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6 फरवरी 1915 : कवि प्रदीप का जन्म

6 फरवरी 1915 : कवि प्रदीप का जन्म

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गीतों की शब्द शक्ति से राष्ट्रभक्ति और स्वाभिमान जागरण की यात्रा --रमेश शर्मा भारतीय स्वाधीनता संग्राम में करोड़ो प्राणों के बलिदान हुये । ये बलिदान साधारण नहीं थे । पर इन बलिदानों केलिये आव्हान करने वाले शब्द साधकों की भी एक धारा रही है जिन्होंने अपने शब्दों की शैली और गीतों के माध्यम से राष्ट्र जागरण का अभियान छेड़ा। ऐसे कालजयी रचनाकार हैं कवि प्रदीप। जिन्होंने अपने ओजस्वी गीतों से पूरे राष्ट्र में स्वत्व और स्वाभिमान की अलख जगाई। स्वतन्त्रता के पूर्व यदि उनके गीतों में संघर्ष केलिये आव्हान था तो स्वाधीनता के बाद राष्ट्र निर्माण की उत्प्रेरणा ।स्वाधीनता के पूर्व --"दूर हटो ये दुनियाँ वालो ये हिन्दुस्तान हमारा है ।" और स्वतंत्रता के बाद- "ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी" जैसे अमर गीत के रचयिता कवि प्रदीप दुनियाँ के उन विरले गीतकारों में से हैं जिनका हर गीत लोकप्रि...
“पर्सनल लॉ” की 15 परेशानियाँ

“पर्सनल लॉ” की 15 परेशानियाँ

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*1. मुस्लिम पर्सनल लॉ में बहु-विवाह करने की छूट है लेकिन अन्य धर्मो में 'एक पति-एक पत्नी' का नियम बहुत कड़ाई से लागू है। बाझपन या नपुंसकता जैसा उचित और व्यावहारिक कारण होने पर भी हिंदू ईसाई पारसी के लिए दूसरा विवाह करना एक गंभीर अपराध है और भारतीय दंड संहिता की धारा 494 में बहुविवाह के लिए 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है इसीलिए कई लोग दूसरा विवाह करने के लिए मुस्लिम धर्म अपना लेते हैं. भारत जैसे सेक्युलर देश में मौज मस्ती के लिए भी चार निकाह जायज है जबकि इस्लामिक देश पाकिस्तान में पहली बीवी की इजाजत के बिना शौहर दूसरा निकाह नहीं कर सकता हैं. मानव इतिहास में 'एक पति - एक पत्नी' का नियम सर्वप्रथम भगवान श्रीराम ने लागू किया था और यह किसी भी प्रकार से धार्मिक या मजहबी विषय नहीं बल्कि "सिविल राइट, ह्यूमन राइट, जेंडर जस्टिस, जेंडर इक्वालिटी और राइट टू डिग्निटी" का मामला है इसलिए यह जेंडर न्यूट...
समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट

समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट

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गांव, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए कल्याणकारीमृत्युंजय दीक्षितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार की सशक्त वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट विगत एक फरवरी को प्रस्तुत कर दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट कई मायने में ऐतिहासिक बजट है क्योंकि भारत के राजनैतिक व आर्थिक विश्लेषक बजट प्रस्तुत होने के पूर्व इस तरह के अनुमान लगा रहे थे कि यह एक चुनावी बजट होगा और इसमें मोदी सरकार लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर चुनावी शंखनाद कर सकती है लेकिन ऐसा फिलहाल कुछ भी नहीं हुआ है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को अमृत काल का प्रथम बजट बता रहे हैं जो देश की नींव को मजबूत करेगा और आगामी 2047 तक भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त, मजबूत विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।बदलते वैश्विक परिदृ...
विकास मजबूरी – संतुलन जरूरी : अनुज अग्रवाल

