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शाहीन बाग ‘धरना जिहाद’

शाहीन बाग ‘धरना जिहाद’

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दिल्ली में यमुना के साथ-साथ बसी अवैध कालोनी शाहीन बाग पिछले एक माह (15.1.2020) से निरंतर चर्चा में बनी हुई है। यहां पर केंद्र सरकार द्वारा विधिवत पारित 'नागरिकता संशोधन अधिनियम’ के विरोध में मिथ्या प्रचार करके कुछ असामाजिक तत्वों का साथ लेकर विरोधी पक्ष के नेता व सेकुलर बुद्धिजीवी धरना-प्रदर्शन करवा कर देश में शांति व्यवस्था व साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाडऩे का कुप्रयास कर रहे हैं। प्राप्त सूत्रों के अनुसार यह अवैध कालोनी 'शाहीन बाग’ मुख्यत: मुस्लिम बहुल कालोनी है। निस्सन्देह अगर सघन जांच की जाए तो यहां बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, अफगानी व म्यांमार के मुस्लिम घुसपैठियों की अधिक संख्या होगी। यह संशोधित कानून ऐसे अवैध नागरिकों व घुसपैठियों को भी सबसे अधिक प्रभावित करेगा। यहां एक विशेष ध्यान देना होगा कि हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र व प्रदेश सरकार को बार-बार यह निर्देश दिए हैं कि ऐसे घुसप...
अब आएंगी नौकरियों की बहार

अब आएंगी नौकरियों की बहार

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निश्चित रूप से मोदी सरकार के साल 2020-21 के आम बजट की गहन समीक्षा करने के बाद कोई भी तटस्थ अर्थशास्त्री भी मानेगा कि इस बजट का मोटा-मोटी फोकस देश में ज्यादा से ज्यादा नौकरियों को सृजित करने पर रहा है। यह समय की मांग भी थी। सारे देश को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से पूरी उम्मीद भी यही थी कि  उनके बजट प्रस्तावों में नौकरियों को सृजित करने वाली योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सीतारमण के बजट प्रस्तावों से शिक्षा, इंफ्रॉस्ट्रक्चर,  स्वास्थ्य, पर्यटन आदि क्षेत्रों में लाखों नौकरियां आएंगी। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा भी कि  अब शिक्षा और नर्सिंग के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां आएंगी। इसमें कोई शक नहीं है कि हेल्थ सेक्टर लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है। इसमें अब नौजवानों के लिए रोजगार के लाखों अवसर और पैदा होना बेहद सुखद है। उनके  बजट भाषण में रोजगार शब्द का 13 बार जिक्र हुआ। साफ है कि म...
दिल्ली मांगे मोर

दिल्ली मांगे मोर

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  लोकतांत्रिक पिरामिड को सही कोण पर खड़ा करने के पांच सूत्र हैं, लोक-उम्मीदवार, लोक-घोषणापत्र, लोक-अंकेक्षण, लोक-निगरानी और लोक-अनुशासन। लोक-घोषणापत्र का सही मतलब है, लोगों  की नीतिगत तथा कार्य संबंधी जरूरत व सपने की पूर्ति के लिए स्वयं लोगों द्वारा तैयार किया गया दस्तावेज। प्रत्येक ग्रामसभा व नगरीय वार्ड सभाओं को चाहिए कि वे मौजूद संसाधन, सरकारी-गैरसरकारी सहयोग, आवंटित राशि तथा जनजरूरत के मुताबिक अपने इलाके के लिए अगले पांच साल के सपने का नियोजन करें। इसे लोकसभावार, विधानसभावार, मोहल्लावार व मुद्देवार तैयार करने का विकल्प खुला रखना चाहिए। इसमें हर वर्ष सुधारने का विकल्प भी खोलकर रखना अच्छा होगा। इस लोक एजेंडे या लोक नियोजन दस्तावेज को लोक-घोषणापत्र का नाम दिया जा सकता है। इस लोक-घोषणापत्र को किसी बैनर या फ्लेक्स पर छपवाकर अथवा सार्वजनिक मीटिंग स्थलों की दीवार पर लिखकर चुनाव प्रचार...
किसके हाथ लगेगी दिल्ली की बाजी?

किसके हाथ लगेगी दिल्ली की बाजी?

