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भाजपा: हार और ये आरोपों की बारिश

भाजपा: हार और ये आरोपों की बारिश

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भाजपा की तीन राज्यों में करारी हार के बाद नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जैसे आरोपों की बारिश ही कर दी है। हो सकता है कुछ आरोप अतिरेक हो मगर मजेदार जरूर हैं - " एंटी इंकॉम्बेन्सी" व एक बार हार-एक बार जीत की परंपरा, अहंकारी होना, जमीन से कटना, जमीनी कार्यकर्ताओ की उपेक्षा , टिकटों का गलत बँटबारा व पैसे लेना, पार्टी का कांग्रेसीकरण, परिक्रमा करने वालों को आगे बढ़ाना व पराक्रम वाले कार्यकर्ताओं के लिए "यूज़ एन्ड थ्रो" की नीति रखना तो सामान्य है ही हिंदुत्व के एजेंडे से अलग होकर विकास व जाति की राजनीति में शीर्ष नेतृत्व का उलझ जाना अधिक प्रमुख हैं। पार्टी का अपने मूल एजेंडे से भटकाव, कश्मीर, अवैध बांग्लादेशी, समान नागरिक संहिता व राम मंदिर जैसे मुद्दों का समाधान न होना, निचले स्तर पर भ्रष्टाचार के साथ ही गैर भाजपाइयों को सरकारी पद व रेवड़ी बांटना भी है। भारत का भारतीयकरण न करना यानि पाश्चात्य सं...
State Poll Verdict unlikely to impact Lok Sabha Elections

State Poll Verdict unlikely to impact Lok Sabha Elections

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The verdict in the state assembly elections in three States of Madhya Pradesh, Rajasthan and Chhattisgarh that went against the BJP should not be taken as a negative sign for the BJP in the next year’s general elections to Lok Sabha. Contrary to opinions and comments being offered by political commentators, the BJP has reason to smile though it may sound bizarre when I use this word ‘smile’ when we have lost the elections in three States. One should not forget that 15 years of incumbency is something that is not easy to defend no matter how good work the government has done. In Delhi, Sheila Dixit who also did apperantly good work in Delhi was defeated after being in office for three terms at the hands of a dark horse like Aam Admi Party. Let’s analys the hard facts! CHHATTISGARH The po...
संदेह के घेरे में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा

संदेह के घेरे में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा

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रजनीश कपूर गत एक सप्ताह मेंं कई विचारवान लोगों तथा राजनीतिक दलों द्वारा केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के प्रमुख आलोक वर्मा को पाक साफ सिद्ध करने के लिए काफी कुछ कहा गया। दावा किया जा रहा है कि वर्मा ईमानदार अधिकारी हैं। किन्तु तथ्य इस दावे को झुठलाते हैं। 'कालचक्र’ के संपादक श्री विनीत नारायण ने कई टेलीविजन चैनलों पर आग्रहपूर्वक कहा है कि जेट एयरवेज घोटाले में हमारी शिकायत सीबीआई के पास अभी भी धूल फाक रही है, जबकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसका संज्ञान ले लिया है। यही नहीं, आरोप है कि एक बैंक घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई से जुड़े अपने एक सहयोगी को बचाने के लिए श्री वर्मा उस घपले की जांच को आगे नहीं बढऩे दे रहे हैं। 12 फरवरी, 2018 को भारतीय स्टेट बैंक वाराणसी के क्षेत्रीय प्रबंधक ने लखनउ स्थित सीबीआई के एसपी के समक्ष एक लिखित शिकायत (जिसकी प्रति कालचक्र के पास मौजूद है) दर्ज करायी, ज...
सबकी निगाहें संसद  के अंतिम सत्र पर