विकास मजबूरी – संतुलन जरूरी : अनुज अग्रवाल

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कुछ न होने वाला, डराओ मत, हमेशा नकारात्मक ही क्यों सोचते व बोलते हो, प्रकृति के पास अपार संसाधन हैं इसलिए उनके उपयोग पर रोक टोक न लगाओ आदि आदि। प्रकृति प्रेमी और पर्यावरणविद् अधिकांश: इसी तरह के जुमले सुनने के आदि होते हैं। जब प्राकृतिक आपदाएं आती हैं और हादसे होते हैं तब कुछ समय के लिए उनकी बातो पर चर्चा होती है किंतु शीघ्र ही विकासवादी उतावलेपन का शिकार हो जाते हैं और संतुलन खो, अनियंत्रित विकास और आपाधापी का शिकार हो जाते हैं। भौतिक जीवन के सुख पाने के लिए आवश्यक संसाधनों की होड़ के बीच आम आदमी तो उतावला हो ही जाता है । उसके इन उतावलेपन व ललक को नेता, नौकरशाह व कारपोरेट घराने भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते और अनियंत्रित व अनियोजित विकास का अंबार खड़ा कर देते हैं। बिना योजना व संवेदनशीलता से भरा यह नींव हीन विकास शेने शेने बिखरने लगता है और अंततः जोशीमठ के दरकने के रूप में सामने आता...
हमारी न्याय व्यवस्था पर बीबीसी का प्रहार

हमारी न्याय व्यवस्था पर बीबीसी का प्रहार

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
बलबीर पुंज गुजरात दंगे को लेकर यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय प्रसारक— बीबीसी की वृत्तचित्र को किस श्रेणी में रखेंगे? क्या इसे पत्रकारिता कहेंगे या फिर भारत के प्रति घृणा? इस घटनाक्रम में भारत सरकार की जो प्रतिक्रिया आई है, उसपर अलग से विस्तृत चर्चा हो सकती है। यह पहली बार नहीं, जब वामपंथ केंद्रित बीबीसी ने कोई भारत-विरोधी रिपोर्ट या वृत्तचित्र तैयार की हो और भारत सरकार ने उसपर प्रतिबंध लगाया हो। 1968-71 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा बीबीसी पर लगाई पाबंदी— इसका प्रमाण है। स्वयं ब्रितानी सरकारों-राजनीतिज्ञों (मारग्रेटा थैचर सहित) के साथ भी बीबीसी का पुराना विवाद रहा है। इस पृष्ठभूमि में जिस प्रकार बीबीसी ने 20 वर्ष पुराने प्रकरण पर विकृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया है, वह उस औपनिवेशिक ब्रितानी अधिष्ठान से प्रेरित है, जिसने 19वीं शताब्दी में कमजोर कड़ियों को ढूंढकर कालांतर में वामपंथ...
यह ग्रंथ का नहीं, भारतीय संस्कृति का अपमान है*

यह ग्रंथ का नहीं, भारतीय संस्कृति का अपमान है*

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संसार के सबसे सहिष्णु माने जाने वाले हिंदुओं की आस्थाओं पर चोट का जो सिलसिला चला है वह वायरस की तरह फैलता जा रहा है। भारत में कांग्रेस और द्रमुक के नेताओं ने तो राम को काल्पनिक सिद्ध करने का असफल अभियान चलाया, और अब राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी के नेता रामचरितमानस के खिलाफ अनर्गल बातें कह रहे हैं, इससे भी मन नहीं भरा तो रामचरितमानस की प्रतियां ही फाड़ दीं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में मंदिरों और हिंदुओं के साथ किस तरह का अत्याचार किया जाता है यह किसी से छिपा नहीं है। जरा दूर चलें तो देखने को मिलता है कि पिछले वर्ष सितंबर में ब्रिटेन में हिंदू मंदिरों पर हमले किये गये, इस साल ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में जनवरी में ही 15 दिनों के अंदर तीन हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ, अब कनाडा के ब्रैम्पटन में प्रसिद्ध गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ की गयी और भारत के प्रति नफरत भरे संदेश लिखे गये। यह कितना द...
यूके-भारत विश्वविद्यालय सहयोग के तहत नया शोध कार्यक्रम शुरू

यूके-भारत विश्वविद्यालय सहयोग के तहत नया शोध कार्यक्रम शुरू

EXCLUSIVE NEWS
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु और ब्रुनेलयूनिवर्सिटी, लंदन, ने दहन, उत्पादन, डिजाइन और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिएब्रुनेल-आईआईएससी अंतरराष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम शुरू किया है।यह कार्यक्रम एक करोड़ रुपये के आरंभिक अनुदान से शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत, जुलाई 2023 के अंत तक चलनेवाली विभिन्न लघु एवं संयुक्त 'सीड' अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन इस उम्मीद के साथ किया जा रहा है कि आगेचलकर वो बाहरी रूप से वित्त पोषित अनुसंधान परियोजना के रूप में आकार ले सकती हैं।ब्रुनेल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एंड्रयू जोन्स की भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) परिसर की यात्रा केदौरान इस कार्यक्रम की घोषणा की गई है। इस कार्यक्रम को दीर्घकालिक शोध और शैक्षिक उद्देश्य को बल प्रदान करने कीदिशा में महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।ब्रुनेल-आईआईएससी अंतरराष्ट्रीय...
लद्दाख: ऑल इज़ नॉट वैल !

