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विश्लेषण

बिना कुछ कहे योगी जी खुद ही प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट हो गए – दिलीप कुमार

बिना कुछ कहे योगी जी खुद ही प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट हो गए – दिलीप कुमार

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
बिना कुछ कहे योगी जी खुद ही प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट हो गए* - दिलीप कुमारयूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हुई है और इस समिट में यूपी सरकार और उद्योगपतियों के बीच 18 हजार 500 MOUS साइन हुए हैं।इस हिसाब से यूपी के अंदर 33 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है।इससे पूरे यूपी के अंदर 92 लाख 50 हजार लोगों को नौकरियां मिलेंगी यानी करीब एक करोड़।हाल फिलहाल में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट किसी और राज्य में नहीं आया है।इंदौर में मध्य प्रदेश में भी इन्वेस्टर मीट हुई थी जहां पर लगभग 17 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आया था।आप सोच सकते हैं कि मुख्यमंत्रियों की रेस में भरोसेमंद चेहरे के रूप में योगी जी कितना आगे निकल चुके हैं।इतना बड़ा निवेश लाकर वो बिना कुछ कहे ही प्रधानमंत्री के योग्य उम्मीदवार साबित हो चुके हैं।इससे ये पता चलता है कि योगी सिर्फ हिंदुत्वावादियों के भरोसेमंद नहीं हैं बल्कि वो देश और विदेश ...
शराब की नहीं दूध की नीति बनाइए, सरकार !

शराब की नहीं दूध की नीति बनाइए, सरकार !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती दूध और ख़ास कर गाय के दूध की पैरवी करते हुए शराब के विरोध में आंदोलन चला रही है। उमा भारती की पार्टी राज्य और केंद्र दोनों जगह सरकार में है। दोनों ही सरकार दूध कर दाम बढ़ा चुकी है और भी बढ़ने के आसार हैं। भाजपा गौवंश सेवा की वकालत करने वाला राजनीतिक दल है, अजीब बात है उसकी सरकारें शराब की नीति बनाती है और ज़ोर-शोर से लागू करती है। देश में दूध उत्पादन [आपरेशन फ़्ल्ड छोड़कर] की आज तक कोई नीति नहीं बनी, सारी सरकारों को शराब से मतलब है दूध और उसकी क़ीमतों को थामने में किसी की रुचि नहीं है।दूध के दामों में लगातार वृद्धि आम लोगों की परेशानी बढ़ाने वाली है। मूल रूप से शाकाहारी भारतीयों के खाने-पीने में दूध की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। छोटे बच्चे से लेकर वृद्धों तक के लिये दूध अपरिहार्य आहार ही है। स्वस्थ से लेकर बीमार तक , लोगों का जीवन बिना दूध के अधूरा...
भाजपा और उसकी रूठी तीन देवियां

भाजपा और उसकी रूठी तीन देवियां

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अगले लोकसभा चुनाव तक अध्यक्ष पद का कार्य विस्तार मिल चुका है। अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नड्डा ने अपने संगठन को पुनर्गठित और चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पूर्व जम्मू-कश्मीर सहित दस प्रदेशों की विधानसभाओं के चुनाव होने हैं। जिनके नतीजों से पता चल जाएगा कि अगले लोकसभा चुनाव में कौन-सी पार्टी केंद्र में सरकार बना सकेगी। फ़िलहाल भाजपा की तीन बड़ी नेता सुश्री उमा भारती, वसुंधरा राजे और मेनका गांधी भाजपा से क़दमताल नहीं कर रही है। इनके चेहरों पर दिखती तुर्शी और मिज़ाज की तुरखी कुछ नया होने के संकेत देते हैं। वैसे चुनाव में जा रहे दस राज्यों से लोकसभा की कुल 121 सीटें आती हैं। ऐसे में जिस पार्टी की भी सरकार इन प्रदेशों में बनेगी, लोकसभा चुनाव में उसी पार्टी का अधिक प्रभाव दिखने कि सम्भावना है । वैसे तो प...
वैलेंटाइन डे एक गम्भीर चुनौती

