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विवादों के बावजूद बदलती दुनिया में जी-20 देश एक दूसरे पर कितना भरोसा कर पाते है

विवादों के बावजूद बदलती दुनिया में जी-20 देश एक दूसरे पर कितना भरोसा कर पाते है

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जर्मन के बान शहर में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का 17 फरवरी को समापन हो गया। इस कांफ्रेंस में तमाम राष्ट्रों ने न केवल एक-दूसरे के समक्ष अपने यहां की समस्याओं को रखा बल्कि उनके समाधान के लिए परस्पर सहयोग की अपेक्षा भी की। अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहली अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस थी। ऐसे में सभी नेताओं की नजर अमेरिका के नए विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन पर टिकी थी। दुनिया जानना चाहती है कि ट्रंप के शासन में अमेरिका की विदेश नीति कहा जाएंगी। हालाकि इस बैठक में सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने एक स्वर में उक-दूसरे का सहयोग करने की बात दोहराई। असल में सहयोग की बात तो जरूर की गई लेकिन इसको अमल में लाने का माहौल कहीं से कहीं तक दिखाई नही दिया। इस कांफें्रस में सभी विदेश मंत्री सहयोग शब्द की रट लगाए हुए थे और बार-बार ये शब्द गुंजते हुए सुनाई दे रहा था बावजू...
Jain “Charitable” Trust cheats Blind Flat-buyer

Jain “Charitable” Trust cheats Blind Flat-buyer

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It's a simple case of cheating and breach-of-trust by a Jain "charitable" trust called Vardhman Sanskar Dham (Trust Reg. no. 19790 – Mumbai). In 2007, Vardhaman Sanskar Dham purchased a flat in Nairut building, Rajiv Nagar, Virar, for Rs 4.30 lakh. Four years later, in 2011, the trust sold this flat to a blind man named Mr Jethmal Sonigra for Rs 13.19 lakhs, earning more than three times the amount that it had invested. However, although the first letterhead-receipt of the trust clearly shows that Mr Sonigra had paid for purchase of the flat (565 sq. ft. x Rs 2,600/-), the second letter says that this amount is a "deposit" against which "we have hand over possession for residence purpose". Through this letter, this "charitable trust" is trying to say that allowing him to stay...
‘‘क्या हमारी सबसे कीमती चीज ‘‘विश्वव्यापी दृष्टि’’ खो गयी है?’’

‘‘क्या हमारी सबसे कीमती चीज ‘‘विश्वव्यापी दृष्टि’’ खो गयी है?’’

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चीन के सरकारी अखबार ने कहा है कि अगर अमेरिका ने चीन को दक्षिण चीन सागर में आईलैंड बनाने से रोका तो युद्ध होगा। चीन की तरफ से यह बयान अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की चेतावनी के बाद सामने आया है। टिलरसन ने सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी कमिटी के सामने अपनी रणनीति पेश की थी। उन्होंने कहा था हम चीन से कहेंगे कि वह आईलैंड पर निर्माण बंद कर दें। यह गैरकानूनी है। चीन को विवादित दक्षिण चीन सागर खाली कर देना चाहिए। चीनी अखबार ने अपने सम्पादकीय में कहा है यदि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन को आने से रोकना चाहता है तो उसे बड़े स्तर पर युद्ध लड़ना होगा। टिलरसन अगर एक बड़ी परमाणु ताकत को उसके इलाकों से निकालना चाहते हैं, तो उन्हें बेहतर न्यूक्लियर पावर रणनीति बनानी होगी। एक समाचार के अनुसार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी जमीन पर आने वाले क्यूबाई प्रवासियों को एक वर्ष बाद का...
What makes Karnataka High Court the Darling of Tobacco Lobby?

What makes Karnataka High Court the Darling of Tobacco Lobby?

