औद्योगिक नीति की नये सिरे से समीक्षा जरूरी
सरकार भले ही खुश हो ले, सत्तारूढ़ दल जश्न मनाकर कुछ भी कहने-सुनने लगे, उनके पास कारण है | कारण जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी दर 6.3 प्रतिशत रहना है | आत्ममुग्ध लोगों को ज्यादा नहीं थोड़े पीछे यानि पिछले वर्ष के आंकड़े देख लेना चाहिए | पिछले वर्ष यह वृद्धि ८.४ प्रतिशत थी |इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
हालांकि, यह विकास दर मौद्रिक नीति समिति के अनुमानों से मेल खाती है, लेकिन यह पिछले वर्ष इसी अवधि में सामने आई 8.4 की वृद्धि से कम है, यह पत्थर पर लिखी इबारत है । कह सकते हैं कि पिछले वर्ष में वृद्धि उस समय दर्ज की गई जब अर्थव्यवस्था कोरोना दुष्काल के संकट से तेजी से उबर रही थी। अब यह गति अपने मूल स्वरूप में लौट रही है। यद्यपि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की हालिया घोषित विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली ...