विवादों के बावजूद बदलती दुनिया में जी-20 देश एक दूसरे पर कितना भरोसा कर पाते है
जर्मन के बान शहर में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का 17 फरवरी को समापन हो गया। इस कांफ्रेंस में तमाम राष्ट्रों ने न केवल एक-दूसरे के समक्ष अपने यहां की समस्याओं को रखा बल्कि उनके समाधान के लिए परस्पर सहयोग की अपेक्षा भी की। अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहली अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस थी। ऐसे में सभी नेताओं की नजर अमेरिका के नए विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन पर टिकी थी। दुनिया जानना चाहती है कि ट्रंप के शासन में अमेरिका की विदेश नीति कहा जाएंगी। हालाकि इस बैठक में सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने एक स्वर में उक-दूसरे का सहयोग करने की बात दोहराई। असल में सहयोग की बात तो जरूर की गई लेकिन इसको अमल में लाने का माहौल कहीं से कहीं तक दिखाई नही दिया। इस कांफें्रस में सभी विदेश मंत्री सहयोग शब्द की रट लगाए हुए थे और बार-बार ये शब्द गुंजते हुए सुनाई दे रहा था बावजू...