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सोलह हजार क्षत्राणियों और बच्चों के साथ चित्तौड़ में रानी पद्मावती का जौहर

सोलह हजार क्षत्राणियों और बच्चों के साथ चित्तौड़ में रानी पद्मावती का जौहर

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26 अगस्त 1303 : सोलह हजार क्षत्राणियों और बच्चों के साथ चित्तौड़ में रानी पद्मावती का जौहर अलाउद्दीन खिलजी की कुटिलता और गोरा बादल के अद्भुत शौर्य की गाथा -- रमेश शर्मा अपने स्वत्व और स्वाभिमान रक्षा के लिये क्षत्राणियों की अगुवाई में स्त्री बच्चों द्वारा स्वयं को अग्नि में समर्पित कर देने का इतिहास केवल भारत में मिलता है । इनमें सबसे अधिक शौर्य और मार्मिक प्रसंग है चित्तौड़ की रानी पद्मावती के जौहर का । जिसका उल्लेख प्रत्येक इतिहासकार ने किया है । इस इतिहास प्रसिद्ध जौहर पर सीरियल भी बने और फिल्में भी बनीं। राजस्थान की लोक गाथाओं में सर्वाधिक उल्लेख इसी जौहर का है ।जौहर के विवरण भारत की अधिकांश रियासतों के इतिहास में मिलता है । जौहर की स्थिति तब बनती थी जब पराजय और समर्पण के अतिरिक्त सारे मार्ग बंद हो जाते थे । जौहर के सर्वाधिक प्रसंग राजस्थान के हैं । वहाँ कोई भी ऐसी रियासत नही...
इसरो के प्रमुख का कहना है कि आधुनिक विज्ञान की उत्पत्ति वेदों में हुई, लेकिन पश्चिम ने इसे अपने आविष्कार के रूप में प्रस्तुत किया।

इसरो के प्रमुख का कहना है कि आधुनिक विज्ञान की उत्पत्ति वेदों में हुई, लेकिन पश्चिम ने इसे अपने आविष्कार के रूप में प्रस्तुत किया।

EXCLUSIVE NEWS
Solution to the traffic पहले-पहल तो मुझे लगा ये वॉट्सएप्प पर चलाया गया सुपरिचित भारतीय फ़र्ज़ीवाड़ा होगा। पर बाद में खोज करने पर मालूम हुआ कि इस व्यक्ति ने सच में ही यह बात उज्जैन में कही थी। स्थान था, संस्कृत और वैदिक विश्विविद्यालय। ज़ाहिर है ऐसी जगहों पर तो यही सब बातें बोली जाएंगी। पर चिंता की बात है कि इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठा व्यक्ति यह मूढ़तापूर्ण बात बोल रहा है, तो आप सोचें कि भारतीय भाँग किस सीमा तक कुएं में घुली हुई है। मेरी जिज्ञासा है कि चन्द्रयान की लैंडिंग के लिए किस वैदिक सिद्धांत का उपयोग किया गया था? मोशन और ग्रैविटेशन के कौन-से लॉ वेद में हैं? रॉकेट-साइंस की कौन-सी थ्योरी वेद में है? थ्रस्ट और प्रोपल्शन का कौन-सा सिद्धांत वेद-वर्णित है? एक रॉकेट जिस तरह से एस्केप वेलोसिटी हासिल करके अंतरिक्ष में जाता है, फिर खुद को विभिन्न हिस्सों में विभक्त करता है, ओर्बिटर ...
THESE CRAZY INDIAN SCIENTISTS : THEY MADE THE MOON COME HOME

THESE CRAZY INDIAN SCIENTISTS : THEY MADE THE MOON COME HOME

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
-Neil John- Theses scientists when you look at them and their persona,You say to yourself will this simpleton be able to deliver what the world fails at, Spectacle wearing, with his shirt worn outside his trousers, cheques being his favourite design pattern,He still chooses to eat his meals with his hands in a steel plate or a banana leaf, Not stereotyping all of them, but most of them live within the portals of their research,Taking pride in little innovations that mark their ways to larger success, Languages they chose to converse in is what suits their working environment,English is essential cause they also need to understand what the environment already has delivered, Sapatiya … is one of the most common words I have heard them conversing on,I guess it means to ask whe...
मून मिशन

