सौर व पवन ऊर्जा में भारत के कदम बेहतरी की ओर।
आज भारत समेत संपूर्ण विश्व की जनसंख्या लगातार बढ़ती चली जा रही है और बढ़ती हुई जनसंख्या के बीच आज के इस आधुनिक समाज की अधिकांश गतिविधियों के लिये ऊर्जा अत्यंत आवश्यक है। इसके पीछे कारण यह है कि ऊर्जा के उपयोग या उपभोग को सामान्यतः जीवन स्तर के सूचकांक के रूप में लिया जाता है। हम ऊर्जा को जलावन की लकड़ी, जीवाश्म ईंधन, एवं विद्युत के रूप में उपयोग करते हैं जिससे हमारा जीवन आरामदायक और सुविधाजनक व सरल बनता है। ऊर्जा के दो प्रकार के स्रोत हैं जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा और अनवीकरणीय ऊर्जा प्रमुख है। नवीकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत क्रमशः सौर ऊर्जा, बायोमास, बायोडीजल, जलशक्ति (हाइड्रोपावर), पवन ऊर्जा, तरंग ऊर्जा (वेव एनर्जी), महासागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण, भूतापीय ऊर्जा तथा ईंधन कोष्ठिका तकनीक(फ्यूल सैल टेक्नोलॉजी जो हाइड्रोजन को विद्युत में बदलती है) तथा अनवीकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत क्रमशः तेल(पेट्रोलियम)...