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विश्लेषण

Came across this well written article. It needs to be given wide circulation.

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विश्लेषण
"Our Answers Have Changed – the root cause of liberal & international angst against India" By Kishore Asthana In 1942, Albert Einstein was teaching at Oxford and he gave his senior students an examination.Later, when his assistant asked him why he had given exactly the same examination as he had given last year, Einstein said,“The answers have changed.” The present anti Hindu rhetoric that we see in the world press and in some of our own ‘liberals’ brings to mind the above.During the Mogul rule when someone asked the Hindus, “Look, they have killed ten thousand Hindus, what are you going to do about it?”the answer was usually a despondent shrug.When someone asked them, “Will you convert to Islam”? Some said ‘yes’ and some others chose to die. During British rule, when some...
हुक्का बार की आड़ में अपराध

हुक्का बार की आड़ में अपराध

विश्लेषण
डॉ. शंकर सुवन सिंहहीनता दरिद्रता को जन्म देती है और दरिद्रता अपराध को। हीन भावनाओं से ग्रसित व्यक्ति कभी आनंदित नहीं हो सकता।आत्मीयता आनंद की जननी है। आत्मीय सुख ही असली आनंद देता है। अकेलापन ही आनंद देता है। भीड़ भ्रमित करती है।आनंद का सम्बन्ध भीड़ से नहीं है। अकेलापन व्यक्ति के आत्म साक्षात्कार का स्रोत है। आत्म साक्षात्कार ही हमको प्रकृति सेजोड़ती है। हवा पानी आकाश पृथ्वी और अग्नि हमको जीवन देती हैं जो कि प्रकृति का हिस्सा हैं। इन्ही पांच तत्वों से मिलकरशरीर भी बना है। यही जीवन दायनी तत्व हमको असली आंनद देते हैं। प्रकृति से प्रेम स्व की अनुभूति कराता है। स्व कीअनुभूति ही सुख प्रदान करती है। भौतिक वस्तुओं की अनुभूति दुःख प्रदान करती है। अपराध में व्यक्ति स्वत: को भूल जाता है।नशा सारे अपराध की जड़ है। नशा व्यक्ति को अनियंत्रित करता है। आनंद व्यक्ति को नियंत्रित करता है। हुक्का बार नशा कोबढ़ाव...
श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग-राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर एक और श्रद्धा हत्याकांड जैसा त्रासद, अमानवीय एवं खौफनाक मामला सामने आया है। दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में एक युवती निक्की यादव की उसी के प्रेमी साहिल गहलोत द्वारा हत्या कर उसका शव ढाबे के फ्रिज में छुपाने के मामले ने रोंगटे खड़े कर दिये, रूह को कंपा दिया। समाज में बढ़ती हिंसक वृत्ति, क्रूरता एवं संवेदनहीनता से केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि हर इंसान खौफ में है। मानवीय संबंधों में जिस तरह से महिलाओं की निर्मम हत्याएं हो रही हैं उसे लेकर बहुत सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं। विडंबना यह है कि समाज का दायरा जैसे-जैसे उदार एवं आधुनिक होता जा रहा है, जड़ताओं को तोड़ कर युवा वर्ग नई एवं स्वच्छन्द दुनिया में अलग-अलग तरीके से जी रहा है, संबंधों के नए आयाम खुल रहे हैं, उसी में कई बार कुछ युवक अपने लिए बेलगाम जीवन सुविधाओं को अपना हक समझ कर ऐसी हिंसक एवं अमानवीय घटनाओ...
जानकार बनें और सुरक्षित रहें

