Shadow

विश्लेषण

और पृथ्वी पर जल संकट के आसार

और पृथ्वी पर जल संकट के आसार

TOP STORIES, विश्लेषण
पृथ्वी पर तापमान वृद्धि और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हरेक जगह पड़ रहा है, परन्तु इससे सबसे अधिक प्रभावित जल संसाधन हो रहे हैं। तापमान बढ़ने के कारण वर्षा असमान हो रही है, पृथ्वी के सतह पर जल संसाधनों का वाष्पीकरण अधिक हो रहा है, पूरी दुनिया के ग्लेशियर पहले से अधिक तेजी से पिघल रहे हैं, सूखे का क्षेत्र और अवधि बढ़ती जा रही है, नदियों में पानी के बहाव में तेजी से अंतर आ रहा है और इन सबके कारण भूजल की उपलब्द्धता प्रभावित हो रही है। यह  सरे निष्कर्ष  संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल आर्गेनाईजेशन ने हाल में जल संसाधनों की स्थिति पर पहली वार्षिक रिपोर्ट में प्रकाशित किये हैं । इसी  रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में दुनिया के सभी क्षेत्रों ने पानी से सम्बंधित चरम आपदाओं– बाढ़ और सूखे का सामना किया है और दुनिया की एक बड़ी आबादी मृदु पानी की कमी से जूझ रही है।यूँ तो  दुनिया के अन...
जरूरी बात, जिसे हर सांसद समझे*

जरूरी बात, जिसे हर सांसद समझे*

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
चलती संसद का मूड बदलने के लिए, ताजा चुनावी नतीजे काफी है | गुजरात हिमाचल विधानसभा के साथ दिल्ली [एम् सी डी]  के नतीजों से  जो संकेत निकला है, वह सत्र में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण जैसे विषय की धार को और तेज़ करेगा | यह तो सर्वविदित है कि विपक्ष कतिपय राजनीतिक घटनाओं से उत्साहित एवं आक्रामक है अभी तक तो दोनों पक्ष चुनाव और उसके नतीजों के इंतजार में व्यस्त थे । अब बुलन्द हौसलों  के साथ २९ दिसम्बर तक चलने वाले इस सत्र में  हर दिन विपक्ष, ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की जहां कोशिश करेगा , वहीँ  सत्तापक्ष से इन विषयों पर उठे प्रश्नों का उत्तर देने के जनअपेक्षा  और बढ़ गई है | वस्तुत: विपक्ष को संसद में यह आभास कराना चाहिए कि उसका उद्देश्य अपने सवालों के जवाब पाना है, न कि हंगामा कर सदन की कार्यवाही ठप करना। सत्तापक्ष को इसके लिए भी तत्प...
दिल्ली भाजपा का विधानसभा में वनवास व नगर निगम में हार! क्यों?

दिल्ली भाजपा का विधानसभा में वनवास व नगर निगम में हार! क्यों?

TOP STORIES, विश्लेषण
भाजपा की दिल्ली में दुर्गति व 1998 से विधानसभा में अल्पमत में क्यों? 2022 निगम चुनावों में बुरी हार क्यों? विवेचन करके कारण  बताने का प्रयास कर रहा हूँ। मुख्य कारक व कारण: *1.लचर निष्प्रभावी प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय प्रभारी व घोर गुटबाज़ी।* *2.रिश्वतखोर,काली कमाई करने वाले निगम पार्षद।* *3.हार्डकोर काडर का असम्मान,उनके कार्य न किया जाना।* *4.हार्डकोर काडर के आजीविका की न सोचना।* ************************************** *क्या आपने सोचा है कि जिस भाजपा का नगर निगम में पिछले 22 वर्षों से प्रचंड बहुमत के साथ कब्जा था,वो पिछले 26 वर्षों से राज्य में सरकार क्यों नहीं बना पा रही है?* अमित शाह जैसा चाणक्य,मोदी जैसा करिश्माई नेतृत्व,303 सांसद, तमाम केंद्रीय मंत्री व तकरीबन 40% से ज्यादा मत मिलने के बाद भी क्रमशः 3 और 8 विधायक क्यों? और करेला नीम पर आज  चढ़ा जब निगम चुना...
काबुलः भारत नई पहल करे

