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म.प्र. में सिंधिया का छक्का

म.प्र. में सिंधिया का छक्का

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मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार का बचना अब असंभव-सा लग रहा है। कुछ अन्य छोटी-मोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों की मदद से चल रही यह कांग्रेस सरकार यों भी तलवार की धार पर चल रही थी लेकिन मप्र की भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उसे गिराने की साजिश नहीं की। वे उसे बर्दाश्त किए जा रहे थे लेकिन वह अब अपने ही बोझ तले दबकर धराशायी हो रही है। भोपाल में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर रही है तो उसके लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है, भाजपा नहीं। यहां मुख्य प्रश्न यह है कि कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत क्यों की ? यदि वे अपने गुट के विधायकों समेत भाजपा में नहीं जाते तो शायद कांग्रेस सरकार चलती रह सकती थी, क्योंकि कमलनाथ सरकार काफी लोक-लुभावन कदम उठा रही थी और अपनी गलत पहलों को वापस लेने का साहस भी दिखा रही थी लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को जो बीमारी पोला कर रही है, उसने मप्र में भी डेरा जमा...
यस बैंक क्राइसिस की समस्या का समाधान कैसे होगा?*

यस बैंक क्राइसिस की समस्या का समाधान कैसे होगा?*

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जो लोग yes bank पर ज्ञान पेल रहें हैं । उनकी जानकरी के लिए बता दूं कि अगर मुझे किसी भी बैंक का central statutory auditor बना दिया जाए तो 7 दिन में इतने npa निकाल दूँ कि सारे बैंक दिवालिया हो जाएं । एक बार मैंने एक बैंक की ब्रांच का statutory audit किया था उस बैंक ब्रांच को loss में ला कर खड़ा कर दिया था । अगले तीन वर्षों तक बैंक ने मुझे ऐसी ब्रांच allot की ,जिनमें जा तो कोई loan ही नही था ,या सर्विस ब्रांच थी ,या नई खुली ब्रांच थी । अगर बैंक्स का सही ऑडिट हो तो सारे बैंक्स की capital negative हैं । सारे बड़े loan बिना security के केवल share गिरवीं रखकर दिए जाते हैं ,consumer loan ,vehicle loan , सबमें बहुत npa है लेकिन बैंक के parmoter पागल थोड़ी हैं कि उनको पता नहीं की loan वापिस नही आएगा लेकिन बैंक में उनका पैसा ना मात्र का लगा होता है और जनता का पैसा बहुत अधिक । जैसे y bank में r kapoor का...
Name-and-shame posters of rioters to be removed in UP on High Court order in name of right to privacy

Name-and-shame posters of rioters to be removed in UP on High Court order in name of right to privacy

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It refers to Allahabad High Court taking sue-motto cognizance of hoardings of rioters against whom cost is imposed for recovering cost of damages by UP government at important road-crossings of state-capital Lucknow under policy of name-and-shame in a bid to prevent such riots. It is significant that the court held special sitting on Sunday to take up the matter, ultimately ordering immediate removal of such hoardings in name of right to privacy. But such hoardings for defaulters of property-tax in Delhi are often put by civic authorities. Since steps taken by state-government to recover cost of damage from rioters provided positive results when there are reports that initially booked rioters gave details of their associates in rioting to get cost distributed, UP government should chall...
Separate kitchens in hotels and eateries for cooking non-vegetarian food necessary

Separate kitchens in hotels and eateries for cooking non-vegetarian food necessary

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It refers to steep and sharp decline in consumption of non-vegetarian food with spread of Corona virus. Already vegetarianism is spreading fast with many hotels and restaurants becoming popular for being excusive vegetarian. Vegetarianism is becoming popular even in advanced countries. Central and some states have taken some practical steps to fight danger of Corona being spread in the country. Time has come when central government should order that hotels, restaurants and eateries may have separate kitchens and kitchen-wares to cook non-vegetarian food with such system displayed prominently inside and outside such hotels, restaurants and eateries adopting practice of having separate kitchens and kitchen-wares to cook non-vegetarian food. Rather such display will increase their business...
Uncertainty of private banks now with YES Bank calls for another round of bank-nationalisation

Uncertainty of private banks now with YES Bank calls for another round of bank-nationalisation

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It refers to Reserve Bank of India (RBI) now on 05.03.2020 imposing restrictions on withdrawal of more than rupees 50000 from an account in YES Bank. Only some time back, similar restrictions in case of PMC Bank had put its customers in great difficulty when there were even deaths reported of some customers who could not bear the burnt of blocking of their hard-earned money because of RBI instructions. Main sufferers of such restrictions are senior citizens whose only income is from interest in Fixed Deposits. Since private Banks give more interest than public-sector banks, depositors park their hard-earned money in private banks in want of more income. It is time that another phase of nationalisation of private banks may be initiated to prevent hardships to depositors in these banks...
महिला समानता के बिना कैसे होगा सबका विकास?

महिला समानता के बिना कैसे होगा सबका विकास?