वैलेंटाइन डे एक गम्भीर चुनौती

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
प्रेम वह है जो जीव में आसक्ति न स्थापित होने दे, प्रेम वह है जो प्राणी मात्र के कल्याण की कामना करें। प्रेम वह है जहां शांति की स्थापना हो, प्रेम वह है जहां मन, बुद्धि, हृदय में सात्विकता हो, प्रेम वह है जहां कोई पर्दा न हो, प्रेम वह है जहां सत्यता को स्वीकारने में कोई संकोच न हो, प्रेम वह है जहाँ कोई ऊंच-नीच, भेद-भाव, छुआछूत आदि का कलंक न हो, प्रेम वह है जहाँ आनन्द हो, और अन्ततः प्रेम वह है जहां मोक्ष की कामना हो। फरवरी माह की सात से चौदह तारीख के बीच मनाये जाने वाले वेलेंटाइन डे से आज कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। खासकर इस दिवस के लिए युवा पीढ़ी पूरे साल लालायित और बेसब्र दिखती है। मानों हमने वेलेंटाइन डे को एक परंपरा का रूप देकर इसका निर्वहन करना अपना परम कर्त्तव्य समझ लिया है। आज की युवा पीढ़ी जिस वेलेंटाइन डे को प्रेम दिवस की संज्ञा देकर मना रही है उन्हें वेलेंटाइन डे की हकीकत से रू-ब-रू क...
अदानी वाली टूलकिट और हिंदुस्तानियों की मानिसकता

अदानी वाली टूलकिट और हिंदुस्तानियों की मानिसकता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अदानी ने 9 हजार 422 करोड़ रुपए की बोली लगाकर इजराइल का 1700 साल पुराना हाइफा बंदरगाह खरीद लिया । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मौके पर अदानी के साथ फोटो खिंचवाई... अब तक अंग्रेजों की किश्तियां आकर हिंदुस्तान में माल बेचती थीं अब हमारा अदानी हाइफा पर बंदरगाह खरीद कर अपना माल यानी हिंदुस्तान का माल रूस और एशिया में बेचेगा... हमको इस ऐतिहासिक परिवर्तन और भारत के लिए गौरवान्वित करने वाले पल पर उत्सव मनाना चाहिए था लेकिन ये दुख की बात है कि देश के अंदर गद्दारों और देश के दुश्मनों ने मिलकर ऐसा दुष्चक्र रचा कि अदानी और उनके निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूब गए और रवीश कुमा एंड कंपनी विपक्षी पार्टियों समेत इसका जश्न मनाती हुई नजर आ रही हैं । -हिडनबर्ग कंपनी की स्थापना 2017 में हुई थी.. इस कंपनी में सिर्फ 9 कर्मचारी काम करते हैं लेकिन इसने 9 कर्मचारियों ने आखिर ऐसी कौन सी रिपोर्ट तै...
कंधा गौतम अडाणी का है, निशाना मोदी हैं और अंत में हत्या भारत की प्रगति और समृद्धि की करनी है

कंधा गौतम अडाणी का है, निशाना मोदी हैं और अंत में हत्या भारत की प्रगति और समृद्धि की करनी है

राज्य, विश्लेषण
गौतम अदाणी के खिलाफ इस साजिश की शुरुआत अभी हाल के दिनों से नहीं हुई, बल्कि 2016-17 से ही हो गई थी। अदाणी ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया का कारमाइकल कोल माइन का प्रोजेक्ट हासिल किया था। 2017 में अचानक से अदाणी के माइन प्रोजेक्ट के खिलाफ क्लाइमेट चेंज के लिए काम करने का दावा करने वाली एक स्वयंसेवी संस्था ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसका नाम 350.org है। इन लोगों ने एक समूह की शुरुआत की, जिसका नाम स्टॉप अदाणी रखा। इस संस्थान को टाइड फाउंडेशन नाम की एक दूसरी संस्था फंड करती है। ये फाउंडेशन दुनिया के जाने-माने फंड मैनेजर जॉर्ज सोरोस से जुड़ी है। जॉर्ज वही शख्स हैं, जिनकी वजह से बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ थाईलैंड बर्बाद हो गया था। जॉर्ज अपने भारत विरोधी बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। टाइड फाउंडेशन के पीछे भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो गौतम अदाणी को रोकने के लिए कोशिश कर रहे थे। उनका द...
दुबई में नए इस्लाम की पुकार !

दुबई में नए इस्लाम की पुकार !

