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सरपंचपति खत्म कर रहे महिलाओं की राजनीति

सरपंचपति खत्म कर रहे महिलाओं की राजनीति

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सरपंच पति प्रथा ने महिलाओ को पहले जहा थी वही लाकर खड़ा कर दी है। इसके लिये सरकार को सरपंच पति चलन को एक प्रभावी कानून के माध्यम से नियंत्रित करना चाहिये। शासन के मामले में क्षमता निर्माण पर आगे अतिरिक्त काम की आवश्यकता है। महिलाओ के अधिकार के बारे में समाज में जागरूकता बढाने और  पंचायत स्तर पर महिलाओ की भागीदारी के महत्व के बारे में नौकर शाही को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है।  महिलाओं को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में पुरुषों के समान अधिकार होने चाहिए। भले ही संविधान महिलाओं को सभी क्षेत्रों में समान अधिकार की गारंटी देता है, सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों को समानता के आधुनिक लोकाचार के अनुकूल बनाने की आवश्यकता है। शासन के संस्थानों जैसे अदालतों, पुलिस, प्रशासनिक निकायों आदि को लैंगिक समानता पर ध्यान देना चाहिए। -प्रियंका सौरभ भारत में, लोकसभा में महिलाओं का अनुपा...
भारतीय नौसेना को पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वागीर’ की डिलीवरी

भारतीय नौसेना को पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वागीर’ की डिलीवरी

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प्रोजेक्ट -75 कलवरी क्लास सबमरीन की पांचवीं पनडुब्बी यार्ड 11879 आज दिनांक 20 दिसंबर 2022 को भारतीय नौसेना को सौंपी गई । प्रोजेक्ट- 75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है । इन पनडुब्बियों का निर्माण मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई में किया जा रहा है । दिनांक 12 नवंबर 2020 को लॉन्च की गई, वागीर ने दिनांक 01 फरवरी 2022 से समुद्री परीक्षण शुरू किया और यह बहुत गर्व की बात है कि इस पनडुब्बी ने पहले की पनडुब्बियों की तुलना में कम से कम समय में हथियार और सेंसर परीक्षणों सहित सभी प्रमुख परीक्षणों को पूरा किया है । पनडुब्बी निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि कठिनाई तब बढ़ जाती है...
विदेश पलायन : मेले नहीं, साफ नीति चाहिए

विदेश पलायन : मेले नहीं, साफ नीति चाहिए

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देश और राज्यों की सरकारें  यूरोपियन यूनियन के देशों में अप्रवासी भारतीयों की  अधिक गिनती  होने से खुश हैं |अप्रवासी भारतीयों की संख्या हर दिन बढ़ रही है है। इली के राजदूत के इस तमगे के बाद तो सरकार के पांव जमीन पर नहीं ठहर रहे हैं कि“भारतीय कामगारों का योगदान इटली की आर्थिकी में अभिन्न है, खासकर कृषि और डेयरी क्षेत्र में।“ ऐसी ही बातें अन्य देशों से भी आती है | देश आयर राज्यों की सरकारों से प्रश्न यह है कि भारत से इतना पलायन क्यों ? और देश में रोजगार के हालात कब सुधरेंगे ? सिर्फ इटली में अप्रवासियों की संख्या में दस गुणा से अधिक वृद्धि हुई है, जो कि वर्ष 1991 में महज 20 हजार से बढ़कर इस साल 2.1 लाख हो चुकी है। भारतीयों का पलायन इटली के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएसए इत्यादि अन्य देशों की  ओर भी हो रहा है। वीसा चाहने वालों  की लंबी पंक्ति दूतावास के ब...
भारत सरकार ने यूट्यूब पर व्यापक पैमाने पर फैली फर्जी खबरों पर हमला बोला

