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युद्ध विराम एवं शांति के लिये क्वाड पर निगाहें

युद्ध विराम एवं शांति के लिये क्वाड पर निगाहें

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युद्ध विराम एवं शांति के लिये क्वाड पर निगाहें - ललित गर्ग - जापान में होने जा रहे क्वाड शिखर सम्मेलन में एक महानायक एवं करिश्माई व्यक्तित्व के रूप में भाग लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रवाना हो गये हैं, इस सम्मेलन एवं मोदी पर दुनिया की नजरें टिकी है, क्योंकि यह सम्मेलन ऐसे अवसर पर होने जा रहा है, जब तीन माह से यूक्रेन पर रूस के हमले जारी हैं और उसके प्रमुख सहयोगी चीन के अड़ियल रवैये में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। इसी के साथ पर्यावरण, आधुनिक तकनीक, कोरोना वायरस, हिंद-प्रशांत के लिए रणनीति आदि महत्वपूर्ण मुद्दें भी चर्चा में होंगे। भले ही क्वाड केवल चार देशों-भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया की सदस्यता वाला समूह हो, लेकिन वह पूरी दुनिया के राष्ट्रों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इस बार के सम्मेलन का एक साझा उद्देश्य चीन की साम्राज्यवादी मानसिकता पर लगाम लगाना है ताकि च...
कैसे काशी विश्वनाथ मंदिर हो गया ज्ञानवापी मस्जिद

कैसे काशी विश्वनाथ मंदिर हो गया ज्ञानवापी मस्जिद

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कैसे काशी विश्वनाथ मंदिर हो गया ज्ञानवापी मस्जिद आर.के. सिन्हा काशी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने के दावे हो रहे है। इसकी सच्चाई का भी पता चल ही जाएगा पर इस तथ्य से कौन इंकार कर सकता है कि काशी में मुस्लिम शासकों ने सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा। ज्ञानवापी मस्जिद तो काशी विश्वनाथ मंदिर के स्थान पर निर्मित है, जिसका निर्माण औरंगजेब ने कराया था। औरंगजेब ने 9 अप्रैल, 1669 को इस मं‌दिर सहित बनारस के तमाम मंदिर तोड़ने का आदेश जारी किया था। इस आदेश की कॉपी एशियाटिक लाइब्रेरी, कोलकाता में सुरक्षित है। मस्जिद का मूल नाम है ‘अंजुमन इंतहाजामिया जामा मस्जिद’। मोहम्मद गोरी के ‌सिपहसालार कुतुबुद्दीन ऐबक से लेकर औरंगजेब तक काशी के मंदिरों को ध्वस्त करने से बाज नहीं आए। अविमुक्तेश्वर को काशी में शिव द्वारा स्थापित आदि‌लिंग माना गया है। उनमें एक का स्थान ज्ञानवापी ...
क्या सभी एनकाउंटर फ़र्ज़ी होते हैं?

क्या सभी एनकाउंटर फ़र्ज़ी होते हैं?

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क्या सभी एनकाउंटर फ़र्ज़ी होते हैं? *रजनीश कपूर नवंबर 2019 में तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में हुए गैंगरेप और हत्या के चार अभियुक्तों के संदिग्ध एनकाउंटर को सर्वोच्च न्यायालय की जाँच समिति ने फ़र्ज़ी पाया। जाँच समिति द्वारा इन पुलिसवालों पर हत्या का मुक़द्दमा चलाने की सिफ़ारिश भी की गई है। पाठकों को याद होगा कि जब यह एनकाउंटर हुआ था, तब लोगों ने पुलिस का समर्थन करते हुए भारी जश्न मनाया था। जबकि दूसरी ओर जब भी कभी पुलिस एनकाउंटर होते हैं तो उन पर तमाम सवाल भी खड़े हो जाते हैं। प्रायः ऐसा मान लिया जाता है कि पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर फ़र्ज़ी ही होते हैं। एनकाउंटर कब और कैसे होते हैं इस बात पर कोई विशेष ध्यान नहीं देता। क़ानून की बात करें तो देश में मौजूद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) दोनों में ही एनकाउंटर का कोई भी ज़िक्र नहीं है। तो फिर सवाल उठता...
जल-संकट गृहयुद्ध का कारण न बन जाये

