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चीन से आगे होंगे तो आगे सोचना भी होगा।

चीन से आगे होंगे तो आगे सोचना भी होगा।

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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 19 अप्रैल को 142.86 करोड़ की आबादी के साथ भारत अब चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश हो गया है. चीन अब 142.57 करोड़ की जनसंख्या के साथ दूसरे नंबर है.भारत की आबादी चीन से अधिक होने की बात की है, उसी दिन से हम फूल रहे हैं। सोच रहे हैं कि आबादी के बूते हम चीन को मात दे देंगे। लेकिन सिर्फ आबादी ही सब कुछ नहीं है। हेडकाउंट और क्वालिटी वाली आबादी में अंतर होता है। ​ - *डॉ प्रियंका सौरभ* जनसांख्यिकीय लाभांश आर्थिक विकास क्षमता को संदर्भित करता है जो जनसंख्या की आयु संरचना में बदलाव के परिणामस्वरूप हो सकता है, मुख्य रूप से जब कामकाजी आयु की आबादी (15 से 64) का हिस्सा आबादी के गैर-कार्य-आयु के हिस्से से बड़ा होता है। स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनकर चीन को पी...
Amritpal Singh in legal trouble

Amritpal Singh in legal trouble

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, समाचार
कानूनी शिकंजे में अमृतपाल सिंह -ः ललित गर्ग :- वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पुलिस ने मोगा जिले से गिरफ्तार कर लिया है जो 18 मार्च से फरार चल रहे थे। गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस उन्हें बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन लेकर गई, जहां से उन्हें असम के डिबरूगढ़ जेल भेज दिया गया है। खालिस्तान की मांग का समर्थन करने वाले अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार होने के बाद अब अलग-अलग प्रतिक्रयाएं आ रही हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूरे घटनाक्रम पर कहा कि पिछले कुछ दिनों से पंजाब के अमन-शांति को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही थी। अगर चाहते तो उस दिन ही सभी को पकड़ लिया जाता लेकिन पंजाब सरकार कोई खून-खराबा नहीं चाहती थी। उन्होंने कहा, पंजाब में पिछले कुछ महीनों से कानून-व्यवस्था और अमन-शांति को तोड़ने की कोशिश हो रही थी, जैसे ही हमें इसकी जानकारी मिली हमने एक्शन ...
महिलाओं की राजनीति में बाधा बनते सरपंचपति

महिलाओं की राजनीति में बाधा बनते सरपंचपति

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चुनाव में खड़े होने और जीतने के बाद महिला प्रधानों के परिवार के सदस्यों से प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है; अधिकांश कार्य परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। देखने में तो महिलाओं ने चुनाव जीत लिया लेकिन परोक्ष रूप से पुरुष सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। पुरुष सदस्यों ने मामले को संभाल लिया और लोगों के सवालों का जवाब दिया, जबकि महिलाओं ने अपने घरेलू कामों को जारी रखा। नेता होने के बावजूद, महिलाओं को कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो उन्हें भेदभाव और दुर्व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनाती हैं। जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में स्थिति और अवसरों की समानता से इनकार किया गया है। -डॉ प्रियंका सौरभ महिलाएं भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। महिलाएं न केवल मानव जाति को बनाए रखने में उनके महत्व के कारण बल्कि सामाजिक-आर्थिक प्...
भारत की शाश्वत सांस्कृतिक कथा – हृदयनारायण दीक्षित

भारत की शाश्वत सांस्कृतिक कथा – हृदयनारायण दीक्षित

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
ज्ञान का उद्देश्य जानकारी पाना ही नहीं होता। ज्ञान, विज्ञान और दर्शन से समस्त मानवता का हित होता है। भारत में लगभग 5000 वर्ष पहले से ही लोकमंगल हितैषी ज्ञान परंपरा है। ऋग्वेद के ज्ञान सूक्त (10.71) में कहते हैं, ‘‘प्रारंभिक दशा में पदार्थों के नाम रखे गये। यह ज्ञान का पहला चरण है। इनका दोष रहित ज्ञान पदार्थों का गुण, धर्म आदि अनुभूति की गुफा में छुपा रहता है और अंतःप्रेरणा से ही उदभूत होता है।‘‘ वैदिक काल ज्ञान दर्शन का अरुणोदय काल है। यही परंपरा ऋग्वेद सहित चार वैदिक संहिताओं में विश्व की पहली ज्ञान सारिणी बनती है। उत्तर वैदिक काल के उपनिषद दर्शन में खिलती है। फिर 6 प्राचीन दर्शनों में जिज्ञासा व तर्क के साथ प्रकट होती है। यही बुद्ध व जैन दर्शनों में अभिव्यक्त होती है। इसी परंपरा में पाणिनि दुनिया का पहला व्याकरण लिखते हैं। पतंजलि योगसूत्र व भाषा अनुशासन लिखते हैं। कौटिल्य दुनिया का पहला...
यदि लैंगिकता के आधार पर स्त्री-पुरुष का निर्धारण नहीं होगा तो कितनी अव्यवस्था फैल जाएगी

