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डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेगा

डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेगा

EXCLUSIVE NEWS, समाचार
डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेगा डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय (जिनेवा) का एक आउटपोस्ट केंद्र है। यह डब्ल्यूएचओ सदस्य देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने में सहायता करेगा। डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेगा जो पारंपरिक दवाओं से संबंधित दवाओं और अनुसंधान के विकास को बढ़ावा देगा तथा पारंपरिक दवाओं के बारे में साक्ष्य आधारित अनुसंधान, प्रशिक्षण तथा जागरूकता को मजबूत बनाएगा। डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम की गतिविधियां/कार्यक्षेत्र इस प्रकार हैं- स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंडे के विकास और आकार देने, अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों और मानकों को स्थापित करने, देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करने तथा पारंपरिक चिकित्सा तथा स्वस्थ रुझानों की निगरानी और आकलन के लिए एक संरक्षक के रूप में कार्य करना। अनु...
फीफा कप को किसने जोड़ा मजहब से

फीफा कप को किसने जोड़ा मजहब से

विश्लेषण, समाचार
आर.के. सिन्हा कतर में चल रहे फीफा विश्व कप में लगातार उलटफेर हो रहे हैं। यह ही एक ऐसा खेल है जिसमें अच्छी क्वालिटी के खेलों का रोमांच बढ़ता है जब नतीजे अप्रत्याशित आते हैं। कमजोर समझी जाने वाली टीमें भी बड़ी शक्तिशाली टीमों को परास्त कर देती हैं। पर चालू फीफा कप को इसलिए भी याद रखा जाएगा कि लगातार इस विश्व कप की इस्लामीकरण करने की कोशिश ही होती रही। यह जब आरंभ हुआ तो इस बात को जरूरत से ज्यादा महिमामंडित किया गया कि इसका आयोजन एक इस्लामिक देश कर रहा है। फिर नॉकआउट राउंड में स्पेन को हराने के बाद पहली बार क्वार्टर-फाइनल में पहुंची मोरक्को टीम के खिलाड़ियों ने फिलिस्तीनी झंडे के साथ जीत का जश्न मनाया। मैच में मोरक्को ने स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में 3-0 से हराया था। मोरक्को की स्पेन पर जीत पर हमारे यहां भी बहुत से लोग इस तरह से खुश हो रहे थे मानो कि उनका मुल्क मोरक्को ही हो, पर यहाँ फि...
हिन्दुत्व की प्रयोगशाला का सफलतम अनुसन्धान: गुजरात चुनाव परिणाम 

हिन्दुत्व की प्रयोगशाला का सफलतम अनुसन्धान: गुजरात चुनाव परिणाम 

राज्य, समाचार
मृत्युंजय दीक्षित  गुजरात की जनता ने 2022 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को इतने शानदार ढंग से सत्ता में वापसी कराई है कि आज बड़े बड़े  राजनैतिक विश्लेषक भी  हैरान हैं, कोई समझ नहीं पा रहा  कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के व्यक्तित्व और  नेतृत्व में ऐसी क्या विशेषता है कि लगातार सातवीं बार भाजपा को प्रचंड जीत हासिल हो गई है। इससे पूर्व कांग्रेस को राज्य विधानसभा में वर्ष 1985 में 56 प्रतिशत वोटों के साथ 149 सीटें प्राप्त हुई थीं और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ने यह रिकार्ड ध्वस्त कर दिया है। राजनैतिक विष्लेषक इस अदभुत और अविश्वसनीय विजय के पीछे के रहस्यों को पता करने का प्रयास कर रहे हैं। सभी विश्लेषकों  का अनुमान है कि इस बार कांग्रेस ने चुनावों के पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया था और रही सही कसर आम आ...
चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
रजनीश कपूरदेश की सर्वोच्च अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फ़ैसले से देशभर की अदालतों में लंबित पड़े 33 लाख मामलों पर प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही चेक बाउंस के नाजायज़ केसों में भीकटौती हो सकेगी।दुनिया के कई देशों की तरह हमारे देश में भी चेक बाउंस होना एक अपराध माना जाता है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट,1881 के मुताबिक चेक बाउंस होने की स्थिति में चेक जारी करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है। क़ानून केमुताबिक़ उसे 2 साल तक की जेल या चेक में भरी राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है।मुख्य न्यायाधीश का पदभार सँभालने से कुछ हफ़्ते पहले, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपनी सहयोगी जज जस्टिस हिमाकोहली के साथ एक खंडपीठ में अक्तूबर 2022 को दिये इस फ़ैसले में इस क़ानून की एक धारा के सही उपयोग को स्पष्टकिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्...
नेपाल में नई सरकार