जल-संकट गृहयुद्ध का कारण न बन जाये

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जल-संकट गृहयुद्ध का कारण न बन जाये - ललित गर्ग - पिछले कई दिनों से गंभीर जल संकट से दिल्ली की जनता परेशान है। परेशानी का सबब यह है कि पानी पहुंचाने वाले टैंकरों को कड़ी सुरक्षा में चलाया जा रहा है, ताकि पानी को लेकर हिंसा की नौबत न आ जाए। दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में पानी की कमी से जूझ रहे लोग पानी की टंकियों और हेंडपंपों से बूंद-बूंद पानी इकट्ठा कर रहे है और अपने-अपने पानी के डिब्बों को जंजीर से बांधकर रख रहे हैं। ऐसा ही नजारा मंगलवार को वसंत विहार के कुसुमपुर पहाड़ी इलाके में देखने को मिला। यह चिंताजनक इसलिए है कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो यह जल संकट कभी भी जल संघर्ष एवं हिंसा में बदल सकता है। यह तो अक्सर देखने में आता ही रहा है कि पानी को लेकर लोग एक दूसरे की जान तक लेने में भी नहीं हिचकते। भीषण गर्मी और हरियाणा में नदी में कम पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।...
दिल्ली, लखनऊ, पटना के साहित्य संसार में सन्नाटा क्यों

दिल्ली, लखनऊ, पटना के साहित्य संसार में सन्नाटा क्यों

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दिल्ली, लखनऊ, पटना के साहित्य संसार में सन्नाटा क्यों अथवा सन्नाटा शहरों में या साहित्य में आर.के. सिन्हा यह संभव है कि मौजूदा युवा पीढ़ी को शायद पता ही न हो कि कोई एक-डेढ़ दशक पहले तक दिल्ली, लखनऊ, पटना वगैरह हिन्दी पट्टी के खास शहरों में हिन्दी लेखकों-कवियों की दिनभर कॉफी हाउस से लेकर शामों में अलग-अलग साहित्य प्रेमियों के घरों में लगातार गोष्ठियां आयोजित हुआ करती थीं। उनमें लेखक बंधु अपनी ताजा रचनाएं पढ़ते थे। उसके बाद उन पर बहस होती थी। वह कभी-कभी विस्फोटक भी होने लगती थीं। अब लगता है कि गोष्ठियों और बैठकी के दौर गुजरे जमाने की बातें हो रही हैं। अब गोष्ठियां आनलाइन अधिक होने लगी हैं। इसके अलावा लेखक अपनी ताजा कहानियां, गजलें, कविताएं अपनी फेसबुक वॉल पर ही डाल रहे हैं। वहां पर कुछ लाइक और छिट-पुट कमेंट जरूर आ जाते हैं। लेखक एक-दूसरे से पहले की तरह गर्मजोशी के साथ नहीं मिल रहे। पहल...
परिवार के साथ खाने पीने और फिल्म देखने का मजा एयरक्राफ्ट रेस्टोरेंट ले सकेंगे

परिवार के साथ खाने पीने और फिल्म देखने का मजा एयरक्राफ्ट रेस्टोरेंट ले सकेंगे

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परिवार के साथ खाने पीने और फिल्म देखने का मजा एयरक्राफ्ट रेस्टोरेंट ले सकेंगे, मयंक मधुर नई भूमिका में भारत के अध्यक्ष के रूप में यूनाइटेड इंडिया और सनराइज ग्रुप के व्यवसायों को संभालने के साथ ही समूह की रणनीति और वृद्धि के लिए जिम्मेदार होंगे. मयंक के नई भूमिका में एयरक्राफ्ट रेस्टोरेंट बार, सनशाइन मल्टीप्लेक्स' का वितरण, विज्ञापन, बिक्री और फ्रेंचाइजी शामिल है। मयंक भारत के कारोबार को कैसे संभालते है वो तो मयंक के व्यवसायिक रणनीति पर निर्भर करता है. मयंक ने कहा कि वह वैश्विक रणनीति और क्षेत्रीय पेशकश को बढ़ाने के साथ ही व्यापार को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अभी तक कंपनी के पास एयरक्राफ्ट थीम वाला, रेस्टोरेंट बार और सनशाइन मल्टीप्लेक्स के लिए. 5700 सौ से ज्यादा इंक्वायरी आ चुकी हैं। टीम लोकेशन के हिसाब से सर्वे कर, फ्रेंचाइजीज देने का काम करेगा। कंपनी 60% इन्वेस्टमेंट करेगी, 4...
QUAD सम्मेलन से क्या मिलेगा? – अनुज अग्रवाल