यदि लैंगिकता के आधार पर स्त्री-पुरुष का निर्धारण नहीं होगा तो कितनी अव्यवस्था फैल जाएगी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
इसका शायद अनुमान भी यह टिप्पणी करने वाले जजों को नहीं है।कल कोई पुरुष कहेगा कि● मैं ऐसा मानता हूंँ कि मैं स्त्री हूँ और मेट्रो ट्रेन में महिला डिब्बे में सवार हो जाएगा, तो उसे किस कानून के तहत रोकेंगे?● किसी ने कहा कि वह तो स्वयं स्त्री मानता है... कोर्ट उसे इस आधार पर छोड़ देगी कि 'यह स्त्री है', दूसरी स्त्री का बलात्कार नहीं कर सकती?● यदि कोई पति-पत्नी तलाक के लिए अदालत पहुंचे, पत्नी भरण-पोषण मांगा और पति ने कह दिया कि'मैं तो स्वयं को स्त्री मानता हूँ।' तो क्या होगा?चूंकि स्वयं सुप्रीमकोर्ट कह चुका है कि लैंगिकता के आधार पर स्त्री-पुरुष का निर्धारण नहीं हो सकता, तो भला उस महिला को खुद को महिला मानने वाले पति से भरण-पोषण कैसे दिलाएगा?● यदि कोई पुरुष कहेगा कि 'मैं स्वयं को गर्भवती स्त्री मानता हूँ, इसलिए मुझे मातृत्व अवकाश दो, तो क्या उसे मातृत्व अवकाश मिल जाएगा?जज साहब ये SSC की रीजनिंग ...
साभार…ज्योतिरादित्य_सिंधिया

साभार…ज्योतिरादित्य_सिंधिया

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साभार...#ज्योतिरादित्य_सिंधिया_ने_राहुल_गन्दगी_की_सजा_के_बाद_उसे_काग्रेस_में_मिल_रही_विशेष_तवज्जो_पर हमला करते हुए कहा "पार्टी न्याय पालिका पर दबाव डालने और प्रासंगिक बने रहने की हर संभव कोशिश कर रही है सिंधिया ने काग्रेस पर हमला करते हुए कहा पार्टी एक पिछड़े वर्ग के पूरे समुदाय को चोर कहती है सैनिक की वीरता के प्रमाण मांगती है ये तक बयान दिया काग्रेस ने कि हमारे जवानों की चीन द्वारा पिटाई की गई है ऐसी पार्टी की एक विचार धारा बची है और वो है देशद्रोह व देश के विरुद्ध कार्य करने की विचारधारा कुछ लोग काग्रेस में "प्रथम श्रेणी के नागरिक" हैं जिस लिए काँगी नेता अलग कानून की मांग कर रहे हैं"...?पवन खेड़ा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के स्वर्गीय पिता के लिए अपमानजनक शब्द बोलने में आगे रहता है,मोदी को कह रहा है कि हम मोदी को दोस्ताना सलाह देंगे कि जिस व्यक्ति को राहुल गन्दगी और काग्रेस ने इतना...
माफियाँ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या सिस्टम पर भी खड़ा करती है कई सवाल ?

माफियाँ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या सिस्टम पर भी खड़ा करती है कई सवाल ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
माफियाँ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या सिस्टम पर भी खड़ा करती है कई सवाल ? डॉ. अजय कुमार मिश्राउत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पुरे देश में माफियाँ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या जबरजस्त चर्चा का विषय बना हुआ है | इन दोनों की हत्या में शामिल तीनों हत्यारों की पुलिस रिमांड मिल चुकी है और अब आगे उनसे पूछ-ताछ करके चार्जशीट दायर की जाएगी | अतीक अहमद के अब कई कारनामे भी सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग में चल रहें है | उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही के मूड में सरकार दिख भी रही है | कई मीडिया समूह ने अतीक की चार दशकों से अधिक समय की यात्रा का मानों सजीव प्रसारण ही कर दिया हो, जबकि किसी समय अनेकों मीडिया हाउस अतीक अहमद के खिलाफ खबर छापने से भी बचते रहे | एक व्यक्ति जिसके आगे बड़े से बड़े लोग घुटने टेकने पर विवश हुए | एक दो नहीं बल्कि अनेकों आरोप और विवाद से इतने अधिक लोग पीड़ित रहे है की चार दशक से अधिक समय व...
नया अवतार लेता खालिस्तान का विचार – डॉ प्रियंका सौरभ 

