भारत में बेरोजगारी की समस्या का हल निकालने में मिल रही है सफलता
भारतीय सनातनी वेदों एवं ग्रंथो में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारत सदैव ही आर्थिक रूप से सम्पन्न देश रहा है एवं भारत के समस्त नागरिकों के लिए रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध रहे हैं। मुद्रा स्फीति, आय की असमानता, बेरोजगारी एवं ऋण के भारी बोझ के तले दबे रहना जैसे शब्दों का तो प्राचीन भारत के आर्थिक इतिहास में वर्णन नहीं के बराबर मिलता है। भारत के समस्त नागरिकों की पर्याप्त मात्रा में आय होती थी जिससे वह अपने परिवार का आसानी से गुजर बसर कर पाते थे एवं समाज में समस्त नागरिक प्रसन्नता पूर्वक रहते थे। दरअसल प्राचीन भारत के उस खंडकाल में नागरिकों में उद्यमशीलता अपने चरम पर थी। परिवार के जमे जमाए व्यवसाय पीढ़ी दर पीढ़ी सफलतापूर्वक आगे चलते रहते थे एवं परिवार के सदस्यों के आय अर्जन का मुख स्त्रोत बने रहते थे। इस दृष्टि से नागरिकों को सामान्यतः नौकरी के लिए परिवार के ...