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जिस समय ये पंक्तियां लिखी जा रही हैं, उस वक्त दिल्ली का दंगल धीरे-धीरे परवान चढ़ रहा है। मुकाबले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी आगे दिख रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि माहौल धीरे-धीरे बदलेगा। इस पूरी लड़ाई में निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी आगे दिख रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले विधानसभा में उसने 67 सीटें हासिल की थीं। बेशक उसमें से कपिल मिश्र जैसे कुछ एक लोग बागी हुए। लेकिन आम आदमी पार्टी को भरोसा रहा कि इतना प्रचंड बहुमत कितना भी कम होगा तो वह दिल्ली के बहुमत से आगे ही होगा। इसी आत्मविश्वास के साथ आम आदमी पार्टी ने तैयारियां की और इस खेल में वह आगे रही। उसने अपने पंद्रह विधायकों के टिकट काटे और सबसे पहले उसने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। जबकि दिल्ली में लोकसभा की लगातार दो बार सभी सीटें और लगातार दो बार नगर निगम जीतने वाली भारतीय जनता प...
कांग्रेस की हताशा है या फिर सुनियोजित रणनीति?

कांग्रेस की हताशा है या फिर सुनियोजित रणनीति?

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दिल्ली के चुनाव आज देश का सबसे चर्चित मुद्दा है। इसेभारतीय राजनीति का दुर्भाग्य कहें या लोकतंत्र का,कि चुनाव दर चुनाव राजनैतिक दलों द्वारा वोट हासिल करने के लिए वोटरों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देना तो जैसे चुनाव प्रचार का एक आवश्यक हिस्सा बन गया है। कुछ समयपहले तक चुनावों के दौरान चोरी छुपे शराब और साड़ी अथवा कंबल जैसी वस्तुओं के दम पर अपने पक्ष में मतदान करवाने की दबी छुपी सी अपुष्ट खबरें सामने आती थीं लेकिन अब तो राजनैतिक दल खुल कर अपने संकल्प पत्रों में ही डंके की चोट पर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। मुफ्त बिजली पानी की घोषणा के बल पर पिछले विधानसभा चुनावों में अपनी बम्पर जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी अपने उसी पुराने फॉर्मूले को इस बार फिर दोहरा रही है। मध्यप्रदेश राजिस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के कर्जमाफी की घोषणा के कारण सत्ता से बाहर हुई बीजेपी भी इस बार कोई...
शाहीन बाग वाला कपिल गुर्जर और वो स्याही फेंकने वाला

शाहीन बाग वाला कपिल गुर्जर और वो स्याही फेंकने वाला

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कपिल गुर्जर का सच अब तो अब सबके सामने है।  वही कपिल जिसने राजधानी के शाहीन बाग में गोली चलाकर तहलका मचा  दिया था।  दिल्ली पुलिस ने अपनीसघन जांच के बाद दावा किया है कि कपिल और उसके पिता का सम्बन्ध अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) से रहा है। पुलिस की जांच से यह भी पताचला है कि कपिल आप की सभाओं में आता-जाता था। उसके आप के नेताओँ के साथ फोटो भी सामने आ चुके हैं। हालांकि कपिल के परिवार ने  उसके आप से संबंधोंपर सवाल तो खड़े किए पर वे तब चुप हो गए जब उन्हें कपिल की आप नेताओं के साथ फोटो दिखाई गई। अब कहा जा रहा है कि कपिल अपने पिता के साथ आप केकार्यालय में गया था तो आप के एक सांसद महोदय ने उसे टोपी पहना दी लेकिन वह आप का सदस्य नहीं है। कपिल के शाहीन बाग में फायरिंग करने से केजरीवालका एक फिर से चेहरा बेनकाब हो गया है। अब सबको समझ आ रहा है कि उसके साथ किस तरह के उपद्रवी तत्व जुड़े हुए हैं। क...
एयर इंडिया कl निजीकरण

एयर इंडिया कl निजीकरण

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पहले प्रयास की विफलता के पश्चात् एक बार पुनः लगातार घाटे और कर्ज के बोझ से दबी एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश अथवा निजीकरण की प्रक्रिया को शुरू कर रही है। इससे पूर्व वर्ष 2018 में भी सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास किया था, किंतु विभिन्न कारणों से एयर इंडिया की खरीद के लिये सरकार को कोई भी खरीदार नहीं मिलl l एक बार पुनः सरकार कुछ बदलावों के साथ नए प्रस्ताव को लेकर आई है, उम्मीद है कि नए प्रस्ताव के माध्यम से सरकार को एयर इंडिया का खरीदार मिल सकेगाl एयर इंडिया 1. एयर इंडिया की शुरुआत 15 अक्तूबर, 1932 को जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा (JRD Tata) द्वारा की गई थी। जे.आर.डी. टाटा की अगुवाई वाली टाटा संस (Tata Sons) की विमानन शाखा ने हवाई मेल भेजने के लिये इंपीरियल एयरवेज़ से कॉन्ट्रैक्ट लेने के पश्चात् टाटा एयर सर्विसेज़ (Tata Air Services) की स्थापना की थी। 2. वर्ष 1938 में टाटा एय...
फरीदाबाद के उपायुक्त यशपाल ने मुल्ला चौक पर बनाए गए वन स्टॉप सेंटर का उदघाटन किया

