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विश्लेषण

बाहुबली

बाहुबली

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करन जौहर ने राजमौली के साथ सेल्फी शेयर करते हुए उनको वर्तमान का महान निर्देशक मान लिया हैं..रामगोपाल वर्मा ने तो हाथ ही खड़े कर दिए हैं..आमिर,सलमान,शाहरुख के होश फाख्ता हैं कि ये सब क्या हो रहा भाई ? न ईद न दीवाली, न होली न क्रिसमस..आईपीएल के बुखार में डूबता-उतराता भारत आज बाहुबली देखने के लिए क्यों मरा जा रहा..? यहाँ तो अपनी एक फिल्म हिट कराने के लिए क्या-क्या नहीं प्रोपगेंडा करना पड़ता है...प्रमोशन से लेकर पीआर पर करोड़ों रुपया खर्च कर देना पड़ता है.. लेकिन जनता आज तक इस कदर कभी पागल न हुई..थियेटर का माहौल कभी ऐसा नहीं हुआ..आज थिएयर का माहौल ऐसा लग रहा मानों हाउसफूल इडेन गार्डन में सचिन पाकिस्तान के खिलाफ क्रीज पर डटें हों..चिल्लाती भीड़ के बीच आखिरी ओवर में बारह रन बनाना हो.या फिर दुबई क्रिकेट स्टेडियम में नरेंद्र मोदी आज अप्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करने वाले हों.. ये माहौल देखकर बड़े-बड़े...
महिला-माओवादियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद गुप्तांगों का काटा जाना (पोस्ट केवल बस्तर के संदर्भ में) :

महिला-माओवादियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद गुप्तांगों का काटा जाना (पोस्ट केवल बस्तर के संदर्भ में) :

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
जिन गतिविधियों को आप क्रांति के प्रति अपनी रूमानियत के तहत, आदिवासियों की प्रतिक्रिया समझते हुए माओवादियों के समर्थक बनते हैं वह माओवादियों के लिए विशुद्ध रूप से युद्ध की रणनीति होती है। --- मेरी व आपकी असहमति - आप मानते हैं कि महिला माओवादियों ने बदले की कार्यवाही के लिए सिपाहियों के गुप्तांग काटे। मैं कहता हूं कि यह माओवादियों की युद्ध रणनीति है, जनदबाव विकसित करने की। गुप्तांग जानबूझकर काटे गए ताकि आप यह गुणा-गणित लगाते रहें कि यह बदले की कार्यवाही है। आपकी सहानुभूति प्राप्त हो, साथ ही आपके दिलोदिमाग में यह बैठ जाए कि सुरक्षा बल आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं। जिसने कई दशक तक भ्रष्टाचार करते हुए ग्रांट पाते हुए NGO चलाई हो, आदिवासी क्षेत्रों में विकास के नाम पर वर्षों तक करोड़ों रुपए की ग्राँट पाई हो। आप उसे आदिवासी मुद्दों को समझने के लिए अपनी समझ व तथ्यों का स्रोत मानते...
सुकमा की शहादत का मुंहतोड़ जबाव हो

सुकमा की शहादत का मुंहतोड़ जबाव हो

BREAKING NEWS, विश्लेषण
  - ललित गर्ग - छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में नक्सलवादियों ने 26 सीआरपीएफ जवानों की नृशंस हत्या करके करोड़ों देशवासियों को आहत किया है। इस प्रकार की अमानवीय एवं नृशंस हत्या ने हर बार की तरह अनेक सवाल पैदा किये हैं। मुख्य सवाल तो यही है कि क्या हमारे सुरक्षाकर्मियों की जान इतनी सस्ती है कि उन्हें इस तरह बार-बार नक्सलियों से जूझना पड़ता है? क्यों अपनी जान देनी पड़ती है? बार-बार सरकार का यह कहना कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी, तो फिर हम कब इस शहादत का मुंह तोड़ जबाव देंगे? पुरानी घटना के घाव सूखते नहीं कि एक और वीभत्स एवं नृश्ंास कांड सामने आ जाता है। आखिर कब नक्सलियों की इन चुनौतियों का जबाव देने में हम सक्षम होंगे? क्या हो गया है हमारे देश को? कभी कश्मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्तर में सशस्त्र विद्रोह और मध्य भारत में नक्सलवाद। लहूलुहान हो चुके इस देश के लोगों के दिल और दिमाग में बार-बार क...
Appreciable step of UP government in abolishing holidays of birth and death anniversaries of leaders: Central government should abolish holidays on Gandhi and Ambedkar Jayantis

