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भारत-इजराईल में घनिष्ठ होते संबंधों का निहितार्थ

भारत-इजराईल में घनिष्ठ होते संबंधों का निहितार्थ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी इजराईल यात्रा के कार्यक्रम का एलान नहीं हुआ है, पर उन्हें निकट भविष्य में इस एकमात्र यहूदी मुल्क जाना तय है। दरअसल दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की रजत जयंती मना रहे हैं। मोदी की आगामी इजराईल यात्रा निश्चित रूप से एक मील का पत्थर साबित होने जा रही है। वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जो इजराईल यात्रा पर जाएंगे। हालांकि वे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहले भी एकबार इजराईल का दौरा कर चुके हैं। भारत ने साल 1992 में इजराईल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थपित किए थे, मगर किसी भारतीय प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ने कभी वहां का दौरा नहीं किया। साल 2003 में तत्कालीन  इजराईली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन भारत की यात्रा पर आए थे। ऐसा करने वाले वह पहले इजराईली प्रधानमंत्री थे। भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को रक्षा और व्यापार सहयोग से लेकर रणनीतिक संबंधों तक विस्...
Only non-political persons should be appointed as governors: Even abolition of the post can be considered

Only non-political persons should be appointed as governors: Even abolition of the post can be considered

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It refers to discussion held on 09.04.2017 in the eleventh meeting on centre-state relationship where role of state-governors was discussed. It was rightly suggested in the meeting held after a long gap of twelve years that state-governors should be above party-politics. But previous experiences including the latest ones in Arunachal Pradesh and Uttarakhand reveal something different especially after the reports of respective state-governors subsequent to Supreme Court verdicts became a cause of big embarrassment for central government and even President of India. Situation was even worse in earlier regime where several state-governors openly misused Governor-Houses like party-headquarters through their politically biased decisions.   Demand of Bihar Chief Minister Nitish Kumar ...
FATWAS SHOULD BE MADE A CRIMINAL OFFENSE UNDER SECTION 506 IPC

FATWAS SHOULD BE MADE A CRIMINAL OFFENSE UNDER SECTION 506 IPC

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 STATE AND CENTRAL GOVERNMENTS SHOULD MADE FATWAS A CRIMINAL OFFENCE AND ARREST THE 46 MULLAHS AND MAULANAS AND ANY OTHER  SUCH DECLARATION BY MUSLIM CLERICS UNDER SECTION 506 IPC     IS THERE A FIFTH COLUMNISTS EXISTING PARALLEL TO THE INDIAN CONSTITUTION PREVENTING MUSLIM GIRLS FROM BEING INDIAN UNDER SECULAR FREEDOM?   Where is the ‘intolerance’ secular brigade ? Will people like Amir Khan, Shah Rukh Khan, NDTV , RAJDEEP, SHARIGA GHOSE  protest against such fatwas against Nahid Afrin THE LAW IS THERE AND SHOULD BE ENFORCED TIME FOR HINDUS TO SHOW GUTS AND FILE FIR AGAINST MULLAHS RATHER THAN PONTIFICATE ON NET Nahid Afrin not afraid of ‘fatwa’; will sing till last breath, says 16-year-old Young singer Nahid Afrin, against whom some I...
Rupees two-crores per annum salary less for cricketers

Rupees two-crores per annum salary less for cricketers

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It refers to reported demand raised by our ultra-rich cricketers minting money by every means including match-fees, commercial-advertisements and other sources, for a further hike in their hefty annual salary-package, which is presently rupees two crores for seven players in A-category, rupees one crore for nine players in B-category and rupees 50 lakhs for fourteen players in C-category apart from match-fees of rupees fifteen lakhs, six lakhs and three lakhs for test-matches, one-day-international and T-20 matches respectively. Reports indicate those raising demand for salary-hike also include players listed in A-category with rupees two-crore annual salary. It is also noteworthy that cricketers in different categories also get life-time pensions after their retirement from the game. S...
The Dalai Lama is the darling of India – Let it be told to China

