स्तनपान से हटता ध्यान, हो कैसे अमृत का पान ?
स्तनपान से हटता ध्यान, हो कैसे अमृत का पान ?
बदलते दौर में नई और आधुनिक माताओं में स्तनपान की बहुत सी भ्रांतियां है। आधुनिकता के दौर में माताएं नवजात बच्चों को अपना दूध पिलाने से परहेज कर रहीं हैं। इस कारण बच्चे न केवल कमजोर हो रहे हैं, बल्कि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो रही है। आहार की बात होती है तो पौष्टिक और संपूर्ण आहार केवल और केवल मां का दूध होता है। जिसे अमृत का भी नाम दिया गया है। अगर बच्चा अपनी मां का दूध आहार के रूप में लेता है तो वह स्वस्थ ,बलवान ,तीव्र बुद्धि का और उसकी प्रतिरोधक क्षमता अपने आप बढ़ जाती है।
-प्रियंका 'सौरभ'
1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया। इस वर्ष 'स्टेप अप फॉर ब्रेस्टफीडिंग: एजुकेट एंड सपोर्ट', सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों को शामिल कर स्तनपान के संरक्षण, संवर्धन और समर्थन पर ध्यान केंद्रित किया गया। सरकारों, स्वास्थ्य प्रणाल...