विश्लेषण
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* दुबई में कल विश्व बंधुत्व-दिवस मनाया गया। इस मुस्लिम राष्ट्र में पिछले 10-15 साल से मुझे किसी न किसी समारोह में भाग लेने कई बार आना पड़ता है। सात देशों का यह महासंघ ‘संयुक्त अरब अमारात’ कहलाता है। यह सिर्फ सात देशों का महासंघ ही नहीं है, यह कम से कम 100 देशों का मिलन-स्थल है। जैसे हम न्यूयार्क स्थित संयुक्तराष्ट्र संघ के भवन में दर्जनों राष्ट्रों के लोगों से एक साथ मिलते हैं, बिल्कुल वैसे ही दुबई और अबू धाबी वगैरह में सारी दुनिया के विविध लोगों के दर्शन कर सकते हैं। जैसे भारत में आप दर्जनों धर्मों-संप्रदायों, जातियों, रंगों, भाषाओं, वेशभूषाओं और भोजनोंवाले लोगों को एक साथ रहते हुए देखते हैं, बिल्कुल वैसा ही नज्जारा यहां देखने को मिलता है याने दूसरे शब्दों में यह छोटा-मोटा भारत ही है। इस संयुक्त महासंघ की संपन्नता और भव्यता देखने लायक है। कल यहां जो विश्व-बंधुत...
कोरोना काल मे, संवेदनशील भारत की गाथा

कोरोना काल मे, संवेदनशील भारत की गाथा

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
लगभग दो महीनों के बाद, कोरोना को तीन वर्ष पूर्ण होंगे. कोरोना यह सारे विश्व के लिए एक भयानक त्रासदी थी. अनेक देशों के आर्थिक गणित, कोरोना ने बिगाड़ दिए. दुनिया के लगभग सभी देश कोरोना की मार अभी तक सहन कर रहे हैं. अपवाद हैं भारत ! *हमने कोरोना का न केवल बेहतरीन तरीके से सामना किया, वरन विश्व के अनेक देशों को हमने मदद पहुंचाई. आर्थिक क्षेत्र मे हम विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गए. इस कठीन समय मे हमने अपने आप को शक्तिशाली बनाया. आत्मनिर्भर बनाया. एक सौ तीस करोड़ का यह देश, कोरोना जैसी महाभयंकर विपत्ति मे भी बलशाली होकर सामने आया.* यह संभव हो सका, इस देश की मिट्टी से जुड़े नागरिकों के कारण. *जागरूक नागरिक और संवेदनशील सरकार* यह हमारी सफलता का कारण बने. कोरोना के इस काल में, जिसे हम हिन्दू परंपरा कहते हैं, चिरविजयी सनातन संस्कृति कहते हैं, उसके अनेक उदाहरण सामने ...
समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट

समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
गांव, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए कल्याणकारीमृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार की सशक्त वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट विगत एक फरवरी को प्रस्तुत कर दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट कई मायने में ऐतिहासिक बजट है क्योंकि भारत के राजनैतिक व आर्थिक विश्लेषक बजट प्रस्तुत होने के पूर्व इस तरह के अनुमान लगा रहे थे कि यह एक चुनावी बजट होगा और इसमें मोदी सरकार लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर चुनावी शंखनाद कर सकती है लेकिन ऐसा फिलहाल कुछ भी नहीं हुआ है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को अमृत काल का प्रथम बजट बता रहे हैं जो देश की नींव को मजबूत करेगा और आगामी 2047 तक भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त, मजबूत विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।बदलते वैश्विक परिदृ...
कैंसर बढ़ाने वाले कारणों पर बिना विराम लगाये कैसे होगी कैंसर रोकधाम?

कैंसर बढ़ाने वाले कारणों पर बिना विराम लगाये कैसे होगी कैंसर रोकधाम?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
बॉबी रमाकांत – सीएनएस भारत समेत दुनिया के सभी देशों ने वादा किया है कि 2025 तक कैंसर दरों में 25% गिरावट आएगी परंतु हर साल विभिन्न प्रकार के कैंसर से ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या और कैंसर मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती जा रही है। कैंसर बढ़ेंगे क्यों नहीं जब कैंसर का ख़तरा बढ़ाने वाले कारणों पर विराम नहीं लग रहा है। अनेक कैंसर जनने वाले कारण ऐसे हैं जिनपर रोक के बजाय उनमें बढ़ोतरी हो रही है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य में दुनिया की सभी सरकारों ने वादा किया है कि कैंसर समेत अन्य ग़ैर-संक्रामक रोगों के दर और मृत्यु दर में 2030 तक 33% गिरावट और 2025 तक 25% गिरावट आएगी। भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 भी इन्हीं लक्ष्यों को दोहराती है। पर विभिन्न कैंसर दर हर साल बढ़ते चले जा रहे हैं। एक ओर सरकारें तम्बाकू नियंत्रण कर रही हैं परंतु तम्बाकू उद्योग के मुनाफ़े में फिर कैसे ...