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साइबर धोखाधड़ी – कुछ ऐसे मुक़ाबला करें

साइबर धोखाधड़ी – कुछ ऐसे मुक़ाबला करें

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
हमारा देश भारत भी ऑनलाइन बैंकिंग प्रणाली व ई-कॉमर्स की ओर बढ़ रहा है, इसके साथ साइबर हमले भी बढ़ रहे हैं। अध्ययन तथा सर्वेक्षण बताते हैं कि भारत में 2022 की पहली छमाही में फिरौती व ठगी की घटनाओं और हमलों में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एम्स, नई दिल्ली ने पाया कि उसकी इन्टरनेट में सेंध लगा कर सेवाओं से समझौता किया गया और अनुचित नेटवर्क विभाजन के कारण एम्स के पांच सर्वर प्रभावित हुए। 2023 में प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड की महत्वपूर्ण रिपोर्ट में यह पाया गया कि भारत में आधे से अधिक धोखाधड़ी की घटनाएं ‘प्लेटफॉर्म’ धोखाधड़ी थीं, जो आर्थिक अपराध का एक नया रूप है, जिसमें सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, उद्यम और फिनटेक प्लेटफॉर्म से जुड़ी धोखाधड़ी गतिविधियां शामिल हैं। बीती 11 मई को जारी रिपोर्ट ‘इंडिया डिजिटल वेलनेस रिपोर्ट’ के अनुसार ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन करने वाले उपभोक्ताओं में से...
हिरोशिमा में मोदी ने सुझाया अमन का रास्ता

हिरोशिमा में मोदी ने सुझाया अमन का रास्ता

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
-ललित गर्ग - भारत समूची दुनिया में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा हैं, महाशक्तिशाली राष्ट्र भी भारत की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहे हैं। हिरोशिमा में जी-7 सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मानवतावादी सोच एवं युद्ध-हिंसामुक्त नयी दुनिया को निर्मित करने के संकल्प के लिये सबकी आंखों के तारे बने हैं, जापान के समाचार-पत्रों में उन्होंने सुर्खियां बटोरी हैं, यह भारत के लिये गर्व एवं गौरव का विषय है। मोदी ने अपने वक्तव्य में यूक्रेन में युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता है कहकर न केवल पूरे विश्व को प्रभावित किया है, बल्कि सभी का ध्यान अपनी ओर खिंचा। हिरोशिमा में युद्ध, हिंसा, आतंकवाद, पर्यावरण, बढ़ती जनसंख्या, आपसी सहयोग जैसे विषयों पर साफ-साफ चर्चा करते हुए मोदी ने भारत की धरती से घोषित हुए ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ मंत्रों को दुनिया के लिये उपयोगी सा...
चीन, भारत का सिरदर्द

चीन, भारत का सिरदर्द

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
हमारे बुजुर्गो द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर कहीं बातों ने कहावतों का रूप ले लिया, जो आज भी प्रासांगिक है, यथा - हाथी के दाँत खाने के और, दिखाने के और, मुँह में राम, बगल में छुरी आदि। इसी प्रकार वर्ष 1962 में भारत-चीनी, भाई-भाई का नारा लगाते-लगाते चीन ने हमारी जमीन पर शक्ति के बल पर कब्जा कर लिया। चीन के द्वारा तिब्बत पर बलपूर्वक अधिकार कर लिया गया, परन्तु यह तो उसकी महत्वाकांक्षा का एक छोटा सा ही उदाहरण था। अब उसका लक्ष्य हमारा अरुणाचंल प्रदेश एवं अन्य स्थानों को कब्जाने का प्रयास निरन्तर चल रहा है। चीन के साथ गलवान घाटी में हुए युद्ध की घटना, जिसमें हमारे अनेकों जवानों को बलिदान देना पड़ा था, हमारी स्मृति से अभी विस्मृत भी नहीं हो पायी थी कि चीन के द्वारा अनेको छोटी-छोटी झड़पे अन्य स्थानों पर होनी प्रारम्भ हो गईं। गलवान में टकराव के पश्चात 18 बार चीन व भारत के मध्य कमाण्डर स्तर की ...
आतंकवाद के अंधेरे को मिटाना होगा ! (21 मई एंटी टेरेरिज्म-डे विशेष)

आतंकवाद के अंधेरे को मिटाना होगा ! (21 मई एंटी टेरेरिज्म-डे विशेष)

