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औद्योगिक नीति की नये सिरे से समीक्षा जरूरी

औद्योगिक नीति की नये सिरे से समीक्षा जरूरी

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक
सरकार भले ही खुश हो ले, सत्तारूढ़ दल जश्न मनाकर कुछ भी कहने-सुनने लगे, उनके पास कारण है | कारण जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी दर 6.3 प्रतिशत रहना है | आत्ममुग्ध लोगों को ज्यादा नहीं थोड़े पीछे यानि पिछले वर्ष के आंकड़े देख लेना चाहिए | पिछले वर्ष यह वृद्धि ८.४ प्रतिशत थी |इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।  हालांकि, यह विकास दर मौद्रिक नीति समिति के अनुमानों से मेल खाती है, लेकिन यह पिछले वर्ष इसी अवधि में सामने आई 8.4 की वृद्धि से कम है, यह पत्थर पर  लिखी इबारत है । कह सकते हैं कि पिछले वर्ष में वृद्धि उस समय दर्ज की गई जब अर्थव्यवस्था कोरोना दुष्काल के संकट से तेजी से उबर रही थी। अब यह गति अपने मूल स्वरूप में लौट रही है। यद्यपि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की हालिया घोषित विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली ...
जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर

जेएनयू को फिर से लाना होगा पटरी पर

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पहले वाइस चांसलर गोपालस्वामी पार्थसारथी (जीपी) तथा इसके मुख्य आर्किटेक्ट सी.पी. कुकरेजा की आत्मा रह-रह कर परेशान होती होगी, क्योंकि; उन्होंने जिस जेएनयू को खून-पसीना एक करके खड़ा किया वहां से प्राय: कोई बेहतर खबर सुनने को मिलती ही नहीं।  झगड़ा, धरना, विवाद, आपत्तिजनक पोस्टरबाजी, देश विरोधी गतिविधियों आदि के चलते जेएनयू की प्रतिष्ठा धूल में मिल रही है। अब ताजा मामले को ही लें। जेएनयू  की दीवारों पर शर्मनाक नारे लिखे गए। वहां की दीवारों पर दो जातियों क्रमश: ब्राह्मणों  तथा बनियों को भारत और जेएनयू छोड़ने के लिये नारे लिखे गये थे। जेएनयू हो या कोई और जगह या समूचा देश, सभी को सब जगह रहने, जीने और काम करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। यह अधिकार संविधान ने हर भारतीय को दिया है। इसलिए ऐसे ...
एमसीडी चुनाव : आप की फीकी जीत बनाम बीजेपी की कड़वी हार

एमसीडी चुनाव : आप की फीकी जीत बनाम बीजेपी की कड़वी हार

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, राज्य
दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव परिणामों की समीक्षा करते हुए इन तथ्यों का भी ध्यान रखिए. दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के चुनाव में जनता ने भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं है. मुफ्त रेवड़ी की सच्चाइयों को भी जनता ने याद रखा है. यही कारण है कि 42% वोट के साथ केजरीवाल ने 134 सीट जीती तो भाजपा ने 39% वोट के साथ 104 सीट जीती है. भ्रष्टाचारियों का हाल यह रहा कि तिहाड़ जेल में बंद और वहीं मसाज सेंटर चला रहे सत्येंद्र जैन की शकूर बस्ती विधानसभा के सारे वार्ड पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया तो एमसीडी के टिकट बेचने के आरोपी अखिलेश पति त्रिपाठी और चर्चित आप नेता आतिशी के क्षेत्र से आम आदमी पार्टी का एक भी पार्षद नहीं जीत सका. इसी तरह दिल्ली की गली गली में दारू का ठेका खोलने वाले मनीष सिसोदिया के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र, दिलीप पांडे, अमानुल्ला खां, गोपाल राय के क्षेत्र से महज एक एक सीट ही आम आ...
काबुलः भारत नई पहल करे

काबुलः भारत नई पहल करे

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* पिछले साल काबुल पर तालिबान का कब्जा होते ही भारत सरकार बिल्कुल हतप्रभ हो गई थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? हमारे विदेश मंत्री ने कहा था कि हम बैठे हैं और देख रहे हैं। उसी समय मैंने तालिबान के कब्जे के एक-दो दिन पहले ही लिखा था कि भारत सरकार को अत्यंत सतर्क रहने की जरुरत है लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे कुछ अनुभवी अफसरों की पहल पर भारत सरकार ने ठीक रास्ता पकड़ लिया। उसने दोहा (क़तर) में स्थित तालिबानी तत्वों से संपर्क बढ़ाया, अफगानिस्तान को हजारों टन गेहूं और दवाइयां भेजने की घोषणा की और तालिबान सरकार से भी संवाद किया। काबुल स्थित अपने दूतावास को भी सक्रिय कर दिया। उधर तालिबान नेताओं और प्रवक्ता ने भारत की मदद का आभार माना, हालांकि भारत सरकार ने उनकी सरकार को कोई मान्यता नहीं दी है। इस बीच इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एशिया के पांचों गणतं...
चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, समाचार
रजनीश कपूरदेश की सर्वोच्च अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फ़ैसले से देशभर की अदालतों में लंबित पड़े 33 लाख मामलों पर प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही चेक बाउंस के नाजायज़ केसों में भीकटौती हो सकेगी।दुनिया के कई देशों की तरह हमारे देश में भी चेक बाउंस होना एक अपराध माना जाता है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट,1881 के मुताबिक चेक बाउंस होने की स्थिति में चेक जारी करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है। क़ानून केमुताबिक़ उसे 2 साल तक की जेल या चेक में भरी राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है।मुख्य न्यायाधीश का पदभार सँभालने से कुछ हफ़्ते पहले, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपनी सहयोगी जज जस्टिस हिमाकोहली के साथ एक खंडपीठ में अक्तूबर 2022 को दिये इस फ़ैसले में इस क़ानून की एक धारा के सही उपयोग को स्पष्टकिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्...
Researchers find novel way to target Triple-Negative Breast Cancer