भारत सरकार ने यूट्यूब पर व्यापक पैमाने पर फैली फर्जी खबरों पर हमला बोला

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चालीस से अधिक फैक्ट-चेक श्रृंखला के क्रम में पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई (एफसीयू) ने यूट्यूब के ऐसे तीन चैनलों का भंडाफोड़ किया है, जो भारत में फर्जी खबरें फैला रहे थे। इन यूट्यूब चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर थे। इनके लगभग सभी वीडियो फर्जी निकले; बहरहाल इन्हें 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया है। यह पहली बार है जब पत्र सूचना कार्यालय ने सोशल मीडिया पर व्यक्तियों द्वारा झूठी बातें फैलाने को मद्देनजर रखते हुए सभी यूट्यूब चैनलों की कलई खोलकर रख दी है। पत्र सूचना कार्यालय ने तथ्यों की जो पड़ताल की है, उसका विवरण इस प्रकार हैः क्र.सं.यूट्यूब चैनल का नामसब्सक्राइबरों की संख्याकितनी बार देखा गया न्यूज हेडलाइन्स9.67 लाख31,75,32,290 सरकारी अपडेट22.6 लाख8,83,594 आज तक LIVE65.6 हजार1,25,04,177 यूट्यूब के उपरोक्त चैनल माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय मुख्य न्या...
धानमंत्री ने नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

धानमंत्री ने नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा; "नायक (सेवानिवृत्त) भैरों सिंह जी को राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने हमारे देश के इतिहास के महत्वपूर्ण अवसर पर अदम्‍य साहस का प्रदर्शन किया। मैं उनके निधन से बहुत दुखी हूं। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ओम शांति।" ...
अमेरिका में बज रहा भारत का डंका

अमेरिका में बज रहा भारत का डंका

समाचार
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* भारतीय मूल के लगभग दो करोड़ लोग इस समय विदेशों में फैले हुए हैं। लगभग दर्जन भर देश ऐसे हैं, जिनके राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री वगैरह भारतीय मूल के हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तो इसके नवीनतम उदाहरण हैं। भारतीय लोग जिस देश में भी जाकर बसे हैं, वे उस देश के हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थानों तक पहुंच गए हैं। इस समय दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति और महासंपन्न देश अमेरिका हैं। अमेरिका में इस समय 50 लाख लोग भारतीय मूल के हैं। दुनिया के किसी देश में इतनी बड़ी संख्या में जाकर भारतीय लोग नहीं बसे हैं। इसके कारण भारत से प्रतिभा-पलायन जरुर हुआ है लेकिन अमेरिका के ये भारतीय मूल के नागरिक सबसे अधिक संपन्न, सुशिक्षित और सुखी लोग हैं, ऐसा कई सर्वेक्षणों ने सिद्ध किया है। यदि अमेरिका में 200 साल पहले से भारतीय बसने शुरु हो जाते तो शायद अमेरिका भी मोर...
माधवराव सिंधिया की ‘डायरी’ याद आई!

माधवराव सिंधिया की ‘डायरी’ याद आई!

समाचार
*विनीत नारायणदिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल 3 भीड़ और अव्यवस्था को लेकर सुर्ख़ियों में है। वहाँ पर सवारियोंकी लंबी कतारें और बदहाली के चित्र व वीडियो सोशल मीडिया में कई दिनों से छाए हुए हैं। जैसे ही इस मामले ने तूलपकड़ा तो आनन-फ़ानन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हरकत में आए। वे स्थिति का जायज़ा लेनेअचानक टी 3 पर पहुँच गए। वहाँ उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को कई निर्देश दे डाले। यात्रियों को भी भरोसादिलाया कि स्थिति बहुत जल्द नियंत्रण में आ जाएगी। उनकी इस पहल को देख उनके स्वर्गवासी पिता और केंद्रीय मंत्रीमाधवराव सिंधिया की ‘डायरी’ याद आ गई।दरअसल, जब माधवराव सिंधिया 1986-89 तक भारत के रेल मंत्री थे तो मैं रेल मंत्रालय कवर करता था। वहाँ के वरिष्ठअधिकारी रेल मंत्री माधवराव सिंधिया की ‘डायरी’ से बहुत घबराते थे। जब भी कभी सिंधिया जी अ...
शिक्षा से खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों के दाग -ः ललित गर्ग:

