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EXCLUSIVE NEWS

गरीबी के अभिशाप से मुक्ति की ओर अग्रसर भारत

गरीबी के अभिशाप से मुक्ति की ओर अग्रसर भारत

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
- ललित गर्ग-आजादी के अमृत काल में सशक्त भारत एवं विकसित भारत को निर्मित करते हुए गरीब एवं गरीबीमुक्त भारत के संकल्प की ओर सफलतापूर्वक आगे बढ़ना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार की बड़ी उपलब्धि एवं ऐतिहासिक सफलता है। नीति आयोग के अनुसार जीवन स्तर सुधार, शिक्षा व चिकित्सा की उपलब्धता के आधार पर देश में कुल 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए हैं। विगत नौ वर्ष में ऐसी गरीब कल्याण की योजनाओं को लागू किया गया है, जिससे भारत के भाल पर लगे गरीबी के शर्म के कलंक को धोने के सार्थक प्रयत्न हुए है एवं गरीबी की रेखा से नीचे जीने वालों को ऊपर उठाया गया है।आजादी के 75 साल बाद भी भारत के सामने जो सबसे बड़ी चुनौतियां खड़ी रही है, इनमें गरीबी सबसे प्रमुख है। यही कारण है कि वर्ष 2047 के आजादी के शताब्दी समारोह के लिये जो योजनाएं एवं लक्ष्य तय किये हैं, उनमें गरीबी उन्मूलन के लिये भी व्य...
UNFINISHED  TASKS  FOR  PM MODI  DURING NEXT 5 YEARS

UNFINISHED  TASKS  FOR  PM MODI  DURING NEXT 5 YEARS

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
N.S.Venkataraman                              UNFINISHED  TASKS  FOR  PRIME MINISTER  MODI  DURING NEXT FIVE YEARS There appears to be an overwhelming consensus view in India that Mr. Modi should be elected as the Prime Minister of India for the third time during the forthcoming parliamentary election . If one were to take  a holistic view of the performance of Mr. Modi as Prime Minister during the last ten years, it would become very clear that there have been many positives  and a few negatives in his administration. Further,  discerning observers   would tend to think that whatever negative aspects of Mr. Modi’s administration has not been due to him but...
श्रीराम के निमंत्रण को ठुकराने की अपरिपक्व राजनीति

श्रीराम के निमंत्रण को ठुकराने की अपरिपक्व राजनीति

EXCLUSIVE NEWS, धर्म
-ललित गर्ग- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी एवं इंडिया गठबंधन के अन्य दलों ने शामिल नहीं होने का निर्णय लेकर जहां अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय दिया है, वहीं भारत के असंख्य लोगों की आस्था एवं विश्वास को भी किनारे करते हुए आराध्य देव भगवान श्रीराम को राजनीतिक रंग देने की कुचेष्ठा की है। भले ही यह भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्चस्व का अनुष्ठान है, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रतिष्ठा देते हुए कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहते हुए समारोह में भाग लेना चाहिए था। राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने खुद अपनी जमीन को खोखला करने की ठान रखी है। विनाशकाले विपरीत बुद्धि! निश्चित ही कांग्रेस अब भारत की बहुसंख्यक जन...
भारत को भारत बनाएं – चलें गांव की ओर

भारत को भारत बनाएं – चलें गांव की ओर

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, राज्य, सामाजिक
भारतकोभारतबनाएं - चलेंगांवकीओर प्राचीन काल में भारत का पूरे विश्व में साम्राज्य था। आज ऐसे कई प्रमाण मिल रहे हैं, जिससे सिद्ध हो रहा है कि सनातन संस्कृति का अनुपालन करने वाले लोग इंडोनेशिया तक फैले थे। यह तो हम सब जानते ही हैं कि अफगनिस्तान, ईरान, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश अखंड भारत का ही हिस्सा रहे हैं। आज एक बार पुनः वैश्विक स्तर पर कई देशों का भारत की सनातन संस्कृति की ओर विश्वास बढ़ रहा है क्योंकि ये देश विभिन्न प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त हैं और उनकी इन समस्याओं का हल ये देश निकाल नहीं पा रहे हैं। प्रत्येक भारतीय वसुद्धैव कुटुम्बकम की भावना पर भरोसा करता है अतः पूरे विश्व को ही अपने कुटुंब का हिस्सा मानते हुए चलता है। और, यह भावना हाल ही में पूरे विश्व ने देखी भी है। कोरोना महामारी के दौरान भारत में भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के कर्मचारियों के अति...
लोककला के नाम पर अश्लीलता परोसना शर्मनाक