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It's a proven fact that millions of innocent young lives are saved by a law named COTPA, requiring tobacco brands to display graphic warnings on 85% of their packaging surface. Naturally, India's tobacco barons – mercenary drug lords whose business consists of spreading tobacco-addition among youths -- are lobbying for dilution of this law and hunting for reliefs from court. But why are the tobacco barons filing petitions in Karnataka High Court in particular, instead of their own states? Of all the high courts that are available to them, why Karnataka? More importantly, why is Karnataka High Court entertaining them and giving them red-carpet treatment despite lack of jurisdiction? And most importantly, is Supreme Court – the Indian citizen's last hope -- looking the other way and allowi...
Criminals Defeat U.P. Govt.

Criminals Defeat U.P. Govt.

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Now one really feels scared while traveling by road. There is fear all around. Murder, rape, kidnapping and robbery are matter of concern. Not only that even Police force are attacked. Our Uttar Pradesh was not like this earlier. Criminals are roaming freely in the state. Police appears helpless in the state. The state government is indifferent. Has it been concerned about law and order, the government would posted police officers in posts that are vacant. There are 3.64 lakhs sanctioned strength of Police force in the state. But at present only 1.64 lakh police men are working. Approximately 2 lakh posts are vacant. A Public Litigation Petition was filed in the Supreme Court in this regard. The apex court has expressed concern and has issued notice to the state government on this issue...
Early deaths due to ozone pollution are the highest in India

Early deaths due to ozone pollution are the highest in India

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New estimates of the global burden of disease (GBD) released today by the US-based Health Effect Institute (HEI) paint a grim picture for India. Globally, air pollution is estimated to cause more than 4.2 million early deaths -- of these, 1.1 million deaths occur in India alone. This is more than a quarter of the global deaths. India now nearly equals China which scores the highest number of early deaths due to PM2.5. Worse, India now tops the dubious list of highest number of early deaths due to ozone pollution. The rate of increase in early deaths in India is quite scary. While early deaths related to PM2.5 in China have increased by 17.22 per cent since 1990, in India these have increased by 48 per cent. Similarly, while early deaths due to ozone in China have stabilised since 1990, ...
राहुल- प्रियंका का खर्च आप क्यों उठाएं?

राहुल- प्रियंका का खर्च आप क्यों उठाएं?

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कुछ माह पहले राजधानी के आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष भट्टाचार्य की एक आरटीआई  का जो जवाब भारत सरकार  ने दिया से पता चला कि प्रियंका गांधी को लुटियन दिल्ली के 35 लोधी एस्टेट के शानदार बंगले का मासिक किराया मात्र 8,888 रुपये ही देना पड़ता है। यह छह कमरे और दो बड़े हालों का विशाल बंगला है। कई एकड़ में फैला है। ऊंची दीवारें हैं। जगह-जगह सुरक्षा पोस्ट बने हुए हैं। सुरक्षा प्रहरी २४ घंटे तैनात रहते हैं। यह भी ठीक है कि उनकी भी सुरक्षा अहम है। वे कम से कम नेहरु-गाँधी परिवार की वंशज तो हैं ही। पर उनसे इतना कम किराया क्यों लिया जा रहा है? इतने कम किराए पर राजधानी में एक कमरे का फ्लैट मिलना भी कठिन है। और जब प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का अपना सैंकड़ों करोड़ का लंबा-चौड़ा कारोबार है। वे स्वयं सक्षम हैं, तो फिर उनसे इतना कम किराया सरकार क्यों लेती है। जाहिर है, देश की जनता को इस सवाल का जवाब तो चाहिए ही।...
जंग-ए-आज़ादी का दूसरा सबसे बड़ा बलिदान था तारापुर गोलीकांड

