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G20 समिट का पूरा शेड्यूल

G20 समिट का पूरा शेड्यूल

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भारत मंडपम में आज से वैश्विक मुद्दों पर होगा महामंथन, दो दिनों तक चलने वाली जी20 की पहले दिन की बैठक के दौरान सभी 20 देशों के नेता भारत में पहली बार एक साथ दिल्ली में एक मंच पर होंगे. दिल्ली इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनने के लिए तैयार है और इसे यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है. इस आयोजन के लिए भारत मंडपम में भी तैयारियां पूरी हैं. जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर 20 सबसे ताकतवर देशों के नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. 9 और 10 सितंबर को भारत मंडपम में होने वाले सम्मेलन में वैश्विक मद्दों पर सभी देशों के नेता चर्चा करेंगे. ऐसा पहली बार हुआ है कि दुनिया के सबसे ताकतवर मंचों के मुखिया एक साथ दिल्ली में हैं और यूएन से लेकर आईएमएफ तक डब्ल्यूटीओ से लेकर वर्ल्ड बैंक तक तमाम वैश्विक संस्थाएं भारत के आह्वान पर दिल्ली में मौजूद हैं. वहीं ये भी पहली बार है कि भारत के आह्वान पर जी20 में अफ्रीकन यून...
जी-20 के लिए दुनिया भर के नेता दिल्ली में जुटे

जी-20 के लिए दुनिया भर के नेता दिल्ली में जुटे

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राजधानी दिल्ली में G-20 समिट के लिए विदेशी मेहमान लगातार भारत पहुंच रहे हैं. इस समिट में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शाम लगभग सात बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. बाइडेन ने भारत पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की. उनसे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज भी पहुंचे ...
आदित्य एल-1 : इस देश का नाम है – भारत

आदित्य एल-1 : इस देश का नाम है – भारत

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और भारत का आदित्य एल-1 अपने मिशन पर निकल पड़ा है। चाँद के बाद सूरज की बारी है, भारत के वैज्ञानिकों ने यूँ ही नहीं कहा था।चंद्रयान मिशन की कामयाबी के कुछ ही दिनों बाद भारत के सूर्य मिशन ने पूरी दुनिया को चौंकाया है। सूर्य के अध्ययन के लिये भेजे गये आदित्य एल-1 मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष में एक ऑब्जर्वेटरी स्थापित की जाएगी, जिसके जरिये धरती के नजदीकी ग्रह सूर्य के कई रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी। साथ ही अंतरिक्ष की कई हलचलों, मसलन सोलर विंड आदि का भी अध्ययन किया जायेगा। हालांकि यूरोपियन एजेंसी समेत कई देशों ने इस तरह के मिशन भेजे हैं, लेकिन भारत जैसे विकासशील देश द्वारा सीमित संसाधनों के साथ ये लक्ष्य हासिल करना बड़ी उपलब्धि है। सब जानते हैं पीएसएलवी-सी 57 के जरिये अंतरिक्ष में भेजे गये आदित्य मिशन का बिलकुल सूर्य के पास जाना संभव नहीं है, लेकिन वह एक निर्धारित स्थान लैंगरे...
जी-20 सम्मेलन से नये विश्व की संरचना संभव

जी-20 सम्मेलन से नये विश्व की संरचना संभव

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- ललित गर्ग-हिंसा, आतंक एवं युद्ध से संत्रस्त दुनियाभर की नजरें 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाले जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन पर टिकी हैं। यह सम्मेलन इसलिए भी खास है कि भारत इस साल जी-20 का अध्यक्ष होते हुए दुनिया को नयी दिशाएं एवं नये आयाम दिये हैं। सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है, जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन-ताइवान की तनातनी और उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को लेकर असुरक्षा एवं अशांति की चिंताओं से घिरी हुई है। हालांकि जी-20 सुरक्षा संबंधी मुद्दों का नहीं, आर्थिक मुद्दों का मंच है, लेकिन सुरक्षा, शांति एवं युद्धमिुक्त से होकर ही आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं। सुरक्षा चिंताओं ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को जिस तरह प्रभावित कर रखा है, जी-20 देशों के लिए इसे पूरी तरह नजरअंदाज करना संभव नहीं है। जी-20 के सदस्य देशों की संयुक्त रूप से दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 85 फीसदी और अं...
ऋषि सुनक के राम अथवा क्यों राम भक्त हैं ऋषि सुनक