नया अवतार लेता खालिस्तान का विचार – डॉ प्रियंका सौरभ 

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
हाल के दिनों में पंजाब में खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन के विचार का प्रचार कर रहे सिख उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी अमृतपाल सिंह भागने में सफल रहा है। हिंसक खालिस्तानी आंदोलन गायब हो गया है; हालाँकि, एक अलग सिख राष्ट्र यानी खालिस्तान का विचार अभी तक गायब नहीं हुआ है।   खालिस्तान आंदोलन वर्तमान पंजाब (भारत और पाकिस्तान दोनों) में एक अलग, संप्रभु सिख राज्य के लिए लड़ाई है। ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984) और ऑपरेशन ब्लैक थंडर (1986 और 1988) के बाद भारत में इस आंदोलन को कुचल दिया गया था, लेकिन यह सिख आबादी के वर्गों के बीच सहानुभूति और समर्थन पैदा करना जारी रखता है, खासकर कनाडा,  ब्रिटेन, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में सिख डायस्पोरा में। हाल के दिनों में पंजाब में खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन के विचार का प्रचार कर रहे सिख उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी अमृतपाल सिंह...
जेंडर फ्लूडिटी का मुद्दा

जेंडर फ्लूडिटी का मुद्दा

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, साहित्य संवाद
जेंडर फ्लूडिटी का जो मुद्दा इंजस्टिस चंद्रमूढ़ ने शुरू किया है उसको हम और आप सिर्फ उसका मजाक बना कर हवा में नहीं उड़ा पाएंगे. यह वह पागलपन है जिसने पश्चिमी समाज को शिकंजे में कस लिया है, और कोई कुछ नहीं कर पा रहा है. यहां अभी जेंडर पॉलिटिक्स उस स्तर पर पहुंच गई है जहां उसको कोई कुछ नहीं कह सकता. जो लोग यह महसूस कर रहे हैं कि यह बकवास बढ़ती जा रही है, उनको भी हिम्मत नहीं है कि इसके विरोध में कुछ कह सकें. ऑफिस में अपना प्रिफर्ड प्रोनाउन बताना कूल और फैशनेबल हो गया है. आपको खुद बताना है कि आप अपने आप को He/Him कहलाना चाहते हैं या She/Her... और सिर्फ इतना ही नहीं, Them जैसा जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन.. जो पहले बहुवचन के लिए इस्तेमाल होता था वह अब उन सिरफिरों के लिए इस्तेमाल होता है जो अपने को इंडिटरमिनेट जेंडर का बताना चाहते हैं. उसके अलावा Zer, Zem, xym, Xir वगैरह वगैरह सत्तर अलग अलग किस्म क...
पुस्तकालयों, पत्र-पत्रिकाओं के प्रति उदासीनता क्यों ?

पुस्तकालयों, पत्र-पत्रिकाओं के प्रति उदासीनता क्यों ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी व संचार का युग है। सूचना प्रौद्योगिकी व संचार के युग के साथ ही आज हम सोशल नेटवर्किंग साइट्स, इंटरनेट, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम में ही अधिक रम-बस गए हैं। हमें कोई भी सूचना, जानकारी प्राप्त करनी होती है तो हम इंटरनेट पर उसे सर्च करने लगते हैं और इंटरनेट के माध्यम से तमाम जानकारियां, सूचनाएं पल झपकते ही प्राप्त कर लेते हैं। पुस्तकों को तो जैसे इस युग में हम नजरअंदाज ही कर चुके हैं। आज विरले ही कोई व्यक्ति किसी पुस्तकालय में पढ़ने जाता होगा, अथवा पुस्तकालय(लाइब्रेरी) का विजिट करता होगा। एक जमाना था, जब आपको बहुत से स्थानों पर सार्वजनिक पुस्तकालय देखने को मिल जाते थे। आज कहीं बड़ी मुश्किल से ही सार्वजनिक पुस्तकालय देखने को मिल सकते हैं। पुस्तकालयों का जीवन में अपना महत्व है और अगर सच में भारत को प्रगति व उन्नति के पथ पर अग्रसर करना है तो द...