Appreciable step of UP government in abolishing holidays of birth and death anniversaries of leaders: Central government should abolish holidays on Gandhi and Ambedkar Jayantis

BREAKING NEWS, विश्लेषण
UP government led by Yogi Adityanath deserves all compliments for taking a bold step to abolish fifteen holidays relating to birth and death anniversaries of certain people in the state. These holidays were started by earlier BSP and SP governments just for appeasing certain sections of people. But still there is scope for curtailing more such holidays in a state where culture of ever-mushrooming holidays just for vote-bank politics ruined work-culture. Logic given by UP government that extra time should rather be spent on such abolished holidays to educate great work of these eminent personalities honoured through now abolished holidays, needs to be adopted by central government.   Retaining Gandhi Jayanti in list of compulsory holidays, is against ideals of Father of the Natio...
दलाई लामा पर चीन की चिढ़न

दलाई लामा पर चीन की चिढ़न

विश्लेषण
दलाई लामा की तवांग-यात्रा पर चीन की चिढ़न समझ के परे है। यह उनकी छठी तवांग-यात्रा है। चीन ने पहले भी शोर मचाया है लेकिन इस बार उसकी सरकार तो सरकार, उसके भारत स्थित राजनयिक, उसके प्रोफेसरगण और उसके कई महत्वपूर्ण अखबार मानो एक साथ भारत-विरोधी समूह-गान में जुटे हुए हैं। वे भारत के अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग को ‘दक्षिणी तिब्बत’ कहते हैं और उसे चीन का हिस्सा मानते हैं, क्योंकि तिब्बत चीन का हिस्सा है। तिब्बतियों के लिए तवांग एक तीर्थ की तरह है। तवांग में 1681 में पोटाला महल की तरह एक मठ-धाम बनाया गया था। छठे दलाई लामा यहीं पैदा हुए थे। वर्तमान 14 वें दलाई लामा भी तवांग के गेलुग्पा संप्रदाय के ही हैं। दलाई लामा तवांग जाएं और धार्मिक गतिविधियों में शामिल हों, यह स्वाभाविक ही है लेकिन इसे चीन-विरोधी कार्रवाई क्यों कहा जा रहा है? वह इतना बौखलाया हुआ क्यों है कि उसने पेइचिंग स्थित हमारे राजदूत को...
राजौरी गार्डन उप-चुनाव में किसकी हार

राजौरी गार्डन उप-चुनाव में किसकी हार

addtop, राज्य, विश्लेषण
गत सप्ताह यूं तो अनेक राज्यों में हुए विधान सभा के उप चुनावों के परिणाम आए किन्तु, राजधानी दिल्ली के राजौरी गार्डन विधान सभा क्षेत्र के उपचुनाव का परिणाम अपने आप में अप्रत्याशित तथा मतदाता की दूरगामी सोच को दर्शाता है। यह परिणाम एक दृष्टि से न तो भाजपा की जीत है और ही कांग्रेस या आम आदमी पार्टी की हार। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता की प्रेस वार्ता में, उसके ऊपर सरे-आम जूता फैंककर, पत्रकार से राजनेता बने, पूर्व विधायक जरनैल सिंह द्वारा राजौरी गार्डन की जनता का तिरस्कार किया जाना भी इस हार का कारण नहीं माना जा सकता है। हालांकि, जनता को धोखा व इस सीट को तिलांजलि देकर वे पंजाब में चुनाव लड़ने चले गए थे। राजौरी गार्डन क्षेत्र वैसे पंजाबी बाहुल्य क्षेत्र है और पंजाब चुनाव की सभी विद्याओं का प्रयोग इस चुनाव के दौरान भी इस खास समुदाय के लोगों को रिझाने हेतु किया गया। किन्तु चतुर सुजान जागरूक मतदाताओं...
How Indian Doctors Loot Patients By: Prof. B. M. Hegde