ऋषि सुनक के राम अथवा क्यों राम भक्त हैं ऋषि सुनक

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आर.के. सिन्हा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का हाल ही में राम कथा में शामिल होना और भगवान राम के प्रति आस्था की सार्वजनिक अभिव्यक्ति अनुकरणीय है। यह  साफ है कि जो जितने अंश में ही हिन्दू है, उसका उतने अंश में ही स्वागत हो। ऋषि सुनक ने न केवल अपने देश ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राम कथा में “जय सिया राम” का उद्घोष किया बल्कि वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिये हिन्दू धर्म के सहारे कार्य करते रहने का प्रण भी लिया। आज पूरे यूरोप में हिन्दुओं और हिंदू धर्म को करीब से जानने की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। राम कथा के बाद कई घण्टों तक ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक भगवान श्री राम के प्रसाद का वितरण करते रहे। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मुरारी जी बापू की राम कथा में ऋषि सुनक ने भाग लेकर सही संदेश दिया कि वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ-साथ एक आस्थावान सनातनी हिंदू भी है...
क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?

क्या अमेरिका की मून-लैंडिंग फेक थी?

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21 जुलाई, 1969: अपोलो 11 की सफल चन्द्र लैंडिंग के बाद घर वापस आते हुए नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने यादगार के तौर पर अमेरिकी झंडा चाँद की सतह पर अपनी लैंडिंग साईट से 8 मीटर दूर गाड़ दिया था। घर की उड़ान भरते वक़्त लूनर लैंडिंग मोड्यूल के रॉकेट इंजन से निकली गैसों के प्रचंड वेग से यह झंडा उखड कर जमीन पर जा गिरा था। इस कारण भविष्य में गये अपोलो मिशन में यह ख्याल रखा गया कि झंडा लैंडिंग साईट से दूर लगाया जाए। . चाँद पर चूंकि हवा नहीं है, इसलिए इस झंडे के फैब्रिक के भीतर विशेष रूप से बनाई गईं हल्की तारों की संरचना मौजूद थी जिससे कि झंडा सीधा रहे। उसके अलावा झंडा निकाल कर लगाने के दौरान ट्रांसफर हुए मोमेंटम से पैदा हुई सिकुडनों के कारण भी झंडा लहराने का आभास देता है। कंजरवेशन ऑफ़ मोमेंटम नाम के कारण स्पेस में लहराने अथवा किसी भी प्रकार की गति कर रहे ऑब्जेक्ट की गति लम्बे समय तक संरक्षित रहती...
प्रधानमंत्री ने विश्व संस्कृत दिवस पर शुभकामनाएं दीं

प्रधानमंत्री ने विश्व संस्कृत दिवस पर शुभकामनाएं दीं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म, साहित्य संवाद
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। श्री मोदी ने उन सभी लोगों की भी प्रशंसा की जो संस्कृत के प्रति बहुत भावुक हैं। प्रधानमंत्री ने इस दिवस को मनाने के लिए सभी से संस्कृत में एक वाक्य साझा करने का भी अनुरोध किया है। एक्स पोस्ट की एक श्रृंखला में  प्रधानमंत्री ने कहा; “विश्वसंस्कृतदिवसे मम शुभकामनाः। अहं सर्वान् अभिनन्दामि ये एतदर्थं भावुकाः सन्ति। संस्कृतेन सह भारतस्य संबन्धः विशिष्टः। “विश्व संस्कृत दिवस पर मेरी शुभकामनाएं। मैं उन सभी की प्रशंसा करता हूं, जो संस्‍कृत के प्रति बहुत भावुक हैं। भारत का संस्कृत के साथ बहुत विशिष्‍ट संबंध है। इस महान भाषा का उत्सव मनाने के लिए, मैं आप सभी से संस्कृत में एक वाक्य साझा करने का अनुरोध करता हूं। नीचे पोस्ट में मैं भी एक वाक्य साझा करूंगा। ##CelebratingSanskrit”  का उपयोग करना न...
क्या हो आवारा पशुओं की समस्या का समाधान

