आइए गुरुपूर्णिमा के पर्व पर संकल्प लें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के प्रतिकार का और सनातन एवं मौलिक राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं
श्री अनुज अग्रवाल, महासचिव, मौलिक भारत
भारत का हजारों वर्षों का गौरवशाली इतिहास प्राप्त है ।हिन्दू राज्यव्यवस्थाओं का आदर्श इतिहास होते हुए भी स्वतंत्रता के पश्चात तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं ने ब्रिटिश राज्यव्यवस्था पर आधारित लोकतंत्र व्यवस्था स्वीकारी । परिणामस्वरूप गत 70 वर्षों में भारत की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है । भ्रष्टाचार, अनाचार, बढते अपराध, अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण, अधिकार-आरक्षण ही सर्व ओर दिखाई दे रहा है । प्राचीन हिन्दू राज्यव्यवस्था में 'पहले शिक्षा तत्पश्चात गुरुदक्षिणाÓ ऐसी प्रथा थी; परंतु पाश्चात्त्य पद्धति के अनुसार आज के लोकतंत्र में पहले 'डोनेशनÓ तत्पश्ïचात 'एडमिशनÓ और उसके पश्चात 'एज्युकेशनÓ यह पद्धति प्रारंभ की । परिणामस्वरूप देश का मार्गक्रमण अधोगति की ओर शीघ्र गति से हो रहा है । यह स्थिति परिवर्तित करने के लिए हमें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन करने...