का दुःसाहस बढ़ता जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में ही गैर मुस्लिम बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं। नित्य प्रति दिन कहीं न कहीं हिन्दू व सिख आदि अबलाओं पर मुस्लिम समुदाय के लड़के अत्याचार करते रहते हैं और बचाव में आने वाले परिजनों की हत्या से भी नहीं चूकते। "बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ" के लिए समर्पित सरकार कब तक ऐसे जिहादी कृत्यों पर मौन रहेगी ? इस्लामिक आतंकवाद के इस रूप को न समझना आत्मघाती हो ...
भारत विरोधियों का दुःसाहस…

भारत विरोधियों का दुःसाहस…

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भारत को बदनाम करके कमजोर करने वाला विशेष वर्ग ऐसे विभिन्न प्रकार के झूठे व मिथ्या आरोप लगाने का विशेषज्ञ है। अमरीका की प्रसिद्ध "टाइम" पत्रिका में पाकिस्तानी कट्टरपंथी राजनीतिज्ञ दिवंगत सलमान ताशीर व भारत की वरिष्ठ पत्रकार सुश्री तवलीन सिंह के पुत्र आतिश ताशीर के श्री नरेन्द्र मोदी के विषय में लिखे लेख के शीर्षक "इंडियाज डिवाइडर इन चीफ" से ही यह ज्ञात होता है कि लिखने वाला भारत विरोधी पूर्वाग्रहों से ही ग्रस्त है। उन्हें वर्तमान भारत का कोई ज्ञान नहीं। वह पाकिस्तान की जन्मजात भारत विरोधी शत्रु मानसिकता से बाहर निकलने की मनस्थिति में नहीं है। श्री नरेंद्र मोदी को भारत का मुख्य विभाजक बता कर लेखक किसको मूर्ख बनाना चाहता है?भारत भक्तों को यह भली प्रकार समझ में आ गया है कि मोदी जी के सशक्त प्रशासकीय कार्यकुशलता के परिणामों से भारत का खोया हुआ सम्मान आज विश्व में पुनः स्थापित हो रहा है। हो स...
काश ‘टाइम’ ने की होती तथ्यों की परख- पड़ताल

काश ‘टाइम’ ने की होती तथ्यों की परख- पड़ताल

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बेशक भारत को अंग्रेजी राज से मुक्ति मिले 70 साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है, पर देश की आबादी का एक हिस्सा अभी भी गोरी चमड़ी का ही गुलाम  बना हुआ है। उसे अभी भी इसी बात का यकीन है कि जो गोरे कह देंगे वहीं सत्य होगा। सच पूछा जाए तो इस मानसिकता की एक बार फिर पुष्टि हो गई है अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ में छपी एक आवरण कथा से। इसके आवरण पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चित्र भी है। वैसे मोदी जी पहली बार नहीं चौथी बार “टाईममैगज़ीन” के कवर पर आ रहे हैं । वैसे तो गोरी चमड़ी के जो भी एक बार भी टाईम के कवर पर आ जाते हैं तो वे अपना मनुष्य जीवन धन्य मानने लगते हैं । इस कथा के लेखक हैं वरिष्ठ भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह के पुत्र आतिश तासीर। आतिश के पिता पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर थे। आतिश लंदन में रहते हैं। इसी  टाइम ने 2014, 2015 और 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के 100 सर्व...
बहुजनों को बार-बार छलने वाली बहनजी बंद कीजिए दिन में ख्वाब देखना

बहुजनों को बार-बार छलने वाली बहनजी बंद कीजिए दिन में ख्वाब देखना

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बहुजन समाजवादी पार्टी की एकमात्र नेत्री मायावती ने प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देखने भी शुरू कर दिए हैं। देखा जाए तो कोई दिन में सपने देखकर खुश होना चाहे तो इसमें कोई बुराई भी नहीं है। वैसे उन्हें ख्वाबों और हकीकत का अंतर तो मालूम ही होगा। विगत दिनों उत्तर प्रदेश में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बहन जी ने कहा कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही होगा। ये जरूरी नहीं है कि मोदी जी वाराणसी से चुनाव जीते। वो एक तरह से साफ संकेत दे रही थीं कि वो स्वयं प्रधानमंत्री बन सकती हैं। मायावती राजनीति की भले ही  पुरानी खिलाड़ी हों पर उन्हें यह तो समझना ही चाहिए कि उनके लिए अभी दिल्ली दूर है। उनका प्रधानमंत्री पद को हासिल करना असंभव सा है। दलितों को ही ठगने और छलने वाली नेत्री दलित नेत्री अपने को प्रचारित करके कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं। बहन मायावती जी की एक बड़ी कमी यह है कि वह...
बम धमाकों में हर बार इस्लाम के ही चीथड़े उड़ाते हैं आतंकवादी!

बम धमाकों में हर बार इस्लाम के ही चीथड़े उड़ाते हैं आतंकवादी!

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रमज़ान का महीना शुरू हो गया है। प्रार्थना करता हूं कि दुनिया में शांति कायम रहे, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से यह चलन देखा जा रहा है कि रमज़ान के महीने में इस्लामिक आतंकवादियों की हिंसा काफी बढ़ जाती है। मेरी नज़र में सबसे भयावह घटना तीन साल पहले बांग्लादेश में हुई थी, जब कुरान की आयतें न पढ़ पाने पर कई लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा दुनिया भर में अंजाम दी जा रही वारदात की क्रोनोलॉजी याद रखना बेहद मुश्किल है, क्योंकि आए दिन कहीं न कहीं वे बेगुनाह लोगों को मार रहे हैं। कुछ दिन पहले श्रीलंका में हुए धमाकों में सैकड़ों लोग मारे गए थे। बुधवार, 8 मई को फिर पाकिस्तान के लाहौर में एक सूफी दरगाह के बाहर धमाका हुआ है और कई लोग मारे गए हैं। कई लोगों को यह बात कड़वी लगेगी, लेकिन इस्लामिक आतंकवादी जब भी कहीं कोई धमाका करते हैं, हवाओं में ख़ुद इस्लाम के ही चीथड़े उड़ते हैं।...
वामपंथी रुदन

वामपंथी रुदन

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फेसबुक पर इन चुनावी दिनों में कई घोषित वामपंथियों (इनमें साहित्यकार, जिन्हें मैं साहित्यविकार कहता हूँ, और रिपोर्टर टाइप पत्रकार आदि शामिल हैं) का रुदन पढ़ रहा हूँ। सभी एक दूसरे को कॉपी पेस्ट किए जा रहे हैं। इसमें उन्हें महारत हासिल है। मौलिक लेखन की प्रतिभा तो कहीं दिखती नहीं है। इनके रुदन को पढ़िए। एक ही बात सभी लिखे जा रहे हैं। पिछले पाँच वर्ष में देश तथा समाज में अनाचार मच गया है। वे अकेले हो गए हैं, जीवन का सारा रस सूख गया है, प्रकृति के प्रति कोई प्रेम कहीं नहीं बचा है। संस्कृति नष्ट हो गई  है, नदी, हवा, पेड़-पौधे, सभी समाप्त हो रहे हैं। सभी लोग एक दूसरे से घृणा करने लगे हैं। इसका कारण एक ही है। एक ऐसा व्यक्ति सत्ता में बैठा है, जो सब रस सोखे ले रहा है, घृणा फैला रहा है, प्रकृति को नष्ट कर रहा है, सौन्दर्य को समाप्त कर रहा है, व्यक्तियों को अकेला कर रहा है। इस रुदन को पढ़ने से प...