जानकार बनें और सुरक्षित रहें

TOP STORIES, घोटाला, विश्लेषण
*रजनीश कपूरसाइबर अपराधों में लिप्त अपराधी हर दिन नये-नये ढंग से अपने शिकारों को फँसाने के तरीक़े खोजते रहते हैं। यदिआप जागरूक हैं तो आप इनके जाल में फँसने से बच सकते हैं। यदि आप घबराहट में कुछ ऐसा-वैसा कर बैठते हैं तोआप इनके जाल में आसानी फँस सकते हैं। आज इस कॉलम में एक ऐसे ही शिकार के बारे में बात करेंगे जो इनसाइबर अपराधियों के जाल में फँसते-फँसते बचा।पिछले सप्ताह मुझे मेरे मित्र विभव का घबराहट में फ़ोन आया। उसकी घबराहट का कारण एक सीबीआईअधिकारी का उसे फ़ोन पर धमकाना था। उसने मुझे फ़ोन पर अपनी जो परेशानी बताई तो पहले तो मुझे हंसी आईफिर मैंने ख़ुद को उसकी जगह में सोच कर उसे क़ानून के कुछ अहम पहलू बताए। मेरी सलाह सुन विभव शांत हुआऔर अपने काम में जुट गया। परंतु जो कुछ उसके साथ दो दिनों में हुआ वो आपके साथ साझा करना आवश्यक है ।उगाही के इस ढंग को यदि आप जान लेंगे तो शायद आप भी इन जालसाज़ों का ...

आम चुनाव के पहले इस सवाल का जवाब चाहिए?

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, समाचार
प्याज़ की परतों की तरह अदाणी मामले से उतरती परतें साफ़ कर रही हैं कि केंद्र या राज्य स्तर की कोई भी सरकार और न ही कोई नियामक यह दावा कर सकता है कि वह कारोबार और राजनीति के गठजोड़ के मामलों में पूरी तरह परहेज बरतता है।कांग्रेस, राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)के कुछ धड़े यह सोच रहे थे कि राजनीतिक दृष्टि से उनके हाथ एक सही मुद्दा लगा है, लेकिन वास्तव में वे विरोध करने की स्थिति में नहीं है। अभी तक राजनीतिक विचारधारा के आधार पर ही अदाणी मामले को लेकर अलग-अलग लोगों में गुस्सा, खुशी, व्याकुलता और शर्मिंदगी जैसे अलग-अलग भाव देखने को मिले। “देश प्रथम” जैसा भाव कहीं भी देखने को नज़र नहीं आया। सबसे पहले कांग्रेस, देश की सबसे पुरानी पार्टी और राहुल गांधी समझते थे एक सहज मुद्दा मिल गया जिसके आधार पर वे अपनी छवि को मजबूत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह मुद्दा सं...
Christian—Tribal Conflict Has Old Fault Lines

Christian—Tribal Conflict Has Old Fault Lines

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
By Balbir Punj Even as the vexed issue of conversions, from one faith to another, is being argued in the Indian law courts, it continues to leave behind a bloody trail, as Mahatma Gandhi had warned on numerous occasions. The new year started on a violent note in Narayanpur in Chhattisgarh. On January 2, unrest simmering for months in the area, imploded. Local tribals and recent converts to Christianity were arraigned against each other. Each side is accusing the other, of orchestrating violence. The conflict is not a sudden development. In a note in July 2021, the Sukma superintendent of police Sunil Sharma first flagged the possibility of conflict. “Christian missionaries and converted tribes are reaching the interiors of the district and are luring local tribals. We cannot deny...
क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से?

क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
डॉ वेद प्रताप वैदिक (भारत सरकार के पशु-कल्याण बोर्ड ने पहले घोषणा की कि ‘वेलेंटाइन डे’ को ‘गाय को गले लगाओ दिवस’ के तौर पर मनाया जाए। जब उसकी इस घोषणा की जबर्दस्त मजाक उड़ी तो उसने इसे वापस ले लिया। ‘वेलेंटाइन डे’ पर लिखा गया, देश के प्रसिद्ध विचारक डाॅ. वैदिक का यह ऐतिहासिक लेख पाठकों की सेवा में प्रस्तुत है।) सेंट वेलेन्टाइन डे' का विरोध अगर इसलिए किया जाता है कि वह प्रेम-दिवस है तो इससे बढ़कर अभारतीयता क्या हो सकती है? प्रेम का, यौन का, काम का जो मुक़ाम भारत में है, हिन्दू धर्म में है, हमारी परम्परा में है, वह दुनिया में कहीं नहीं है। धर्म शास्त्रों में जो पुरुषार्थ-चतुष्टय बताया गया है--धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष-- उसमें काम का महत्व स्वयंसिद्ध है। काम ही सृष्टि का मूल है। अगर काम न हो तो सृष्टि कैसे होगी? काम के बिना धर्म का पालन नहीं हो सकता। इसीलिए काम पर रचे गए ग्रन्थ को कामशास्...
कैसे भी नरेंद्र मोदी को रोका जाये?

