संकट के दौर से गुजर रहा संयुक्त परिवार
किसी ने यह सच ही कहा है कि
‘‘दिल छोटा और बड़ा अहंकार, जिसने बिखेर कर रख दिया एक बड़ा सुखी परिवार।
टुकड़ों में सब जीते हैं अब, गम के घुट अकेले पीते है सब।
याद करते उन पलों को जब साथ में सब रहते थे, मिलजुल कर सब सहते थे।
यह बिल्कुल सत्य है कि समय ने हमारे अहंकार को बड़ा कर दिया है और दिल को छोटा बना दिया है जिसके वजह से हमारा संयुक्त परिवार एकल परिवार में तब्दील होता जा रहा है। एक समय था जब हमारे यहां रिश्तों, संस्कारो और परम्पराओं को सबसे बढ़कर माना जाता था। लेकिन आधुनिकता ने इन सभी रिश्तों को न केवल कमजोर किया है बल्कि ईष्र्या और वैमनस्यता को भी इन रिश्तों के बीच ला खड़ा किया है। इन बातों को आसानी से महसूस की जा सकती है जिसमें आप पाएंगे कि वो प्यार, वो दुलार तेजी से बदलते दौर में कहीं गुम-सी गयी है। आखिर ऐसी क्या वजहें हैं कि आज के रिश्तें केवल नाममात्र के रह गए हैं जिसमें ...