नेपाल में नई सरकार

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* नेपाल में हुए आम चुनावों में जिन सत्तारुढ़ पार्टियां ने पहले से गठबंधन सरकार बनाई हुई थीं, वे फिर से जीत गई हैं। उन्हें 165 में से 90 सीटें मिल गई हैं। अब नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा फिर प्रधानमंत्री बन जाएंगे। हालांकि उनकी पार्टी को 57 सीटें मिली हैं और प्रंचड की कम्युनिस्ट पार्टी को सिर्फ 18 सीटें मिली हैं लेकिन जहां तक वोटों का सवाल है, प्रचंड की पार्टी को 27,91,734 वोट मिले हैं जबकि नेपाली कांग्रेस को सिर्फ 26,66,262 वोट ही मिल पाए। इसका अर्थ क्या हुआ? अब कम्युनिस्ट पार्टी का असर ज्यादा मजबूत रहेगा। अब देउबा की सरकार में कम्युनिस्ट पार्टी का सिक्का ज़रा तेज दौड़ेगा। देउबा प्रधानमंत्री तो दुबारा बन जाएंगे लेकिन उन्हें अब उन कम्युनिस्टों की बात पर ज्यादा ध्यान देना होगा, जो कभी नेपाली कांग्रेस के कट्टर विरोधी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी बगावत के ...
अवैध मतांतरण

अवैध मतांतरण

राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
ह्रदय नारायण दीक्षित अवैध मतांतरण राष्ट्रीय चुनौती है। ईसाई इस्लामी समूह काफी लम्बे समय से अवैध मतांतरण में संलग्न हैं। वे सारी दुनिया को अपने पंथ मजहब में मतांतरित करने के लिए तमाम अवैध साधनों का इस्तमाल कर रहे हैं। अपनी आस्था विवेक और अनुभूति में जीना प्रत्येक मनुष्य का अधिकार है। लेकिन यहाँ अवैध मतांतरण के लिए छल बल भय और प्रलोभन सहित अनेक नाजायज तरीके अपनाए जा रहे हैं। यह मानवता के विरुद्ध असाधारण अपराध है। और राष्ट्रीय अस्मिता के विरुद्ध युद्ध भी है। मतांतरण से व्यक्ति अपना मूल धर्म ही नहीं छोड़ता, उसकी देव आस्थाएं बदल जाती हैं। पूर्वज बदल जाते हैं। वह अपनी संस्कृति के प्रति स्वाभिमानी नहीं रह जाता। वह नए पंथ मजहब के प्रभाव में अपने पूर्वजों पर भी गर्व नहीं करता। उसकी भूसांस्कृतिक निष्ठा बदल जाती है। भूसांस्कृतिक निष्ठा ही भारतीय राष्ट्र का मूल तत्व है। इसलिए मतांतरण राष्ट्रांतरण ...
घुटने टेकता ईरान

घुटने टेकता ईरान

TOP STORIES, समाचार
घुटने टेकता ईरान* *डॉ. वेदप्रताप वैदिक* ईरान में हिजाब के विरुद्ध इतना जबर्दस्त जन-आंदोलन चल पड़ा है कि मुल्ला-मौलवियों और आयतुल्लाहों की सरकार को घुटने टेकने पड़ गए हैं। उसने घोषणा की है कि वह ‘गश्त—ए-इरशाद’ नामक अपनी मजहबी पुलिस को भंग कर रही है। इस पुलिस की स्थापना 2006 में राष्ट्रपति महमूद अहमदनिजाद ने इसलिए की थी कि ईरानी लोगों से वह इस्लामी कानूनों और परंपराओं का पालन करवाए। देखिए, ईरान की कथा भी कितनी विचित्र है। सउदी अरब और यूएई जैसे सुन्नी और अरब राष्ट्रों से ईरान की हमेशा ठनी रहती है लेकिन फिर भी वह हिजाब-जैसे सुन्नी और अरबी रीति-रिवाजों को उनसे भी ज्यादा सख्ती से लागू करने पर आमादा रहता है। ईरान तो आर्य राष्ट्र है। उसके शहंशाह को ‘आर्यमेहर’ कहा जाता था। लेकिन ईरान अपने भव्य भूतकाल को भूलकर अब अरबों की नकल करता है और दूसरी तरफ वह अपने शिया होने पर इतना गर्व करता है कि सुन्...
Stage III of revised Graded Response Action Plan (GRAP) invoked in Delhi-NCR with immediate effect

