Shadow

BREAKING NEWS

कैसा चल रहा है ‘दुनिया का दवाखाना’ ?

कैसा चल रहा है ‘दुनिया का दवाखाना’ ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
‘दुनिया का दवाखाना’ कहे जाने वाले भारत में ‘जेनेरिक दवा’ मरीज़ों को लिखने न लिखने पर बहस छिड़ी हुई है। संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वे के अनुसार, विश्व के कुल दवा उत्पादन में 20 प्रतिशत अंश के साथ भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्माता है। करीब 200 से अधिक मुल्कों को 50 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की दवाएं निर्यात होती हैं और सभी प्रकार के वैक्सीनों की 60 प्रतिशत भारत में तैयार होती हैं। अमेरिका से इतर भारत में एफडीए मानकों के अनुरूप दवाएं बनाने वाली दवा उत्पादन इकाइयां सबसे अधिक हैं। तभी तो भारत को ‘दुनिया का दवाखाना’ कहा जाता है। भारत देश ने अपने बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 1.5 प्रतिशत खर्च का प्रावधान किया है। गैर-सरकारी इलाज के लिए लोगों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है। किसी के ऋणी होने के पीछे इलाज पर होने वाले व्यय एक बड़ा कारण है। इसलिए पूछना तार्कि...
भाला फेंक में नीरज का स्वर्णिम अभियान

भाला फेंक में नीरज का स्वर्णिम अभियान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
भाला फेंक में नीरज का स्वर्णिम अभियानमृत्युंजय दीक्षितसावन के पवित्र माह में चंद्रयान- 3 की अभूतपूर्व सफलता के बाद भाला फेंक में नीरज ने देशवासियों को यह नई सफलता देकर आनंद से भावविभोर कर दिया है। इस वर्ष का अधिमास सहित सावन अंतरिक्ष व क्रीड़ा जगत में नयी क्रांति का माह बन रहा है।एथलेटिक्स की भालाफेंक प्रतियोगिता में भारत के नीराज चोपड़ा ने हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैपिंयनशिप के फाइनल में पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। भालाफेंक में भारत को स्वर्ण दिलाने वाले वह पहले भारतीय एथलीटबन गये हैं।नीरज की सफलता से आज संपूर्ण भारत गर्वित व आनंदित है। नीरज की स्वर्णिम सफलता पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरे देश ने बधाई दी है। नीरज ने इस सफलता के साथ ही अगले ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। नीरज ने फाइनल में 88.17 मीटर भाला फेंक क...
मनाने के साथ समझने होंगे रक्षा बंधन के मायने ?

मनाने के साथ समझने होंगे रक्षा बंधन के मायने ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
राखी के त्योहार का मतलब केवल बहन की दूसरों से रक्षा करना ही नहीं होता है बल्कि उसके अधिकारो और सपनों की रक्षा करना भी भाई का कर्तव्य होता है, लेकिन क्या सही मायनों में बहन की रक्षा हो पाती है। आज के समय में राखी के दायित्वों की रक्षा करना बेहद आवश्यक हो गया है। अगर इस पवित्र दिन अपनी बहन के साथ दुनिया की हर लड़की की रक्षा का वचन लिया जाए तो सही मायनों में इस त्योहार का उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। -प्रियंका सौरभ भाई-बहन का रिश्ता दुनिया के सभी रिश्तों में सबसे ऊपर है। हो भी न क्यों, भाई-बहन दुनिया के सच्चे मित्र और एक-दूसरे के मार्गदर्शक होते है। जब बहन शादी करके ससुराल चली जाती है और भाई नौकरी के लिए घर छोड़कर किसी दूसरे शहर चला जाता है तब महसूस होता है कि भाई-बहन का ये सर्वोत्तम रिश्ता कितना अनमोल है। सरहद पर खड़ा एक सैनिक भाई अपनी बहन को कितना याद करता है और बहनों की ऐसे वक़्त क्य...
अमृतकाल की प्रथम प्रभा में चन्द्रमा पर भारत

