LIC का निजीकरण क्यों?
भारतीय जीवन बीमा निगम का राष्ट्रीयकरण 1956 में हुआ था । उससे पहले देश मे 200 से अधिक निजी कंपनियां कार्यरत थी । तब होता यह था कि जैसे ही किसी निजी कंपनी पर कोई भारी देनदारी आती, वह दिवालिया हो जाती । यानि जनता द्वारा जमा किया गया पैसा डूब जाता । ऐसी स्थिति में आजादी के बाद देश मे यह भावना विकसित हुई कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहिए, जिसमें जनता की कमाई भी सुरक्षित रखी जा सके । तो इसलिए LIC का राष्ट्रीयकरण किया गया ।
उस समय सरकार ने निगम को 5 करोड़ की मूल पूंजी उपलब्ध कराई । और साथ मे सावरेन गारंटी भी । जिसका मतलब यह था कि LIC के दिवालिया होने की स्थिति में जनता के पैसे को वापस लौटाने की गारंटी सरकार लेगी । साथ ही साथ सरकार ने LIC द्बारा जमा किये पैसे को अपने निर्देशन में निवेश के लिए उपयोग करने का फैसला भी किया ।
इसके बाद LIC ने फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा । उस 5 करोड़ की ...