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वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं विदेशी वित्तीय संस्थान

वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं विदेशी वित्तीय संस्थान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद के बारे में विदेशी वित्तीय संस्थान अभी भी व्यावहारिक रूख नहीं अपना पा रहे हैं। विभिन्न वित्तीय संस्थानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर 6 से 6.5 प्रतिशत रह सकती है। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और द्वितीय तिमाही में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। आगामी दो तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर यदि 5.5 प्रतिशत भी रहती है तो यह पूरे वित्तीय वर्ष के लिये 6.5 प्रतिशत से ऊपर रहने वाली है। परंतु, केंद्र सरकार एवं कुछ राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे पूंजीगत खर्चों, ग्रामीण इलाकों के बढ़ रही उत्पादों की मांग, विभिन्न कम्पनियों की लगातार बढ़ रही लाभप्रदता, वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण एवं प्रत्यक्ष कर संग्रहण में वृद्धि दर को देखते हुए इस ...
<strong>राहुल गांधी की नई यात्रा से जुड़ी उम्मीदें</strong>

राहुल गांधी की नई यात्रा से जुड़ी उम्मीदें

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
-ललित गर्ग- कांग्रेस के नेता एवं सांसद राहुल गांधी अपने एवं कांग्रेस के राजनीतिक धरातल को मजबूती देने के लिये एक बार फिर यात्रा का सहारा ले रहे हैं। 4000 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद अब वे 6700 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर निकल चुके हैं। न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी 14 राज्यों के 85 ज़िलों से गुजरेंगे, यात्रा मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात से गुजरते महाराष्ट्र में मुंबई पर समाप्त होगी। कांग्रेस को जीवंतता देने एवं उसके पुनरुत्थान के लिए की जाने वाली इस यात्रा में इंडिया गठबंधन दलों एवं खुद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भीड़ जुटाने और नारे लगाने भर के लिए भागीदारी की अपेक्षा राजनीतिक संवेदनशीलता और परिपक्वता की परिचायक नहीं है। मात्र 2024 के आमचुनाव के लिये निका...
13 जनवरी 1948 : गाँधीजी के जीवन अंतिम अनशन

13 जनवरी 1948 : गाँधीजी के जीवन अंतिम अनशन

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13 जनवरी 1948 : गाँधीजी के जीवन अंतिम अनशन पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपए देने और सद्भाव के लिये दिल्ली में मुस्लिम घरों की सुरक्षा प्रमुख माँग --रमेश शर्मा अनशन और अहिसंक आँदोलन से स्वतंत्रता संग्राम में एक नया मोड़ लाने वाले गाँधीजी का अंतिम अनशन स्वतंत्रता के बाद 13 जनवरी 1948 को आरंभ हुआ जो पाँच दिन चला था । भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव बनाने के लिये किये गये इस अनशन की कुल पाँच माँगों में दो माँगे प्रमुख थीं। एक तो दिल्ली में उन मुसलमानों के घर हिन्दु शरणार्थियों से खाली कराए जाये जो पाकिस्तान चले गये और दूसरा रोके गये पचपन करोड़ रुपये पाकिस्तान को जारी किये जाँय ।भारतीय स्वतंत्रता का सूरज सामान्य नहीं था । देश विभाजन के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले दायित्ववान अधिकारियों ने उन नागरिकों की पूरी सुरक्षा की गारंटी ली थी जो स्वेच्छा से अपना देश बदलना चाहते हैं। लेकिन पाकिस्तान में ...
राम मंदिर: सियासी मंच या आस्था का उत्सव

राम मंदिर: सियासी मंच या आस्था का उत्सव

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
राजनीति अपनी जगह है लेकिन राम मंदिर करोडों भारतीयों के लिए आस्था का विषय है। राजनीति कैसे साधारण विषयों को भी उलझाकर मुद्दे में तब्दील कर देती है, रामजन्मभूमि का विवाद इसका उदाहरण है। आज के भारत का मिजाज़, अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन बाद यहां परंपरा का उत्सव भी होगा। आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, तो कुछ दिनों बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण तथा भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हमारी गौरवशाली आस्था के क्षण है और वर्तमान पीढ़ी बेहद भाग्यशाली है, जो इन ऐतिहासिक क्षणों की साक्षी बनने जा रही है। सोचे तो राममंदिर सबका है क्योंकि राम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते है, राम सबके है। लेकिन यह बात बार-बार इसलिए दोहराई जा रही है ताकि राम मंदिर आंदोलन से लेकर निर्माण तक भाजपा को जो श्रेय मिल रहा है उसे क...
जापान विमान दुर्घटना से सबका