The Dalai Lama is the darling of India – Let it be told to China

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With characteristic arrogance, China has warned India that it should not permit the Dalai Lama to undertake an eight day teaching trip to Arunachal Pradesh , beginning  4th April, 2017. A five day festival  is being organized by India in Arunachal Pradesh on 31st March, which will be inaugurated by President of India. The festival would take place on the banks of river Brahmaputra. The Dalai Lama would participate in the festival during his visit to  Arunachal Pradesh. When the news was flashed that China objected to the visit of the Dalai Lama to Arunachal Pradesh , the cross section of Indians immediately asked  as to what right China has to make this unjustified demand . China, which already occupies large area of Indian territory which was forcefully annexed after the India Pa...
योगी बदलेंगे यूपी का चेहरा

योगी बदलेंगे यूपी का चेहरा

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जैसे ही योगी आदित्यनाथ जी के नाम की घोषणा हुई, टीवी चैनलों पर बैठे कुछ टिप्प्णीकारों ने इस समाचार पर असंतोष जताया। उनका कहना था कि योगी समाज में विघटन की राजनीति करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के विकास के एजेंडे को दरकिनार कर देंगे। यह सोच सरासर गलत है। विकास का एजेंडा हो या कुशल प्रशासन, उसकी पहली शर्त है कि राजनेता चरित्रवान होना चाहिए। आजकल राजनीति में सबसे बड़ा संकट चरित्र का हो गया है। चरित्रवान राजनेता ढूंढे से नहीं मिलते। 21 वर्ष की अल्पायु में समाज और धर्म के लिए घर त्यागने वाला कोई युवा कुछ मजबूत इरादे लेकर ही निकलता है। योगी आदित्यनाथ ने अपने शुद्ध सात्विक आचरण और नैष्टिक ब्रह्मचर्य से अपने चरित्रवान होने का समुचित प्रमाण दे दिया है। पांच बार लोकसभा जीतकर उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता को भी स्थापित कर दिया है। गोरखनाथ पंथ की इस गद्दी का इतिहास रहा है कि इस पर बैठने वाले संत चरित्रवान...
राहुल गांधी होने का सौभाग्य!

राहुल गांधी होने का सौभाग्य!

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कभी-कभी मुझे लगता है कि टाटा नैनो के लिए जो प्यार रतन टाटा का है वही प्यार राहुल गांधी के लिए कांग्रेस का है। टाटा नैनो चलती नहीं, फिर भी रतन टाटा उसे बार-बार रीलांच करते रहते हैं उसी तरह कांग्रेस पार्टी भी राहुल गांधी को लेकर हिम्मत नहीं हार रही। उलटे हर हार के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस में प्रमोशन मिल जाता है। इस बार भी जिस तरह कांग्रेस हारी है उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी को जल्द ही उपाध्यक्ष से कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिए जाएगा। और उन्होंने अगर एक-आधा चुनाव और हरवा दिया तो पार्टी उन्हें संयुक्त राष्ट्र का महासचिव भी बनवा सकती है! कांग्रेस पार्टी का राहुल गांधी से जो रिश्ता है वो शादी में पति को दिलाई जाने वाली कसमों की याद दिलाता है। जिसमें पंडित जी पति से कहते हैं कि तुम जो-जो पुण्य करोगे उसमें आधा हिस्सा तुम्हारी बीवी के खाते में जाएगा और वो जो-जो पाप करेगी उसका आधा तुम्हारे...
कृष्ण होने के मायने

