6 फरवरी 1915 : कवि प्रदीप का जन्म
गीतों की शब्द शक्ति से राष्ट्रभक्ति और स्वाभिमान जागरण की यात्रा
--रमेश शर्मा
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में करोड़ो प्राणों के बलिदान हुये । ये बलिदान साधारण नहीं थे । पर इन बलिदानों केलिये आव्हान करने वाले शब्द साधकों की भी एक धारा रही है जिन्होंने अपने शब्दों की शैली और गीतों के माध्यम से राष्ट्र जागरण का अभियान छेड़ा। ऐसे कालजयी रचनाकार हैं कवि प्रदीप। जिन्होंने अपने ओजस्वी गीतों से पूरे राष्ट्र में स्वत्व और स्वाभिमान की अलख जगाई। स्वतन्त्रता के पूर्व यदि उनके गीतों में संघर्ष केलिये आव्हान था तो स्वाधीनता के बाद राष्ट्र निर्माण की उत्प्रेरणा ।स्वाधीनता के पूर्व --"दूर हटो ये दुनियाँ वालो ये हिन्दुस्तान हमारा है ।" और स्वतंत्रता के बाद- "ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी" जैसे अमर गीत के रचयिता कवि प्रदीप दुनियाँ के उन विरले गीतकारों में से हैं जिनका हर गीत लोकप्रि...