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EXCLUSIVE NEWS

<strong>“इतिहास रचतें पीएम नरेन्द्र मोदी, वैश्विक मीडिया में क्यों हो रही जमकर तारीफ ?”</strong>

“इतिहास रचतें पीएम नरेन्द्र मोदी, वैश्विक मीडिया में क्यों हो रही जमकर तारीफ ?”

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
डॉ अजय कुमार मिश्रा किसी भी राजा के शासन की वास्तविक उपलब्धि न केवल जन मानस के लिए किये जा रहे आधारभूत बदलाव के कार्य होतें है, बल्कि आम जन मानस समेत विरोधियों में भी राजा के कार्यों की छवि और चर्चा किस स्वरुप में है ! यही निर्धारित करता है की राजा का शासन उत्तम दर्जे का है या फिर नहीं ? देश के वर्तमान प्रधानमंत्री और ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने देश को पूर्ण रूप से परिवर्तित कर दिया है और अब आकर्षक परिणाम सभी के सामने है | फिर चाहें मूलभूत परिवर्तनों की बात है या वैश्विक आवश्यकताओं की पूर्ति की बात हो | सुधार और विकास का पहिया वैश्विक स्तर पर नई पहचान के साथ 5जी मोड में आगे बढ़ रहा है | अपने एक दशक के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी के लिए और सभी क्षेत्रों में कार्य किया है उन्होंने गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए, किसान क...
<strong>धरती की सुरक्षा निहित है श्रीराम के प्रकृति-प्रेम में</strong>

धरती की सुरक्षा निहित है श्रीराम के प्रकृति-प्रेम में

EXCLUSIVE NEWS, धर्म
- ललित गर्ग -अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम मन्दिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को करेंगे, निश्चित ही श्रीराम के इस पांच सौ वर्ष के टेंटवास के वनवास से स्व-मन्दिर में स्थापित होने की घटना वास्तविक दीपावली एवं खुशी का अवसर है, जिससे भारत एक नये युग में प्रवेश करेगा। जितनी आस्था एवं भक्ति से जन-जन ने श्रीराम के प्रति भक्ति एवं आस्था व्यक्त की है, उतनी ही आस्था एवं संकल्प से अब हर व्यक्ति को श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारना होगा, स्वयं को श्रीराममय एवं प्रकृतिमय बनाना होगा। श्रीराम के  चौदह वर्ष के वनवास से हमें पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा मिलती है। जन्म, बचपन, शासन एवं मृत्यु तक उनका सम्पूर्ण जीवन प्रकृति-प्रेम एवं पर्यावरण चेतना से ओतप्रोत है। आज देश एवं दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन ऐसी समस्याएं हैं जिनका समाधान श्रीराम के प्रकृति प्रेम एवं पर्यावर...
<strong>नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब</strong>

नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग- नया साल प्रारंभ हो गया है तो हर बार की तरह इस बार भी नई उम्मीदें, नया विश्वास एवं नया धरातल लाया है। बीत गया एक और साल। नये की स्वीकृति के साथ पुराने को अलविदा कह देने की सामान्य सोच रही है। यह समझ देखी गयी है कि नयेपन के जादुई आकर्षण के जागते ही हम पुरानेपन को उतार फेंकना चाहते हैं। हमने बीते वर्ष में श्रेष्ठताओं की उपलब्धि पर सात्विक गर्व करने की अनेक स्थितियों को रचा है लेकिन हम सबके लिए और देश के लिए भी आने वाले वर्ष कुछ महत्वपूर्ण करणीय कार्य है। निश्चित ही नया साल हमेशा की तरह कुछ सवाल भी लेकर आया है। ऐसे सवाल जिनका हल निकाले बिना शायद हम संतुष्ट न हो पाएं और नये भारत-सशक्त भारत का सपना आधा-अधूरा ही कहा जायेगा। ऐसे नए-पुराने सवाल हर नए साल में सामने आते रहे हैं। कुछ सवालों को हल करने में हम सफल रहे, लेकिन कुछ सवाल हमेशा की तरह अनुत्तरित ही रह गए। सच तो यह है कि नई जि...
वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
वर्ष 2023 मेंआर्थिकक्षेत्रमेंभारतकीकुछविशेषउपलब्धियांरहीहैं वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 7 प्रतिशत के आसपास रहने की प्रबल सम्भावनाएं बन रही हैं। इस वर्ष की प्रथम तिमाही, अप्रेल-जून 2023, में आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत की रही है, वहीं द्वितीय तिमाही,  जुलाई- सितम्बर 2023 में 7.6 प्रतिशत की रही है। इसी प्रकार, दीपावली त्यौहार पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार के चलते एवं अक्टोबर 2023 माह में विनिर्माण के क्षेत्र में विकास दर के 12 प्रतिशत से ऊपर रहने से इस वर्ष की तृतीय तिमाही, अक्टोबर-दिसम्बर 2023, में भी आर्थिक विकास 7 प्रतिशत रह सकती है। इससे पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने की प्रबल सम्भावनाए बन रही हैं। जबकि, विश्व के कई अन्य विकसित देशों में मंदी की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार भारत वर्ष 2023 में भी लगातार व...
बिहार जाति जनगणना