लोककला के नाम पर अश्लीलता परोसना शर्मनाक

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
लोक गायकों के नाम पर अश्लील लिंक्स से सोशल मीडिया बाजार भरा पड़ा है। कई चैनलों पर भी इस तरह के गीतो का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ा है। गीत बिकवाने की होड़, व्यूज और लाइक्स के जरिए पैसा कमाने की लालसा, इन सबने पहले ही संस्कृति व विरासत धूमिल कर डाली है क्योंकि गीत संगीत ही एक ऐसा माध्यम होता है जो समाज को संदेशो का पैगाम देती है। आज ये पैगाम अपनी दिशा बदल चुके हैं। विभिन्न बस स्टेशनों, चलने वाले विभिन्न जीप-कार, बसों में जो गीत सुनने को मिलते हैं उनमें छिछोरापन व लम्पटीकरण का अंदाज साफ झलकता है। इन गीतों का श्रवण विशेषकर युवा वर्ग आनंदपूर्वक करता है। कई अवसरों पर शादी-व्याह आदि उत्सवों में कुछ बुजुर्ग जन भी इस तरह के गीतों पर जमकर ठुमके लगाते हैं। सांस्कृतिक परम्परा पर चिंतन करने वाले लोग इसे लोक संगीत पर गहरी ठेस मानते हैं। आशिकी अंदाज के साथ पाश्चात्य ...
<strong>“इतिहास रचतें पीएम नरेन्द्र मोदी, वैश्विक मीडिया में क्यों हो रही जमकर तारीफ ?”</strong>

“इतिहास रचतें पीएम नरेन्द्र मोदी, वैश्विक मीडिया में क्यों हो रही जमकर तारीफ ?”

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
डॉ अजय कुमार मिश्रा किसी भी राजा के शासन की वास्तविक उपलब्धि न केवल जन मानस के लिए किये जा रहे आधारभूत बदलाव के कार्य होतें है, बल्कि आम जन मानस समेत विरोधियों में भी राजा के कार्यों की छवि और चर्चा किस स्वरुप में है ! यही निर्धारित करता है की राजा का शासन उत्तम दर्जे का है या फिर नहीं ? देश के वर्तमान प्रधानमंत्री और ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने देश को पूर्ण रूप से परिवर्तित कर दिया है और अब आकर्षक परिणाम सभी के सामने है | फिर चाहें मूलभूत परिवर्तनों की बात है या वैश्विक आवश्यकताओं की पूर्ति की बात हो | सुधार और विकास का पहिया वैश्विक स्तर पर नई पहचान के साथ 5जी मोड में आगे बढ़ रहा है | अपने एक दशक के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी के लिए और सभी क्षेत्रों में कार्य किया है उन्होंने गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए, किसान क...
<strong>धरती की सुरक्षा निहित है श्रीराम के प्रकृति-प्रेम में</strong>

धरती की सुरक्षा निहित है श्रीराम के प्रकृति-प्रेम में

EXCLUSIVE NEWS, धर्म
- ललित गर्ग -अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम मन्दिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को करेंगे, निश्चित ही श्रीराम के इस पांच सौ वर्ष के टेंटवास के वनवास से स्व-मन्दिर में स्थापित होने की घटना वास्तविक दीपावली एवं खुशी का अवसर है, जिससे भारत एक नये युग में प्रवेश करेगा। जितनी आस्था एवं भक्ति से जन-जन ने श्रीराम के प्रति भक्ति एवं आस्था व्यक्त की है, उतनी ही आस्था एवं संकल्प से अब हर व्यक्ति को श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारना होगा, स्वयं को श्रीराममय एवं प्रकृतिमय बनाना होगा। श्रीराम के  चौदह वर्ष के वनवास से हमें पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा मिलती है। जन्म, बचपन, शासन एवं मृत्यु तक उनका सम्पूर्ण जीवन प्रकृति-प्रेम एवं पर्यावरण चेतना से ओतप्रोत है। आज देश एवं दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन ऐसी समस्याएं हैं जिनका समाधान श्रीराम के प्रकृति प्रेम एवं पर्यावर...
<strong>नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब</strong>

