
हिंसक एवं असहिष्णु होते समाज की त्रासदी
हिंसक एवं असहिष्णु होते समाज की त्रासदी
- ललित गर्ग-भारतीय समाज हिंसक एवं असभ्य होता जा रहा है। समाज में बढ़ती हिंसकवृत्ति आदमी को एक दिन कालसौकरिक कसाई बना देती है, कंस बना देती है, रावण बना देती है। एक ऐसा हिंसक समाज बन रहा है, जिसमें कुछ लोगों को दिन भर में जब तक किसी को मार नहीं देते, उन्हें बेचैनी-सी रहती है। इतिहास में ऐसे कुछ विकृत दिमाग के लोग हुए हैं, जिन्हें यातना देकर किसी को मारने में आनंद आता था। लेकिन आधुनिक सभ्य समाजों में ऐसी प्रवृत्ति का कायम रहना गहन चिन्ता का विषय है। यह समझना मुश्किल होता जा रहा है कि लोगों में असहिष्णुता, असहनशीलता और हिंसा की प्रवृत्ति इतनी कैसे बढ़ रही है कि जिन मामलों में उन्हें कानून की मदद लेनी चाहिए, उनका निपटारा भी वे खुद करने लगते हैं और इसका नतीजा अक्सर किसी की मौत के रूप में सामने आता है। दिल्ली में जिस तरह एक व्यक्ति क...