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दबे-कुचले वर्गों के मसीहा अंबेडकर

दबे-कुचले वर्गों के मसीहा अंबेडकर

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( अम्बेडकर जी ने कांग्रेस के पूर्ण स्वतंत्रता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने दलितों के उत्थान हेतु उच्च वर्गीय हिन्दुओं से ज़्यादा अंग्रेज़ों को सहायक माना। देश व दलितों के हितो के बीच टकराव की स्थिति में उन्होंने दलितों के हितों को वरीयता देने की बात कही। ) -प्रियंका 'सौरभ' देश बी आर अंबेडकर की 132वीं जयंती मना रहा है। एक समाज सुधारक, भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष और देश के पहले कानून मंत्री के रूप में उनकी भूमिका प्रसिद्ध है।वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, सक्रिय राजनेता, प्रख्यात वकील, श्रमिक नेता, महान सांसद, अच्छे विद्वान, मानवविज्ञानी, वक्ता थे। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश ने आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की है। अम्बेडकर के विचारों की गंभीरता, राष्ट्र-निर्माता के रूप में उनकी भूमिका और उन पर किए गए कार्यों को समझने के लिए, सामाजिक ताने-बाने क...
अमेरिका में निर्मला – निकाली भारत के प्रति प्रायोजित दुष्प्रचार की हवा

अमेरिका में निर्मला – निकाली भारत के प्रति प्रायोजित दुष्प्रचार की हवा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
मृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार झूठी खबरों के आधार पर विदेशों में भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाली ताकतों को वहीं जाकर मुंहतोड़ जवाब दे रही है जहाँ ये एजेंडा चलाया जा रहा है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और वहां उन्होंने भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा व गलत व्यवहार पर पश्चिमी मीडिया में बनाई जा रही झूठ पर आधारित अवधारणा को करारा व तीखा जवाब दिया है । स्वाभाविक है इससे भारत विरोधी सभी ताकतों तथा भारत के छद्म धर्मनिरपेक्षों पर घड़ों पानी पड़ गया है और वे एक बार फिर अपने प्रदूषित विचारों का प्रदूषण फैलाने में लग गये हैं। भारत में बैठै छद्म धर्म निरपेक्ष दलों के नेता इतना सफेद झूठ बोल रहे हैं केवल उन विदेशी ताकतों जो, भारत को अपने निहित स्वार्थों के लिए भारत को कमजोर देखना चाहती हैं के ...
शेयर बाज़ार में नई संहिता, इसे और व्यवस्थित करना होगा

शेयर बाज़ार में नई संहिता, इसे और व्यवस्थित करना होगा

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अगले पखवाड़े यानि 1 मई, 2023 से एक नयी आचार संहिता लागू होने जा रही है जो गलत, भ्रामक, पूर्वग्रस्त अथवा झूठे दावों के बल पर निवेशकों को भ्रमित करने की संभावना को कम करेगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों ने इस नई विज्ञापन संहिता का प्रस्ताव रखा है। इसे निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों के लिए मौजूदा आचार संहिता का एक अन्य परिशिष्ट माना जा सकता है। यह नई संहिता आगामी 1 मई, 2023 से अस्तित्व में आएगी। इरादा ऐसे वक्तव्यों को खत्म करने का है जो अनुभव या ज्ञान की कमी का लाभ लेना चाहते हैं। ऐसे मेंसलाह है, निवेश सलाहकार या शोध विश्लेषकों को तकनीकी या विधिक भाषा अथवा जटिल भाषा के अतिशय इस्तेमाल से बचना चाहिए।उन्हें अतिशय विस्तार में जाने से बचना चाहिए और निवेशकों से तयशुदा प्रतिफल का वादा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा म्युचुअल फंड की तरह, निवेश सलाहक...
वैश्विक स्तर पर भारतीय सबसे अधिक प्रसन्नता प्राप्त करने की ओर अग्रसर 