लद्दाख: ऑल इज़ नॉट वैल !

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*रजनीश कपूरप्रतिष्ठित रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स,लद्दाख के निदेशक सोनम वांगचुक आजकल फिर से सुर्ख़ियों में हैं। इससे पहले वे अपने व्यक्तित्व पर 2009 में बनीफ़िल्म ‘3 इडिअट्स’ को लेकर सुर्ख़ियों में थे। इसी फ़िल्म का एक मशहूर डायलॉग था ‘ऑल इज़ वैल’। फ़िल्म में यहडायलॉग वांगचुक का किरदार निभा रहे अभिनेता आमिर ख़ान हर कठिन परिस्थिति में ख़ुद को हौसला देने केलिए कहते हैं। परंतु आज इसी बात को लद्दाख निवासी विपरीत ढंग से क्यों कह रहे हैं?दरअसल पिछले कुछ दिनों से लद्दाख के मशहूर इनोवेटर सोनम वांगचुक मीडिया का केंद्र बने हुए हैं। वे 26जनवरी 2023 को लद्दाख के हालत को लेकर एक आंदोलन करने की तैयारी में थे। परंतु लद्दाख प्रशासन ने उन्हेंऐसा करने से रोका और उन्हें नज़रबंद कर दिया। वांगचुक ने यह जानकारी यूट्यूब पर एक वीडियो के माध्यम सेदी। ...
जेपी नड्डा के नये कार्यकाल की चुनौतियां

जेपी नड्डा के नये कार्यकाल की चुनौतियां

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
-ललित गर्ग-भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक धरातल को मजबूती देने, उसके संगठन के आधार को सुदृढ़ बनाने, उसका जनाधार बढ़ाने एवं विभिन्न राज्यों एवं लोकसभा चुनाव में जीत के नये कीर्तिमान गढ़ने की दृष्टि से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने नये कार्यकाल में अग्रसर हो रहे हंै, प्रतीक्षा और कयासों को विराम देते हुए भाजपा ने उनका कार्यकाल वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक बढ़ा दिया है। एक बड़ी चुनौती के रूप में वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव एवं वर्ष 2023 में नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव है। नड्डा ने न केवल ्देश के निराशाजनक आर्थिक परिदृश्य, महंगाई और बेरोजगारी के बीच पार्टी की पताका लहराने का बल्कि नौ ही विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दिलाने का संकल्प व्यक्त किया है। जेपी आंदोलन से सुर्खियों में आए नड्डा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का सफल नेतृत्व कर राजनाथ सिंह एवं अमित शाह के नेतृत्व में...
राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा के निहितार्थ

राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा के निहितार्थ

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
-ललित गर्ग- श्रीनगर के लाल चौक पर कांग्रेस एवं उसके नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भव्य समापन निश्चित ही कांग्रेस को नवजीवन देने का माध्यम बना है, इससे राहुल गांधी की छवि एकदम नये अन्दाज में उभर कर सामने आयी है और एक सकारात्मक राजनीति की पहल हुई है। वैसे भी भारत की माटी में पदयात्राओं का अनूठा इतिहास रहा है। असत्य पर सत्य की विजय हेतु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा की हुई लंका की ऐतिहासिक यात्रा हो अथवा एक मुट्ठी भर नमक से पूरा ब्रिटिश साम्राज्य हिला देने वाला 1930 का डाण्डी कूच, बाबा आमटे की भारत जोड़ो यात्रा हो अथवा राष्ट्रीय अखण्डता, साम्प्रदायिक सद्भाव और अन्तर्राष्ट्रीय भ्रातृत्व भाव से समर्पित एकता यात्रा, यात्रा के महत्व को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। भारतीय जीवन में पैदल यात्रा को जन-सम्पर्क का सशक्त माध्यम स्वीकारा गया है। ये पैदल यात्राएं सामाजिक, सांस्कृतिक और र...