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अरुण तिवारी की दो नई पुस्तकें

अरुण तिवारी की दो नई पुस्तकें

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स्वामी सानंद का आत्मकथ्य : लेखक - अरुण तिवारी, प्रकाशक - पानी पोस्ट, कुल पृष्ठ - 156, सहयोग राशि - रुपये 170/- डाक खर्च अतिरिक्त।   भारतीय संस्कृति में नदी - विज्ञान व व्यवहार : लेखक अरुण तिवारी, प्रकाशक - पानी पोस्ट, कुल पृष्ठ - 52, सहयोग राशि - रुपये 70/- डाक खर्च अतिरिक्त। पुस्तकें प्राप्त करने सम्बन्धी विवरण की जानकारी लिए कृपया दिए गए लिंक पर क्लिक करें  https://www.instamojo.com/paypanipost/ ......................................................................................................................................................... पुस्तक 01 स्वामी सानंद का आत्मकथ्य यह पुस्तक स्वामी श्री सानंद से बातचीत पर आधारित है। इस बातचीत को पढ़कर आप समझ सकेंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बांध निर्माण की कई परियोजनाओं में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहा एक इंजीनियर,...
किसानों को गुमराह करने का षड़यंत्र क्यों?

किसानों को गुमराह करने का षड़यंत्र क्यों?

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राजधानी की सड़कें एक बार फिर देशभर से आए किसानों के नारों से गूंजती रहीं। लेकिन प्रश्न यह है कि विभिन्न राजनीतिक दलों, कृषक समूहों और समाजसेवी संगठनों की पहल पर दिल्ली आए किसानों को एकत्र करने का मकसद अपनी राजनीति चमकाना है या ईमानदारी से किसानों के दर्द को दूर करना? यह ठीक नहीं कि राजनीतिक-सामाजिक संगठन अपने हितों की पूर्ति के लिए किसानों का इस्तेमाल करें। किसान देश का असली निर्माता है, वह केवल खेती ही नहीं करता, बल्कि अपने तप से एक उन्नत राष्ट्र की सभ्यता एवं संस्कृति को भी रचता है, तभी ‘जय जवान जय किसान’ का उद्घोष दिया गया है। राष्ट्र की इस बुनियाद के दर्द पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्ज माफी और फसलों के उचित दाम के अलावा उनकी एक प्रमुख मांग किसानों के मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाना भी है। इसके लिए उन्होंने देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पैदल मार्च भी किया। कथित किसान हितैषी नेता...
पंजाब में आत्मघाती राहुल सिद्धू नीति

पंजाब में आत्मघाती राहुल सिद्धू नीति

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ताज़ा समाचार ये है कि पंजाब की राजनीति में घमासान मचा है । 10 से ज़्यादा मंत्रियों ने अपने CM और राज्य इकाई से मांग की है कि सिद्धू को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए । 2017 के पंजाब विस् चुनाव से पहले , जब कि AAP अपने उफान पे थी , और कांग्रेस डवांडोल , तो Capt अमरेंद्र सिंह ने अपनी हाइ कमान से कह दिया था , या तो हमको नेता घोषित करो नही तो हम अलग पाल्टी बनाऊंगा और भाजपा के साथ गठबंधन करूंगा । हाई कमान के पास कोई चारा ही न था । उसने घुटने टेक दिए । कैप्टन साहब ने मनमाना टिकट बाँटा और पूरे चुनाव अभियान में राहुल G को पंजाब में घुसने न दिया । एक तरह से देखा जाए तो पंजाब की कांग्रेस अमरेंद्र सिंह Congress बन चुकी थी । पिछले हफ्ते सिद्धू Capt अमरेंद्र सिंह के मना करने के बावजूद पाकिस्तान गए । भारत सरकार और खुद पंजाब सरकार की अवहेलना कर पाकिस्तान गए । वहां के एक खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह ...
प्रकृति एवं पर्यावरण की उपेक्षा क्यों?

प्रकृति एवं पर्यावरण की उपेक्षा क्यों?

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विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस प्रति वर्ष पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगों को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए २६ नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। पिछले करीब तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण से जुडी हुई है। इसके संतुलन एवं संरक्षण के सन्दर्भ में पूरा विश्व चिन्तित है। पर्यावरण चिन्ता की घनघोर निराशाओं के बीच एक बड़ा प्रश्न है कि कहां खो गया वह आदमी जो स्वयं को कटवाकर भी वृक्षों को काटने से रोकता था? गोचरभूमि का एक टुकड़ा भी किसी को हथियाने नहीं देता था। जिसके लिये जल की एक बूंद भी जीवन जितनी कीमती थी। कत्लखानों में कटती गायों की निरीह आहें जिसे बेचैन कर देती थी। जो वन्य पशु-पक्षियों को खदेड़कर अपनी बस्तियां बनाने का बौना स्वार्थ नहीं...
सोनिया के अस्तित्व को नकारती कांग्रेस

सोनिया के अस्तित्व को नकारती कांग्रेस

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अंग्रेजी में एक कहावत है "नो योरसेल्फ एंड बी योरसेल्फ" यानी खुद को जानो और फिर वैसा ही आचरण करो। शायद इसी वाक्य से प्रेरित होकर, लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी खुद को जानने की एक अनंत यात्रा पर निकले हैं। वे अपनी स्वयं की ही खोज में निकले हैं। चूंकि यह कोई छोटा विषय तो है नहीं, इसलिए हर महत्वपूर्ण कार्य की ही तरह इस कार्य को भी वो केवल विशेष मुहूर्तों में ही करते हैं। जी हाँ "मुहूर्त", अर्थात किसी कार्य की सिद्धि या फिर उसमें सफलता प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय। अगर कार्य का उद्देश्य आध्यत्मिक फल की प्राप्ती होता है तो यह मुहूर्त सनातन धर्म के पंडित से निकलवाया जाता है। लेकिन अगर कार्य का उद्देश्य राजनैतिक फल की प्राप्ति होता है तो इसका मुहूर्त राजनैतिक पंडित निकलते हैं। जिस प्रकार हिन्दू धर्म के पंडित पंचांग से तिथियाँ देखकर सर्वश्रेष्ठ तारीख बताते हैं, उसी प्रकार राजनीति के व...
भाजपा की नयी सोच का नया सफर