फरीदाबाद के उपायुक्त यशपाल ने मुल्ला चौक पर बनाए गए वन स्टॉप सेंटर का उदघाटन किया

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उपायुक्त ने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार कई प्रकार के प्रयास कर रही है उनमें से यह सेंटर भी एक जरूरी  प्रयास है उपायुक्त ने बताया कि इस सेंटर में महिलाओं को कई प्रकार की सुविधाएं मिलती है उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर जिसका नाम सखी भी है यहां पर महिलाओं और बच्चों पर किसी प्रकार की हिंसा हो तो वन स्टॉप सेंटर द्वारा उन समस्याओं का समाधान किया जाता है ।इस सेंटर मे बलात्कार पीड़ित, बाल विवाह, घरेलू हिंसा पीड़ित,  बाल यौन शोषण पीड़ित ,यौन शोषण पीड़ित ,गुमशुदा अपहरण ग्रस्त दहेज उत्पीड़न, एसिड अटैक जैसी पीड़ित महिलाओं व बच्चों के बारे में काउंसलिंग की  जाती है। यशपाल ने बताया कि किसी महिला को इनमें से किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो इस सेंटर पर आकर उनकी चिकित्सा के साथ-साथ कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई  जाती है। उन्होंने कहा कि सभी एनजीओ को इस बारे में महिलाओं क...
राजनाथ सिंह की बढ़ती सक्रियता का सबब

राजनाथ सिंह की बढ़ती सक्रियता का सबब

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इनदिनों एक अलग तरह की सक्रियता को लेकर चर्चा में है। उनका राजनीतिक प्रभुत्व एवं कद में उछाल भले ही भारतीय जनता पार्टी के एक वर्ग के लिये हैरानी का कारण बन रहा हो, लेकिन इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम पार्टी के हित में होने वाले हैं। इन्हीं राजनाथ सिंह के कारण नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने एवं भाजपा को अमाप्य ऊंचाइयों मिली हंै। संघ के विश्वासप्राप्त होने की बजह से वे अनेक अन्दरूनी बाधाओं एवं विरोध के बावजूद शीर्ष के आसपास बने रहे हैं और वे ऐसी पात्रता रखते हैं कि भविष्य में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सके। यह सर्वविदित है कि जब नरेन्द्र मोदी ने अपने बल पर भारी बहुमत से दोबारा सरकार बनाई थी तो राजनाथ सिंह को कमजोर करने एवं उन्हें किनारेे करने का अहसास दिलाने के लिये महत्वपूर्ण कैबिनेट समितियों में जगह नहीं दी गयी, लेकिन सुबह लिये गये इन निर्णयों को सांय होने से पहले ब...
गंगा की चिंता कीजिए

गंगा की चिंता कीजिए

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23 वर्षीया साध्वी पद्मावती को 20 घंटे बाद दून अस्पताल द्वारा पूरी तरह स्वस्थ घोषित किए जाने पर प्रशासन को आखिर उनको सम्मान वापस मातृ सदन, हरिद्वार लाना पड़ा। उनको बृहस्पतिवार की रात्रि 11:00 बजे उत्तराखंड प्रशासन-पुलिस द्वारा मातृसदन आश्रम, हरिद्वार से उठाया गया था। एक युवती सन्यासी जो अपने आश्रम में 15 दिसंबर से गंगा के अविरल निर्मल प्रवाह व  अन्य मांगों को लेकर तपस्यारत हो उसको रात्रि 11:00 बजे, उसके आश्रम में जबरन घुसकर जबरदस्ती स्ट्रेचर पर ले जाने की कोशिश और बहुत प्रतिरोध के बाद फिर उसको उठाकर पुलिस एंबुलेंस में ले जाना क्या कानूनी रूप से सही है ? वीडियो https://youtu.be/-aaOAKNE4qM में साफ दिखता है कि उनका स्वास्थ बिल्कुल सही था। वह काफी तेज स्वर में बोल भी रही है और पुलिस के साथ पूरे तर्क कर रही है। जिनका पुलिस कोई जवाब नहीं देती। बस उनको उठाकर ले गई। माटू जनसंगठन इसकी घोर ...