Shadow

EXCLUSIVE NEWS

WHY RELIANCE INDUSTRIES SHIFTING FOCUS AWAY FROM INDIAN PETROCHEMICAL SECTOR ?

addtop, BREAKING NEWS, CURRENT ISSUE, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक
Reliance Industries Ltd. (R I L) , a large Indian company ,  has expanded  and grown in a spectacular manner   during the last few  decades, like of which no industrial group in India has performed  before. RIL is now involved in multi various activities relating to  petroleum refineries, petrochemicals, oil and gas exploration,  coal bed methane, life sciences,  retail business, communication network,  ( Jio platform)  media/entertainment  etc. While these activities may look unrelated for an observer,  Mukesh Ambani , the chief architect of RIL seems to  view them as related activities, as all of them have money making potentials. Recently, Mukesh Ambani has gone for diversification projects in consumer sector . RIL’s  performance in refinery, petrochemical and oil & gas explora...
Do not divide army in name of state or religion

Do not divide army in name of state or religion

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
  Defence commanded respect. It was like a holy cow. Nobody spoke ill of it. Defence personnel were kept in high esteem. In films, literature and other areas they were highly praised. Cut to Sonia and Rahul era. There is a new dawn. Not so beautiful. Questions are being asked about their bravery. Doubts are being expressed over their success. They are being dragged into controversies. It is alright when they attack the Prime Minister,his government,his policies and programmes.He is not from the same party and the aim could be to see his back in next election.But the armymen cannot be removed after five years.They are there defending the borders,keeping away our enemies and giving us peaceful nights.To attack those who defend us is the worst crime.Those doing it are the country's e...
MEDICAL TREATMENT IN INDIA AFFECTS EACH ONE OF US IN INDIA

MEDICAL TREATMENT IN INDIA AFFECTS EACH ONE OF US IN INDIA

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
MEDICAL TREATMENT IN INDIA *AFFECTS EACH ONE OF US IN INDIA* *WHAT UNETHICAL PRACTICES AND INVOLVEMENT OF THESE GREEDY HOSPITALS AND MEDICAL PRACTIONERS......SHAMEFUL OF TARNISHING THE IMAGE OF MODERN INDIA WHICH IS QUITE AHEAD IN MEDICAL SCIENCE AND TECHNOLOGY!!* *THIS REPORT AND OBSERVATION HAS BEEN WRITTEN BY AN AMERICAN DOCTOR.....MUST HAVE SEVERAL TRUTH IN THE SAID ARTICLE CIRCULATED WORLDWIDE!!!* *pass to your loved ones who come to India for **treatment* *This is a very important message and you need to share it with as many people as possible. Doctors, regarded as most noble, have all become businessmen and how, these details make clear, direct from the mouth of a highly qualified and respected medical professional himself! Do read............* *10 ways how doctors in...
परमाणु परीक्षण की जगह गूंजेगी कुम्हारों के चाक की ध्वनि

परमाणु परीक्षण की जगह गूंजेगी कुम्हारों के चाक की ध्वनि

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, सामाजिक
बदलते दौर में भारत के गांवों में चल रहे परंपरागत व्यवसायों को भी नया रूप देने की जरूरत है। गांवों के परंपरागत व्यवसाय के खत्म होने की बात करना सरासर गलत है। अभी भी हम ग्रामीण व्यवसाय को थोड़ी-सी तब्दीली कर जिंदा रख सकते हैं। ग्रामीण भारत अब नई तकनीक और नई सुविधाओं से लैस हो रहा हैं। भारत के गांव बदल रहे हैं, तो इनको अपने कारोबार में थोड़ा-सा बदलाव करने की जरूरत है। नई सोच और नए प्रयोग के जरिए ग्रामीण कारोबार को जिन्दा रखकर विशेष हासिल किया जा सकता है और उसे अपनी जीविका का साधन बनाया जा सकता है। इसी दिशा में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने पोखरण की एक समय सबसे प्रसिद्ध रही बर्तनों की कला की पुनःप्राप्ति तथा कुम्हारों को समाज की मुख्य धारा से फिर से जोड़ने के लिये प्रयास प्रारंभ किये हैं। कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने मिट्‌टी बर्तन बनाने वाले कारीगरों के सपनों को भी चकनाचूर कर दिया है। इन्होन...
राष्ट्रधर्म के जुझारु कर्मयोद्धा थे डॉ. मुखर्जी

राष्ट्रधर्म के जुझारु कर्मयोद्धा थे डॉ. मुखर्जी

addtop, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
  डॉश्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मंगलवार -23 जून, 2020 भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक, राष्ट्रीयता के समर्थक और सिद्धान्तवादी थे। जब कभी भारत की एकता, अखण्डता एवं राष्ट्रीयता की बात होगी तब-तब डॉ॰ मुखर्जी द्वारा राष्ट्रजीवन में किये गए योगदान की चर्चा अवश्य होगी। डॉ॰ मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहाँ का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आजम) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ॰ मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। ...
सुशान्त का जाना मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा है