भाजपा की नयी सोच का नया सफर

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यह समय पांच राज्यों में चुनाव का समय है जो हमें थोड़ा ठहरकर अपने बीते दिनों के आकलन और आने वाले दिनों की तैयारी का अवसर देता है। एक व्यक्ति की तरह एक समाज, एक राष्ट्र के जीवन में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इन पांच राज्यों के चुनाव का वर्तमान एवं लोकसभा चुनाव की दस्तक जहां केन्द्र एवं विभिन्न राज्यों में भाजपा को समीक्षा के लिए तत्पर कर रही है, वही एक नया धरातल तैयार करने का सन्देश भी दे रही है। इन पांच राज्यों में चुनाव परिणाम क्या होंगे, इसका पता 11 दिसम्बर को लगेगा। भाजपा के लिये यह अवसर जहां अतीत को खंगालने का अवसर है, वहीं भविष्य के लिए नये संकल्प बुनने का भी अवसर है। उसे यह देखना है कि बीता हुआ दौर उसे क्या संदेश देकर जा रहा है और उस संदेश का क्या सबब है। जो अच्छी घटनाएं बीते साढे़ चार साल के नरेन्द्र मोदी शासन में हुई हैं उनमें एक महत्वपूर्ण बात यह कही जा सकती है कि भ्रष्टाचार के...
करतारपुर की आड़ में पाक का नापाक खेल 

करतारपुर की आड़ में पाक का नापाक खेल 

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अब पाकिस्तान कर रहा है सार्क सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  को आमंत्रित। मज़े की बात यह है उसे यह सब करते हुए शर्म भी नहीं आ रही। इसे कहते हैं बेशर्मी की हद! आतंकवाद की फैक्ट्री बन चुके पाकिस्तान को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कायदे से समझा दिया कि करतारपुर कॉरिडोर के खोले जाने का यह कतई अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारत अपने पड़ोसी से बातचीत करने के लिए तैयार है। भारत तो तब ही उससे वार्ता के लिए राजी होगा जब वहां पर आतंकवादी संगठनों का सफाया कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी को पाकिस्तान यात्रा का न्योता देने वाला पाकिस्तान शायद भूल गया जब उसने गृहमंत्री राजनाथ सिंह का सन 2016 में इस्लामाबाद में सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में ठंडा स्वागत किया था। अपनी वाकपटुता के लिए विख्यात राजनाथ सिंह ने भी वहां पर इशारों ही इशारों में मेजबान पाकिस...
राजनीति : कौन आगे, कौन पीछे

राजनीति : कौन आगे, कौन पीछे

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पांच राज्यों के चुनाव व लोकसभा चुनावों की आहट के बीच राजनीति नए उफान पर है। अंतत: भाजपा जाति की राजनीति की उलझनों से निकल हिंदुत्व की राजनीति पर आ ही गयी। मगर इस बदलाव में एक बड़ा उलटफेर हो गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जगह हिंदुत्व का नया चेहरा बन गए। अब मोदी पिछड़ों व दलितों के नेता हैं और विकास की राजनीति के पश्चिमी मॉडल के बड़े एजेंट, तो योगी प्रखर हिंदुत्व की मशाल को अयोध्या से उठाकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व राजस्थान में सुलगा चुके हैं। 15 वर्षों से सत्तारूढ़ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जो 'एंटी इनकंबेंसी’ फेक्टर से जूझ रहे हैं, के लिए योगी आदित्यनाथ, मोदी से बड़ा सहारा बन चुके हैं। यूं तो छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी-मायावती गठजोड़ खड़ा कराकर अमित शाह व रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के चुनावों को त्रिकोणी...
Seaplanes on Ganga

Seaplanes on Ganga

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Surface Transport Minister Shri Nitin Gadkari has said that 10,000 seaplanes will be purchased by India in the coming times. He has also said that he will land on Ganga in Varanasi in a seaplane when he comes next. It may be a good step taken by the BJP Government but the Congress President Shri Rahul Gandhi Said that the “visit of Prime Minister to Ahmedabad’s Sabarmati river by seaplane is not an adventure but only distraction” at the time of Gujarat Elections. Sea Planes| Outdated| Dangerous|Not Successful|Failures The seaplanes were being used before the Second World War since then mostly land based air planes are being used. The reasons for not using seaplanes are as follows: Seaplanes require very quiet water in order to be able to land. Often the winds create waves in water a...
Failed Move in Srinagar

Failed Move in Srinagar

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The failed move by PDP, National Conference and Congress to form government in Srinagar was a desperate but clever ploy to force early dissolution of the state assembly. On the face of it, all the three political parties came out with strong statement blaming the Governor and the Centre for preventing them to form government when they had more than the  number required for majority in the House. The bare majority mark is of 44 MLAs to form government. Against this the combined strength of the MLAs belonging to the PDP, the National Conference and the Congress was 56. Mehbooba Mufti, former chief minister and President of the PDP later said in a statement that by dissolving the House “the Center has stolen our mandate”. Had the political parties who joined hands were serious to provide a ...