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
किसी ने क्या खूब लिखा है- 'आतंकवाद से धरा दूषित हैं, इसे शुद्ध हो जाने दो। हाथ खोल दो वीरो के अब महायुद्ध हो जाने दो।' आतंकवाद नासूर है, यह एक दंश है, जिसमें जहर ही जहर भरा है, इसे आज समूल नाश करने की आवश्यकता है, क्यों कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।आज के समय में आतंकवाद का खतरा गंभीर और वास्तविक है और आज के समय में भारत ढ़ेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा है जैसे गरीबी, जनसंख्या वृद्धि, निरक्षरता, असमानता आदि लेकिन आतंकवाद इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है जो आज पूरी मानव जाति को प्रभावित कर रहा है। वास्तव में, अपने कुछ राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये आतंकवाद द्वारा हिंसात्मक तरीकों का प्रयोग ही आतंकवाद है। आतंकवाद के बारे में भयानक बात ये है कि अंततः ये उन्हें नष्ट कर देता है जो इसका अभ्यास करते हैं। आतंकवाद किसी भी देश के राष्ट्रीय सद्भाव...
अब चुनाव तो बस, आर्थिक सरोकार का लेन-देन है

अब चुनाव तो बस, आर्थिक सरोकार का लेन-देन है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
आगामी विधानसभाओँ और लोकसभा चुनाव के पहले ही यह प्रश्न उपस्थित हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ‘अजेय’ हैं? भाजपा जिस मोदी नाम केवलम के सहारे चुनावी वैतरणी पार कर दिल्ली के सिंहासन पर निष्कंटक राज्य का दिवास्वप्न देख रही थी उसे यह समझ आ जाना चाहिए कि उसके नेतृत्व के धुआंधार प्रचार के बावजूद भाजपा को चुनावी पराजय दी जा सकती है। जो कर्नाटक के जनादेश से साबित हो गया है। यह तर्क ऐसा भी नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के नौ साल के अनवरत कार्यकाल के कारण उनकी छवि में ठहराव आया है अथवा उनके प्रति मोहभंग होने लगा है। कर्नाटक में भाजपा के पक्ष में 36 प्रतिशत से अधिक वोट आए हैं। उसका साफ अर्थ है कि न तो भाजपा के खिलाफ प्रचंड सत्ता-विरोधी लहर थी और न ही मतदाता उसके प्रति उदासीन हुआ है। बीते चुनाव 2018 में वोट प्रतिशत इससे कम ही था और कांग्रेस को 38.4 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन सीटों के मामले मे...
ये क्या कर रहे हैं, हम बच्चों के साथ ?

ये क्या कर रहे हैं, हम बच्चों के साथ ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES
दुनिया में चोटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि छोटी उम्र में बच्चों को मोबाइल फोन दिये जाने से उनके वयस्क होने पर मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर ज्यादा बढ़ने की आशंकासे इनकार नहीं किया जा सकता । पालकों को अब सजग हो जाना चाहिए कि बच्चों का मन बहलाने के लिये झुनझुने की तरह मोबाइल थमाने का जो फैशन शुरू हुआ है वो हैं। एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में इन आशंकाओं की पुष्टि ही हुई है। ताज़ा आई रिपोर्ट में कहा गया है कि कम उम्र के बच्चों को स्मार्टफोन दिये जाने से उनके युवा अवस्था में पहुंचने पर कई तरह के मानसिक विकार उभर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर हुए इस सर्वेक्षण के निष्कर्ष गत सोमवार को सार्वजनिक हुए हैं। सर्वेक्षण के निष्कर्षों में मोबाइल फोन तथा टैब के उपयोग के दुष्प्रभावों का जिक्र किया गया है। दुखद बात यह भी है कि छोटी उम्र में मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से ऐसे बच्चों में वयस्क होने पर आत्महत्...
उत्तर प्रदेश में नाकाम हुई मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति

उत्तर प्रदेश में नाकाम हुई मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, सामाजिक
मृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव- 2023 मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले सभी छद्म धर्मनिरपेक्ष दलों की राजनीति के लिए बड़ा झटका हैं। इन चुनावों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी सहित लगभग सभी दलों ने दलित और मुस्लिम समाज के मतों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पूरी ताकत व संसाधन झोंक दिये थे और समीकरण भी बिठाने के प्रयास किये थे लेकिन परिणाम दिखाते हैं कि उनकी ये रणनीति बेबस रही ।उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में समाजवादी पार्टी के बहुत सारे कद्दावर नेता, उनके परिवार के सदस्य व समर्थकों ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा का दामन थाम लिया था जिसका असर चुनाव परिणामों में दिखाई पड़ा है।समाजवादी पार्टी के लिए सबसे बड़ी हार चाचा शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव के गढ़ में तो हुई ही है साथ ही रामपुर की स्वार विधानसभा उपचुनाव सीट पर सपा नेता आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला आजम का किला भी न...
ज्ञानवापी मामले का गांधीवादी समाधान

ज्ञानवापी मामले का गांधीवादी समाधान

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म
-बलबीर पुंज काशी स्थित ज्ञानवापी मामले ने महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया है। तीन हिंदू पक्षों ने वाराणसी स्थित जिला अदालत में विवादित परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने हेतु याचिका दी है, जिसे स्वीकार कर लिया गया और 22 मई को इसपर सुनवाई होगी। हिंदू पक्षाकारों की मांग है कि खसरा संख्या 9130 (ज्ञानवापी परिसर) के जीपीआर सर्वे के साथ कलाकृतियों-खंबों की आयु निर्धारण आदि की वैज्ञानिक तकनीक से विस्तृत जांच की जाए। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मई को एएसआई को परिसर में मिले शिवलिंग की 'कार्बन डेटिंग' अर्थात्— वैज्ञानिक जांच का निर्देश दिया था। गत वर्ष 16 मई को ज्ञानवापी परिसर के अदालत निर्देशित सर्वे में हिंदू पक्ष की ओर से वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। यह विडंबना है कि जहां 1919-47 के बीच तत्कालीन भारतीय मुस्लिमों के एक बड़े हिस्से को हिंसक मजहबी ...
भारत में डिजिटल क्रांति अन्य देशों के लिए बन रही है उदाहरण

भारत में डिजिटल क्रांति अन्य देशों के लिए बन रही है उदाहरण

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भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता मिलना एक वरदान की तरह साबित होता दिखाई दे रहा है। भारत ने हाल ही के वर्षों में कई क्षेत्रों में जो अतुलनीय प्रगति की है, इसे देखकर जी-20 समूह के सदस्य देश आश्चर्यचकित हो रहे हैं। भारत चूंकि जी-20 समूह के सदस्य देशों की विभिन्न बैठकें देश के लगभग समस्त राज्यों के अलग अलग नगरों में आयोजित कर रहा है, इससे देश के समस्त राज्य न केवल इन बैठकों के लिए विशेष तैयारियां कर रहे हैं बल्कि विभिन्न देशों से आने वाले प्रतिनिधि भी इन शहरों में भारत की आर्थिक प्रगति की झलक देख पा रहे हैं। जी-20 समूह का महत्व इस जानकारी से बहुत स्पष्ट तौर पर झलकता है कि पूरे विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में जी-20 समूह के सदस्य देशों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत की है। विश्व के 193 देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद 95 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इसमें, जी-20 समूह के सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था...
समुद्र में पकड़ी गई ड्रग्स की कीमत 25 हजार करोड़

समुद्र में पकड़ी गई ड्रग्स की कीमत 25 हजार करोड़

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समुद्र के रास्ते नशीले पदार्थों के भारत आने का सिलसिला जारी है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एनसीबी और भारतीय नौसेना ने शनिवार को समुद्र में एक विशेष अभियान के तहत भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त की। इसकी कीमत 25 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। एनसीबी के अधिकारियों के मुताबिक, एनसीबी और भारतीय नौसेना द्वारा जब्त की गई हाई क्वालिटी वाली मेथामफेटामाइन के वजन और कीमत की गणना की गई है। एनसीबी से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, कुल जब्ती 2,525 किलो होने की है और इसकी कीमत 25 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। एक बार ढाई टन से ज्यादा नशीले पदार्थ का पकड़ा जाना बड़ी बात है। पिछले कुछ समय से अरब सागर से लेकर हिंद महासागर तक में इस तरह की कई खेप पकड़ी गई है। अधिकारियों ने बताया है कि इसके आकलन में 23 घंटे से ज्यादा समय लगा। इसकी कीमत इसलिए अधिक आंकी गई है क्योंकि यह उच्च ग्रेड मेथामफेटामाइन है। अधिकारियों...