सुशान्त का जाना मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा है

addtop, EXCLUSIVE NEWS, सामाजिक
कोरोना वायरस के कारण मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी तेजी से देश में उभरकर आया है. लॉकडाउन ने लोगों की आदतें तो जरूर बदल दी हैं लेकिन एक बड़ा तबका तनाव के बीच जिंदगी जी रहा है. यह तनाव बीमारी और भविष्य की चिंता को लेकर है.कोरोना से बचने के लिए लोग घरों में तो हैं लेकिन उन्हें कहीं ना कहीं इस बीमारी की चिंता लगी रहती है और वह दिमाग के किसी कोने में मौजूद रहती है, जिसकी वजह से इंसान की सोच पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैलॉकडाउन ही नहीं उसके बाद की भी चिंता से लोग ग्रसित हैं क्योंकि कई लोगों के सामने रोजगार, नौकरी और वित्तीय संकट पहले ही पैदा हो चुके हैं. सुशान्त का जाना ज्यादा सॉकिंग इसलिए भी लग रहा है क्योंकि वह हमारी ही उम्र के थे। लेकिन हमारी उम्र के होने के बावजूद कामयाबी के शीर्ष पर थे। जहाँ हमारे जीवन में कैरियर और जीवन का संघर्ष लगातार जारी है, उनके जीवन का संघर्ष अलग तरह का रहा होगा शा...
कौन फैला रहा है कोविड-19 का जहर

कौन फैला रहा है कोविड-19 का जहर

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
कभी-कभी मन खिन्न हो जाता हो जाता है कि सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ धूर्त किस्म के लोग कोविड-19 से बचाव के लिए सरकारी दिशा-निर्देर्शो की बेशर्मी से अवेहलना कर रहे हैं। ये लोग सुधरने का नाम ही नहीं लेते। ये समझ ही नहीं रहे हैं कि इनकी लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से वैश्विक महामारी कितना गंभीर रूप लेती जा रही है। जाहिर है, इनलोगों के कारण ही भारत की कोविड-19 को हराने की जंग कमजोर हुई है। ये सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना तो अपनी तौहीन समझते हैं। इन्हें मुंह पर मास्क पहनना भी अपनी शान के खिलाफ ही लगता है। बेशक, इसलिए ही केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे कोविड-19 के प्रसार पर रोकथाम के लिए घोषित किए गए सभी उपायों को सख्ती से लागू करें। अब जरा देखें कि दिल्ली की जामा मस्जिद में भी सरकारी दिशा-निर्देर्शो की अवहेलना करते हुये जुमा अलव...
अब आगे की सोचें

अब आगे की सोचें

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
  लॉकडाउन से सबने ये समझ लिया है कि कोरोना के साथ कैसे जीना है। धीरे धीरे कई राज्य लॉकडाउन में ढील देते जा रहे हैं। प्रवासी मजदूरों की घर लौटने की भीड़ देश के हर महानगर व अन्य नगरों में व शराब की दुकानों के बाहर लगी लम्बी लाइनें इस बात का प्रमाण है कि लोगों के धैर्य का बांध अब टूट चुका है। बहुत से लोग मानते हैं कि लॉकडाउन के चलते कोरोना से नहीं मरे तो भूख और बेरोजगारी से लाखों लोग अवश्य मर जाएँगे। इसलिए जो भी हो इस कैद से बाहर निकला जाए और चुनौती का सामना किया जाए। जिनके पास घर बैठे खाने की सुविधा है और जिनका लॉकडाउन से कोई आर्थिक नुकसान नहीं हो रहा उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लॉकडाउन कितने दिन अभी और चले। उधर देश भर से तमाम सूचनाएँ आ रही हैं कि जिस तरह का आतंक कोरोना को लेकर खड़ा हुआ या किया गया वैसी बात नहीं है। पारम्परिक पद्धतियों जैसे होमियोपैथी और आयुर्वेद ने बह...
कोरोना वैक्सीन और भारत के प्रयास

कोरोना वैक्सीन और भारत के प्रयास

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
पूरी दुनिया कोरोना वायरस संकट से इस वक्त जूझ रही और अब तक इसके वैक्सीन का पता नहीं चल पाया। कोविद-19 मामलों की पुष्टि के मामले लगातार दुनिया भर में बढ़ रहे हैं, वैज्ञानिक महामारी को धीमा करने और बीमारी के नुकसान को कम करने के लिए टीके और उपचार विकसित करने के प्रयासों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वायरस आसानी से फैलता है और दुनिया की अधिकांश आबादी अभी भी इसके प्रति संवेदनशील है। एक टीका, वायरस से लड़ने के लिए लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कुछ सुरक्षा प्रदान करेगा ताकि वे बीमार न हों। इससे लॉकडाउन को अधिक सुरक्षित रूप से उठाया जा सकता है। दुनिया एक अभूतपूर्व और अकल्पनीय गंभीर संकट से निपट रही है। इसलिए, टीका विकास की गति महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में वैज्ञानिकों द्वारा प्रदान किए गए नए कोरोनावायरस के जीनोम अनुक्रमण से पता चलता है कि यह एक ही आनुवंशिक सामग्री का 79 प्...