QUAD सम्मेलन से क्या मिलेगा? – अनुज अग्रवाल

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QUAD सम्मेलन से क्या मिलेगा? - अनुज अग्रवाल शोमैन मोदी हर विदेशी दौरे में छाये रहते हैं। आज कल वे जापान के दौरे पर हैं QUAD की शिखर वार्ता में शामिल होने के लिए। चीन के वर्चस्व को रोकने के लिए बने QUAD के चारों भागीदारों में अमेरिका के जो बाइडेन और आस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री अँथनी अलबनीज के चुनावों में सफलता के पीछे ही चीन ही है। जापान अब अपने नौकरशाह के हाथों में है व अमेरिका का पिट्ठू बना हुआ है। मोदी भी बिना नाम लिए चीन को धमकी देने की रस्म निभाते आए हैं और भारत चीन के विरुद्ध सैन्य संगठन AUKUS में भी शामिल नहीं हुआ है। यद्यपि चीन की विस्तारवादी नीतियों का सबसे बड़ा और पहला शिकार भारत है। यह माना गया था कि चार बड़े लोकतांत्रिक देश मिलकर चीन के विस्तारवाद पर लगाम लगाएंगे, हिंद-प्रशांत को चीन के सैन्य अड्डे में बदलने से रोकेंगे और इसे एक सुरक्षित क्षेत्र के रूप में स्थापि...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान की यात्रा पर हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने जापान के कई टॉप बिजनेसमैन से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने जापान की कंपनियों से भारत में निवेश के मौके तलाशने की अपील भी कीसुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने तो प्रधानमंत्री मोदी के काम की जमकर तारीफ भी कर दी. तोशिहिरो सुजुकी के अलावा प्रधानमंत्री ने सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के सीनियर एडवाइजर ओसामु सुजुकी, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉरपोरेशन के बोर्ड डाइरेक्टर मासायोशी सॉन और यूनिक्लो के प्रेसिडेंट एवं सीईओ तादाशि यानाई से भी मुलाकात की ...
भारतीय संस्कृति के अनुसार पत्र-पत्रिका लेने में वामहस्त का निषेध क्यों?

भारतीय संस्कृति के अनुसार पत्र-पत्रिका लेने में वामहस्त का निषेध क्यों?

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भारतीय संस्कृति के अनुसार पत्र-पत्रिका लेने में वामहस्त का निषेध क्यों? श्रीराम-रावण युद्ध दो विपरीत संस्कृतियों का संग्राम है। श्रीराम देव संस्कृति के पोषक हैं, वहीं रावण की संस्कृति दानवी है। देव संस्कृति के श्रीराम क्षत्रिय होते हुए भी स्वभाव से विनम्र, निरभिमानी, विनयशील, गुरुजनों का सम्मान करने वाले तथा एक पत्नीव्रती हैं वहीं रावण जाति से ब्राह्मण होते हुए भी दम्भी, लोलुप, सत्ता का लालची और मायावी रूप धारण कर देव संस्कृति को धोखा देने वाला है। रावण पाँच भाई थे- अहिरावण, महिरावण, कुम्भकर्ण और विभीषण। रावण के शासनकाल में लंका अपने चरमोत्कर्ष पर थी। कई अवगुणों के होते हुए भी रावण परमवीर, शिवभक्त, प्रकाण्ड विद्वान, तन्त्र विद्या का ज्ञाता तथा प्रसिद्ध वीणा वादक था। रावण की वीणा का नाम रुद्र वीणा था। वह संस्कृत भाषा का परम विद्वान था। वह शिवजी का भक्त था। उसने शिव ताण्डव स्तोत्र की रचना ...
Not Clash of Civilisations … – World War@Ukraine

Not Clash of Civilisations … – World War@Ukraine

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Sometimes the phrase 'Clash of civilisations' comes to mind when describing the conflict in Ukraine, but in reality it is a clash of Globalism versus Nationalism. Globalism is a one size fits all, thinking, and action initiated by global elites that use the power of their nations and institutions with help of the media to dominate and control the world as much as they can for their personal benefit. Communities, societies, civilisations and nations are all being sought to be brought under the yoke of this totalitarian regime called 'Globalism'. The Globalists are the ones who have taken over most countries starting with Europe and America and now marching on to take control of the whole world. Ukraine is but a flash point in an ongoing world war, with the conquered, converted,...