Shadow

addtop

छात्रों की किसे चिन्ता है ?

छात्रों की किसे चिन्ता है ?

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव भारी विवादों के बीच संम्पन्न हुए है। छात्र समुदाय दो खेमों में बटा हुआ था। एक तरफ भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दूसरी तरफ वामपंथी, कांग्रेस और बाकी के दल थे। टक्कर कांटे की थी। वातावरण उत्तेजना से भरा हुआ था और मतगणना को लेकर दोनो जगह काफी विवाद हुआ। विश्वविद्यालय के चुनाव आयोग पर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चला। छात्र राजनीति में उत्तेजना,हिंसा और हुडदंग कोई नई बात नहीं है। पर चिन्ता की बात यह है कि राष्ट्रीय राजनैतिक दलों ने जबसे विश्वविद्यालयों की राजनीति में खुलकर दखल देना शुरू किया है तब से धनबल और सत्ताबल का खुलकर प्रयोग छात्र संघ के चुनावों में होने लगा है, जिससे छात्रों के बीच अनावश्यक उत्तेजना और विद्वेष फैलता है। अगर समर्थन देने वाले राष्ट्रीय राजनैतिक दल इन छात्रों के भविष्...
कब हम कायदे से भरना सीखेंगे अपनी आयकर रिटर्न

कब हम कायदे से भरना सीखेंगे अपनी आयकर रिटर्न

addtop, Today News, TOP STORIES, आर्थिक
पिछली 31 अगस्त को साल 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की बढ़ी हुई समय सीमा समाप्त हो गई। सरकार ने इस समय सीमा को एक माह के लिए बढ़ाया था। शुरूआती जानकारी से साफ है कि आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 70 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है। इस बार 5.42 करोड़ लोगों ने 31 अगस्त तक अपनी आयकर रिटर्न भरी। यह देश की विकास यात्रा के लिए एक सुखद समाचार है। वैसे सबसे अधिक आयकर रिटर्न भरने वालों में नौकरीपेशा लोग ही हैं। आयकर रिटर्न भरने के अंतिम दिन सुनामी सी आ गई। उस दिन लगभग 35 लाख लोगों ने अपना आयकर रिटर्न भरा। यह भी कोई सही स्थिति तो नहीं मानी जा सकती। देखा जाए तो जिम्मेदार नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने में इतना वक्त नहीं लगाना चाहिए। उन्हें यह काम वक्त रहते ही कर लेना चाहिए।आपको अपने आसपास अनेक लोग मिलेंगे जो आयकर भरने के स्तर पर बेहद आलसी और गैर-जिम्मेदराना रवैया अपनात...
मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा

मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
जैन धर्म में संथारा अर्थात संलेखना- ’संन्यास मरण’ या ’वीर मरण’ कहलाता है। यह आत्महत्या नहीं है और यह किसी प्रकार का अपराध भी नहीं है बल्कि यह आत्मशुद्धि का एक धार्मिक कृत्य एवं आत्म समाधि की मिसाल है और मृत्यु को महोत्सव बनाने का अद्भुत एवं विलक्षण उपक्रम है। तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ठ सन्त ‘शासनश्री’ मुनिश्री सुमेरमलजी ‘सुदर्शन’ ने इसी मृत्यु की कला को स्वीकार करके संथारे के 10वें दिन चैविहार संथारे में दिनांक 4 अगस्त 2018 को सुबह 05.50 बजे देवलोकगमन किया। मुनिश्री ने गत दिनांक 26 अगस्त को सायं 07.43 पर तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान किया था। उनको 3 मिनट का चैविहार संथारा आया। मुनिश्री की पार्थिव देह अंतिम दर्शनों हेतु अणुव्रत भवन, 210, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में रखा गया, जहां से उनकी समाधि यात्रा दरियागंज, लालकिला होते हुए निगम बोध घाट पहुंची। हजारों श्रद्धालुजनों सहित अनेक राजनेताओं, साह...
Steroids mixed in unbranded medicines (powders and syrups)

Steroids mixed in unbranded medicines (powders and syrups)

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
There are reports that many a times some medical-practitioners including in unani, ayurvedic and homeopathic fields mix strong doses of steroids in unbranded medicines like powders and syrups in a bid to exhibit their self-acclaimed expertise in curing diseases. Central government should formulate some effective remedy to overcome the problem. Even though remedy lies in banning unbranded medicines, but the step is liable to open a pathway for minting money for drug manufacturers. Best remedy is that Central government may establish its own production units for all types of medicines including allopathic, unani, homeopathic and ayurvedic like once it had Indian Drugs & Pharmaceuticals Limited (IDPL) to provide cheaper branded medicines in all fields of medicines so that it may be fea...
Kolkata 50-years old bridge-collapse – case of murder not of mere accident

