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खोखले राष्ट्रवादी ट्रम्प और चीन की कठपुतली बाईडेन

खोखले राष्ट्रवादी ट्रम्प और चीन की कठपुतली बाईडेन

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बीमारों व लाशों के बढ़ते ढेर के बीच कोरोना महामारी और नरसंहार को लेकर जनता के आक्रोश के बीच राजनीतिक आरोप , चर्चा और विवाद बढ़ गए हैं। कोरोना का क़हर बिना स्त्री, पुरुष, बच्चे, युवा, वृद्ध, जाति, धर्म, अमीर, गरीब, पूँजीवादी या वामपंथी भेदभाव के समान भाव से सभी पर क़हर ढा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के चीन व बाईडेन की मिलीभगत से कोरोना वायरस लैब में बनाने और दुनिया में फैलाने के आरोपों के बीच राष्ट्रपति बाईडेन ने तीन महीनो के अंदर इन आरोपों की जाँच के आदेश दे दिए हैं। सच तो यह है कि जिस प्रकार दशकों से अमेरिका चीन जुगलबंदी से वायरस पैदा करने और फैलाने के क्रूर धंधे में लगे हुए हैं उसने अमेरिका के दोनो ही राजनीतिक दल रिपब्लिकन व डेमोक्रेट की संलिप्तता है और अमेरिका सरकार की नीतियो के तहत ही चीन के कंधे पर बंदूक़ रखकर देश और दुनिया में मेडिकल माफिया को बढ़ावा दिया गया है ।  कूटनीति विश...
COVID-19: चीन-अमेरिका का जैविक हथियार या वेश्विक षड्यंत्र ? – अनुज अग्रवाल

COVID-19: चीन-अमेरिका का जैविक हथियार या वेश्विक षड्यंत्र ? – अनुज अग्रवाल

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यह हास्यास्पद है कि दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मरीज़ों और गिरती लाशों के बीच बढ़ते जनाक़्रोश के बीच  अमेरिका ने अपनी जाँच एजेंसियों को 90 दिनो में यह जाँच करने का आदेश दिया है कि इस वायरस का उदगम चीन की विहं लेब है या नहीं और क्या चीन ने जैविक हथियार के रूप में तो इस वायरस का प्रयोग तो नाहीं किया। अमेरिका के ही आग्रह पर डबल्यूएचओ भी  इन आरोपो की फिर से जाँच करने के लिए तैयार हो गया है और अंतत: भारत सरकार ने भी इन जाँचो का समर्थन किया है। जब किसी देश की गलती या जानबूझकर की गयी हरकत से आपके देश में लाखों करोड़ों लोग मर रहे हों और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही हो तो आप उस देश के ख़िलाफ़ जाँच बैठाएँगे या उसको मिलकर कुचल देंगे। अगर जाँच के नतीजे चीन के ख़िलाफ़ आ गए तो दुनिया क्या उखाड़ लेगी चीन का ? कोरोना वायरस और अनुत्तरित प्रश्न  क्या कोरोना एक वेश्विक साज़िश है जिसमें दुनिया की एलीट...
कोरोना संक्रमण की सुनामी और मोदी सरकार के लिए उभरती अभूतपूर्व चुनोतियाँ

कोरोना संक्रमण की सुनामी और मोदी सरकार के लिए उभरती अभूतपूर्व चुनोतियाँ

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भारत असाधारण परिस्थितियों का शिकार है। कोविड 19-20 ( कोरोना) संक्रमण की दूसरी लहर ने देश को हिलाकर रख दिया है।  अनगिनत कोरोना संक्रमित मरीनो की बाढ़ में हमारा स्वास्थ्य ढाँचा बिखर गया है और जनता त्राहिमाम कर रही है। एक ही झटके में व्यवस्था व राजनेताओ का विद्रुप चेहरा जनता के सामने आ गया। हमारी राज्य सरकारें भी कोरोना संक्रमित होकर मरणासन्न हैं और भाजपा नीत केंद्र सरकार “ चुनावी हैंगओवर” की शिकार होकर दिग्भ्रमित। इस कारण केंद्र सरकार पंद्रह दिन की देरी से ‘ऐक्शन मोड’ में आ पायी मगर तब तक कोविड के डबल म्यूटेंट संक्रमण की तूफ़ानी रफ़्तार ने बवाल मचा दिया। चारों ओर बीमारों और लाशों के ढेर लगते जा रहे हैं और केंद्र व राज्य सरकारें हर मोर्चे पर असफल सिद्ध होती जा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के 146 जिलों में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण से बाहर है। एक महीने पहले ऐसे ज़िले बमुश्किल 20 ...
अफगान संकटः हम तालिबान से परहेज क्यों करें ?

