
चाय बागान के दुश्मन कीटों के विरुद्ध नया जैविक अस्त्र
चाय बागानों में कीटों का प्रकोप एक बड़ी चुनौती है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ता है। कीटनाशकोंके छिड़काव से कीटों के प्रकोप को कुछ हद नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन रसायनों के संपर्क में आने से चाय की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण कई चाय बागानों में कीटनाशकों का समय पर उपयोगनहीं किया जा सका, जिसके कारण प्रमुख चाय कंपनियों को कीटों के प्रकोप सेलगभग 20 से 25 प्रतिशत फसल का नुकसान उठाना पड़ा था।असम के जोरहाट में स्थित टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने चाय बागानों को नुकसान पहुँचाने वाले उन कीटों के खिलाफ जैविक प्रहार की रणनीति तैयार की है, जो चाय की सबसे अच्छी मानी जाने वाली टहनियों को खाने के लिएजाना जाते हैं। चाय पर दुनिया के सबसे पुराने शोध केंद्रों में शुमार टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान ने हाल ही में संस्थान के प्रायोगिक उद्यानो...