शिक्षा से खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों के दाग -ः ललित गर्ग:

समाचार, सामाजिक
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने एवं तरह-तरह के कानूनों के प्रावधानों के बावजूद आजादी का अमृत महोत्सव मना चुके राष्ट्र के शिक्षा के मन्दिर बच्चों पर हिंसा करने, पिटने, सजा देने के अखाडे़ बने हुए है, शिक्षक अपनी मानसिक दुर्बलता एवं कुंठा की वजह से बच्चों के प्रति बर्बरता की हदें लांघ रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार शिक्षा में अभिनव क्रांति करने का ढ़िढोरा पीट रही है, लेकिन अपने शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं पर सवार हिंसा की मानसिकता को दूर करने का कोई सार्थक उपक्रम नहीं कर पायी है। यही कारण है कि दिल्ली में एक प्राथमिक विद्यालय की एक शिक्षिका ने पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची को न केवल बुरी तरह पीटा, बल्कि कैंची से वार करते हुए उसे पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया। ऐसी क्रूर, हिंसक एवं बर्बर घटना को अंजाम देने वाली शिक्षिका को बच्चों को पढ़ाने-लिखाने लायक माना जा सकता है? बात केवल दिल्ली...
सोशल मीडिया पर खबरों के दौर में अखबारों पर भरोसा

सोशल मीडिया पर खबरों के दौर में अखबारों पर भरोसा

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*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* जहां तक राष्ट्रीय मीडिया की लोकप्रियता का सवाल है, यह कहना कठिन है कि उसके प्रति आम लोगों का प्रेम या आदर बढ़ा है लेकिन उसके दर्शकों और पाठकों की संख्या तो काफी बढ़ी ही है। जब आज से लगभग 45 साल पहले मैं नवभारत टाइम्स में काम करता था तो देश के इस सबसे बड़े अखबार की 4—5 लाख प्रतियां छपती थीं लेकिन अब तो हिंदी और अन्य भाषाओं के कई अखबारों की प्रसार—संख्या कई—कई लाखों में हैं और उनके पाठकों की संख्या करोड़ों में है। पहले किसी अखबार के दो—तीन संस्करण निकलते थे तो उन्हें बड़ा अखबार माना जाता था लेकिन अब कुछ अखबार ऐसे हैं, जिनके दर्जनों संस्करण छपते हैं।  यही स्थिति टीवी चैनलों की है। शुरू-शुरू में चार-पांच न्यूज़ चैनल ही दिखाई पड़ते थे, लेकिन आज विभिन्न भाषाओं में देश में सैकड़ों चैनल कार्यरत हैं। अब उनके दर्शकों की संख्या भी लाखों नहीं, करोड़ों में है। कई सर्वे...
संसद के प्रति कार्यपालिकाओं की जवाबदेही

संसद के प्रति कार्यपालिकाओं की जवाबदेही

राष्ट्रीय, समाचार
एक संसदीय लोकतंत्र में, संसद लोगों की इच्छा का प्रतीक है और इसलिए, सार्वजनिक नीति को लागू करने के तरीके की निगरानी करने में सक्षम होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सामाजिक-आर्थिक प्रगति के उद्देश्यों के अनुरूप है, प्रशासन और समग्र रूप से लोगों की आकांक्षाएं के लिए कुशल है। संक्षेप में, यह प्रशासन की संसदीय निगरानी का कारण है। संसद को प्रशासन के व्यवहार पर नजर रखनी होती है। यह कार्योत्तर पूछताछ और जांच कर सकता है कि क्या प्रशासन ने अनुमोदित नीतियों के तहत अपने दायित्वों के अनुरूप कार्य किया है और उसे प्रदत्त शक्तियों का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए किया है जिनके लिए उनका इरादा था और क्या खर्च किया गया पैसा संसदीय मंजूरी के अनुसार था। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी इस तथ्य से अवगत रहें कि वे अंततः संसदीय जांच के अधीन होंगे और वे जो करते हैं या करने में विफल होते हैं, उसके लिए जव...