Kolkata 50-years old bridge-collapse – case of murder not of mere accident

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
Sudden day-light collapse of just 50-years old Majherhat-bridge in Kolkata on 04.09.2018, third such incident in past six years, is a clear-cut case of corruption and negligence in public-projects. Bridges built during British regime in India including nearby Howrah bridge are much more reliable and strong even after more than a century of their completion. Any enquiry into corruption in building the collapsed bridge may now lead to nowhere because those found guilty might have been dead by now. However a fast-track enquiry by a Special Investigation Team under supervision of Kolkata High Court with wide-ranging terms for enquiry including suggesting ways to check corruption and malpractices in public-projects may perhaps tend to check such future accidents. Case of murder and not mere acc...
Public being looted in name of notarization of documents

Public being looted in name of notarization of documents

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
System allows a fixed fees for getting any document duly attested and notarized by persons authorized as Notary-Public, by recording complete details in the registers required to be maintained by persons authorized as Notary-Public. Similar may be system for Oath-Commissioners. But it is common practice in Delhi that many persons charge fees as Notary-Public by simply putting a round rubber-stamp on documents without even having a register where complete details about documents are to be recorded and numbered to be endorsed on notarized documents also. There is no provision to check authenticity of such persons acting as Notary Public. It is a common practice that many authorized Notary Public maintaining proper registers for keeping record of notarized documents charge heavily in tunes of...
Computerisation in medical profession should be compulsory

Computerisation in medical profession should be compulsory

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
It should be made mandatory for new-age medical practitioners to issue prescriptions direct from the computer after storing medical history of patients in their computers. Many medical practitioners especially in lower-income localities give their own-prepared medicinal syrups and powder-capsules without letting patients know about the medicines being administered to them. In emergency-era of 1975-1977, such unhealthy practice was effectively checked by making all medical practitioners to compulsorily maintain record of each patient visiting them and also binding every medical practitioner to compulsorily give a copy of prescription of administered or prescribed medicines even though given by the medical practitioner. Such medical discipline should be restored in larger public interest. Ho...
addtop, Today News, विश्लेषण
आरक्षण आस या फांस भारत की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के क्रम में विभाजनकारी ताकतों से देश को बचाये रखना एक बड़ी चुनौती है। विदेशी ताकतों के द्वारा लगातार भारत को कमजोर करने और विभाजित करने का षड्यंत्र होता रहा है। भारत की सीमाओं पर पाकिस्तान और चीन लगातार देश को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं तो बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ एक बड़ा सरदर्द बन गया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बाद लाखों की संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों की सरकारी पुष्टि हो चुकी है। रोहिंग्या का विषय अभी तक सुलझा नहीं है। विपक्षी दल गठबंधन की आड़ में राष्ट्रविरोधी ताकतों को प्रश्रय देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 2014 की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह राज्यों में मोदी का जादू फैलता गया और उसके द्वारा हिन्दू वोट बैंक एकजुट होता गया, उसके बाद षड्यंत्रकारी ताकतों के द्वारा मोदी विरोध के नए नए पैंतरे खेले जाने लगे। ...
जर्मनी से राहुल का मोदी पर हमला?

जर्मनी से राहुल का मोदी पर हमला?

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
  मॉब लिंचिग के पीछे है बेरोजगारी का दर्द भारत में इन दिनों मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने सत्ता से लेकर समाज तक सभी को परेशान कर रखा है। कोई नहीं जानता है कि कब किसकी मौत किसके हाथों हो जाए। कभी गाय की हत्या करने पर, कभी किसी जाति विशेष का होने पर या फिर कभी किसी भी छोटे से विवाद के बदले अब लोग पीटपीटकर मार देने को ?ही इंसाफ समझ रहे हैं। पर राहुल गांधी का कहना है कि यह सब बेरोजगारों के कारण हो रहा है। वे दुखी हैं, परेशान हैं और इसलिए मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह तर्क कितना सच है यह तो देश जानता है पर इस मसले की आड़ लेकर उन्होंने पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने जर्मनी से इंटरनेशनल मीडिया के सामने पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी की। उन्होंने जर्मनी के हैम्बर्ग में कहा कि भारत में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) किये जाने की घटनाएं बे...
चुनावी राजनीति  कौन आगे?

चुनावी राजनीति कौन आगे?

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण
  इस साल के अंत में तीन राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसके साथ ही देश के बौद्धिक और मीडिया वर्ग के एक हिस्से में शिगूफेबाजी भी शुरू हो गई है। शिगूफा यह कि तीन राज्यों के साथ ही लोकसभा का चुनाव भी केंद्र सरकार कराने की तैयारी में है। कांग्रेस के एक सचिव नाम न छापने की शर्त पर इन पंक्तियों के लेखक से बाजी तक लगाने को तैयार थे कि दिसंबर में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ ही लोकसभा का भी चुनाव होने जा रहा है। इतना ही नहीं, उनका दावा है कि जिन राज्यों में साल 2019 में विधानसभा चुनाव होने हैं, मसलन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और हरियाणा की विधानसभा के भी चुनाव पहले साथ ही कराए जा सकेंगे। इसके लिए उन्होंने उदाहरण भी दिया कि कांग्रेस पार्टी में जारी फेरबदल का मकसद भी पार्टी को चुनाव के मद्देनजर तैय...