उत्साह सबसे बड़ी शक्ति और आलस्य सबसे बड़ी कमजोरी है
उत्साह सबसे बड़ी शक्ति और आलस्य सबसे बड़ी कमजोरी है
(1) आलस्य से हम सभी परिचित हैं। काम करने का मन न होना, समय यों ही गुजार देना, आवश्यकता से अधिक सोना आदि को हम आलस्य की संज्ञा देते हैं और यह भी जानते हैं कि आलस्य से हमारा बहुत नुकसान होता है। फिर भी आलस्य से पीछा नहीं छूटता, कहीं-न-कहीं जीवन में यह प्रकट हो ही जाता है। आलस्य करते समय हम अपने कार्यों, परेशानियों आदि को भूल जाते हैं और जब समय गुजर जाता है तो आलस्य का रोना रोते हैं, स्वयं को दोष देते हैं, पछताते हैं। सच में आलस्य हमारे जीवन में ऐसे कोने में छिपा होता है, ऐसे छद्म वेश में होता है, जिसे हम पहचान नहीं पाते, ढूँढ़ नहीं पाते, उसे भगा नहीं पाते; जबकि उससे ज्यादा घातक हमारे लिए और कोई वृत्ति नहीं होती।
(2) आलस्य तो मन का एक स्वभाव है। यह दीखता भी हमारे व्यवहार में है, इसे यों ही पकड़ा नहीं जा सकता। आलस्य को हम दूर भगाना चाहते हैं, ...