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किसी को जीवन देने की करें पहल

किसी को जीवन देने की करें पहल

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आप किसी को नया जीवन दे सकते हैं, आप किसी के चेहरे पर फिर से मुस्कान ला सकते हैं। आप किसी को फिर से ये दुनिया दिखा सकते हैं। अंगदान करके आप फिर किसी की जिंदगी को नई उम्मीद से भर सकते हैं। इस तरह अंगदान करने से एक महान् शक्ति पैदा होती है, वह अद्भुत होती है। इस तरह की  उदारता मन की महानता की द्योतक है, जो न केवल आपको बल्कि दूसरे को भी खुशी देती है। किसी व्यक्ति के जीवन में अंगदान के महत्व को समझने के साथ ही अंगदान करने के लिये आम इंसान को प्रोत्साहित करने के लिये 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की उपयोगिता अंगों की अनुपलब्धता के कारण बढ़ती जा रही है। भारत में ही हर साल लगभग 5 लाख लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रत्यारोपण की संख्या और अंग उपलब्ध होने की संख्या के बीच एक बड़ा फासला है। अंग दान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अंग दाता अंग ग्राही को अंगदान ...
क्रांत परम्परा से ऋषि बने महामानव

क्रांत परम्परा से ऋषि बने महामानव

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महर्षि अरविन्द जन्म जयन्ती- 15 अगस्त 2019 पर विशेष देश को आजादी दिलाने में जिन महान क्रांतिकारियों का योगदान रहा है, उनमें  महर्षि अरविन्द शीर्ष पर है, इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी एवं दार्शनिक बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वे देश की राजनीतिक ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक क्रांति के सशस्त हस्ताक्षर थे। वे एक क्रांतिकारी, योगी, मनीषी, साहित्यकार, समाज-सुधारक, विचारक एवं दार्शनिक थे। क्रांतिकारी इसलिए की वे गरमदल के लिए प्रेरणास्रोत थे और दार्शनिक इसलिए की उन्होंने ‘क्रमविकास’ का एक नया सिद्धांत गढ़ा। दर्शनशास्त्र में जीव वैज्ञानिक चाल्र्स डार्विन के साथ उनका नाम भी जोड़ा जाता है। उन्हीं के आह्वान पर हजारों बंगाली युवकों ने देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदों को चूम लिया था...
अखण्ड भारत

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हर साल 14 अगस्त आता है, चला जाता है किन्तु 1947 के भीषण विभाजन की टीस भरी यादें छोड़ जाता है। हम अपने मन के उस संकल्प को पुनः नया करते हैं कि भक्त प्रह्माद की नगरी मुल्तान, जहाँ नरसिंह अवतार हुआ, श्री राम के पुत्रगण कुश व लव द्वारा बसाये गये कुशपुर (कुसूर) और लवपुर (लाहौर) जहाँ गुरु अर्जुनदेव, वीर हकीकत राय तथा भगत सिंहराजगुरु, सुखदेव बलिदान हुए, भारत के पुत्र तक्ष की नगरी तक्षशिलाछोटे पुत्र पुष्कल की पुष्कलावती, हिंगलाज माता का शक्तिपीठ, पाण्डवों की स्मृति संजोये कटाक्षराज (कटासराज, गुरु नानक देव का पंजा साहिब, ढाकेश्वरी माता का मंदिर, चट्टाम- यशोहर (जैसोर) खुलना के शक्तिपाठ - ये सब हमें फिर सुलभ होंगे। 1947 का रक्त-रंजित विभाजन पश्चिमी भाग में 8 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि पर पाकिस्तान तथा पूर्वी भाग में 1.50 लाख वर्ग किलोमीटर में पू. पाकिस्तान बना दिया गया। लगभग 1.50 करोड़ हिन्दू इ...
हम जंग न होने देंगे, विश्व शांति के हम साधक हैं, जंग न होने देंगे

