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केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने जीएसटी व्यवस्था के तहत कारोबार में सुगमता के लिए कुछ विशेष कदम उठाए हैं; वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने विभिन्‍न वस्‍तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरें खोजने के लिए उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) की मदद हेतु मोबाइल एप ‘जीएसटी रेट्स फाइंडर’ लांच किया

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने जीएसटी व्यवस्था के तहत कारोबार में सुगमता के लिए कुछ विशेष कदम उठाए हैं; वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने विभिन्‍न वस्‍तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरें खोजने के लिए उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) की मदद हेतु मोबाइल एप ‘जीएसटी रेट्स फाइंडर’ लांच किया

BREAKING NEWS, आर्थिक
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कल राष्ट्रीय राजधानी में अपने कक्ष में एक मोबाइल एप ‘जीएसटी रेट्स फाइंडर’ लांच किया जो फि‍लहाल एंड्रॉयड प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और यह जल्द ही आईओएस प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हो जाएगा। इस मोबाइल एप से उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) को विभिन्न वस्‍तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों को खोजने में मदद मिलेगी। इसे किसी भी स्मार्ट फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है और डाउनलोड हो जाने के बाद यह ऑफलाइन मोड में भी कार्य कर सकता है। उपयोगकर्ता किसी भी वस्‍तु या सेवा का नाम अथवा अध्‍याय शीर्षक दर्ज करके किसी भी वस्‍तु अथवा सेवा की जीएसटी दर को निर्धारित कर सकते हैं। सर्च बॉक्‍स में जो भी नाम लिखा जाएगा उससे संबंधित सभी वस्तुओं और सेवाओं की सूची सर्च रिजल्‍ट के रूप में उभर कर सामने आ जाएगी। उपयोगकर्ता विवरण की सूची को नीचे की ओर स्क्रॉल कर सकते हैं और जैसे ही वे सूची में शामिल किस...
झूला झूलना नहीं, बात करना जरुरी

झूला झूलना नहीं, बात करना जरुरी

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डॉ. वेदप्रताप वैदिक पिछले सप्ताह मैं भारत के कई शहरों में रहा। वहां कुछ प्रबुद्ध पत्रकारों, कुछ विचारशील प्रोफेसरों और कुछ मंत्रियों ने भी मुझसे पूछा कि क्या अब फिर भारत-चीन युद्ध होगा ? क्या 1962 फिर दोहराया जाएगा ? मुझे जरा आश्चर्य हुआ कि भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर लोग इतने चिंतित क्यों हैं ? शायद रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बयान का कुछ असर लोगों के दिमाग पर हो गया हो। जेटली ने चीन को कह दिया था कि ये 2017 है, 1962 नहीं और इसके जवाब में चीनी प्रवक्ता ने कह दिया कि मूढ़मति लोगों, तुम भूतकाल से कोई सबक नहीं सीखते। पिछले तीन-चार दिनों में तनाव इतना बढ़ गया है कि अब हेम्बर्ग (जर्मनी) में ‘ब्रिक्स’ की बैठक में मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिन पिंग मिलेंगे लेकिन बात भी नहीं करेंगे। उनकी बात होगी या नहीं होगी, इसे लेकर भी दोनों पक्ष एक-दूसरे की टांग खींच रहे हैं। इससे क्या जाहिर होता ह...
2016-17 की पहली तिमाही मे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में महत्वपूर्ण सफलता

2016-17 की पहली तिमाही मे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में महत्वपूर्ण सफलता

BREAKING NEWS, जीवन शैली / फिल्में / टीवी
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का क्रियान्यवन देशभर में और विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रो में कम सड़क वाले राज्यों जैसे आसाम, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और उत्तराखंड में किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में पीएमएसजीवाई सड़क निर्माण की गति सात वर्ष में सबसे अधिक 130 किलोमीटर प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच गई जबकि वर्ष 2011-2014 के दौरान औसत 73 किलोमीटर का ही निर्माण हुआ था। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 मे 156 किलोमीटर प्रतिदिन के औसत से 57 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिससे 16,600 बस्तियों को संपर्क प्रदान किया जा सकेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) मे 117.28 किलोमीटर प्रतिदिन के औसत से 10,556 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया। वर्ष 2016-17 कि पहली ति...
उपराष्‍ट्रपति पद के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी ने सार्वजनिक सूचना जारी की