मून मिशन

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
चंद्रयान 3 बस कुछ ही घंटो में चाँद पर land करने वाला है. अगर ऐसा होता है, तो भारत दुनिया का पहला देश होगा, जो चाँद के South Pole पर Soft Landing करेगा. भारत 2 बार पहले ही चाँद के south pole पर Crash Landing कर चुका है… चंद्रयान-1 और 2, दोनों ही चाँद के south pole के इलाके में ही crash land हुए थे… कल ही रूस का Luna -25 भी चाँद के South Pole पर ही crash land हुआ है. यहाँ कुछ सवाल हैं लोगों के मन में… उन्हें सुलझाने का प्रयास करते हैं. 1. ये Moon Mission कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर - Moon Mission कई तरह के होते हैं. i) Orbitor - इसमें Probe या satellite चाँद के चारों ओर चक्कर लगाता है ii) Impacter - यह चाँद की सतह पर जा कर टकराता है iii) Flyby - यहाँ चाँद के आस पास से हो कर गुजरना होता है, और space में आगे जाने के लिए चाँद के पास से जाना होता है. iv) Lander - इसमें चाँद की सतह पर उतरना ...
कांग्रेस का सौफ्ट हिंदुत्व

कांग्रेस का सौफ्ट हिंदुत्व

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अवधेश कुमारमध्यप्रदेश कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के हिंदुत्व से संबंधित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हैं। दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश चुनाव की कमान मुख्यतः इन्हीं दोनों के हाथों है। इसलिए उनके बयानों और गतिविधियों को कांग्रेस की चुनावी रणनीति का अंग स्वाभाविक ही माना जाएगा। कमलनाथ से एक पत्रकार हिंदू राष्ट्र के बारे में प्रश्न पूछता है। कमलनाथ कह रहे हैं कि है तो उसे कहने की क्या जरूरत है। इसका समान्य अर्थ यही लगाया गया है कि वे मान रहे हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र है लेकिन उसे बोलने की आवश्यकता नहीं है। इसी तरह दिग्विजय सिंह हिंदुत्व से संबंधित बयान में संघ और भाजपा का विरोध कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बजरंग दल पर बैन लगाएंगे? वह कह रहे हैं कि नहीं बैन नहीं लगाएंगे, बजरंग दल में भी अच्छे लोग होंगे। एक तरफ देश में आक्रामक या उग्र हि...
<strong>राजस्थान में जिताऊ प्रत्याशियों पर दांव लगायेगी कांग्रेस</strong>

राजस्थान में जिताऊ प्रत्याशियों पर दांव लगायेगी कांग्रेस

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रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में जिताऊ प्रत्याशियों पर ही दांव लगाएगी। पार्टी को जो प्रत्याशी जीतने वाला लगेगा चाहे वह कितनी भी अधिक उम्र का क्यों ना हो उसे मैदान में उतारा जाएगा। कांग्रेस का प्रयास है कि राजस्थान में लगातार दूसरी बार सरकार बना कर हर बार सरकार बदलने के मिथक को तोड़ा जाए। इसीलिए पार्टी के बड़े नेता अलग-अलग एंगल से सभी 200 विधानसभा क्षेत्र में जीतने वाले प्रत्याशियों के लिए सर्वे करवा रहे हैं। जिस व्यक्ति का नाम भी सर्वे में उभर कर आएगा उसको ही इस बार कांग्रेस पार्टी टिकट देकर चुनावी मैदान में उतरेगी। कांग्रेस के बड़े नेताओं का मानना है कि आम कार्यकर्ता से लेकर निर्वाचित जनप्रतिनिधि तक कोई भी टिकट के लिए आवेदन कर सकता है। वरिष्ठ नेता पूरी तरह से छानबीन कर अंतिम सूची में जीतने वाले नाम पर ही मोहर लगाएंगे। जयपुर में संपन्न हुई न...
कब तक ‘रैगिंग की आंधी’ में बुझेंगे सपनों के दीप?

कब तक ‘रैगिंग की आंधी’ में बुझेंगे सपनों के दीप?

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कब तक 'रैगिंग की आंधी' में बुझेंगे सपनों के दीप? रैगिंग के नाम पर मैत्रीपूर्ण परिचय से जो शुरू होता है उसे घृणित और विकृत रूप धारण करने में देर नहीं लगती।  रैगिंग की एक अप्रिय घटना पीड़ित के मन में एक स्थायी निशान छोड़ सकती है जो आने वाले वर्षों तक उसे परेशान कर सकती है। पीड़ित खुद को शेष दुनिया से बदनामी और अलगाव के लिए मजबूर करते हुए एक खोल में सिमट जाता है। यह उस पीड़ित को हतोत्साहित करता है जो कई आशाओं और अपेक्षाओं के साथ कॉलेज जीवन में शामिल होता है। हालाँकि शारीरिक हमले और गंभीर चोटों की घटनाएँ नई नहीं हैं, लेकिन रैगिंग इसके साथ-साथ पीड़ित को गंभीर मनोवैज्ञानिक तनाव और आघात का कारण भी बनती है। जो छात्र रैगिंग का विरोध करना चुनते हैं, उन्हें भविष्य में अपने वरिष्ठों से बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता है। जो लोग रैगिंग के शिकार होते हैं वे पढ़ाई छोड़ सकते ह...
पहाड़े याद करके क्या करोगे