अफगान संकटः हम तालिबान से परहेज क्यों करें ?

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अफगानिस्तान से अमेरिका की फौजें 11 सितंबर 2021 को वापस होंगी। अमेरिका के कुल 3500 और नाटो के 8500 सैनिक अपने-अपने देश में चले जाएंगे। तब क्या होगा ? अफगानिस्तान की वर्तमान सरकार का मानना है कि उसके 3 लाख फौजी जवान काफी हैं। वे शांति और व्यवस्था बनाए रखने में समर्थ हैं। अभी जो भी विदेशी सैनिक वहाँ हैं, वे सिर्फ वहां हैं। तालिबान से लड़ने का असली काम तो अफगान सैनिक ही कर रहे हैं। यदि यह सच है तो पहला सवाल यही है कि अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान का कब्जा कैसे जारी है ?  एक अनुमान के अनुसार बड़े अफगान शहरों के अलावा सर्वत्र तालिबान ने अपना प्रशासन कायम किया हुआ है। उनकी सरकार, टैक्स उगाही और शरीयत अदालतें वहां सक्रिय हैं। दूसरा, दोहा में तालिबान से समझौता हो जाने के बावजूद अफगान सेना उनके हमलों को रोकने में असमर्थ क्यों रही हैं ? तीसरा, यदि गनी-अब्दुल्ला सरकार काबुल में मजबूत है ...
वैक्सीन को लेकर फैलाई गई अफवाहों व दबाव के खेल का काला सच…

वैक्सीन को लेकर फैलाई गई अफवाहों व दबाव के खेल का काला सच…

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भारत की कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन क्या बनाया कांग्रेसियों और सेकुलर भांडों के आर्थिक श्रोत पर अंतिम कील ठुंक गयी। उन्हें लगा कि मोदी सियासी बाजी भी मार ले गए और हमे आर्थिक रूप से बर्बाद भी कर गए। पहले इन्होंने पूरी कोशिश की वैक्सीन को बेकार घोषित कर दिया जाए। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने राज्य में कोवैक्सीन की एंट्री तक वैन कर दी। अखिलेश ने इसे मोदी वैक्सीन घोषित कर सपा के लोगों को टीका लगाने से मना कर दिया। यही हालत कांग्रेसी नेताओं ने भी अपने राज्यो में किया महाराष्ट्र में तो लाखों वैक्सीन बर्बाद हो गई। यह बात दूसरी है कि जब फटने लगी तो सभी विपक्षी चोरी छुपे टीका लगवाने लगे। इन्हीं लोगों की नकारात्मकता की वजह से मोदी जी ने बनाई हुई वैक्सीन बाहर भिजवाई और जब बाहर चली गई तो यही हो हल्ला मचाने लगे कि जब अपने देश में ही पूर्ति नहीं हो पा रही है तो बाहर क्यों भिजवाई। वसुधैव कुटुम्बकम क...
जीवन रक्षक दवाओं पर अनिवार्य-लाइसेंस की मांग जिससे कि जेनेरिक उत्पादन हो सके

जीवन रक्षक दवाओं पर अनिवार्य-लाइसेंस की मांग जिससे कि जेनेरिक उत्पादन हो सके

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ज़रा सोचे कि जीवन रक्षक दवा हर ज़रूरतमंद इंसान को मिलनी चाहिए कि नहीं? यदि दवा कंपनी के पास पेटेंट हो और कीमत इंसान की पहुँच के बाहर हो तब भी वैश्विक व्यापार संधि में ऐसे प्रावधान हैं कि सरकारें, जनहित में जनता की ज़रूरत को देखते हुए, पेटेंट वाली दवा पर अनिवार्य-लाइसेंस (कम्पलसरी लाइसेंस) ज़ारी करें जिससे कि स्थानीय उत्पादन हो सके और जीवन रक्षा हो सके. इसीलिए विशेषज्ञ मांग कर रहे हैं कि जो दवा वैज्ञानिक रूप से कोरोनावायरस रोग में असरकारी दिख रही है उसपर अनिवार्य-लाइसेंस ज़ारी हो. अनिवार्य लाइसेंस न सिर्फ जन स्वास्थ्य के लिए बल्कि सामाजिक न्याय की दृष्टि से भी ज़रूरी कदम है जो सरकारों को पेटेंट-वाली दवाओं को स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने की, इस्तेमाल करने की, आयात-निर्यात करने की, कम कीमतों पर विक्रय करने की, शक्ति देता है. जब भी बौद्धिक सम्पदा और पेटेंट जैसे रोड़े आते हैं, अनेक देशों की सरकारों...
Real Bharat