बिहार जाति जनगणना

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, साहित्य संवाद
*************************ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं**~ठग्गू के कद्दू - नीतीश पटना वाले*तो जनाब आइए बताता हूं पराभव की कहानी भारत में अधिकतम मेधावी दिमाग वाले राज्य बिहार की कहानी। भारत स्वतंत्र हुआ तबसे लेकर आज तक बिहार कमोबेश 1947 की स्थिति में ही है। संयुक्त बिहार के बारे में प्रसिद्ध था कि पूरे देश को Labour, Mineral व Officer सबसे ज्यादा बिहार से मिलता है। मिनरल गया झारखंड में,ऑफिसर बनने भी कम हो गए, और बच गए *Labour* और इसकी सप्लाई निर्बाध जारी है। मेधावी मस्तिष्क पलायन कर देश तो देश पूरे विश्व के कोने कोने में भाग कर बस गए। *आज बस बिहारी श्रेष्ठता बोध लिए भव्य अतीत के खंडहरों का थोथा गान करने के अलावा बिहारियों के पास कुछ नहीं है।* वर्तमान में बिहार के पास अगर कुछ है तो देश भर के शहरों,महानगरों में झुग्गियों में कीड़ों की तरह बिजबिजाते मजदूर,झुग्गियों से थोड़ा बेहतर कबू...
यूट्यूबर्स,राजनीति और चुनाव

यूट्यूबर्स,राजनीति और चुनाव

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
पांचों राज्यों में चुनावी भविष्यवाणी करने में कितने यूट्यूबर्स लुढ़क गये थे। ‘हीरो से जोकर बन जाने की कहावत भी दोहराई गई । जिन्होंने प्रोफेशनल पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में स्वयं को सदी का महानायक मान लिया था, अब मुंह चुराये फिर रहे हैं। फ़िर भी, कुछ ने देह झाड़कर स्क्रीन को फेस करना शुरू कर दिया है। नहीं करेंगे, तो डॉलर का मिलना बंद हो जाएगा। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जो यूट्यूबर, स्तंभ लेखक और पत्रकार जिस एक दल के लिए ‘कसीदाकारी’ कर रहे थे, उनमें से बहुतों ने परिणाम के तुरंत बाद, उस दल की रणनीति को ही कोसना शुरू कर दिया था। बहस ख़ुद उनके द्वारा सतही सूचनाओं के खिलवाड़ पर नहीं हो रही है। जो गोदी में नहीं बैठे हैं, वो क्या कुछ परोसते रहे? इस सवाल पर बहस होना चाहिए। लोकसभा चुनाव तक यदि उसी ढर्रे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सूचनाओं को परोसा गया,तो जो लोग सेटेलाइट टेलीविज़न को छोड़कर म...
भाजपा का विजयी अभियान : सामान्य कार्यकर्ताओं को नेतृत्व की कमान