Researchers find novel way to target Triple-Negative Breast Cancer

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If we think of cancer cells as a house, the receptors are the locks of the house’s front door. Triple-Negative Breast Cancer (TNBC) is more challenging to handle as it does not express commonly found breast cancer receptors, e.g., Estrogen (ER) and Progesterone (PR). This leaves doctors with less options to destroy the cancer cells. A team of researchers led by Dr Dipak Dutta, Principal Scientist at the Cancer Biology division of CSIR-Central Drug Research Institute (CDRI), Lucknow, has come up with a new and striking mechanism for EZH2-histone trimethylation-mediated gene upregulation instead of its classical suppressive function. Apart from Dr Dutta, the CDRI researchers team comprised Ayushi Verma, Akhilesh Singh, Manish Pratap Singh, Mushtaq Ahmad Nengroo, Krishan Kumar Saini, ...
क्या न्याय पंचायतें कम कर सकती हैं राष्ट्रपति महोदया की वेदना ?

क्या न्याय पंचायतें कम कर सकती हैं राष्ट्रपति महोदया की वेदना ?

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
अरुण तिवारी हज़ारों भारतीय ग़रीब सिर्फ इसलिए जेलों में जीवन गुजारने को विवश हैं, क्योंकि वे न संविधान की मूल भावना से परिचित हैं और न ही अपने संवैधानिक अधिकार व कर्तव्यों से। वे इतने ग़रीब हैं कि जमानत कराने में उनके परिजनों के घर के बर्तन बिक जायेंगे। जुर्म मामूली..किसी से तू तू-मैं मैं या किसी से हाथापाई; किन्तु मात्र ग़रीबी और अज्ञानता के कारण जाने कितने बिना जमानत जेल में ज़िदगी गंवा रहे हैं। कोई पांच साल, कोई दस तो कोई 20 साल से जेलों में पडे़ हैं। बीते संविधान दिवस पर हमारी महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह वेदना प्रकट की। उन्होने सभा में उपस्थित न्यायधीशों और क़ानून मंत्री से यह अपेक्षा की कि वे ऐसे दरिद्रनारायणों को समय से और सस्ते में न्याय दिलाने के लिए कुछ करेंगे।  राष्ट्रपति जी के संविधान दिवस सम्बोधन का लिंक - https://youtu.be/wemmEEpsb1s ) क्...
Why UP keen to be like Maharashtra

Why UP keen to be like Maharashtra

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Vivek Shukla The once laid-back Uttar Pradesh is shedding its image where nothing works due to political interferences and rank corrupt bureaucracy. Well, it is fast emerging as not only among the favourite investment destination in India, but it is also implementing projects swiftly.  When it comes to implementation or under implementation of projects, it is only second to Maharashtra. In FY22, work on projects worth Rs 17.31 lakh crore were  under implementation or in the final leg of implementation in Maharashtra. And if we talk about the Uttar Pradesh, according to data sourced from the Centre for Monitoring Indian Economy and CareEdge, it has emerged No. 2 with Rs 9.79 lakh crore  worth of projects under implementation or in the final stage of implementation. While ...
केरल में चक्रवात ने कैसे मचाया अनापेक्षित विध्वंस?

केरल में चक्रवात ने कैसे मचाया अनापेक्षित विध्वंस?

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भारत के पश्चिमी तट पर स्थित केरल के चेलानम तटीय क्षेत्र में वर्ष 2021 में ताउते चक्रवात के दौरान बाढ़ और कटाव का स्तर अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अत्यधिक देखा गया था। कम तूफान और कम ज्वार के बावजूद चेलानम में समुद्र की लहरें तटीय सुरक्षा उपायों को पार कर गईं  और  घरों तथा सड़कों को जलमग्न कर दिया। एक नये अध्ययन में भारतीय शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि कम तूफान और कम ज्वार के बावजूद ताउते चक्रवात ने केरल के तटीय क्षेत्रों को कैसे अपनी चपेट में ले लिया। शोधकर्ता बताते हैं कि ताउते चक्रवात केरल के चेलानम तट से लगभग 500 किलोमीटर दूर था, और इस क्षेत्र में कम ज्वार की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन, 15 मई, 2021 की सुबह कम तूफान और कम ज्वार के बावजूद चेलानम क्षेत्र जलमग्न हो गया। इस घटना ने मौसम-वैज्ञानिकों को इसके कारणों को समझने के लिए प्रेरित किया। इस घटनाक्रम के मॉडलिंग सिमुलेशन या अनुकरण से शो...
Researchers reveal how cyclone ‘Tauktae’ overtopped Kerala coast

Researchers reveal how cyclone ‘Tauktae’ overtopped Kerala coast

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Researchers reveal how cyclone ‘Tauktae’ overtopped Kerala coastDuring the 2021 Tauktae Cyclone, large-scale flooding and erosion were found to be extremely high, especially along theChellanam region of Kerala, on India’s western coast. The Chellanam witnessedcoastal flooding, where waves from the ocean overtopped the coastal protectionmeasures inundating the houses and roads. In a joint study, researchers revealedhow Tauktae Cyclone overtopped Kerala regions despite low storm surge and lowtidal conditions.Tauktae was located around 500 km away from Chellanam coast, and the areahad low tidal conditions. Despite the insignificant storm surge and low tidalconditions, the waves overtopped the region in the early morning of 15 th May2021, taking scientists by surprise.A new model simulation o...