काबुलः भारत नई पहल करे

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* पिछले साल काबुल पर तालिबान का कब्जा होते ही भारत सरकार बिल्कुल हतप्रभ हो गई थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? हमारे विदेश मंत्री ने कहा था कि हम बैठे हैं और देख रहे हैं। उसी समय मैंने तालिबान के कब्जे के एक-दो दिन पहले ही लिखा था कि भारत सरकार को अत्यंत सतर्क रहने की जरुरत है लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे कुछ अनुभवी अफसरों की पहल पर भारत सरकार ने ठीक रास्ता पकड़ लिया। उसने दोहा (क़तर) में स्थित तालिबानी तत्वों से संपर्क बढ़ाया, अफगानिस्तान को हजारों टन गेहूं और दवाइयां भेजने की घोषणा की और तालिबान सरकार से भी संवाद किया। काबुल स्थित अपने दूतावास को भी सक्रिय कर दिया। उधर तालिबान नेताओं और प्रवक्ता ने भारत की मदद का आभार माना, हालांकि भारत सरकार ने उनकी सरकार को कोई मान्यता नहीं दी है। इस बीच इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एशिया के पांचों गणतं...
समुद्री लहरों से बिजली पैदा करने की नई तकनीक

समुद्री लहरों से बिजली पैदा करने की नई तकनीक

TOP STORIES, विश्लेषण
नई दिल्ली, 06 दिसंबर (इंडिया साइंस वायर): दुनियाभर में ऊर्जा संकट एक नई चुनौती बनकर उभरा है। इससे लड़ने के लिए वैज्ञानिक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन के तरीके खोजने का प्रयास कर रहे हैं। इसी दिशा में कार्य करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे समुद्री तरंगों से बिजली उत्पन्न हो सकती है। समुद्री तरंगों से बिजली उत्पादन की यह तकनीक आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित ‘ओशन वेव एनर्जी कन्वर्टर’ नामक उपकरण के कारण संभव हो सका है। इस उपकरण का परीक्षण पिछले महीने सफलतापूर्वक किया गया है। इस उपकरण को तमिलनाडु के तूतीकोरिन तट से लगभग छह किलोमीटर दूर 20 मीटर गहरे स्थान पर तैनात किया गया है। इस उपकरण से अगले तीन वर्षों में समुद्र की लहरों से एक मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है। ‘सिंधुजा-1’ नामक इस परियोजना के तहत स्थाप...
क्या न्याय पंचायतें कम कर सकती हैं राष्ट्रपति महोदया की वेदना ?

क्या न्याय पंचायतें कम कर सकती हैं राष्ट्रपति महोदया की वेदना ?

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अरुण तिवारी हज़ारों भारतीय ग़रीब सिर्फ इसलिए जेलों में जीवन गुजारने को विवश हैं, क्योंकि वे न संविधान की मूल भावना से परिचित हैं और न ही अपने संवैधानिक अधिकार व कर्तव्यों से। वे इतने ग़रीब हैं कि जमानत कराने में उनके परिजनों के घर के बर्तन बिक जायेंगे। जुर्म मामूली..किसी से तू तू-मैं मैं या किसी से हाथापाई; किन्तु मात्र ग़रीबी और अज्ञानता के कारण जाने कितने बिना जमानत जेल में ज़िदगी गंवा रहे हैं। कोई पांच साल, कोई दस तो कोई 20 साल से जेलों में पडे़ हैं। बीते संविधान दिवस पर हमारी महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह वेदना प्रकट की। उन्होने सभा में उपस्थित न्यायधीशों और क़ानून मंत्री से यह अपेक्षा की कि वे ऐसे दरिद्रनारायणों को समय से और सस्ते में न्याय दिलाने के लिए कुछ करेंगे।  राष्ट्रपति जी के संविधान दिवस सम्बोधन का लिंक - https://youtu.be/wemmEEpsb1s ) क्...
जीव-जंतुओं की आहे एवं क्रंदन को सुनना होगा

जीव-जंतुओं की आहे एवं क्रंदन को सुनना होगा

विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग -उत्तर प्रदेश के बदायूं में चूहे को मारने के आरोप में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज होने की घटना मानव-समाज में साधारण होकर भी चौका रही है, चौका इसलिये रही है कि यह मनुष्य की संवेदनहीनता, बर्बरता एवं क्रूरता की मानसिकता को दर्शाती है। बेजुबानों के साथ निर्दयता का सिलसिला खत्म नहीं होना चिन्ताजनक है। ऐसी घटनाएं बार-बार होती है, कभी एक गाय को खाने के समान में विस्फोटक पदार्थ एवं एक हथिनी को कुछ लोगों ने मनोरंजन के चलते बारुद से भरे अनानास खिलाना हो, एक चीते को पीट-पीट कर मार देना। हाल ही में दिल्ली में एक गर्भवती कुतिया को एक कालेज के कुछ कर्मचारियों और छात्रों ने मिल कर बेहद बर्बरता से पीट-पीट कर मार डाला-ये घटनाएं क्रूरता की पराकाष्ठा है, जो मनुष्यता को शर्मसार करती है। बदायूं का यह ताजा मामला चूंकि अब कानून के कठघरे में है, इसलिए अब इसका फैसला कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।...
भारत की पहचान किनसे है?