कैसे भी नरेंद्र मोदी को रोका जाये?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अब यह सवाल भारत के भीतर और बाहर चर्चित है, ब्रिटेन के एक बड़े अखबार द संडे गार्जियन ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है। अखबार कहता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए नई दिल्ली से लेकर लंदन तक गतिविधियां चल रही हैं। अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि दिल्ली और लंदन तक मोदी विरोधी गुटों की कई गुप्त बैठकें और मुलाकातें हुई हैं जिनमें इस बात की रणनीति बनाई गयी कि कैसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार जीतने से रोका जाये? अख़बार का दावा है कि इन बैठकों में कुछ राजनयिकों और भारतीय हिस्सा ले रहे हैं । अखबार ने दावा किया है कि तीन महीने में इस संबंध में तीन गुप्त बैठकें दिल्ली के राजनयिक क्षेत्र मोती बाग और बहादुर शाह जफर मार्ग में हो चुकी हैं। अखबार कहता है कि मोती बाग स्थित दूतावास में हुई बैठक में 20लोग और बहादुर शाह जफर मार्ग के एक क...
पाक में हिन्दू-भारत विरोधी नेता संकट में क्यों

पाक में हिन्दू-भारत विरोधी नेता संकट में क्यों

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के. सिन्हा पाकिस्तान में आजकल एक अजीब तरह का इत्तेफाक देखने में आ रहा है। आटे की कमी और महंगाई की मार से त्रस्त और पस्त झेलते पाकिस्तान में  इमरान खान के तीन करीबी नेताओं पर शरीफ सरकार का शिकंजा सकता जा रहा है। ये सभी घनघोर भारत तथा हिन्दू विरोधी बयानबाजी करने के कारण बदनाम रहे हैं। इमरान खान की सरकार में गृहमंत्री शेख राशिद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी जेल भी जा चुके हैं। इन दोनों पर सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न करने के आरोप हैं। कश्मीरी मूल के शेख राशिद रावलपिंडी के उसी गॉर्डन कॉलेज में पढ़े हैं जिसमें सशक्त अभिनेता बलराज साहनी और उनके अनुज तथा महान कथाकार भीष्म साहनी पढ़ते थे। शेख राशिद बेहद हल्के इंसान हैं। उनकी किसी प्रेस क़ॉफ्रेंस को देखकर उनके गटर छाप होने का अंदाजा लग जाता है। उनके तीन काम हैं। वे या तो शरीफ बंधुओं को कोस रहे होते हैं या वे जरदार...
जम्मू कश्मीर में मिला लीथियम का भंडार, अब बदलेगी भारत की तकदीर, चीन पर पड़ेगा भारी

जम्मू कश्मीर में मिला लीथियम का भंडार, अब बदलेगी भारत की तकदीर, चीन पर पड़ेगा भारी

आर्थिक, राज्य, विश्लेषण
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम के भंडार होने की बात कही है. बदल जाएगा लिथियम के आयात का समीकरण भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी लिथियम की खोज देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम के भंडार पाए गए हैं. सबसे दिलचस्प बात है कि यह कोई छोटा-मोटा भंडार नहीं है. इस लीथियम भंडार की कुल क्षमता 59 लाख टन है जो चिली और ऑस्ट्रेलिया के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा है. इस खोज के बाद भारत लिथियम कैपिसिटी के मामले में तीसरे नंबर पर आ गया है.   लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत कई आइटम्स के लिए चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है. इस रेअर अर्थ एलिमेंट के लिए भारत अब तक दूसरे देशों के भरोसे है.  बदल जाएगा लिथियम के आयात का समीक...