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8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला समानता केन्द्रीय बिंदु रहा. आज भी हमारे समाज में, यदि महिलाओं को बराबरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हो तो यह विकास के ढाँचे पर भी सवाल उठाता है क्योंकि आर्थिक विकास का तात्पर्य यह नहीं है कि समाज में व्याप्त असमानताएं समाप्त हो जाएँगी. बल्कि विकास के ढाँचे बुनियादी रूप से ऐसे हैं कि अनेक प्रकार की असमानताएं और अधिक विषाक्त हो जाती हैं. दुनिया के अन्य क्षेत्र में, जैसे कि यूरोप में आर्थिक विकास होने में कई-सौ साल लगे जिसके दौरान, विकास के साथ-साथ समाज में लैंगिक समानता भी बढ़ी. परन्तु भारत समेत, एशिया और पैसिफिक क्षेत्र के देशों में, आर्थिक विकास तो दुनिया के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले, बड़ी तेज़ी से हुआ, परन्तु महिला असमानता उस रफ़्तार से कम नहीं हुई. उदाहरण के लिए अत्याधुनिक जापान में आर्थिक विकास के बावजूद भी महिला असमा...
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का कुत्सित रूप कोरोना वायरस

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का कुत्सित रूप कोरोना वायरस

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आज जब एशिया के एक देश चीन के एक शहर वुहान से कोरोना नामक वायरस का संक्रमण देखते ही देखते जापान, जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, रूस समेत विश्व के 30 से अधिक देशों में फैल जाता है तो निश्चित ही  वैश्वीकरण के इस दौर में इस प्रकार की घटनाएं हमें ग्लोबलाइजेशन के दूसरे डरावने पहलू से रूबरू कराती हैं। क्योंकि आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से विश्व भर में अब तक 2012 मौतें हो चुकी हैं और लगभग 75303 लोग इसकी चपेट में हैं  जबकि आशंका है कि यथार्थ इससे ज्यादा भयावह हो सकता है। लेकिन यहां बात केवल विश्व भर में लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान तक ही सीमित नहीं है बल्कि पहले से मंदी झेल रहे विश्व में इसका नकारात्मक प्रभाव चीन समेत उन सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर भी पडऩा है जो चीन से व्यापार करते हैं जिनमे भारत भी शामिल है। बात यह भी है कि जेनेटिक इंजीनियरिंग, रोबोटिक...
कोरोना वायरसः वैश्विक आपातकाल

कोरोना वायरसः वैश्विक आपातकाल

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 आशुतोष कुमार सिंह विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को स्वास्थ्य की दृष्टि से वैश्विक आपातकाल घोषित किया है। चीन में घातक कोरोना वायरस से अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग इस वायरस के चपेट में हैं। इस वायरस के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य की दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। भारत सहित तमाम देश इस वायरस से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर जुटे हैं। चीन में चिकित्सा का बड़ा केन्द्र वुहान इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। सबसे ज्यादा मौतें इसी शहर में हुई हैं। धीरे-धीरे इस वायरस का विस्तार बढ़ता जा रहा है। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित कुछ लोगों की पहचान हुई है। यहां पर यह जानना जरूरी है कि कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है, लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रे...
बदले-बदले से केजरीवाल!

बदले-बदले से केजरीवाल!

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उमेश चतुर्वेदी   लोकसभा चुनावों में भारी पराजय के महज आठ महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज कराने के बाद केजरीवाल एक बार फिर अलग तरह की राजनीति करते नजर आ रहे हैं। बेशक उनकी जीत पिछली बार की तुलना में कम रही, 67 सीटों की बजाय 62 सीटों पर ही उनकी पार्टी जीत पाई, लेकिन 70 सदस्यों वाली विधानसभा के हिसाब से यह फिर भी बड़ी जीत है। इस जीत में निस्संदेह बड़ी भूमिका शाहीनबाग आंदोलन ने भी निभाई। नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए 15 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ आंदोलन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जारी है। इसका असर यह हुआ कि मुस्लिम बहुल सभी पांचों सीटों मटिया महल, सीलमपुर, ओखला, बल्लीमारान और मुस्तफाबाद से आम आदमी पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार भारी मतों से जीते। जाहिर है कि पांचों जगह आम आदमी पार्टी की भारी जीत मुस्लिम मतदाताओं की एकतरफा वोटिंग की वजह से हुई। चुनाव नत...
शुरुआती पहचान से हो सकती है 90 फीसदी कैंसर मामलों की रोकथाम  

शुरुआती पहचान से हो सकती है 90 फीसदी कैंसर मामलों की रोकथाम  

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक 70 वर्ष की उम्र से पहले होने वाली मौतों के लिए कैंसर एक प्रमुख वजह बनकर उभरा है। हालाँकि, बीमारी के बारे में जागरूकता और इसकी शुरुआती पहचान से तो कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों की रोकथाम की जा सकती है। नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआइसीपीआर) की निदेशक डॉ शालिनी सिंह ने ये बातें कही हैं।  डब्ल्यूएचओ की एक ताजा रिपोर्ट में दस में से एक भारतीय को उसके जीवनकाल में कैंसर की चपेट में आने और पंद्रह भारतीयों में से एक की इस बीमारी से मौत होने की आशंका व्यक्त की गई है। ‘वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट’ के अनुसार वर्ष 2018 में भारत में कैंसर के 11.6 लाख नये मामले सामने आए थे, जिसके कारण 7.84 लाख से अधिक लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। डब्ल्यूएचओ ने गरीब देशों में वर्ष 2040 तक कैंसर के मामले 81 फीसदी तक बढ़ने की आशंका जतायी है। डॉ शा...