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Lot of people, specially the so called Modernites and Secularists allege that Hindus have always been defeated by every invader and as a Nation are weaklings and are afraid of Islam, which has ruled over India during entire modern history. I am trying to give my take in the matter and request readers to KINDLY do comment, whichever way they feel like, so as to initiate a debate on the subject. Hindus are not, we’re not and never will be afraid of Islamists. Only we react slowly and when we react, violence is the last resort. India was first invaded in the year 700 AD, attracted by its vast wealth. They were resisted throughout. In the year 1000 AD, Salar Masood, from Arabia, ( who was considered a Devine person by them), along with a vast army consisting of at least one man from each hou...
मौलिक भारत संस्था द्वारा नोयडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे वे प्राधिकरणों में अभी भी चल रही व पूर्व की अनियमितताओं व अराजकता के संदर्भ में शिकायत व प्रभावी कार्यवाही हेत्तु मांग पत्र

मौलिक भारत संस्था द्वारा नोयडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे वे प्राधिकरणों में अभी भी चल रही व पूर्व की अनियमितताओं व अराजकता के संदर्भ में शिकायत व प्रभावी कार्यवाही हेत्तु मांग पत्र

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                                                                                                  प्रेस विज्ञप्ति प्रतिष्ठित संस्था मौलिक भारत ने दिनांक 24/ 01/2021 को   प्रतिवेदन  मीडिया को जारी किया जो संस्था ने नोयडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरणों में पिछले दो दशकों से चल रही लूट के खेल को विस्तार से उजागर करते  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को  शिकायत व प्रभावी कार्यवाही हेत्तु मांग पत्र  भेजी गयीं है।  विस्तृत  प्रतिवेदन पर संस्था की ओर से महासचिव अनुज अग्रवाल व केंद्रीय कार्यकारणी के बरिष्ठ सदस्यों महेश सक्सेना (अध्यक्ष , नोयडा लोक मंच),  संजय शर्मा , अनिल गर्ग,  ने हस्ताक्षर किए।  संस्था का आरोप है कि पिछले लगभग चार वर्षों के कार्यकाल में भी आपकी सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी तीनो  प्राधिकरणों की कार्यशेली में  किंचित बदलाव भी नहीं आया  यद्यपि अनियम...

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगाम ही आएगी काम

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(सोशल मीडिया की वजह से गलत खबर, फेक न्यूज, अफ़वाह, अभद्र भाषा आदि समाज में फैल गए है जो हर सेकंड व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से वायरल होते रहते है. सोशल मीडिया एक व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली संस्था है और एक ही समय में एक वरदान और शाप है. सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक स्वस्थ, संपन्न लोकतंत्र का अभिन्न अंग है. मगर उपर्युक्त समस्याएं सोशल मीडिया को कायम रखने में सक्षम बनाने और उस पर विश्वास करने में बाधक हैं. सही तरीके से, सही दृष्टिकोण, सही उद्देश्य और सही तरीके से सोशल मीडिया का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए हमें नए नियम बनाने होंगे.) सोशल मीडिया संचार, सहयोग, शिक्षा जैसे विषयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और परिणामस्वरूप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सार्वजनिक और सरकारी अधिकारियों की भागीदारी की तरह इसे महत्वपूर्ण मानते हैं. आज हमें सोशल मीडि...
बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप

बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जैसी दुर्दशा आज हो रही है, किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की कभी नहीं हुई। ऐसा नहीं है कि ढाई सौ साल के इतिहास में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति पर कभी महाभियोग चला ही नहीं। ट्रंप के पहले तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चले हैं। 1865 में एंड्रू जॉनसन पर, 1974 में रिचर्ड निक्सन पर और 1998 में बिल क्लिंटन पर! इन तीनों राष्ट्रपतियों पर जो आरोप लगे थे, उनके मुकाबले ट्रंप पर जो आरोप लगा है, वह अत्यधिक गंभीर है। ट्रंप पर राष्ट्रद्रोह या तख्ता-पलट या बगावत का आरोप लगा है। अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के निम्न सदन-- प्रतिनिधि सदन-- ने ट्रंप के विरोध में 205 के मुकाबले 223 वोटों से जो महाभियोग का प्रस्ताव पारित किया है, वह अमेरिकी संविधान, लोकतंत्र की भावना और शांति-भंग के सुनियोजित षड़यंत्र का आरोप ट्रंप पर लगा रहा है। ट्रंप अब अमेरिका के संवैधानिक इतिहास में ऐसे पहले खलनायक क...