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Is News Thievery by Journalists Legitimate?

Is News Thievery by Journalists Legitimate?

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Whether one would like to admit it or not, in recent times, all over the world, most of the  people have developed suspicions and misgivings about the neutrality of the journalists and their commitment to fair journalism. There is rapidly spreading view that media is a commercial activity with profit motive and news and views are products for sale. It is clearly evident that media is steadily going under the control of business houses and politicians and religious bodies , who often  have vested interests or business motives or both. In USA, it is clearly evident that a section of the media has deep prejudice against President Trump , often using vituperative language to  criticise  him and publishing motivated stories. During the last Presidential election, several leading newspapers a...
जरा कोई सुनवा दे चुनावी सभाओं में सारगर्भित भाषण

जरा कोई सुनवा दे चुनावी सभाओं में सारगर्भित भाषण

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बिगुल बज चुका है I चुनावी समर का शंखनाद हो चुका है I लोकसभा चुनावों कीतारीखों की घोषणा हो चुकी है। अब देश में चुनावी रैलियों, भाषणों, आरोपों-प्रत्यारोपों, दावों-प्रतिवादों वगैरह का दौर प्रारंभ हो जाएगा। चुनाव अभियान के दौरान कसकर कीचड़ उछलेगा, इसका अंदाजा तो मोटा-मोटी लग गया है।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार से संभावित उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने चुनावी दंगल की तस्वीर साफ कर दी है कि इस बार  चुनावी कैंपेन में भाषाई मर्यादाएं हर रोज तार-तार होती रहेंगी। कुछ नेता बदजुबानी करने से बाज नहीं आएंगे। वे अपने विरोधियों पर निशाना साधते वक्त गटर वाली सड़ी भाषा का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं रहेंगे। पहले बात कर लें श्रीमान कन्हैया कुमार की। जिस शख्स को जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी ने हाल में पी.एचडी की डिग्री से नवाजा है, वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपने भाषणों...
हिम तेंदुओं के संरक्षण में मदगार हो सकती है सामुदायिक भागीदारी

हिम तेंदुओं के संरक्षण में मदगार हो सकती है सामुदायिक भागीदारी

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हिम तेंदुओं के संरक्षण में स्थानीय समुदायों को शामिल करना और उनकी आजीविका सुनिश्चित करना एक बेहतर रणनीति हो सकती है। भारतीय शोधकर्ताओं के एक ताजा अध्ययन में यह बात उभरकर आयी है। हिम तेंदुओं के प्रमुख आवास स्थल लद्दाख में यह अध्ययन किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि स्थानीय लोगों को यदि इस जीव के संरक्षण के महत्व का अहसास दिलाया जाए और हिम तेंदुओं द्वारा पशुओं के शिकार से होने वाले नुकसान की भरपाई कर दी जाए, तो हिम तेंदुओं को बदले की भावना से मारने की घटनाओं पर लगाम लगायी जा सकती है।   हिम तेंदुए अल्पाइन पारिस्थितिकी तंत्र में पाए जाने वाले प्रमुख शिकारी जीव होते हैं। एशियाई जंगली बकरा आइबेक्स, पर्वतीय तिब्बती भेड़, लद्दाख की उरियल भेड़, चिरु मृग, तिब्बती बकरी ताकिन, सीरो बकरी और कस्तूरी मृग को बचाने के लिए हिम तेंदुए का संरक्षण महत्वपूर्ण हो सकता है। इन जानवरों की घटती आबादी और हि...
Issues Before Mediation Team on Ayodhya

