नई चुनौती बनकर उभर रही हैं समुद्री ग्रीष्म लहरें
बढ़ते वैश्विक ताप के कारण समुद्री ग्रीष्म लहरों, एल नीनो प्रभाव और प्रचंड चक्रवातों जैसी चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके खतरनाक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
इस रिपोर्ट में महासागरों और हिममंडल (ग्लेशियर, बर्फ से ढंके समुद्री क्षेत्र, स्थायी बर्फ से ढंकी जमीन) पर वैश्विक ताप के कारण पड़ रहे दुष्प्रभावों को लेकर आगाह किया गया है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि भारत समेत हिंद महासागर से सटे अन्य देश इन चरम घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2015-16 में आधुनिक युग का सबसे प्रचंड एल नीनो प्रभाव दर्ज किया गया। एल नीनो आमतौर पर करीब दो से सात साल के अंतराल पर होते हैं। पूर्वी प्रशांत महासागर के गर्म तापमान से होने वाले एल नीनो का अस...