हम जंग न होने देंगे, विश्व शांति के हम साधक हैं, जंग न होने देंगे

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16 अगस्त - विश्वात्मा अटल जी की पुण्य तिथि पर शत्-शत् नमन! मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूं? - विश्वात्मा अटल जी ‘विश्व शांति के हम साधक हैं जंग न होने देंगे, युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे। हम जंग न होने देंगे..’ इस युगानुकूल गीत द्वारा महान युग तथा भविष्य दृष्टा कवि अटल जी ने सारी मानव जाति को सन्देश दिया था कि विश्व को युद्धों से नहीं वरन् विश्व शांति के विचारों से चलाने में ही मानवता की भलाई है। इस विश्वात्मा के लिए हृदय से बरबस यह वाक्य निकलता है - जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि। विश्व शान्ति के महान विचार के अनुरूप अपना सारा जीवन विश्व मानवता के कल्याण के लिए समर्पित करने वाले वह अत्यन्त ही सरल, विनोदप्रिय एवं मिलनसार व्यक्ति थे। सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक अच...
अब कश्मीर में क्या होगा?

अब कश्मीर में क्या होगा?

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जहाँ सारा देश मोदी सरकार के कश्मीर कदम से बमबम है वहीं अलगाववादी तत्वों के समर्थक अभी भी मानते हैं कि घाटी के आतंकवादी फिलिस्तानियों की तरह लंबे समय तक आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे। जिसके कारण अमरीका जैसे-शस्त्र निर्माता देश भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ाकर हथियारों बिक्री करेंगे। उनका ये भी मानना है कि केंद्र के निर्देश पर जो पूंजी निवेश कश्मीर में करवाया जाएगा, उसका सीधा लाभ आम आदमी को नहीं मिलेगा और इसलिए कश्मीर के हालात सामान्य नहीं होंगे। पर ये नकारात्मक सोच है। इतिहास गवाह है कि मजबूत इरादों से किसी शासक ने जब कभी इस तरह के चुनौतीपूर्णं कदम उठाये हैं, तो उन्हें अंजाम तक ले जाने की नीति भी पहले से ही बना ली होती है। कश्मीर में जो कुछ मोदी और शाह जोड़ी ने किया, वो अप्रत्याशित और ऐतिहासिक तो है ही, चिरप्रतिक्षित कदम भी है। हम इसी कॉलम में कई बार लिखते आए हैं, कि जब कश्मीर...
युवा पुरुषार्थ के नये छंद रचें

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युवा क्रांति का प्रतीक है, ऊर्जा का स्रोत है, इस क्रांति एवं ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक एवं सृजनात्मक हो, इसी ध्येय से सारी दुनिया प्रतिवर्ष 12 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाती है। सन् 2000 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन आरम्भ किया गया था। यह दिवस मनाने का मतलब है कि युवाशक्ति का उपयोग विध्वंस में न होकर निर्माण में हो। पूरी दुनिया की सरकारें युवा के मुद्दों और उनकी बातों पर ध्यान आकर्षित करे। न केवल सरकारें बल्कि आम-जनजीवन में भी युवकोें की स्थिति, उनके सपने, उनका जीवन लक्ष्य आदि पर चर्चाएं हो। युवाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इन्हीं मूलभूत बातों को लेकर यह दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानन्द ने भारत के नवनिर्माण के लिये मात्र सौ युवकों की अपेक्षा की थी। क्योंकि वे जानते थे कि युवा ‘विजनरी’ होते हैं और उनका विजन दूरगामी...
दलबदल के सहारे भाजपा की विस्तारनीति के किंतु-परंतु

