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अब गिलगित बाल्टिस्तान पर करनी होगी पहल

अब गिलगित बाल्टिस्तान पर करनी होगी पहल

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वास्तव में अगर जम्मू कश्मीर के बारे में बातचीत करने की जरूरत है तो वह है पीओके और अक्साई चीन के बारे में। इसके ऊपर देश में चर्चा होनी चाहिए। गिलगित जो अभी पीओके में है विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जो कि 5 देशों से जुड़ा हुआ है अफगानिस्तान, तजाकिस्तान (जो कभी रूस का हिस्सा था), पाकिस्तान, भारत और तिब्बत -चाइना। वास्तव में जम्मू कश्मीर का महत्व जम्मू के कारण नहीं, कश्मीर के कारण नहीं, लद्दाख के कारण नहीं, वास्तव में अगर इसका महत्व है तो वह है गिलगित-बाल्टिस्तान के कारण। भारत के इतिहास में भारत पर जितने भी आक्रमण हुए यूनानियों से लेकर आज तक (शक, हूण, कुषाण, मुग़ल) वह सारे गिलगित से हुए। हमारे पूर्वज जम्मू-कश्मीर के महत्व को समझते थे, उनको पता था कि अगर भारत को सुरक्षित रखना है तो दुश्मन को हिंदूकुश अर्थात गिलगित-बाल्टिस्तान उस पार ही रखना होगा। किसी समय इस गिलगित में अमेरिका बैठना चाह...
वैज्ञानिक सोच के लिए जरूरी है भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार

वैज्ञानिक सोच के लिए जरूरी है भारतीय भाषाओं में विज्ञान संचार

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विज्ञान को लोगों के करीब लाने में विज्ञान पत्रकारों और संचारकों की भूमिका अहम हो सकती है। शुक्रवार को यहां आयोजित विज्ञान पत्रकारिता और संचार पर एक संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने यह बात जोर देकर कही है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान की निदेशक डॉ. आर. हेमलता ने संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा “देश के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों की ऐसी कई शोधपरक उपलब्धियां हैं, जो औद्योगिक एवं सामाजिक रूप से उपयोगी हो सकती हैं। विज्ञान संचारकों को ऐसे वैज्ञानिक प्रयासों के महत्व को सरल रूप से पेश करना चाहिए। ऐसा करके वैज्ञानिक शोधों के बारे में जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ नीति निर्धारकों को भी समस्याओं से निपटने में मदद मिल सकती है।” स्वास्थ्य को लेकर समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के बारे में बताते हुए संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एम. महेश्वर ने कहा कि “हेल्थ रिपोर्टिंग के केंद्र में लोगों के स्वास्थ्य से ज...
Nanotech-based sensor developed to detect nitrogen oxides

Nanotech-based sensor developed to detect nitrogen oxides

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 A team of researchers at the Indian Institute of Technology-Kharagpur has fabricated a new sensor for detection of nitrogen oxides - a major cause of pollution.  The sensor canoperate at room temperature and under ambient light. Tests performed under dark and illuminated conditions indicate that it has high sensitivity and could detect particulate matter as low as one part per million. Nitrogen oxides areemitted by automobile vehicles and thermal power plants and are toxic.  Conventional sensors employ metal oxides such as zinc oxide to monitor and measure Noxlevels. Nitrogen oxides react with metal oxidesand decrease the free conducting electrons in them, thereby increasing their electric resistance.The change in resistance gives a measure of nitrogen oxides levels.But conventional...
क्या न्यायाधीशों को सच बोलना मना है?

क्या न्यायाधीशों को सच बोलना मना है?

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पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कुमार के खिलाफ उनके बाकी साथी न्यायाधीशों व मुख्य न्यायाधीश ने बैठक करके एक आदेश पारित किया, जिसके तहत न्यायमूर्ति राकेश कुमार से सभी मुकदमों की सुनवाई छीन ली गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने एक मुकदमें में फैसला देते हुए न्यायाधीशों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर तल्ख टिप्पणी की थी। न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने एक लंबे आदेश में बताया कि जब से उन्होंने न्यायाधीश का काम संभाला, तब से उन्होंने देखा कि किस तरह उनके साथी न्यायाधीश भ्रष्टाचार व अनैतिक आचरण में लिप्त हैं। उन्होंने यह भी देखा कि उनके साथी न्यायाधीश छोटे-छोटे लाभ के लिए किस तरह मुख्य न्यायाधीश की चाटूकारिता करते हैं। न्यायमूर्ति राकेश कुमार का इतना आक्रामक आदेश और न्यायाधीशों के आचरण पर इतनी बेबाक टिप्पणी न्यायपालिका के माननीय सदस्यों को स्वीकार नहीं हुई और उन्होंने न...
India-UK project to find affordable solutions to cancer