उपराष्‍ट्रपति पद के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी ने सार्वजनिक सूचना जारी की

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भारत के राजपत्र असाधारण में आज (04 जुलाई, 2017) प्रकाशित अधिसूचना के द्वारा निर्वाचन आयोग ने 2017 में होने वाले उपराष्‍ट्रपति के चुनाव के लिए निम्‍नलिखित कार्यक्रम तय किया है – नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि- 18 जुलाई, 2017 नामांकनों की जांच की अंतिम तिथि- 19 जुलाई, 2017 उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि- 21 जुलाई, 2017 चुनाव की तिथि, यदि आवश्यक हो तो- 05 अगस्‍त, 2017 आयोग ने 01 जुलाई, 2017 को इस बारे में एक अलग अधिसूचना जारी की है और राज्‍यसभा के महासचिव श्री शमशेर के. शेरिफ को उपराष्‍ट्रपति चुनाव 2017 का निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त किया है तथा अपर सचिव श्री मुकुल पांडे और राज्‍यसभा सचिवालय के संयुक्‍त सचिव श्री रोहतास को सहायक निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्‍त किया है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निर्वाचन नियमावली, 1974 के नियम 3 के अनुसार निर्वा...
ममता करे खुद का नुकसान

ममता करे खुद का नुकसान

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डॉ. वेदप्रताप वैदिक कल से मैं कोलकाता में हूं। यहां के अखबार और टीवी चैनल बस एक ही खबर से भरे दिखाई पड़ रहे हैं। वह है- राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मुठभेड़। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच खुले-आम जो दंगल चल पड़ा है, वह कई राज्यों में पहले चले दंगलों की याद दिला रहा है। ममता ने एक भाषण में आरोप लगाया है कि त्रिपाठी ने फोन करके उन्हें डांटा और उन्हें धमकी दी। उन्होंने इतने बुरे ढंग से बात की कि ममता का मन इस्तीफा देने का होने लगा। त्रिपाठी का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। मैंने तो उनसे सिर्फ यह कहा था कि 24 परगने के बदूरिया गांव में वे सांप्रदायिक तनाव को काबू करें। वहां से बहुत शिकायतें आ रही हैं। वे जाति, धर्म, संप्रदाय का ख्याल किए बिना दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। राज्यपाल की प्रतिक्रिया से नाराज होकर तृणमूल कांग्रेस के नेता उन पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हों...
UP Chief Minister becomes role-model for austerity by declining costly new cars

UP Chief Minister becomes role-model for austerity by declining costly new cars

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UP Chief Minister Yogi Adityanath has created example for other political rulers by turning down proposal of purchasing new super-costly cars worth several crores of rupees for his convoy. Instead he decided to use five-year old car purchased by his predecessor Akhilesh Yadav. It should be a rule both for centre and the states that only economical cars with ex-factory price of say upto rupees ten lakhs may be purchased at public-expense. However exemption may be there for President, Vice President and Prime Minister. Also there may not be any price-limit for cars purchased for use of foreign dignitaries. Quite spacious cars with necessary luxuries are available within ex-factory price of rupees ten lakhs. Rest others are for status of richness which must not be ordinarily allowed a...
मोदी और इजरायल

मोदी और इजरायल

BREAKING NEWS, विश्लेषण
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की इज़राइल यात्रा को लेकर मेरे अंदर जो असीम सुख का भाव जागृत हुआ है, उसका कारण यह है कि इस यात्रा से भारत ने अपनी पिछली 70 वर्षो से मध्य एशिया को लेकर स्थापित विदेशनीति की मुखाग्नि दे कर, प्रयाश्चित कर लिया है। वैसे तो भारत ने 2014 से ही, अपनी विदेशनीति में बदलाव कर लिया था लेकिन उस पर अंतिम मोहर, इस इज़राइल यात्रा ने लगा दी है। आखिर, भारत ने अपनी विदेश नीति में समयानुसार परिवर्तन करने में इतनी देरी क्यों कर दी? इसका सीधा उत्तर यह है कि शुरू से ही भारत की मध्य एशिया की नीति, भारत के स्वार्थ से ज्यादा, भारतीय राजनैतिक दलों की मुस्लिम वोट बैंक के हाथों बिकी हुई थी। इसकी शुरवात जहां नेहरू की कांग्रेस ने किया था वही उसको भारत के वामपंथियों और सोशलिस्टों का भरपूर समर्थन था। उस काल मे हमारे भारत के शासक, मुस्लिमपरस्ती में इतना अंधा थे कि भारत के स्वार्थ और खु...
Modi’s Israel Visit and Question of Muslims