जापान विमान दुर्घटना से सबका

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रजनीश कपूरदुनिया भर में विमान यात्राएँ हर दिन बढ़ती जा रहीं हैं। विमान में यात्रा करते समय आपको आपातकाल के नियमों से परिचित भी कराया जाता है। परंतु जो भी हवाई यात्री अधिक यात्राएँ करते हैं वो विमान में दिये जाने वाले सुरक्षा व आपात नियमों को न तो ध्यान से पढ़ते हैं और न ही ऐसी जानकारियों को ध्यान से सुनते हैं। इसलिए जब भी कभी कोई हादसा होता है तो उस समय अफ़रा-तफ़री का माहौल बन जाता है। परंतु कुछ दिन पहले हुए एक ख़तरनाक विमान हादसे में केवल 5 लोगों की मौत हुई जबकि 379 यात्रियों को आग के गोले में तब्दील हुए एक विमान से सुरक्षित निकाला गया। ऐसा केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि विमान के क्रू ने अपनी ट्रेनिंग में जो कुछ भी सीखा था, उस पर उस स्थिति में पूरी तरह से अमल किया। इसके साथ ही संयमित यात्रियों ने भी सभी सेफ्टी प्रोटोकॉल्स के पालन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।गत 2 जनवरी को जापान एयरला...
हिंडेनबर्ग पर शीर्ष न्यायालय के फैसले के मायने

हिंडेनबर्ग पर शीर्ष न्यायालय के फैसले के मायने

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अवधेश कुमारअडानी हिंडेनबर्ग मामले में उच्चतम न्यायालय न्यायालय के फैसले का पहला विवेकशील निष्कर्ष यह है कि सरकार के विरुद्ध किसी मुद्दे को उठाने और उसे बड़ा बनाने के पहले उस पर पर्याप्त शोध और सोच-विचार किया जाना चाहिए। न्यायालय के फैसले को आधार बनाएं तो हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को लेकर भारत और भारतीयों के संपर्क से पूरी दुनिया में जो बवंडर खड़ा हुआ, शेयर मार्केट से लेकर स्वयं गौतम अडानी की कंपनियों को जो नुकसान पहुंचा तथा नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर पैदा हुआ संदेश सभी तत्काल निराधार साबित हुए हैं। न्यायालय यह कहते हुए याचिकाओं को निरस्त कर दिया कि हिंडेनबर्ग के आरोपों की जांच के लिए सीट या विशेष जांच दल गठित करने यानी किसी दूसरी एजेंसी को सौंपने की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ताओं की ओर से बार-बार सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया यानी सेबी की जांच को प्रश्नों के घेरे में लाने को भी न्याया...
<strong>विश्व हिन्दी दिवस- 10 जनवरी 2024 पर विशेष</strong>

विश्व हिन्दी दिवस- 10 जनवरी 2024 पर विशेष

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हिन्दी है राष्ट्रीयता की प्रतीक भाषा, फिर उपेक्षा क्यों?-ललित गर्ग-विश्व हिन्दी दिवस मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में फैले हिंदी जानकारों को एकजुट करना, हिन्दी को विश्व स्तर पर स्थापित एवं प्रोत्साहित करना और हिंदी की आवश्यकता से अवगत कराना है। अंग्रेजी भाषा भले ही दुनियाभर के कई देशों में बोली है और लिखी जाती है. लेकिन हिंदी हृदय की भाषा है। विश्व योग दिवस, विश्व अहिंसा दिवस आदि भारतीय अस्मिता एवं अस्तित्व से जुड़े विश्व दिवसों की शृंखला में विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। ताकि विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा हो तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिले। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था। आज हिन्दी विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली तीसरी भाषा है, विश्व में हिन्दी की प्रतिष्ठा एवं प्रयोग दिनोंदिन बढ़त...
<strong>घरेलू पर्यटन प्रोत्साहन से मालदीप क्यों बौखलाया?</strong>

घरेलू पर्यटन प्रोत्साहन से मालदीप क्यों बौखलाया?