दलबदल के सहारे भाजपा की विस्तारनीति के किंतु-परंतु

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अटल-आडवाणी के दौर में भारतीय जनता पार्टी अपने शुचिता, सुशासन और सुराज के नारे का गुणगान करते नहीं थकती थी। उस दौर में पार्टी ने खुद के लिए 'पार्टी विद डिफरेंस' कहना शुरू कर दिया था। जाति-धर्म और स्थानीय मुद्दों के दबदबे वाली भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी को इन विशेषताओं से चुनावी राजनीति में तब भले ही फायदा नहीं मिला, लेकिन यह भी सच है कि आज जो भारतीय जनता पार्टी की अलग छवि बनी है और लगातार दो आम चुनावों से केंद्र की सत्ता पर काबिज हो रही है तो उसकी एक बड़ी वजह पार्टी की यह अलग छवि ही रही है। लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह पार्टी ने दूसरी पार्टियों में तोडफ़ोड़ मचाई है, हाल तक अपने विरोध में रहे लोगों को जिस तरह उसने अपने अंदर समाहित करना शुरू किया है, उससे सवाल उठने लगा है कि क्या भविष्य में भारतीय जनता पार्टी अपनी पार्टी विद डिफरेंस यानी अलग तरह का दल होने की छवि बनाए रख सकेगी? स...
‘‘भैया मेरे राखी के बन्धन को न भुलाना’’ तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है!

‘‘भैया मेरे राखी के बन्धन को न भुलाना’’ तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है!

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15 अगस्त - स्वतंत्रता दिवस तथा पवित्र रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर देश-विदेश के करोड़ों भारतीयों को मेरी ओर से हार्दिक बधाइयाँ! ‘‘भैया मेरे राखी के बन्धन को न भुलाना’’ तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है! ‘‘हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए, हम जीएगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए!’’ - प्रदीप कुमार सिंह, लखनऊ यह एक शुभ संयोग है कि रक्षा बंधन पर्व इस वर्ष भारत की आजादी के दिवस 15 अगस्त को पड़ा है। सभी देशवासियों तथा विश्व भर में भारतीय संस्कृति का परचम लहराने वाले प्रवासी भारतीयों को मेरी ओर से 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस तथा रक्षा बंधन की हार्दिक बधाइयाँ हैं। भारत के लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपनी कुर्बानियाँ देकर ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त 1947 को अपने देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराया था। तब से इस महान दिवस को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जा...
भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के विचार में है  विश्व की समस्याओं का समाधान

भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के विचार में है विश्व की समस्याओं का समाधान

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  (1) भारत सांस्कृतिक विविधता के कारण एक लघु विश्व का स्वरूप धारण किये हुए हैं। भारत की सांस्कृतिक विविधता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का सन्देश देती है अर्थात सारी वसुधा एक विश्व परिवार है। भारत की महान नारी लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर ने लोक कल्याण की भावना से होलकर साम्राज्य का संचालन हृदय की विशालता, असीम उदारता तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर बड़ी ही कुशलतापूर्वक किया। 70 वर्ष की आयु में अहिल्याबाई की महान आत्मा 13 अगस्त 1795 को नश्वर देह से निकलकर अखिल विश्वात्मा में विलीन हो गयी। भारत सरकार से मेरी अपील है कि वह लोकमाता अहिल्याबाई की जयन्ती 31 मई को राष्ट्रीय स्तर पर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित करें।  (2) वह भारत की ऐसी प्रथम नारी शासिका थी जिन्होंने अपनी प्रजा को अपनी संतानों की तरह लोकमाता के रूप में संरक्षण दिया। साथ ही अत्यन्त ही लोक कल्याण...
War Cry of Pakistan over Kashmir

War Cry of Pakistan over Kashmir

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Within a week of crying war over Kashmir, Pakistan Prime Minister Imran Khan is shifting his gear now. First he spoke of “.. more Pulwama like terrorist attack” in Kashmir the day Indian Parliament annulled the special status of Jammu and Kashmir by scrapping Article 370 of the Indian Constitution. Imran Khan said, “This will lead to problems in Azaad Kashmir. If they attack us, we will retaliate. Then this will further aggravate. Where is the end to this? This can lead to a convention war,” he said. “If a war happens, what can happen? We'll fight till the last drop of blood… All parties will lose that war. A conventional war between two nuclear armed nations will have global consequences,” he said, adding his country hopes for the best but is prepared for the worst. He subsequently down...