वंदे मातरम्-विवाद नहीं, विकास का माध्यम बने
वंदे मातरम् को लेकर फिर बहस छिड़ गई है। मेरठ, इलाहाबाद और वाराणसी की नगर निगमों के कुछ पार्षदों ने इस राष्ट्रगान को गाने पर एतराज किया है। हाल ही में इलाहाबाद में वंदे मातरम को लेकर हंगामा हुआ था, कई सभासदों ने इस पर नाराजगी जताई और बैठक का बॉयकॉट कर दिया। इससे पहले मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक में भी वंदे मातरम् को लेकर विवाद हो गया था। बैठक में विपक्षी मुस्लिम पार्षद वंदे मातरम गाने के दौरान सदन से उठकर बाहर चले गये थे क्योंकि इसे वे इस्लाम-विरोधी मानते हैं। उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह राष्ट्र-गीत को लेकर बनी संकीर्णता एवं उसे गाएं या ना गाएं कोे लेकर विवाद होने को चिन्ता का विषय बताया है। जो वंदे मातरम् आजादी की लड़ाई में देशभक्ति का पावर बैंक हुआ करता था, वही वंदे मातरम् आजादी के बाद बदले वक्त में एक अलग ही राजनीतिक राग एवं संकीर्णता का प्रतीक बन गया, यह दुर्भाग्यपूर्ण ...