कृष्ण होने के मायने

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श्रीकृष्ण को समझने की बुद्धि प्रशांत भूषण में नही हो सकती क्योंकि उसको क्या पता  कि क्यों कोर्ट में अदालत में शपथ लेते वक्त गीता पर हाथ रखवाते हैं? रामायण पर क्यों नहीं रखवा लेते? उपनिषद पर क्यों नहीं रखवा लेते? बड़ा कारण है। पता नहीं अदालत को पता है या नहीं, लेकिन कारण है; कारण बड़ा है। राम, कितने ही बड़े हों, लेकिन इस मुल्क के चित्त में वे पूर्ण अवतार की तरह नहीं हैं; अंश है उनका अवतार। उपनिषद के ऋषि कितने ही बड़े ज्ञानी हों, लेकिन अवतार नहीं हैं। कृष्ण पूर्ण अवतार हैं। परमात्मा अगर पूरा पृथ्वी पर उतरे, तो करीब-करीब कृष्ण जैसा होगा। इसलिए कृष्ण इस मुल्क के अधिकतम मन को छू पाए हैं; बहुत कारणों से। एक तो पूर्ण अवतार का अर्थ होता है, मल्टी डायमेंशनल, बहुआयामी; जो मनुष्य के समस्त व्यक्तित्व को स्पर्श करता हो। राम वन डायमेंशनल हैं। हर्बर्ट मारक्यूस ने एक किताब लिखी है, वन डायमेंशनल मैन, एक...
नये नये रंग बदलता उत्तर प्रदेश

नये नये रंग बदलता उत्तर प्रदेश

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पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के परिणामों से देश की राजनीति में कुछ हलचल जरूर मची किंतु तूफ़ान तो यूपी के परिणामों से ही आया। सेकुलर खेमा जो माया और अखिलेश में बंट गया विचित्र स्थिति में है। सच कहें तो सन् 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए उसका अस्तित्व ही दांव पर है। बिहार के आमने सामने के मुकाबले के विपरीत त्रिकोणीय मुकाबले से दो चार यह प्रदेश पूरे उत्तर प्रदेश में बह रही आंधी के बीच भाजपा की शानदार जीत बढ़त की कहानी कह रहा है। यानि नीले और हरे के बाद अब भगवा युग की तूफानी वापसी। अब नितीश भी बिहार में लालू को लात मार भाजपा का हाथ कभी भी थाम सकते हैं। कांग्रेस पाताल में चली गयी है और मोदी अजेय हो गये हैं। अगड़े, गैर यादव पिछड़े और गैर जाटव दलित का एक धड़ा यानि 50 प्रतिशत से भी अधिक वोट बैंक को कब्जे में करने की मोदी और शाह की कोशिशें जाटों और वैश्यों के आरंभिक विरोध के बाबजूद परवान चढ़ ...
फिर यह दृष्टिभ्रम क्यों मोदी जी?

फिर यह दृष्टिभ्रम क्यों मोदी जी?

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की सुनामी के बाद भाजपा और मोदी जी की बांछे खिल गयी हैं। मोदी जी के समर्थक इसे सरकार के विमुद्रिकरण (विरोधियों द्वारा नसबंदी की तर्ज पर इसे नोटबंदी कहा गया) के कदम पर जनता की मुहर बता रहे हैं। मगर सच्चाई यही है कि इन दोनों प्रदेशों में हिंदुओं की उपेक्षा, उनसे भेदभाव और कट्टर इस्लाम को बढ़ावा देने की कांग्रेस, बसपा और सपा सरकारों की बदनीयती एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ हिंदुओं का एकजुट विरोध और प्रतिक्रिया है। नतीजों के बाद हिन्दुओं द्वारा जिस विनम्रता और शांति का परिचय दिया गया यह मुसलमानों को दिया गया स्पष्ट सन्देश है कि हम शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में विश्वास रखने वाले लोग हैं और आप लोग भी अपने संप्रदाय से कट्टरपंथी और अराजक तत्वों को छांट कर अलग कर दो। हठयोगी के खिलाफ ठगयोगियों के महागठबंधन की तैयारी सुना है कि उत्तर प्रदेश में चेन स्...