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-ललित गर्ग- नववर्ष पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर क्या गये, चीन की कटपुतली बने मालदीव को मिर्ची लग गयी। वहां की नई सरकार और वहां के तमाम लोग इसे अपने पर्यटन उद्योग के लिये गंभीर खतरा मानते हुए भारत एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक एवं गैर-जिम्मेदार टिप्पणियां कर दी, नासमझी में की गयी ये टिप्पणियां मालदीप के लिये इतनी भारी पड़ गयी कि भारतीय पर्यटकों ने जहां अपनी मालदीप की यात्रा को रद्द करना प्रारंभ कर दिया, वहीं भारत सरकार की तरफ से भी ऐतराज जताया गया। भारत की त्वरित कार्रवाई को देखकर मालदीप सरकार घबरा गयी और उसने अपने मंत्रियों  के बयान से किनारा कर लिया लेकिन साफ है कि भारत और मालदीव के बीच सदियों पुराने प्रेम एवं सौहार्द के रिश्ते एकाएक तल्ख होते दिखाई दे रहे है। मालदीव की तरफ से लगातार तनाव बढ़ाने वाले बयान आ रहे हैं लेकिन भारत की तरफ से फिर भी...
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में शह और मात की खेल में आतंकवादी संगठन ISIS किस का मोहरा बन गया है !?

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में शह और मात की खेल में आतंकवादी संगठन ISIS किस का मोहरा बन गया है !?

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अब कैसी-कैसी "कूटनीतिक" खेल चल रही है, जब उसे यदि आप 'गहराईयों' से सोचेंगे तो, यहां आप लोगों को लगेगा कि किसी भी देश का कोई दुश्मन नहीं है, पर सभी देशों का कोई न कोई दुश्मन होता है !? यूक्रेन पर रसिया ने आक्रमण किया तो अमेरिकी गठबंधन ने अपनी दम दिखाने के लिए यूक्रेन की आंख मूंदकर सहायता करने लगी. अब रुसकी गठबंधन ने अपनी कूटनीतिक चाल चलकर, अमेरिका की गठबंधन को अरब देशों में फंसा दिया है !? अब चालाक चतुरलो-मड़ी अमेरिका इस "उलझन" से निकलने के लिए आपनी धुर दुश्मन आतंकवादी संगठन ISIS और अलकायदा के साथ हाथ मिलाकर, ईरान पर "आत्मघाती हमला" करना शुरू कर दिया है. जो ईरान अरब मुल्कों को इकट्ठा कर कर शिया-सुन्नी भेदभाव को भुलाने के लिए 'मुहिम' चला रहा था, और इकट्ठा होकर अमेरिकी गठबंधन "इजरायल" से "बदला" लेने के लिए समूह बना रहा था !? और इस्लामिक देशों, और उनके प्राइवेट आर्म...
खेलों में राजनीति खेल और खिलाड़ी दोनों के लिए चिंताजनक।

खेलों में राजनीति खेल और खिलाड़ी दोनों के लिए चिंताजनक।

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खेल संघों पर राजनेता नहीं, खेल प्रतिभाओं को विराजमान करना चाहिए। इन संस्थाओं में पदाधिकारियों का कार्यकाल भी निश्चित होना चाहिए एवं एक टर्म से ज्यादा किसी को भी पद-भार नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार की बंदिशों के बावजूद अधिकांश खेल संघों पर राजनेताओं का कब्जा है। इनमें बड़ा भ्रष्टाचार व्याप्त है, जो वास्तविक खेल प्रतिभाओं को आगे नहीं आने देती। यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न फेडरेशनों के अंदर कारगर तंत्र बनाने पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए। सरकार का यह कर्तव्य है कि खिलाड़ियों को सुरक्षित व प्रगतिपूर्ण वातावरण प्रदान किया जाए। इससे खिलाड़ी अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकेंगे। इसलिए खेल को सियासत के कुचक्र में न फंसाकर राष्ट्र हित में योगदान देना चाहिए। विवादित मुद्दे का राष्ट्र हित और खिलाड़ियों के हक में समाधान किया जाना चाहिए। हमारा प्रयास खिलाड़ियों के लिए अच्छा वातावरण मुहैया...