क्या हो आवारा पशुओं की समस्या का समाधान

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क्या हो आवारा पशुओं की समस्या का समाधान*रजनीश कपूरजी20 शिखर सम्मेलन की तैयारी में देश की राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। केंद्र औरदिल्ली की सरकार इस सम्मेलन को कामयाब करने की दृष्टि से हर वो कदम उठा रही है जिससे कि इसमें शिरकतकरने वाले विदेशी मेहमानों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। दिल्ली को सजाने के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्थाके चलते भी कई कदम उठाए गये हैं। इसके साथ ही दिल्ली के कुछ इलाक़ों से आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश भीजारी हुए थे, जिसे पशु प्रेमियों के विरोध के चलते रद्द किया गया। आदेश का विरोध कर, पशु प्रेमियों ने इसेआवारा कुत्तों के हित में बताया है। परंतु यहाँ सवाल उठता है कि इस समस्या से छुटकारा कैसे मिले?शहरों में आवारा कुत्तों की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। आम जनता को हर गली मोहल्ले में आवारा कुत्तों सेखुद को बचा कर निकलना पड़ता है। यदि इन कुत्तों से बचने ...
<strong>चीन सुधरेगा नहीं, चौकन्ना रहना होगा</strong>

चीन सुधरेगा नहीं, चौकन्ना रहना होगा

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-ः ललित गर्ग:-चीन अपनी दोगली नीति, षडयंत्रकारी हरकतों एवं विस्तारवादी मंशा से कभी बाज नहीं आता। वह हमेशा कोई ऐसी कुचेष्टा करता ही रहता है जिससे भारत चीन बॉर्डर पर अक्सर तनाव रहता है। ब्रिक्स समिट में जगी भारत-चीन के सामान्य संबंधों की आस आकार लेने से पहले ही धूमिल हो गयी है। नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले भारत-चीन के संबंधों में सामंजस्य बैठाने के प्रयास चीन के नापाक इरादों से जटिल ही बने रहने वाले हैं। चीन की ओर से जारी किए गए ताजा नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर चीन एक बार फिर सीमा विवाद को बढ़ाने के साथ भारत को उकसाने वाली कार्रवाई में जुटा है। हालांकि भारत ने दो टूक जवाब देते हुए साफ कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और यह चीनी दुष्प्रचार के सिवाय कुछ नहीं है। चीन की इस हरकत ने यह साफ कर दिया है कि उससे संबंध सुधारने की भारत की तरफ से कित...
नेहरू चाचा

नेहरू चाचा

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नेहरू चाचा ने इतना सशक्त भारत बनाया था कि 1984 में जब इंदिरा जी मरीं और राजीव जी प्रधानमंत्री बने तो देश मे आम नागरिक को दो बोरी सिमेन्ट लेने के लिये तहसीलदार से परमिट लेना पड़ता था। एक किलो चीनी खरीदने के लिये भी परमिट लगता था। शादी विवाह में एक क्विंटल चीनी लेने के लिये तो लोग महीनों पहले से जुगाड़ सोर्स सिफारिश खोजने लगते थे। 1978 में हम लोग गैंगटॉक सिक्किम में रहते थे। 1975 में ही ताजा ताजा सिक्किम का भारत मे विलय हुआ था। सो भारत सरकार ने सिक्किम राज्य को कुछ सहूलियत सुविधा दे रखी थी। शेष भारत में जहां कि LPG के कनेक्शन के लिये 10 से 15 साल की प्रतीक्षा थी, सिक्किम में तुरंत मिल जाता था। सो हमारे पिता जी ने भी एक LPG कनेक्सन ले लिया… दो साल बाद हम ट्रांसफर हो कर कोटा राजस्थान चले आये… यकीन मानिए कि पूरी कालोनी में हमारा एकमात्र घर था जहाँ LPG थी, पर हमारी माँ फिर भी स्टोव ही जलाती थीं...