
रकारी बजट पर ‘रेवड़ी कल्चर’ का साया खतरनाक
-ललित गर्ग-
सरकारों के बजट भी अब मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार बांटने, तोहफों, लुभावनी घोषणाएं एवं योजनाओं की बरसात करने का माध्यम बनते जा रहे हैं। बजट में भी ‘रेवड़ी कल्चर’ का स्पष्ट प्रचलन लगातार बढ़ रहा है, खासकर तब जब उन राज्यों में चुनाव नजदीक हों। ‘फ्रीबीज’ या मुफ्त उपहार न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में वोट बटोरने का हथियार हैं। यह एक राजनीतिक विसंगति एवं विडम्बना है जिसे कल्याणकारी योजना का नाम देकर सत्ताधारी पार्टी राजनीतिक लाभ की रोटियां सेंकती है। यह तय करना कोई मुश्किल काम नहीं है कि कौनसी कल्याणकारी योजना है और कौनसी मुफ्तखोरी यानी ‘रेवड़ी कल्चर’ की, परंतु राजनीतिक मजबूरी इसे चुनौतीपूर्ण बना देती है। भारत जैसे विकासशील देश की विभिन्न राज्यों की सरकारें सरकारी बजट के माध्यम से आम-जनता को प्रभावित करने का हरसंभव प्रयास करती है। छत्तीसगढ़ सरकार का बजट इसका ...