वैश्विक स्तर पर भारतीय सबसे अधिक प्रसन्नता प्राप्त करने की ओर अग्रसर 

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अभी हाल ही में वर्ष 2023 के लिए वैश्विक प्रसन्नता प्रतिवेदन (ग्लोबल हप्पीनेस रिपोर्ट 2023) जारी किया गया है। वैश्विक प्रसन्नता प्रतिवेदन को,  150 से अधिक देशों का विभिन बिंदुओं पर सर्वे करने के उपरांत, संयुक्त राष्ट्र दीर्घकालिक विकास समाधान तंत्र द्वारा प्रकाशित किया जाता है। वैश्विक प्रसन्नता प्रतिवेदन को अंतिम रूप देने के पूर्व, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक सहयोग, भ्रष्टाचार का स्तर, समाज में नागरिकों के बीच आपसी सदाशयता एवं निर्णय लेने की स्वतंत्रता जैसे बिंदुओं पर विभिन्न देशों का आंकलन किया जाता है। फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन एवं नॉर्वे जैसे छोटे छोटे देश जिनकी जनसंख्या तुलनात्मक रूप से बहुत कम रहती है, इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं। उक्त सर्वे के अनुसार सबसे अधिक प्रसन्न देश, फिनलैंड में केवल 55 लाख ...
विनाशपर्व जालियांवाला बाग

विनाशपर्व जालियांवाला बाग

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१३ अप्रैल १९१९.* आज ही के दिन, जालियांवाला बाग, अमृतसर मे अंग्रेजोंने सैंकडों निरीह, निरपराध, निर्दोष भारतीयोंको किडे-मकौडों जैसा मारा... विनाशपर्व- प्रशांत पोळ १९१९ की १३ अप्रैल को बैसाखी थी. रविवार का दिन था. रौलेट एक्ट के विरोध में सारे देश में प्रदर्शन हो रहे थे. उसी शृंखला मे, जालियांवाला बाग में एक सभा आयोजित की गई थी. बैसाखी और छुट्टी के कारण, अमृतसर के आजू-बाजू के लोग भी जालियांवाला बाग पहुंच रहे थे. धीरे – धीरे यह संख्या पांच हजार तक पहुंच गई. मैदान में भाषण चल रहे थे, और लोग शांति से बैठ कर उन्हे सुन रहे थे. लोगों में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं... सभी थे. वातावरण में कही कोई उत्तेजना या असंतोष नहीं था. तभी अचानक ब्रिटिश सेना का एक अधिकारी, ब्रिगेडियर जनरल एडवर्ड डायर (मूलतः वह कर्नल था. किन्तु अस्थायी रूप से उसे ब्रिगेडियर का पद दिया गया था), हथियारों से सुसज्जित अपनी फौज ले...
बेमौसम बारिश से फसलों का खराबा !

बेमौसम बारिश से फसलों का खराबा !

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पिछले कुछ समय से बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने कई राज्यों में किसानों के समक्ष बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। आंकड़़ें बताते हैं कि बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि व तेज हवाओं से क्रमशः मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 5.23 लाख हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल को प्रभावित किया है। इससे उपज का नुकसान तो हुआ ही है साथ ही साथ किसानों के समक्ष कटाई व फसलों के भंडारण की समस्या भी पैदा हो गई है। इस समय बेमौसम बारिश की मार से आधा भारत बेहाल है और रह-रहकर हो रही बारिश से फसलों का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। ओलों व बर्फबारी से किसानों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इस बार मौसम किसानों का साथ नहीं दे रहा है। फसलों के खराबे से करोड़ों का नुकसान हुआ है। गेहूँ की पकी फसलें तो अधिक बारिश से जमीन पर गिर गई और गेहूँ का दाना बारिश से काला पड़ गया। सरसों की फसलों को भी बहुत नुकसान हुआ ...
अंतिम सत्य है मृत्यु , जीवन में कर्म प्रधान है !

अंतिम सत्य है मृत्यु , जीवन में कर्म प्रधान है !

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अभी दो दिन पहले ही फेसबुक पर एक पोस्ट पढ़ने को मिली। पोस्ट लता मंगेश्कर जी, भारत की स्वर कोकिला के बारे में थी। पोस्ट पढ़कर दिल भर आया। पास बैठी मां को पोस्ट पढ़कर सुनाने लगा तो यकायक गला रूंध आया। नहीं जानता पोस्ट में लिखे शब्द स्वयं लता मंगेशकर जी के हैं भी या नहीं, लेकिन फेसबुक पर यह पोस्ट देखकर ऐसा महसूस हुआ कि शायद ये लता मंगेशकर जी के शब्द रहे हों,जब वह बीमार थीं और अस्पताल में थी। पोस्ट हमें गंभीर चिंतन कराती है। आप भी इसे एकबार जरूर पढ़िए, पोस्ट कुछ इस प्रकार से थी- 'इस दुनिया में मौत से बढ़कर कुछ भी सच नहीं है। दुनिया की सबसे महंगी ब्रांडेड कार मेरे गैराज में खड़ी है। लेकिन मुझे व्हील चेयर पर बिठा दिया गया। मेरे पास इस दुनिया में हर तरह के डिजाइन और रंग हैं, महंगे कपड़े, महंगे जूते, महंगे सामान। लेकिन मैं उस छोटे गाउन में हूं जो अस्पताल ने मुझे दिया था ! मेरे बँक खाते में बहुत पै...
अर्थव्यवस्था को सेंध लगाते ऑनलाइन सट्टेबाजी, बेटिंग गेम्स