Issues Before Mediation Team on Ayodhya

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The scope of mediation for the three member team appointed by the Supreme Court is limited. The mediation team headed by Justice F M I Kalifulla, (retired judge of the Supreme Court) along with with Sri Sri Ravishankar (Art of Living) and Sriram Panchu (Advocate) has to resolve the dispute between the Muslim bodies and the Hindu organisations over construction of the Ram Temple within the stipulated time frame of two months. One thing is certain that the talks would begin from the point that the temple would be built at the same spot where make shift Ram Temple under a canopy stands today in the dispute land measuring 2.77 acres. The temple site can’t and will not change or shifted from its present location. When I say that the scope of mediation or negotiation with the two parties in dis...
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का पुनर्वास व मुस्लिम घुसपैठ…

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का पुनर्वास व मुस्लिम घुसपैठ…

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आतंकियों का पुनर्वास➖ यह कितनी पक्षपातपूर्ण कुटिलता है कि पुनर्वास नीति के अंतर्गत 20-25 वर्षों से आतंकी बने हुए कश्मीरी जो पीओके व पाकिस्तान में शरण लिये हुए थे/हैं को धीरे-धीरे वापस ला कर पुनः कश्मीर में लाखों रुपये व नौकरियाँ देकर बसाया जा रहा है। ये आतंकी अपनी नई पाकिस्तानी पत्नी व बच्चों के साथ वापस आकर कश्मीर की मुस्लिम जनसँख्या और बढ़ा रहे हैं । इनको संपूर्ण नागरिक अधिकार व अन्य विशेषाधिकार मिल जाते हैं। मुख्यधारा में लाने के नाम पर इन कश्मीरी आतंकियों को हथियार छोड़ने पर उस हथियार के अनुसार अलग अलग राशि भी दी जाती है। फिर भी यह सुनिश्चित नही रहता कि ऐसे वापसी करने वाले आतंकी कब पुनः आतंक की दुनिया मे लौट जाएँगे ?  राष्ट्रीय सहारा में छपे 27 मार्च 2013  के  समाचार के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की विधान सभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि "जम्मू...
यकीन मानिए, आप भी आ सकते हैं परीक्षा में अव्वल

यकीन मानिए, आप भी आ सकते हैं परीक्षा में अव्वल

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अब देशभर के स्कूलों में इम्तिहानों का समय एक बार फिर शुरू हो गया है । 10 वीं और 2 वीं की बोर्ड की परीक्षाओं  में पूरी तैयारी के साथ देशभर में लाखों बच्चे भाग ले रहे हैं। इन परीक्षाओं के नतीजों से ही इन नौनिहालों के भविष्य का रास्ता साफ होगा। कुछ हफ्तों के बाद परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित होने लगेंगे। आप देखेंगे कि जैसे ही नतीजे घोषित होंगे बस तब ही अपने को करियर काउंसलर कहने वाले हजारों लोग सामने आ जाएंगे। ये दावा करेंगे कि अधिक अंक लेना या टॉपर बनना ही काफी नहीं है। ये परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों की उपलब्धियों को खारिज करते हुए आगे बढ़ेंगे। ये लेख लिखेंगे, खबरिया टीवी चैनलों में दिखाई देंगे। सब जगहों पर ये एक सा राग अलाप रहे होंगे। ये हरेक जगह पर कहते हुए मिलेंगे कि करियर में सफल होना या परीक्षाओं में बेहतरीन अंक लाने का कोई संबंध ही नहीं है। ये एक तरह से परीक्षाओं में शान...
Govt tells Supreme Court: Rafale files stolen from MoD

Govt tells Supreme Court: Rafale files stolen from MoD

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The government told the Supreme Court on Wednesday that documents related to the Rafale deal had been stolen from the ministry of defence and told that The Hindu newspaper with action under the Official Secrets Act for publishing articles based on them. The newspaper reacted saying that documents related to the Rafale deal were published in the public interest and nobody would get any information from The Hindu on the confidential sources who had provided them. Those who put documents on the Rafale deal in the public domain are guilty under the Official Secrets Act and had committed contempt of court, attorney-general K.K. Venugopal said before a three-judge bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi. An investigation into the theft is on, the attorney-general said on a day the newspape...
पौराणिक चतुरंगिणी एवं अक्षौहिणी सेना क्या थी ?