भाजपा का विजयी अभियान : सामान्य कार्यकर्ताओं को नेतृत्व की कमान

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलमध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की विजय पताका फहर चुकी है। जहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ इन दोनों राज्यों में भाजपा ने कांग्रेस को पराजित कर सत्ता में अपनी वापसी की है। वहीं मध्यप्रदेश में 163 विधानसभा सीट के साथ ऐतिहासिक एवं प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार में पुनः वापसी हुई है। इन तीनों राज्यों में भाजपा द्वारा संगठनात्मक स्तर पर नेतृत्व को लेकर किए गए आमूलचूल परिवर्तनों ने एक बार फिर से सबको सोचने के लिए विवश कर दिया है। मीडिया और चर्चाओं में आगे चलने वाले चेहरों के स्थान पर ऐसे तीन चेहरे चुनकर आए जो सम्भावित दौड़ में नहीं माने जा रहे थे।मध्यप्रदेश में जहाँ डॉ.मोहन यादव को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया वहीं छ.ग. एवं राजस्थान में विष्णुदेव साय और भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री की कमान दी गई। नेतृत्व को लेकर हुए इन निर्णयों ने र...
पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को निगलते रासायनिक उर्वरक

पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को निगलते रासायनिक उर्वरक

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को हल करने में लगेंगे कई साल, वैकल्पिक और टिकाऊ तरीकों पर विचार करना बुद्धिमानी। किसानों को उर्वरकों के उपयोग की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करें, जिसमें सही मात्रा, समय और उपयोग की तकनीकें शामिल हैं। जो किसान अधिक ज्ञान प्राप्त करेंगे वे निर्णय लेने में बेहतर ढंग से सुसज्जित होंगे। लक्षित सब्सिडी कार्यक्रमों को लागू करें जो छोटे और हाशिए पर रहने वाले किसानों को समर्थन देने पर केंद्रित हों जो वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहें हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सब्सिडी उन लोगों को दी जाए जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। विशेष फसल और मिट्टी की आवश्यकताओं के आधार पर उर्वरक के उपयोग को अधिकतम करने के लिए, मिट्टी परीक्षण और पोषक तत्व प्रबंधन रणनीतियों जैसी सटीक कृषि तकनीकों के कार्यान्वयन को बढ़ावा दें। इससे पर्यावरण और उपयोग पर नकारात्मक प्रभा...
गालिबने 1857 के गदर पर क्यों कलम नहीं उठाई

गालिबने 1857 के गदर पर क्यों कलम नहीं उठाई

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा मिर्जा मोहम्मद असादुल्लाह बेग खान यानी  मिर्जा गालिब एक से बढ़कर एक कालजयी शेर कहते हैं। कौन सा हिन्दुस्तानी होगा जिन्हें गालिब साहब के कहे “हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसीं, कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले...” और “हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त, लेकिन, दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है...” जैसे शेरों को सुन-सुनकर आनंद ना मिलता हो। गालिब अपनी शायरी में वे सारे दुख, तकलीफ और त्रासदियों का जिक्र करते हैं जिससे वे महान शायर बनते हैं। लगता है कि गालिब में भी एक आम आदमी की कई कमजोरियाँ थीं। ग़ालिब ने अपने जीवन में भी कई दुःख देखे। उनके सात बच्चे थे लेकिन सातों की मृत्यु हो गई थी। उनकी माली हालत तो कभी बहुत बेहतर नहीं रही। वे जीवनभर किराए के घर में ही रहे। दिल्ली-6 में जहाँ  ...
डाक्टर और जानलेवा लापरवाही ?

डाक्टर और जानलेवा लापरवाही ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
भारतीय संसद द्वारा हाल ही में भारतीय न्याय संहिता में जो बदलाव किया गया है वह डॉक्टरों के लिये तो निश्चय ही राहतकारी है, लेकिन यदि वास्तव में जानलेवा लापरवाही होती है तो क्या मरीज को न्याय मिल सकेगा? कुछ लोग इस फैसले की तार्किकता पर सवाल उठाते हैं। दरअसल, भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 में किसी लापरवाही से होने वाली मौत के लिये जुर्माने के अलावा पांच साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही इलाज में लापरवाही के प्रकरण में चिकित्सकों को राहत देते हुए इस सजा को घटाकर अधिकतम दो साल व जुर्माना कर दिया गया है। सरकार की दलील है कि लोगों के इलाज करने वाले चिकित्सकों को अनावश्यक दबाव से बचाने के लिये भारतीय मेडिकल एसोसिएशन के आग्रह पर यह कदम उठाया गया है, लेकिन वहीं जानकार मानते हैं कि मरीजों के जीवन रक्षा के अधिकार का भी सम्मान होना चाहिए। संसद के शीतकालीन सत्र में अभूतपूर्व हंगामे और निलं...