पहाड़े याद करके क्या करोगे

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
------------------------------------ एक आदरणीय मित्र ने अपने एक आलेख में एक अमेरिकी मित्र के साथ अपने विमर्श को साझा किया है कि आखिर पहाड़े की जरूरत क्यों है जब आपके पास कैलकुलेटर मोबाइल फोन और कंप्यूटर आदि कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज हैं जो आपसे ज्यादा शीघ्रता से सारी गणनाएं कर देते हैं . हमारे भारतीय मित्र ने अपने अमेरिकी मित्र से कहा कि अगर जंगल में आपके पास जब कुछ भी ना हो तब क्या करेंगे तो अमेरिकी मित्र ने कहा कि फिर पहाड़े सुनाने किसको हैं जंगल में शेर को तो पहाड़े सुनने से रहा. खैर मेरे मित्र अपने अमेरिकी मित्र के हास्य बोध और तर्कों के कायल हुए और यह उनका निजी अधिकार है .परंतु क्या आपको पता है कि अंकों की गणना हमारे मस्तिष्क को और अधिक धारदार बनती हैं शायद इसीलिए सवैया , पौना , ड्यौढ़ा भी बच्चों को रटवाया जाता था दो एकम दो ,दो दुनी चार ... के साथ साथ. मिथिला की प्राचीन परम्परागत श...
विभाजन विभीषिका : षड्यंत्र और संदिग्ध भूमिकाएं

विभाजन विभीषिका : षड्यंत्र और संदिग्ध भूमिकाएं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, घोटाला
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलद्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए भारत की जनता आर- पार की लड़ाई में आ चुकी थी। राष्ट्रीयता के मन्त्र से दीक्षित स्वातन्त्र्य वीर-वीराङ्गनाएँ राष्ट्र की स्वतन्त्रता प्राप्त कर लेने के लिए उद्यत हो चुके थे। स्वातन्त्र्य वीर सावरकर - नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आदि की विचार भूमि पर आधारित सशस्त्र क्रान्ति के आन्दोलन से अंग्रेज भयभीत हो चुके थे। इसी बीच जब अंग्रेजों को यह स्पष्टता हो गई कि वे अधिक दिन भारत में शासन नहीं कर सकते हैं। तो वे ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के रूप में भारत में हिन्दुस्तानी सरकार की घोषणा के लिए अंग्रेज बाध्य हो गए। इस सम्बन्ध में ध्यातव्य है कि “द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटेन की कमजोर स्थिति ने भारत में स्वतंत्रता की राह सरल कर दी थी। जल्दी ही भारत के स्टेट सेक्रेटरी, पैथिक लारेंस ने 19 फरवरी 1946 को स्वशासन की ...
ऐसा क्या है डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन क़ानून में?

ऐसा क्या है डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन क़ानून में?

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
*रजनीश कपूरआए दिन हमें डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों के बारे में पता चलता है। कैसे कुछ शातिर लोगों का गैंग एकयोजनाबद्ध तरीक़े से भोले-भले लोगों को ठगने की मंशा से उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। उनकी मेहनत की कमाईको कुछ ही पल में फुर्र कर देते हैं। उसके बाद ऐसे फ्रॉड का शिकार व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर दर-दर की ठोकरेंखाने को मजबूर हो जाता है। परंतु सरकार ने इस फ्रॉड को रोकने और ज़रूरी निजी जानकारी की सुरक्षा की दृष्टिसे ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल’ को संसद में पेश किया है जो अब क़ानून बन गया है।हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में डिजिटल पर्सनल डाटाप्रोटेक्शन बिल, 2023 पेश किया। इस विधेयक के तहत नागरिकों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा के अधिकारव्यवस्था करता है। यहाँ सवाल उठता है कि यदि यह बिल नागरिकों की निजी जानकारी सुरक्षा कि दृष्टि से ल...