पौराणिक चतुरंगिणी एवं अक्षौहिणी सेना क्या थी ?

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    प्राचीन ग्रन्थों एवं पुराणों में पौराणिक चतुरंगिणी एवं अक्षौहिणी सेना का यत्र तत्र वर्णन प्राप्त होता है । श्रीमद्भागवत-महापुराण में प्रथम स्कंद के आठवें अध्याय में अक्षौहिणी सेना का उल्लेख किया गया है - आह राजा धर्मसुतश्चिन्तयन् सुहृदां वधम् । प्राकृतेनात्मना विप्राः स्नेहमोहवंश  गतः ।। अहो मे पश्यताज्ञानं ह्नदि रूढं़ दुरात्मनः । पारवयस्यैव देहस्य बहयों मेऽक्षैहिणीर्हताः ।। श्रीमद्भागवतमहापुराण  प्रथम स्कंन्ध अध्या.8-47-48 सूतजी शौनकादि ऋषियों से कहते है कि धर्मगुरू राजा युधिष्ठिर को अपने स्वजनों के वध से बहुत चिन्ता हुई । वे अविवेकयुक्त चित्त से स्नेह और मोह के वश में पड़कर कहने लगे - भला मुझ दुरात्मा के ह्नदय में बद्धमूल हुए इस अज्ञान को तो देखो मैंने सियार - कुत्तों के आहार इस अनात्मा शरीर के लिये अनेक अक्षौहिणी सेना का नाश कर डाला । पांडवों की सेना...
कांग्रेस के  क्रोनी कैपिटलिज्म का  कच्चा चिटठा

कांग्रेस के क्रोनी कैपिटलिज्म का कच्चा चिटठा

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  भारत के भ्रष्टतम खानदान के चश्मो चिराग राहुल गांधी की अब तक की राजनीतिक यात्रा दिखावे और नाटकीयता के अनेक चरणों की गवाह रही है। अकूत संपत्ति के मालिक राहुल गांधी ने अपने दादा स्वर्गीय फिरोज गांधी की तरह पायजामे कुर्ते को अपना मौलिक परिधान बनाया। वैसे शुरूआत जींस से हुई, लेकिन किसी सा यवादी की सलाह पर वो पायजामे की शरण में आ गए। हैलीकॉप्टरों में घूमने वाले राहुल ने इस ओढ़ी हुई फर्जी सादगी का बेहतरीन इस्तेमाल भी किया और नोटबंदी के दौरान तो एक बार दर्शकों को कुर्ते की फटी जेब दिखाकर ये अहसास दिलाने की कोशिश भी की कि वो तो वास्तव में कंगाल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का स्वागत महंगे सूट में किया तो राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उसे सूट-बूट की सरकार बताया और उसपर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया। लेकिन कपड़ों के माध्यम से...
हिन्दी भारत की अदालतों में भी प्रतिष्ठित हो

हिन्दी भारत की अदालतों में भी प्रतिष्ठित हो

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संयुक्त अरब अमीरात यानी दुबई और अबूधाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। इसका मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है। न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। अमीरात की जनसं या 90 लाख है। उसमें 26 लाख भारतीय हैं, इन भारतीयों में कई पढ़े-लिखे और धनाढ्य लोग भी हैं लेकिन ज्यादातर मजदूर और कम पढ़े-लिखे लोग हैं। इन लोगों के लिए अरबी और अंग्रेजी के सहारे न्याय पाना बड़ा मुश्किल होता है। इन्हें पता ही नहीं चलता कि अदालत में वकील क्या बहस कर रहे हैं और जजों ने जो फैसला दिया है, उसके तथ्य और तर्क क्या हैं? ज्वलंत प्रश्न है कि विदेशों में बसे भारतीयों की इस तकलीफ का ध्यान रखने का निर्णय लिया गया है तो भारत में ऐसे निर्णय क्यों ...