How Indian Doctors Loot Patients By: Prof. B. M. Hegde

राष्ट्रीय, विश्लेषण
Most of these observations are either completely or partially true. Corruption has many names, and one of civil society isn't innocent either.Professionals and businessmen of various sorts indulge in unscrupulous practices. I recently had a chat with some doctors, surgeons and owners of nursing homes about the tricks of their trade.Here is what they said1) 40-60% kickbacks for lab tests.When a doctor (whether familydoctor / general physician, consultant or surgeon) prescribes tests -pathology, radiology, X-rays, MRIs etc. - the laboratory conducting those tests gives commissions. In South and Central Mumbai -- 40%. In the suburb snorth of Bandra -- a whopping 60 per cent! He probably earns a lot more in this way than the consulting fees that you pay.2) 30-40% for referring to consultants, ...
The collapse of education is the collapse of the Nation

The collapse of education is the collapse of the Nation

विश्लेषण
One of the University lecturers wrote an expressive message to his students at the doctorate, masters and bachelors level and placed it at the college entrance in the university in south Africa. And this is the message;*"Collapsing any Nation does not require use of Atomic bombs or the use of Long range missiles. But it requires lowering the quality of Education and allowing cheating in the exams by the students".*The patient dies in the hands of the doctor who passed his exams through cheating.And the buildings collapse in the hands of an engineer who passed his exams through cheating.And the money is lost in the hands of an accountant who passed his exams through cheating.And humanity dies in the hands of a religious scholar who passed his exams through cheating.And justice is lost in th...
सही मायने में आज डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जरुरत है

सही मायने में आज डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जरुरत है

विश्लेषण, सामाजिक
  बोधिसत्त्व बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने महाराष्ट्र के नागपुर शहर में अशोक विजयदशमी के दिन 14 अक्टूबर, 1956 को अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी. यह दुनिया के इतिहास में एक प्रकार की शानदार रक्तहीन क्रान्ति ही थी, क्योंकि दुनिया में आज तक कभी कोई ऐसा उदाहरण नहीं मिलता है कि जहां आठ लाख लोग बिना किसी लोभ-लालच या भय के अपने नारकीय धर्म को त्यागकर किसी दूसरे धर्म में चले जाएँ. यह बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के जुझारू एवं करिश्माई व्यक्तित्व का ही आकर्षण था कि उनकी एक अपील पर, उनके लाखों अनुयायी बौद्ध हो गए थे. जबकि वे लाखों लोग बौद्ध धम्म और उसके दर्शन को दूर-दूर तक जानते भी नहीं थे, गौतम बुद्ध कौन हैं, उनके माता-पिता कौन थे, वे कहाँ के रहने वाले थे? बौद्ध धम्म के धार्मिक ग्रन्थ कौन से हैं? बौद्ध धम्म में कौन-कौन से अनुष्ठान और पर्व मनाये जाते हैं? बौद्ध धम्म क...
HIDDEN MEANING IN MASS MUSLIM MADNESS

HIDDEN MEANING IN MASS MUSLIM MADNESS

TOP STORIES, विश्लेषण
Throughout history one side has invaded the other for LAND, GOLD and/or WOMEN. Those who increase their numbers rapidly by having multi wives and vastly large number of children will soon find their populations “bursting at the seams”. Muslims have had the ambition of “subjugating” the world since the time of Mohammed who encouraged very HIGH birth rate to boost the strength of his armies. He not only allowed them up to FOUR wives each but also encouraged his fighters to distribute the women of the slain Christians, Jews and Infidels among them! This is exactly what the Isil (Islamic State) are doing in Irak and Syria today! However, unlike the previous centuries when the invaders could conquer country after country in one mighty push, today the Muslims are forced to think of other (unco...