
Payushan, the festival of illuminating the soul
आत्मा को ज्योतिर्मय करने का पर्व पयुर्षण
- ललित गर्ग -
पयुर्षण पर्व जैन समाज का आठ दिनों का एक ऐसा महापर्व है जिसे खुली आंखों से देखते ही नहीं, जागते मन से जीते हैं। यह ऐसा मौसम है जो माहौल ही नहीं, मन को पवित्रता में भी बदल देता है। आधि, व्याधि, उपाधि की चिकित्सा कर समाधि तक पहुंचा देता है, जो प्रतिवर्ष सारी दुनिया में मनाया जाता है। जैनधर्म की त्याग प्रधान संस्कृति में इस पर्व का अपना अपूर्व महत्व है। इसको पर्व ही नहीं, महापर्व माना जाता है। क्योंकि यह पर्व आध्यात्मिक पर्व है, और एकमात्र आत्मशुद्धि का प्रेरक पर्व है। इसीलिए यह पर्व ही नहीं, महापर्व है। जैन लोगों का सर्वमान्य विशिष्टतम पर्व है। चारों ओर से इन्द्रिय विषयों एवं कषाय से सिमटकर, स्वभाव में, आत्मा में निवास करना, ठहरना, रहना ही पर्युषण का वास्तविक अर्थ और उद्देश्य है। जिसका भावार्थ एवं फलितार्थ होता है-कषायादि का उपशमन, इन्...