जंग-ए-आज़ादी का दूसरा सबसे बड़ा बलिदान था तारापुर गोलीकांड

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    भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की चर्चा आते ही हमें याद आता है ‘बलिदान’ | मूछों पर ताव देते पंडित चंद्रशेखर आज़ाद, पगड़ी पहने सरदार भगत सिंह, जलियांवाला बाग में अंग्रेजों की गोलियों से गिरते लोग ये सभी दृश्य कौंधने लगते हैं मन में | एक ऐसा ही रोमांचित कर देने वाला घटनाक्रम आज आपसे साझा करना चाहता हूँ | इतिहास की स्मृति में धुंधला से गए कुछ पन्नों का पुनर्पाठ करना चाहता हूँ ताकि भारत की आन-बान-शान के लिए कुर्बान हो गए उन वीरों का ऋण चूकाने की कोशिश कर सकें | यह कहानी है बिहार के मुंगेर जिला अंतर्गत “ तारापुर थाना “ की, जहाँ 15 फरवरी 1932 की दोपहर सैकड़ों आजादी के दीवाने तिरंगा लहराने निकल पड़े | ब्रिटिश साम्राज्य के  यूनियन जैक की जगह राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा “ फहराने के उन्माद में तारापुर के अमर सेनानियों का दल हाथों में झंडा और होठों पर वंदे मातरम की गूंज लिए आगे बढ़ रहा थ...
काश! पंच महाभूत भी होते वोटर

काश! पंच महाभूत भी होते वोटर

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पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर - पांच राज्य, एक से सात चरणों में चुनाव। 04 फरवरी से 08 मार्च के बीच मतदान; 11 मार्च को वोटों की गिनती और 15 मार्च तक चुनाव प्रक्रिया संपन्न। मीडिया कह रहा है - बिगुल बज चुका है। दल से लेकर उम्मीदवार तक वार पर वार कर रहे हैं। रिश्ते, नाते, नैतिकता, आदर्श.. सब ताक पर हैं। कहीं चोर-चैर मौसरे भाई हो गये हैं, तो कोई दुश्मन का दुश्मन का दोस्त वाली कहावत चरितार्थ करने में लगे हैं। कौन जीतेगा ? कौन हारेगा ? रार-तकरार इस पर भी कम नहीं। गोया जनप्रतिनिधियों का चुनाव न होकर युद्ध हो। सारी लड़ाई, सारे वार-तकरार.. षडयंत्र, वोट के लिए है। किंतु वोटर के लिए यह युद्ध नहीं, शादी है। तरह-तरह के वोटर है। जातियां भी वोटर हैं, उपजातियां भी। संप्रदाय, इलाका, गरीबी, अमीरी, जवानी, बुढ़ापा, भ्रष्टाचार.. सभी वोटर की लिस्ट मंे है। पांच साल बाद वोटर का एक बार फिर नंबर आय...
पर्रिकर का विकल्प न ढूंढ पाना भारी पड़ रहा भाजपा को

पर्रिकर का विकल्प न ढूंढ पाना भारी पड़ रहा भाजपा को

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कभी कभी कोई व्यक्ति इतना बड़ा बन जाता है कि उसका विकल्प न ढूंढ पाना भी सत्ता वापसी में रोड़े लगा देता है। ऐसा ही कुछ है रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ। वह गोवा छोड़कर केंद्र की राजनीति में क्या गये, गोवा की भाजपा अनाथ हो गयी। एक अच्छी ख़ासी चल रही सरकार, जो सत्ता में पुनर्वापसी कर सकती थी। आज ऐसी स्थिति में है जहां उसकी दोबारा वापसी तो दूर सबसे बड़ी पार्टी बनने के भी लाले पड़े हुये हैं। गोवा की राजनीति पर विशेष संवाददाता अमित त्यागी का एक आलेख गोवा एक कम क्षेत्रफल वाला राज्य है। कई सालों से यहां कांग्रेस बनाम भाजपा की ज़ंग रही है। इन दोनों दलों के बीच ही सत्ता का हस्तांतरण होता रहा है। इस समय वहां भाजपा की सरकार है। गोवा में कांग्रेस कमजोर है इसलिए आम आदमी पार्टी वहां एक विकल्प के तौर पर उभर चुकी है। जबसे मनोहर पर्रिकर केंद्र में रक्षामंत्री बने हैं तबसे गोवा में किसी बड़े चेहरे के लि...