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Ban cola-drinks – Central government should promote Indian soft drinks

Ban cola-drinks – Central government should promote Indian soft drinks

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Mega-star Amitabh Bachchan once disclosed at Indian Institute of Management (IIM) Ahmadabad about his not advertising for cola-drinks after a school-student at Jaipur drew his attention about harmful ingredients in cola-drinks. It is significant that cola-companies voluntarily stopped selling cola-drinks in schools worldwide in view of increasing obesity in school-going children. Indian government should also not only ban advertisements but even sale of cola drinks in the country. Earlier also, soft-drink manufacturers were asked to remove an oil from their products which was found to be harmful for health. It is time that Union government, Indian Agricultural Research Institute (IARI) and soft-drink manufacturers should revive drinks like old and famous rose-flavoured ones, which can n...
CSE welcomes government’s ban on colistin

CSE welcomes government’s ban on colistin

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Centre for Science and Environment (CSE) has welcomed the health ministry’s recent move to ban colistin use in food-producing animals. On July 19, the Union Ministry of Health and Family Welfare (MoHFW) notified the prohibition of sale, manufacture and distribution of colistin and its formulations in food-producing animals, poultry, aqua farming and animal feed supplements. The move is expected to help regulate antibiotic misuse in these animals and contain antimicrobial resistance (AMR). “We welcome the health ministry’s move to ban colistin use in food-producing animals. It will help preserve this last-resort antibiotic for humans and save lives from deadly antibiotic-resistant infections. It will go a long way in fighting antibiotic resistance,” said Chandra Bhushan, deputy director ...
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एनसीसी कैडेटों के लिए पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने और नकद प्रोत्साहन में वृद्धि की मंजूरी दी

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एनसीसी कैडेटों के लिए पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने और नकद प्रोत्साहन में वृद्धि की मंजूरी दी

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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों को दिए जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों की संख्या मौजूदा 143 से बढ़ाकर 243 करने और विभिन्न श्रेणियों में नकद प्रोत्साहन में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। एनसीसी कैडेट अब 30,000 रुपये के दो रक्षा मंत्री पदक प्राप्त करने के पात्र होंगे। पहले 20,000 रुपये मूल्य का एक पदक दिया जाता था। कैडेटों को प्रत्येक 20,000 रुपये के चार रक्षा मंत्री प्रशस्ति पदक दिये जायेंगे। पहले 15,000 रुपये के मूल्य के तीन प्रशस्ति पदक दिये जाते थे। श्री राजनाथ सिंह ने महानिदेशक की प्रशस्ति वतर्मान 102 से 200 करने की मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में एनसीसी कैडेटों के लिए 9 नए सर्वश्रेष्ठ कैडेट पुरस्कारों को भी मंजूरी दी है। इस तरह इन पुरस्कारों की संख्या 27 हो गई है। प्रत्येक पुरस्कार के लिए नकद प्रोत्साहन में भी वृद्धि की गई...
मंत्रिमंडल ने एफएसीटी की 481.79 एकड़ भूमि केरल सरकार को बेचने तथा बिक्री से प्राप्त राशि का एफएसीटी द्वारा उपयोग करने की मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने एफएसीटी की 481.79 एकड़ भूमि केरल सरकार को बेचने तथा बिक्री से प्राप्त राशि का एफएसीटी द्वारा उपयोग करने की मंजूरी दी

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​​​​​प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दी है : निम्नलिखित तरीके से फर्टीलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (एफएसीटी) की 481.79 एकड़ भूमि केरल सरकार को बेचना : एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से 150 एकड़ जमीन (बदले में केरल सरकार एफएसीटी को 143.22 एकड़ भूमि का संपूर्ण स्वामित्व अधिकार देने पर सहमत) तथा एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित 2.4758 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से शेष 331.79 एकड़ जमीन। बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग एफएसीटी द्वारा कार्यशील पूंजी की कमी का समाधान करने, तुलन पत्र सुधारने में किया जाएगा और कंपनी के सतत विकास के लिए क्षमता विस्तार परियोजनाओं को लागू करके कंपनी के वास्तविक और वित्तीय प्रदर्शन की वृद्धि में उपयोग किया जाएगा। प्रमुख प्रभाव : इस मंजूरी से एफएस...
आईबीबीआई ने भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालिया पेशेवर) विनियमन, 2016 और भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालियापन पेशेवर एजेंसियों के मॉडल उपनियम और प्रशासनिक बोर्ड) (संशोधन) विनियमन, 2016 में किया संशोधन

आईबीबीआई ने भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालिया पेशेवर) विनियमन, 2016 और भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालियापन पेशेवर एजेंसियों के मॉडल उपनियम और प्रशासनिक बोर्ड) (संशोधन) विनियमन, 2016 में किया संशोधन