अर्थव्यवस्था को सेंध लगाते ऑनलाइन सट्टेबाजी, बेटिंग गेम्स

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
हाल ही में सट्टेबाजी और बेटिंग वाले विभिन्न ऑनलाइन गेम्स पर सरकार ने नये नियम जारी करते हुए इन पर अपनी तलवार चला दी है, जो बहुत ही काबिलेतारीफ कदम कहा जा सकता है। अब नये नियमों के तहत ऑनलाइन गेम को मंजूरी देने का फैसला इस बात को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा कि उस गेम में किसी तरह से दांव या बाजी लगाने की प्रवृत्ति तो शामिल नहीं है। अगर एसआरओ(स्व नियामक संगठनों) को यह पता चलता है कि किसी ऑनलाइन गेम में दांव लगाया जाता है तो वह उसे मंजूरी नहीं देगा। दूसरे शब्दों में, यह बात कही जा सकती है कि सरकार ने सट्टेबाजी और बेटिंग से जुड़े विभिन्न एप्स को हाल ही में प्रतिबंधित करने की बात कही है और साथ ही सट्टेबाजी और जुए से जुड़े विज्ञापनों से बचने की भी चेतावनी या यूं कहें कि एडवायजरी जारी की गई है। वास्तव में, न ई एडवायजरी या इन संशोधनों को जारी करने के पीछे मकसद इंटरनेट को खुला, सुरक्षित और वि...
भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है।

भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है।

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भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है। समय के साथ मानवीय हस्तक्षेप के कारण बाघों पर भी खतरा मंडराया और यह बात हमें आंकड़ों से पता चलती है। एक समय था जब बाघों की तेजी से कम होती संख्या को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें प्रोजेक्ट टाइगर व अन्य बाघ संरक्षण कार्यक्रमों से इसमें कुछ सुधार आ रहा है। समय के साथ ही वन्य जीवों के शिकार के संबंध में कानून को भी सख्त बनाया गया है। बहरहाल, एक अनुमान के अनुसार, विश्व भर के बाघों ने अपने प्राकृतिक निवास स्थान का तकरीबन 93 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है। यह बहुत ही गंभीर व संवेदनशील है कि इन निवास स्थानों(अधिवासों) को अधिकांशतः मानव गतिविधियों द्वारा नष्ट किया गया है। वनों और घास के मैदानों को कृषि ज़रूरतों के लिये परिवर्तित किया जा रहा है। बाघों से मानव को कथित खतरे को देखते हुए और मौद्रिक लाभ कमाने के उद्देश्य से बाघों का शिकार मानव ...
बहुत याद आएंगे सलीम दुर्रानी

बहुत याद आएंगे सलीम दुर्रानी

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आर.के. सिन्हा सलीम दुर्रानी के बीते रविवार को निधन से भारत ने अपना 1960 और 1970 के दशकों के एक बेहद लोकप्रिय और लाजवाब क्रिकेटर को खो दिया। सलीम दुर्रानी ने गुजरात के जामनगर में आखिरी सांस ली।   सलीम दुर्रानी जब मैदान में होते थे, तो कोई भी लम्हा नीरस नहीं होता था। सलीम दुर्रानी के लिए मशहूर था कि वे दर्शकों की मांग पर छक्का मारते थे। उन्हें भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल हरफनमौला क्रिकेटर माना जाता था। दर्शकों की छक्के की मांग को वे फौरन पूरा करते थे। वे राजधानी में सालों राजस्थान की तरफ से रणजी ट्रॉफी के मैच खेलने के लिए करनैल सिंह स्टेडियम में आया करते थे। राजस्थान की उस दौर की टीम में हनुमंत सिंह, लक्ष्मण सिंह तथा कैलाश गट्टानी जैसे स्टार प्लेयर होते थे। हनुमंत सिंह तो सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्टुडेंट रहे थे। पर सलीम दुर्रानी की लोकप्रियता के सामने बाकी...