सबकी निगाहें संसद के अंतिम सत्र पर

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  सर्जना शर्मा ग्यारह दिसंबर से आरंभ हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कई मायनों में महत्वपूर्ण और निर्णायक होगा। हालांकि पहले दिन कोई काम नहीं होगा। भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार को श्रृद्धांजलि देने के साथ ही दिन भर की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। लेकिन ग्यारह दिसंबर का दिन शीतकालीन सत्र की दशा दिशा तय करेगा। पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आ जायेंगे। परिणाम किसके पक्ष में जाएगा इसी पर सत्ता और विपक्ष दोनों का रूख निर्भर करेगा। ये चुनाव बीजेपी बनाम सभी विपक्षी दल और मोदी बनाम समूचा विपक्ष है। यदि बीजेपी की विधानसभा चुनावों में यथास्थिति रहती है तो विपक्ष उतना हावी नहीं हो पाएगा। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकारें हैं। यदि बीजेपी यहां अपना आधार खो देती ह...
बढ़ती बीमारियों के लिए तंबाकू से अधिक जिम्मेदार है वायु प्रदूषण

बढ़ती बीमारियों के लिए तंबाकू से अधिक जिम्मेदार है वायु प्रदूषण

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भारतीय शोधकर्ताओं के एक ताजा अध्ययन में बीमारियों को बढ़ावा देने और असमय मौतों के लिए वायु प्रदूषण को तंबाकू उपभोग से भी अधिक जिम्मेदार पाया गया है। विश्व की 18 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है, जिसमें से 26 प्रतिशत लोग वायु प्रदूषण के कारण विभिन्न बीमारियों और मौत का असमय शिकार बन रहे हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज नामक वैश्विक पहल के अंतर्गत किए गए इस अध्ययन में देश के विभिन्न राज्यों में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों, बीमारियों के बढ़ते बोझ और कम होती जीवन प्रत्याशा का आकलन किया गया है। शोधकर्ताओं ने उपग्रह चित्रों और एयर मॉनिटरिंग स्टेशनों से वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़े प्राप्त किए हैं। इस अध्ययन के नतीजे शोध पत्रिका लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित किए गए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, वायु प्रदूषण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले न्यूनतम स्तर से कम हो तो भारत में औसत जीवन प्...
बिभा चौधरी – भारतीय भौतिक विज्ञान का एक गुमनाम सितारा

बिभा चौधरी – भारतीय भौतिक विज्ञान का एक गुमनाम सितारा

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भारत में कण भौतिकी का इतिहास होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई, एम.जी.के. मेनन जैसे वैज्ञानिकों और बंगलूरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान, मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) एवं अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) के कार्यों से जुड़े संदर्भों से भरा पड़ा है। लेकिन, भाभा और साराभाई के साथ काम कर चुकी बिभा चौधरी (1913-1991) के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। बिभा चौधरी ने नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकशास्त्री पी.एम.एस. ब्लैकेट के साथ भी काम किया था। ब्लैकेट स्वतंत्र भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की शुरुआत करने से संबंधित मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के सलाहकार थे। एम.जी.के मेनन के नेतृत्व में कोलार गोल्ड फील्ड (केजीएफ) में प्रोटॉन क्षय परीक्षण में भी चौधरी शामिल थीं। भौतिकी के क्षेत्र में अपने कई दशक लंबे करियर के दौरान चौधरी ने प्रतिष्ठ...
लद्दाख की पूगा घाटी में भू-तापीय ऊर्जा की सबसे अधिक संभावना

लद्दाख की पूगा घाटी में भू-तापीय ऊर्जा की सबसे अधिक संभावना

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भारत के कई क्षेत्रों को उनकी भू-तापीय ऊर्जा उत्पादन की संभावित क्षमता के कारण जाना जाता है। इन क्षेत्रों से जुड़े एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि लद्दाख की पूगा घाटी में स्थित भू-तापीय क्षेत्र ऊर्जा उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत हो सकता है। पिलानी स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के एक ताजा अध्ययन में यह बात उभरकर आयी है। शोधकर्ताओं ने लद्दाख की पूगा घाटी, जम्मू-कश्मीर के छूमथांग, हिमाचल प्रदेश के मणिकरण, छत्तीसगढ़ के तातापानी, महाराष्ट्र के उन्हावारे और उत्तरांचल के तपोबन जैसे भू-तापीय ऊर्जा से जुड़े आंकड़ों का नौ मापदंडों के आधार पर विश्लेषण किया है। इसी आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि पूगा घाटी के भू-तापीय क्षेत्र में ऊर्जा उत्पादन की सबसे अधिक क्षमता है। भारत में भू-तापीय ऊर्जा भंडारों के अध्ययन की शुरुआत वर्ष 1973 में हुई थी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और रा...
कौन करेगा काबू पागल भीड़ पर