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आईबीबीआई ने भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालिया पेशेवर) विनियमन, 2016 और भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालियापन पेशेवर एजेंसियों के मॉडल उपनियम और प्रशासनिक बोर्ड) (संशोधन) विनियमन, 2016 में किया संशोधन भारतीय दिवालियापन और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालिया पेशेवर) (संशोधन) विनियमन, 2019 और भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता (दिवालियापन पेशेवर एजेंसियों के मॉडल उपनियम और प्रशासनिक बोर्ड) (संशोधन) विनियमन, 2019 से संबंधित नियमों को अधिसूचित कर दिया है। भारतीय दिवालियापन और शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालियापन पेशेवर) (संशोधन) विनियमन, 2019 द्वारा प्रभावी मुख्य संशोधन इस प्रकार हैं: एक दिवालियापन पेशेवर, अंतरिम समाधान पेशेवर, समाधान पेशेवर, परिसमापक, दिवालिया ट्रस्टी, अधिकृत प्रतिनिधि या दिवालियापन और शोधन अक्षम सं...
मंत्रिमंडल ने 1 अगस्त, 2019 से 31 जुलाई, 2020 तक एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाने की मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने 1 अगस्त, 2019 से 31 जुलाई, 2020 तक एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन चीनी का सुरक्षित भंडार बनाने की मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति (सीसीईए) ने निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दी है : एक वर्ष के लिए 40 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चीनी का सुरक्षित भंडार बनाना और इसके लिए अधिकतम 1674 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च करना। लेकिन खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा बाजार मूल्य और चीनी की उपलब्धता के आधार पर किसी भी समय वापसी/ संशोधन के लिए इसकी समीक्षा की जा सकती है। योजना के अंतर्गत चीनी मिलों को तिमाही आधार पर प्रतिपूर्ति की जाएगी जिसे  चीनी मिलों की ओर से बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए सीधे किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा और यदि कोई बाद का शेष होता है, तो उसे मील के खाते में जमा किया जाएगा। लाभ : इससे निम्नलिखित लाभ होंगे -   चीनी मिलों की तरलता में सुधार होगा। चीनी इंवेन्ट्री में कमी आएगी। घरेलू चीनी बाजार में मूल्य भावना ...
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खनिक स्वास्थ्य संस्थान का विलय/एकीकरण आईसीएमआर-राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान के साथ करने की मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खनिक स्वास्थ्य संस्थान का विलय/एकीकरण आईसीएमआर-राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान के साथ करने की मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खान मंत्रालय के अंतर्गत स्वशासी संस्थान राष्ट्रीय खनिक स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएमएच) को समाप्त करने और सभी संपत्तियों और देनदारियों के साथ इसका विलय/एकीकरण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आईसीएमआर- राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान (एनआईओएच), अहमदाबाद में करने को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने एनआईएमएच के सभी कर्मचारियों को समान पद/ वेतन मान मेंएनआईओएच में समाहित करने और उनके वेतन की सुरक्षा की भी मंजूरी दी है। एनआईएमएच को समाप्त करने और एनआईएमएच का एनआईओएच के साथ विलय/एकीकरण के लिए आवश्यक कदम एनआईएमएच, आईसीएमआर, एनआईओएच, खान मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग उठायेंगे।...
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘चंद्रशेखर-द लास्‍ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्‍स’  पुस्‍तक का विमोचन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘चंद्रशेखर-द लास्‍ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्‍स’ पुस्‍तक का विमोचन किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज ‘चंद्रशेखर- द लास्‍ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स'  पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्‍तक की रचना राज्‍यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश और श्री रवि दत्‍त बाजपेयी ने की है। पुस्‍तक विमोचन समारोह का आयोजन बालयोगी ऑडिटोरियम, संसद पुस्‍तकालय भवन में किया गया। प्रधानमंत्री ने पुस्‍तक की प्रथम प्रति उपराष्‍ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू को भेंट की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के राजनीतिक संदर्भ में यह उल्‍लेखनीय है कि निधन के लगभग 12 वर्ष बाद भी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखरजी के विचार हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमेशा की तरह जीवंत हैं। श्री हरिवंश को इस पुस्‍तक की रचना करने के लिए बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने श्री चंद्रशेखर के साथ जुड़ी कुछ यादें और उनके साथ हुई अपनी बातचीत के किस्‍से साझा किये। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि वे पहली बार 1977...
 ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक-2019’ में भारत 52वें पायदान पर

 ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक-2019’ में भारत 52वें पायदान पर

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केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2019’ को लांच किया। भारत इस सूचकांक में पिछले वर्ष के 57वें पायदान से पांच स्थान ऊपर चढ़कर वर्ष 2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर सबसे पहले इस प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि भारत ऊंची छलांग लगाकर जीआईआई-2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नवाचार की संस्कृति अब अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। श्री गोयल ने कहा कि भारत जीआईआई में 50वें पायदान पर पहुंचने के लिए अपने अथक प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अतीत की उपलब्धियों पर तब तक संतुष्ट होकर नहीं बैठेगा, जब तक कि वह वैश्विक नवाचार सूचकांक के शीर्ष 25 देशों में ...
भारतीय शोधकर्ताओं ने विकसित किया जहरीले रसायनों का डेटाबेस

भारतीय शोधकर्ताओं ने विकसित किया जहरीले रसायनों का डेटाबेस

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पर्यावरण या फिर दैनिक जीवन से जुड़े उत्पादों के जरिये हर दिन हमारा संपर्क ऐसे रसायनों से होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के रसायन उपभोक्ता उत्पादों से लेकर कीटनाशकों, सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं, बिजली की फिटिंग से जुड़े सामान, प्लास्टिक उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत विभिन्न चीजों में पाए जाते हैं।  भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसे रसायन का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार किया है, जो मानव शरीर में हार्मोन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे शारीरिक विकास, चयापचय, प्रजनन, प्रतिरक्षा और व्यवहार पर विपरीत असर पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे रसायनों को स्वास्थ्य से जुड़ा प्रमुख उभरता खतरा बताया है। इस खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हार्मोन्स के तंत्र को प्रभावित करने वाले ये रसायन पर्यावरण में मौजूद जहरीले रसायनों का सिर्फ एक उप-समूह है।...