Modi’s Israel Visit and Question of Muslims

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R K SINHA Prime Minister Narendra Modi’s Israel visit beginning July 4 is important and historic. The visit assumes significance since this visit coincides when India and Israel are celebrating silver jubilee of their bilateral ties. Modi will be first Indian Prime Minister to visit Israel although Modi had visited Tel Aviv earlier as chief minister of Gujrat. Though it was in 1992 when India and Israel established full diplomatic relations, no Indian President or Prime Minister visited Israel till date. In 2003 Aerial Sharon the then Prime Minister of Israel had visited India. He was the first Israeli Prime Minister to visit New Delhi. It was Sharon who entered into bilateral trade and defense relations with India. Credit goes to him. A New Beginning of Ties In fact the ruling...
संघ व भाजपा की मजबूतियों को नजरअंदाज करना राजनैतिक व रणनीतिक मूर्खता ही है :

संघ व भाजपा की मजबूतियों को नजरअंदाज करना राजनैतिक व रणनीतिक मूर्खता ही है :

BREAKING NEWS, विश्लेषण
विवेक उमराव सामाजिक यायावर ******* संघ अपने व्यापक व प्रतिबद्ध जमीनी सांगठनिक ढांचे माध्यम से भारत देश के चिंदी-चिंदी कोनों में भी पहुंचता है। संघ आपदाओं में राहत व पुनर्वास के कामों के साथ लोगों के बीच पहुंचता है, लोगों के दुख-दर्द का साथी बनता है। संघ के लोग पूरे वर्ष 24 घंटे अपने प्रचारकों, कार्यवाहों व कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों के साथ सीधे संपर्क में रहता है। संघ दशकों से प्राथमिक शिक्षा के लिए काम कर रहा है। प्रतिवर्ष सैकड़ों जिलों के हजारों बच्चों की प्राथमिक शिक्षा की परवरिश करता आया है। ये बच्चे बड़े होने पर सड़क में साधारण सी दुकान लगाने से लेकर, गुंडे-मवाली, व्यापारी, सरकारी अधिकारियों, यूनिवर्सटीज में प्रोफेसर व मैसाच्य़ुसेट्स से तकनीक में PhD या पोस्ट डाक्टरेट इत्यादि तक कुछ भी हो सकते हैं। प्रातः कालीन शाखाओं के माध्यम से प्रौढ़ों व सायंकालीन शाखाओं के म...
ट्रम्प की फिसलपट्‌टी पर जरा संभलकर चलें

ट्रम्प की फिसलपट्‌टी पर जरा संभलकर चलें

BREAKING NEWS, विश्लेषण
डॉ. वेदप्रताप वैदिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका जाने के पहले अंदेशा यह था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उनसे पता नहीं कैसा व्यवहार करेंगे। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की जुगलबंदी ख्यात थी और ट्रम्प इस बात के लिए विख्यात हो गए हैं कि वे ओबामावाद को शीर्षासन कराने पर तुले हुए हैं। ऐसे में हम यह मानकर चल रहे थे कि मोदी की इस अमेरिका-यात्रा के दौरान यदि कोई गड़बड़ न हो तो यही बड़ी उपलब्धि होगी। अमेरिका के साथ सामरिक गठबंधन वाले देशों जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं को ट्रम्प ने जिस तरह आड़े हाथों लिया है, उसे देखते हुए यह उम्मीद नहीं थी कि वे मोदी को गले लगाएंगे। एच1बी वीज़ा और पेरिस जलवायु समझौते को लेकर ट्रम्प ने भारत पर जो तेज़ाब उड़ेला था, उसके संदर्भ में लगा था कि व्हाइट हाउस में कहीं मोदी और ट्रम्प के बीच कोई मुठभेड़ न हो जाए। लेकिन मुठभेड़ की बजाय दोनों नेताओं मे...