कौन करेगा काबू पागल भीड़ पर

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बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा ने देशभर को स्तब्ध करके रख दिया हैI देश की राजधानी दिल्ली में भी कुछ ही समय के दौरान जानलेवा भीड़ ने दो लोगों को अलग-अलग घटनाओं में मार-मार का मौत के घाट उतार दिया। अभागे मृतकों पर छोटी-मोटी चोरी करने के आरोप थे। मारने वाले वहशी हो गए थे और उन्हें मृतकों की चीत्कार और आंसू भी रोक नहीं सके।किसी भी शख्स पर बेहिसाब लाठियों,घूंसों,लातों और हथियारों से वार करने वाले क्यों भूल जाते हैं कि अगर उन पर इस तरह के हमले हों तो उन पर क्या बीतेगी? पर, इधर कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने चार तंजानियाई और दो नाइजीरियाई नागरिकों को भीड़ के हाथों लगभग मारे जाने से बचाया भी था । दिल्ली में रहने वाले इन अफ्रीकी नागरिकों पर यह आरोप लगा जा रहा था कि उन्होंने एक बच्चे का अपहरण कर लिया है। दरअसल द्वारिका पुलिस स्टेशन  में फोन आया कि कुछ अफ्रीकी नागरिकों की एक बच्चे के अपहरण करने के आरोप म...
Pakistan: Leopards Don’t Change Their Spots

Pakistan: Leopards Don’t Change Their Spots

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There is saying in English ‘leopards don’t change their spots’. If any one believes that by opening the Kartarpur Sahib Corridor, Pakistan has opened the door for better ties with India, he is far removed from reality of the situation in the South East Asia. Not only India the target of Pakistan also includes Afghanistan. Kartarpur diplomacy should be viewed with Islamabad’s evil design on our border state of Punjab. Though it must be said that the opening of the corridor is a good cause for celebrations amongst our Sikh brothers and sisters who view this historic  Gurudwara from the Indian side of the border from distance to have ‘darshan’ and pay obeisance to the Shrine. For it was here that Gurunanak Debji had assembled the Sikhs in 16th century and it was here that he went for his hea...
क्यों मैंनेजमेंट-मुलाजिम हो गए एक-दूसरे से दूर?

क्यों मैंनेजमेंट-मुलाजिम हो गए एक-दूसरे से दूर?

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यह तो दिवाली के अगले दिन की ही बात है जब दिल्ली से सटे औद्योगिक क्षेत्र फरीदाबाद में एक नामी गिरामी कंपनी के एचआर विभाग के प्रमुख की उनकी कंपनी से ही कुछ समय पहले नौकरी से बर्खास्त किए गए एक मुलाजिम ने उन्हीं के दफ्तर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्यारा नौकरी से निकाले जाने के बाद से ही एचआर प्रमुख को खुलेआम धमकी भी दे रहा था। उधर,नोएडा की एक चीनी कंपनी से जुड़े कर्मियों ने नौकरी से एक झटके में निकाले जाने के बाद तगड़ा बवाल काटा। उन्होंने अपने ही दफ्तर पर पत्थर भी फेंके। इनका कहना था कि इन्हें बिना किसी नोटिस दिए नौकरी से निकाल दिया गया है। यह घटना भी विगत नवंबर महीने की है। ये दोनों घटनाएं अपने आप में अपवाद की श्रेणी में नहीं आती हैं। हमारे देश में इस तरह की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि प्रबंधन और कर्मियों के रिश्तों में कटुता बढ़ती ही चली जा रही है।...