India-UK project to find affordable solutions to cancer

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In India, one million new cases of cancer are reported every year. Nearly 60 percent of the cases reach hospitals in late stages when survival is difficult. For many cancers, early detection can lead to better treatment and greater chances of survival. The situation could change if affordable screening tools, cheaper diagnostic tests and more effective treatment regime become available.   In order to promote research in affordable approaches to cancer, the government’s Department of Biotechnology has joined hands with British charity, Cancer Research UK, to launch a research challenge for affordable approaches to cancer. The initiative will fund research projects totaling 10 million pounds over the next five years. The initiative will be managed by DBT/Wellcome Trust India Alliance. ...
Marketing the Unmarketed India

Marketing the Unmarketed India

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International Institute for Holistic Research and Voluntary Action (India-Germany) , Rural Business Hub Foundation India (RBHFI), Society to Accelerate Rational Thinking for Action (STARTA) imimarla@aol.com,  dr.kamaltaori@gmail.com     Marketing the Unmarketed India A Rationalist Quest for Holistic Understanding   Q 1. Why this topic?  We intend to facilitate exploring the unexplored, seeing the unseen, experiencing the not experienced, hearing the unheard, selling the unsold, demystifying the highly mystified, grading the ungraded or wrongly graded, placing the unplaced, rooting the uprooted, positioning the un-positioned, organizing the unorganized, connecting the unconnected (for networking), awakening the dormant, re-evaluate the wrongly valued, ...
World doesn’t have bandwidth to handle climate change-led migration

World doesn’t have bandwidth to handle climate change-led migration

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I am sharing an image that has been haunting me. We are locked in a room where we can see from our narrowly opened window that the weather outside has gone berserk — fires in forests, heat waves, extreme rain and storms, all happening as predicted. But our screams are not being heard. As if, it is happening somewhere else. Or not real. I know this sounds over-dramatic. But it is a fact. The impact of what is clearly a changing weather because of a warmer planet is happening in our face. But we are so distracted — trade wars, Brexit, immigration, economy (good and bad), nationalism, war and much more that goes with it are predominant. Climate change could not have happened at a worse time in human history it would seem. We simply don’t have the bandwidth to handle it. This is when it ...
गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया से क्यों डर रहे चिदंबरम

गिरफ्तारी की कानूनी प्रक्रिया से क्यों डर रहे चिदंबरम

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आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की पिछले दिनों नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी ने सबको चौंका दिया। यह सवाल सबके मन में एक बार जरूर कौंधा कि आखिर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सामने ऐसी क्या स्थिति आ गई कि वह जांच एजेंसियों को सहयोग करने की बजाए सत्ताइस घंटे भागते-छिपते रहे। खैर उनकी गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 5दिनों की सीबीआई की रिमांड पर भेजा और आज जब रिमांड के बाद आगे की सुनवाई शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें एक झटका और दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदम्बरम की दिल्ली हाई कोर्ट की अग्रिम जमानत के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी होने के बाद अब इसका कोई मतलब ही नहीं रह जाता है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई से जुड़ी याचिका पर इस चरण में सुनवाई...
क्यों मिलती रहे गांधी कुनबे को एसपीजी सुरक्षा?

क्यों मिलती रहे गांधी कुनबे को एसपीजी सुरक्षा?

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केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा का स्तर घटाते हुए उनसे एसपीजी सुरक्षा घेरा वापस लेने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह कदम उनकेजीवन को खतरे की सुरक्षा विशेषज्ञों की समिति द्वारा गहन समीक्षा के बाद उठाने का दावा किया है। एसपीजी अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्रियों औरउनके परिवार को उपलब्ध कराई गई एसपीजी सुरक्षा की वार्षिक समीक्षा अनिवार्य है। सरकार के इस फैसले के बाद अब एसपीजी सुरक्षा घेरा केवल प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी संतानों राहुल गांधी और प्रियंका के कुनबे के लिए उपलब्ध है। इनमें से प्रियंका गांधी वाड्रा किसी स्तर की निर्वाचितप्रतिनिधि भी नहीं हैं। वैसे भी एस.पी.जी. एक्ट में पूर्व प्रधान मंत्रियों के परिवार की जो परिभाषा दी गई है, उसमें “दामाद” कहीं भी नहीं है। परिवार की परिभाषा में पति-पत्नी, बच्चे और माता-पिता ...
Why Afraid if No Wrong Committed

Why Afraid if No Wrong Committed

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Dramatic arrest of senior Congress leader and former Finance Minister P Chidambaram in the INX Media case the other day has taken everyone by surprise. After all what were the reasons that made Chidambaram play hide and seek for 27 hours with the CBI when the investigating agency went to arrest him following rejection of his anticipatory bail plea by Delhi High Court. After he was sent to CBI remand for five days, Chidambaram moved a petition in the Supreme Court seeking relief asking for cancellation of the arrest warrant. But the Supreme Court dismissed his appeal since the petition became ‘infructuous’ once he was arrested. The CBI court has accepted CBI plea for extending Chidambaram’s remand by another four days. He will appear again on August 30 before the trial court. The way Chida...