अमृतकाल की प्रथम प्रभा में चन्द्रमा पर भारत

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चन्द्रयान 3 ने जैसे ही चन्द्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। सम्पूर्ण देश अपने वैज्ञानिकों एवं राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता से भर गया। भारत विश्व का पहला देश है जिसने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखे हैं। और चन्द्रयान 3 अभियान की शुरुआत से लेकर ही जो बहुप्रतीक्षित घड़ी थी, वह जब साकार हुई तो भारतमाता का ललाट प्रखर प्रकाश पुञ्ज से चमकने लगा। चन्द्रयान ने इसरो को जैसे ही सन्देश भेजा - “भारत, मैं अपने गन्तव्य पर पहुंच गया हूँ और आप भी ’ , चंद्रयान-3 ने चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। बधाई हो, भारत ।” यह सुनते ही राष्ट्र एवं भारतवंशियों की प्रसन्नता का कोई ठिकाना नहीं रहा। और चन्द्रमा पर भारत का विश्वविजयी प्रतीक तिरंगा लहराने लगा। इसी के साथ अमेरिका, रुस ,चीन के बाद चन्द्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश भारत बन गया ह...
चंद्रयान-3 के श्रेय पर विवाद क्यों ?

चंद्रयान-3 के श्रेय पर विवाद क्यों ?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
-विनीत नारायणचंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर उतारकर भारत ने पूरी दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे गाढ़दिए हैं। हमारी इस सफलता पर पूरी दुनिया हर्षित है। यहाँ तक कि हमेशा खफ़ा रहने वाला पाकिस्तानभी हमें इस कामयाबी के लिए बधाई दे रहा है। अब भारत दुनिया के उन चार देशों में से एक है जिन्होंनेचाँद पर अपना उपग्रह उतारा है। इनमें भी चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर ये करामात दिखने वाला भारतअकेला देश है। इस अभूतपूर्व सफलता के लिए वो सैकड़ों वैज्ञानिक जिम्मेदार हैं जिन्होंने पिछले साठसालों में रात-दिन मेहनत करके यह संभव कर दिखाया है। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेविश्व को दक्षिण अफ़्रीका से संबोधित करते हुए कहा कि, “अब चंदा मामा दूर के नहीं बल्कि चंदा मामा टूरके हो गये हैं”।जब से ये उपलब्धि हुई है तब से इसका श्रेय लेने वालों में होड़ लग गई है। जहाँ भाजपा और संघ परिवारइसे मोदी जी के नेत...
महानगरों की ट्रैफिक समस्या का समाधान

महानगरों की ट्रैफिक समस्या का समाधान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
*रजनीश कपूरदेश के महानगरों में ट्रैफिक जाम होना एक आज आम बात हो गयी है। अक्सर ऐसे जामों में फँस कर आप सभी नेअपना बहुमूल्य समय और ईंधन ज़रूर गँवाया होगा। देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ-साथ जिस कदर वाहनोंकी संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है, ट्रैफ़िक जाम तो बढ़ेंगे ही। यातायात पुलिस हो या सड़कों पर चलने वाले आमनागरिक सभी इस समस्या से परेशान हैं। ट्रैफ़िक की इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जनता और पुलिस कोएक दूसरे का सहयोग करना होगा और जाम से निजात पाने के नए विकल्प ढूँढने होंगे।पिछले दिनों अख़बार में दिल्ली यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त एस एस यादव का एक बयान छपा था। जिसमेंश्री यादव ने दिल्ली पुलिस के ट्रैफ़िक स्टाफ़ को एक नए अन्दाज़ में अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया।ग़ौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के पास यह शिकायत आ रही थी कि दिल्ली के ट्रैफ़िकपुलिसकर्मी बड़ी-बड़ी लक्...
चाँद के बाद, अब सूरज की बारी

चाँद के बाद, अब सूरज की बारी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार, सामाजिक
अब सूरज की बारी है,यह भारत की तैयारी है। भारत के वैज्ञानिकों का यह ताज़ा संकल्प है, चाँद पर अवरोहण से पूरा देश उत्साहित है, भारत ने विश्व गुरु बनने की दिशा में बीते कल बड़ी छलांग लगाते हुए चांद के उस हिस्से पर राष्ट्रीय ध्वज लहरा दिया जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया। देश ने धरती पर सपना देखा और चांद पर साकार किया, अब सूरज की बारी है । कुछ दिन पहले रूस ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की अहमियत और बढ़ गई थी। समूचे विश्व की निगाह इस मिशन पर थी। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश के कोने-कोने में कल सुबह से पूजा, प...
चन्द्र यान