नये वर्ष में खोजने होंगे अनुत्तरित सवालों के जवाब

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग- नया साल प्रारंभ हो गया है तो हर बार की तरह इस बार भी नई उम्मीदें, नया विश्वास एवं नया धरातल लाया है। बीत गया एक और साल। नये की स्वीकृति के साथ पुराने को अलविदा कह देने की सामान्य सोच रही है। यह समझ देखी गयी है कि नयेपन के जादुई आकर्षण के जागते ही हम पुरानेपन को उतार फेंकना चाहते हैं। हमने बीते वर्ष में श्रेष्ठताओं की उपलब्धि पर सात्विक गर्व करने की अनेक स्थितियों को रचा है लेकिन हम सबके लिए और देश के लिए भी आने वाले वर्ष कुछ महत्वपूर्ण करणीय कार्य है। निश्चित ही नया साल हमेशा की तरह कुछ सवाल भी लेकर आया है। ऐसे सवाल जिनका हल निकाले बिना शायद हम संतुष्ट न हो पाएं और नये भारत-सशक्त भारत का सपना आधा-अधूरा ही कहा जायेगा। ऐसे नए-पुराने सवाल हर नए साल में सामने आते रहे हैं। कुछ सवालों को हल करने में हम सफल रहे, लेकिन कुछ सवाल हमेशा की तरह अनुत्तरित ही रह गए। सच तो यह है कि नई जि...
वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

वर्ष 2023 में आर्थिक क्षेत्र में भारत की कुछ विशेष उपलब्धियां रही हैं

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक, विश्लेषण
वर्ष 2023 मेंआर्थिकक्षेत्रमेंभारतकीकुछविशेषउपलब्धियांरहीहैं वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 7 प्रतिशत के आसपास रहने की प्रबल सम्भावनाएं बन रही हैं। इस वर्ष की प्रथम तिमाही, अप्रेल-जून 2023, में आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत की रही है, वहीं द्वितीय तिमाही,  जुलाई- सितम्बर 2023 में 7.6 प्रतिशत की रही है। इसी प्रकार, दीपावली त्यौहार पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार के चलते एवं अक्टोबर 2023 माह में विनिर्माण के क्षेत्र में विकास दर के 12 प्रतिशत से ऊपर रहने से इस वर्ष की तृतीय तिमाही, अक्टोबर-दिसम्बर 2023, में भी आर्थिक विकास 7 प्रतिशत रह सकती है। इससे पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने की प्रबल सम्भावनाए बन रही हैं। जबकि, विश्व के कई अन्य विकसित देशों में मंदी की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार भारत वर्ष 2023 में भी लगातार व...
बिहार जाति जनगणना

बिहार जाति जनगणना

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, साहित्य संवाद
*************************ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं**~ठग्गू के कद्दू - नीतीश पटना वाले*तो जनाब आइए बताता हूं पराभव की कहानी भारत में अधिकतम मेधावी दिमाग वाले राज्य बिहार की कहानी। भारत स्वतंत्र हुआ तबसे लेकर आज तक बिहार कमोबेश 1947 की स्थिति में ही है। संयुक्त बिहार के बारे में प्रसिद्ध था कि पूरे देश को Labour, Mineral व Officer सबसे ज्यादा बिहार से मिलता है। मिनरल गया झारखंड में,ऑफिसर बनने भी कम हो गए, और बच गए *Labour* और इसकी सप्लाई निर्बाध जारी है। मेधावी मस्तिष्क पलायन कर देश तो देश पूरे विश्व के कोने कोने में भाग कर बस गए। *आज बस बिहारी श्रेष्ठता बोध लिए भव्य अतीत के खंडहरों का थोथा गान करने के अलावा बिहारियों के पास कुछ नहीं है।* वर्तमान में बिहार के पास अगर कुछ है तो देश भर के शहरों,महानगरों में झुग्गियों में कीड़ों की तरह बिजबिजाते मजदूर,झुग्गियों से थोड़ा बेहतर कबू...