Stage III of revised Graded Response Action Plan (GRAP) invoked in Delhi-NCR with immediate effect

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Highlights: CAQM Sub-Committee for invoking actions under GRAP holds an emergency meeting in wake of significant deterioration in air quality of Delhi-NCR in last 24 hours All actions as envisaged under Stage III of the GRAP – ‘Severe’ Air Quality to be implemented in right earnest by all the agencies concerned, with immediate effect in the NCR; Stage I and Stage II actions to be reinforced In view of the significant deterioration in air quality of Delhi-NCR in last 24 hours, the Sub-Committee for invoking actions under the Graded Response Action Plan (GRAP) of the Commission for Air Quality Management in NCR & Adjoining Areas (CAQM) held an emergency meeting today. Delhi’s overall Air Quality Index (AQI) crossed the 407 mark today at 16:00 hours, which is likely to be ...
सबके लिए एक—जैसा कानून क्यों नहीं ?*

सबके लिए एक—जैसा कानून क्यों नहीं ?*

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*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* भाजपा कई वर्षों से लगातार वादा कर रही है कि वह सारे देश में सबके लिए निजी कानून एक-जैसा बनाएगी। वह समान नागरिक संहिता लागू करने की बात अपने चुनावी घोषणा-पत्रों में बराबर करती रही है। निजी मामलों में समान कानून का अर्थ यही है कि शादी, तलाक, उत्तराधिकार, दहेज आदि के कानून सभी मजहबों, जातियों और क्षेत्रों में एक-जैसे हों। भारत की दिक्कत यह है कि हमारे यहां अलग-अलग मज़हबों में निजी-कानून अलग-अलग तो हैं ही, जातियों और क्षेत्रों में अलग-अलग से भी ज्यादा परस्पर विरोधी परंपराएं बनी हुई हैं। जैसे हिंदू कोड बिल के अनुसार हिंदुओं में एक पत्नी विवाह को कानूनी माना जाता है लेकिन शरीयत के मुताबिक एक से ज्यादा बीवियाँ रखने की छूट है। भारत के कुछ उत्तरी हिस्से में एक औरत के कई पति हो सकते थे। भारत के दक्षिणी प्रांतों में मामा-भानजी की शादी भी प्रचलित रही है। आदिवासी क्षेत्रों में...
पेन किलर के दुष्प्रभाव से बचें

पेन किलर के दुष्प्रभाव से बचें

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*रजनीश कपूर‘इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना, दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना’। मिर्ज़ा ग़ालिब के चर्चित शेरों में से यहएक ऐसा शेर है जो हमें दर्द सहने की नसीहत देता है। परंतु आजकल के भाग-दौड़ भरे दौर में हमारे शरीर में दर्द सहने कीशक्ति कम होती जा रही है। हम किसी भी उम्र के क्यों न हों, ज़रा सी दर्द को भगाने के लिए ‘पेन किलर’ के बिना नहीं चलसकते। पर क्या हम इन रंग बिरंगी गोलियों के दुष्प्रभाव से वाक़िफ़ हैं?आमतौर पर हम सिरदर्द जैसी छोटी सी पीड़ा पर, पेट या बदन दर्द पर तुरंत पेन किलर ले लेते हैं। बिना इस बात का ख़्यालहुए कि इन गोलियों का हमारे शरीर पर क्या असर पड़ेगा। हमारी ज़रा सी लापरवाही, इन दवाओं को जीवन भर का दर्दबना सकती हैं। जबकि पेट दर्द, सिर दर्द और बदन दर्द के लिए नानी-दादी के बताए ऐसे हज़ारों घरेलू नुस्ख़े हैं जिनसे तुरंतआराम मिल सकता है। परंतु मार्केटिंग के युग में ...