चन्द्र यान

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
अद्भुत अविश्वसनीय लगभग पचहत्तर लाख लोग एक साथ देख रहे थे केवल इसरो के यूट्यूब चैनल पर। इतनी बड़ी भीड़ का एक साझे लक्ष्य पर दृष्टि गड़ाना अपने आप में अद्भुत है। मुझे पता है, अंतिम के दस मिनट तक सबकी धड़कने मेरी ही तरह बहुत बढ़ गयी होंगी। और फिर इसरो के उस हॉल में बैठे उन देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की भीड़ जब उछल कर तालियां बजाती हैं, तो लगता है जैसे जग जीत लिया हो। मैं उछल पड़ा हूँ। मोबाइल फेंक कर चिल्ला उठा हूँ, "हर हर महादेव!" प्रचंड उल्लास के क्षणों में केवल ईश्वर याद आते हैं। रौंगटे खड़े हो गए हैं, गला भर आया है, आंखें बहने लगीं हैं। मैं जानता हूँ, यही दशा सबकी हुई होगी। पूरे देश की... ऐसी उपलब्धियां, ऐसे क्षण एक झटके में पूरे देश को एक सूत्र में बांध देते हैं। मेरे बच्चे आश्चर्य से मेरा मुँह देख रहे हैं। वे छोटे हैं, इस उपलब्धि का मूल्य नहीं जानते। सावन के महीने में धरती की राखी ल...
आज हम चांद पर है।

आज हम चांद पर है।

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
सांप और साधुओं का देश कहा जाने वाला भारत आज स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया के ताकतवर देशों के साथ खड़ा है। भारत चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का रोवर चांद की सतह का अध्ययन करेगा और यह लैंडर के अंदर बैठकर गया है। लैंडर के मिशन की पूरी अवधि एक चंद्र दिवस की रहने वाली है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है। पिछली बार क्रैश लैंडिंग हुई थी। पर इस बार अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद की सतह पर लैंड करने वाला चौथा देश बन गया है। 'स्पेस के क्षेत्र में हमारी विशेषज्ञता में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। भारत के चंद्रयान-3 को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता से भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश तो बना ही है साथ ही दक्षिणी ध्रुव के इलाके में लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। -डॉ सत्यवान सौरभ भारत की अंतरिक्...
पनिवेशवाद, साम्राज्यवाद एवं पूंजीवाद के बाद अब राष्ट्रीयता पर आधारित हो अर्थव्यवस्था

पनिवेशवाद, साम्राज्यवाद एवं पूंजीवाद के बाद अब राष्ट्रीयता पर आधारित हो अर्थव्यवस्था

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक
अमेरिकी महाद्वीप की खोज के साथ ही उपनिवेशवाद का प्रारम्भ हुआ और यह 20वीं शताब्दी के लगभग आधे भाग तक निर्बाध रूप से चलता रहा। उपनिवेशवाद की पहली खेप 16वीं शताब्दी में प्रारम्भ हुई जब फ्रान्स, स्पेन एवं इंग्लैंड ने पृथ्वी के दक्षिणी भाग में स्थिति छोटे छोटे देशों को अपना उपनिवेश बना लिया। पश्चिमी देशों ने उपनिवेश देशों के मूल निवासियों को दूर दराज इलाकों में भेजते हुए यूरोपीयन देशों के निवासियों के लिए इन उपनिवेश देशों के व्यापार एवं प्रशासन पर अपना पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया। इन देशों के मूल निवासियों को न केवल उपनिवेश देशों में श्रमिकों के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा बल्कि अन्य उपनिवेश देशों एवं पश्चिमी देशों में भी इन मूल निवासियों को ले जाकर श्रमिकों के तौर पर बसाया गया। उपनिवेश देशों से बहुत सस्ती दरों पर कच्चा माल अपने देशों में ले जाकर, इस कच्चे माल से उत्पाद निर्मित कर इन ...