भारत की पहचान किनसे है?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
               -बलबीर पुंज ऐसा कौन सा व्यक्तित्व है, जो भारत की पहचान को परिभाषित कर सकता है?— वह, जिसने इस देश की मूल बहुलतावादी संस्कृति को ध्वस्त किया हो या फिर वे, जिन्होंने उसकी रक्षा में अपने प्राण आहुत कर दिए। यह चर्चा 'पूर्वोत्तर के शिवाजी' नाम से प्रसिद्ध, असम के अहोम योद्धा लाचित बोरफुकन की 400वीं जयंती पर दिल्ली में 23-25 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम के कारण प्रासंगिक है। आज से 350 वर्ष पहले वीर लाचित के पराक्रम ने क्रूर मुगल औरंगजेब को पूर्वोत्तर भारत में अपनी जड़ें जमाने से रोक दिया था।  देश के विमर्श में दशकों से यह प्रश्न उठता रहा है— क्या गजनवी, ग़ौरी, खिलजी, बाबर, अकबर, जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब या टीपू सुल्तान इत्यादि इस्लामी आक्रांता, भारत की पहचान हो सकते है? यदि इसका उत्तर 'हां' है, तो इस संदर्भ में पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, वीरसिंह बुंदेला, दुर्गादास र...
चीन की अनावश्यक चिंता

चीन की अनावश्यक चिंता

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* भारत,चीन और अमेरिका के बीच आजकल जो कहा-सुनी चल रही है, वह बहुत मजेदार है। उसके तरह-तरह के अर्थ लगाए जा सकते हैं। चीनी सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान देकर कहा है कि उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर अमेरिकी और भारतीय सेना का जो ‘युद्धाभ्यास’ चल रहा है, वह बिल्कुल अनुचित है और वह 1993 और 1996 के भारत-चीन समझौतों का सरासर उल्लंघन है। सच्चाई तो यह है कि मई 2020 में चीन ने गलवान-क्षेत्र में अपने सैनिक भेजकर ही उक्त समझौतों का उल्लंघन कर दिया था। वास्तव में भारत-अमेरिका का यह युद्धाभ्यास चीन-विरोधी हथकंडा नहीं है। दोनों राष्ट्र इस तरह के कई युद्धाभ्यास जगह-जगह कर चुके हैं। यह चीन को धमकाने का कोई पैंतरा भी नहीं है। यह तो वास्तव में हिमालय-क्षेत्रों में अचानक आनेवाले भूंकप, बाढ़, पहाड़ों की टूटन, जमीन फटने जैसी विपत्तियों का सामना करने का पूर्वाभ्यास है। प्राकृतिक संकट से ग्र...
कूटनीति एवं राजनीति : अंधेरी सुरंग – अनुज अग्रवाल

कूटनीति एवं राजनीति : अंधेरी सुरंग – अनुज अग्रवाल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
भारत अब अगले एक वर्ष तक G -20 समूह का अध्यक्ष है। दुनिया के अकेले प्रभावी वैश्विक संगठन जो की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, का अध्यक्ष होना निश्चित ही हर भारतवासी के लिए गर्व व उपलब्धि की बात है। मगर जिन अनिश्चित व बिगड़ी हुई वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत G20 समूह का अध्यक्ष बना है वे एक चुनौती की तरह हैं। दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर है। नई विश्व व्यवस्था के लिए संघर्ष तीव्र होते जा रहे हैं। अमेरिका - चीन विश्व युद्ध व रुस - यूक्रेन युद्ध अब सीधा सीधा चीन - नाटो व्यापार युद्ध व रूस - नाटो युद्ध में बदलता जा रहा है। कोविड के बाद के झटकों से दुनिया उबर नहीं पा रही है कि अब उसकी नई लहर फिर से उभर रही है। पोस्ट कोविड बीमारियां व वैक्सीन के दुष्प्रभाव से हो रही मौतें हर जगह क़हर बरपा रही हैं तो अनेक नई बीमारियाँ हमारे दरवाज़े पर दस्तक दे रही हैं। उस पर मेडिकल माफिया नित ...