उत्तर प्रदेश से फैलती राजनीतिक हिन्दुत्व की बेल
देश को 80 लोकसभा सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश की राजनीति इतनी जटिल है कि बड़े से बड़े धुरंधर विश्लेषकों के पसीने छूट जाते हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पाठशाला के विद्यार्थी वर्तमान में पूरे देश में ध्वज वाहक बने हुये हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा का खेल बिगडऩे के बाद सपा-बसपा अब उत्तर प्रदेश में साथ आ गए हैं। कांग्रेस से दोनों दल परहेज दिखा रहे हैं। ऐसा इन्होंने इन तीन राज्यों में भी किया था किन्तु बाद में भाजपा को रोकने का बहाना बनाकर ये तीनों दल साथ आ गए। उत्तर प्रदेश में भी ये ऐसा ही करेंगे। कांग्रेस को अलग अलग दिखाने वाले इन दलों ने अमेठी और रायबरेली सीट से प्रत्याशी न उतारने की घोषणा भी कर दी है। भाजपा के विरोध और सत्ता प्राप्त करने के लिए बन रहा ये गठबंधन वैचारिक मोर्चे से काफी दूर होने के कारण बार बार बनता-बिखरता रहता है। इन सब राजनीतिक घटनाक्रमों के ब...